बाप ने की धोखे से अपनी रंडी बेटी की चुदाई

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अब्दुल है, और मैं मार्केटिंग का काम करता हू. मेरी उमर 48 साल की है, और मैं शादी-शुदा हू. मेरा लंड 9 इंच का है, और हाइट मेरी 6 फीट है. मेरे घर में मैं, मेरी बीवी, मेरा बेटा, और मेरी बेटी है. मैं देल्ही में रहता हू.

वैसे मेरा बॅकग्राउंड पुंजब से है, और मेरे पेरेंट्स वही रहते है. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा, की कैसे मैने अपनी बेटी का रॅंड-पन्न देखा, और फिर उसको अपने बड़े लंड से छोड़ा. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

मेरे दोनो बच्चे कॉलेज में पढ़ते है, और उनकी छुट्टियाँ चल रही थी. छुट्टियों के चलते हम पुंजब आए हुए थे फॅमिली के साथ रहने. ये घटना तब हुई, जब हम वापस देल्ही जेया रहे थे.

बेटा मेरा 19 साल का है, और बेटी 21 साल की. मेरी बेटी का नाम मरियम है. वो एक पटाखा लड़की है, और बहुत बड़ी चुड़क्कड़ रंडी है. उसका फिगर 36-30-38 है. रंग उसका गोरा है. अब आप खुद ही इमॅजिन कर सकते हो, की वो क्या माल होगी.

तो हुआ यू, की हमारी रात की ट्रेन थी. और हम सुबा देल्ही पहुँचने वाले थे. हम सब कोई सीट्स एक ही कॉमपार्टमेंट में थी. मैं और मेरी बीवी नीचे लेते हुए थे, और दोनो बच्चे उपर थे.

मैं पॅसेज वाली सीट पे था. मेरी बीवी मेरे सामने वाली सीट पर. लड़का उसके उपर वाली पर, और लड़की सबसे उपर वाली सीट पर थी. मैं अपनी सीट से उन तीनो को देख पा रहा था.

जब एक घंटे का सफ़र बीता, तो कुछ लड़के आए ट्रेन में. उनमे से एक लड़का मेरी बेटी की सीट के सामने वाली सीट पर जाके लेट गया. उसके वाहा लेटने से मेरी बेटी की आँख खुल गयी. मुझे भी नींद नही आ रही थी, तो मैं इधर-उधर ही देखे जेया रहा था.

फिर थोड़ी देर में मैने देखा, की मेरी बेटी उस लड़के की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी. मुझे ये तोड़ा अजीब लगा. क्यूंकी वो उस लड़के को जानती तक नही थी, और उसको स्माइल दिए जेया रही थी. फिर मेरी लड़की ने मेरी तरफ देखा.

मेरी आँखें इतनी कम खुली थी, की किसी को पता नही चल सकता था, की खुली थी या बंद थी. तभी वो लड़का धीरे से उठ कर अपनी सीट से मेरी बेटी की सीट पर उसके पीछे चला गया. मैं कभी सोच भी नही सकता था की मेरी बेटी ऐसा भी कर सकती थी.

फिर उस लड़के ने पीछे से मरियम के बूब्स पर अपने हाथ डाले, और उनको दबाने लग गया. मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन उनको देख कर मेरा खड़ा भी होने लगा था. वो लड़का बूब्स दबाते हुए अपना लंड कपड़ो के अंदर से मेरी बेटी की गांद पर घिस रहा था, और ये मुझे मरियम के हिलने के तरीके से पता चल रहा था.

फिर मरियम उसकी तरफ घूम गयी, और वो दोनो किस करने लग गये. मैं हैरान था की मेरी बेटी में इतनी गर्मी थी, की किसी अंजन लड़के के साथ इतनी जल्दी ये सब कर रही थी. फिर उस लड़के ने अपने हाथ मरियम की गांद पर डाले, और किस करते हुए उसको दबाने लगा.

उनको कोई परवाह नही थी, की कोई उनको देख सकता था. वो अपने मज़े में लगे थे. फिर कुछ देर बाद वो लड़का नीचे उतरा. मुझे लगा वो जाने लगा था, लेकिन वो बातरूम जेया रहा था. मैं भी जल्दी से उठा, और उस लड़के के पीछे गया.

जैसे ही वो बातरूम से निकला, तो मैने उसको पकड़ लिया. मैने उसको धमकाया, और अगले स्टेशन पर उतरने को कहा. मैने उसको ये भी कहा की वो मेरी बेटी को ये ना बताए, की वो उतार रहा था. वो मुझसे दर्र गया, और मेरी बात मान गया.

तभी अगला स्टेशन आया, और वो फटाफट अपना बाग लेके उतार गया. मेरी बेटी का मूह दूसरी तरफ था, तो उसको इस सब की खबर नही थी. अब थी मेरी बारी. मैने सोचा जब वो किसी अंजन लड़के को मज़ा दे सकती थी, तो मैं क्यूँ ना लू उसके मज़े.

ये सोच कर मैं आराम से मरियम की सीट पर चढ़ा, और उसके पीछे जाके लेट गया. अब उसका फेस लोहे की दीवार की तरफ था, और मैं उसके पीछे था. मैने उसके पीछे लेट-ते ही उसके बूब्स पर हाथ डाल दिया. उसको लगा मैं वही लड़का था, तो उसने मेरे हाथ पर हाथ रख लिया, और खुद ही मुझसे बूब्स डबवाने लगी. क्या मस्त बूब्स थे मेरी बेटी के.

मेरा खड़ा लंड अब उसकी गांद से टच हो रहा था. बड़ी सॉफ्ट गांद थी मेरी बेटी की. थोड़ी देर बूब्स दबाने के बाद मैं अपना हाथ उसकी छूट पर ले गया. उसने सलवार सूट पहना था, और मैं सलवार के उपर से उसकी छूट सहलाने लगा. उसकी छूट का गीलापन मुझे सलवार के उपर से महसूस हो रहा था, इतनी गीली थी उसकी छूट.

वो अपनी गांद हिलने लग गयी थी मज़े से, मतलब वो चूड़ने के लिए तैयार थी. फिर मैने सामने से चादर उठाई, और हम दोनो पर ओढ़ ली. उसके बाद मैने उसकी सलवार में हाथ डाला, और सलवार का नाडा खोल कर उसको नीचे कर दिया.

अब उसकी सलवार उसके घुटनो पर थी, और मेरा लंड उसकी पनटी के उपर से उसकी गांद पर टच हो रहा था. मैने भी अपना पाजामा और अंडरवेर उतार दिए, और उसकी पनटी को भी मैने घुटनो तक कर दिया.

अब मेरा लंड उसकी नंगी गांद के चियर पर रग़ाद खा रहा था. मैने उसको अपनी तरफ खींचा, और उसकी जांघों में लंड सेट करके उसकी गीली छूट पर रगड़ने लगा. वो हल्की आवाज़ में सिसकियाँ भर रही थी.

फिर मैने लंड उसकी छूट पर रगड़ना शुरू किया. 1-2 लंड रगड़ने के बाद मैने लंड छूट के मूह पर रखा, और अंदर धक्का देने लगा. मेरा बड़ा लंड अंदर जाने से उसको दर्द होने लगा, और उसकी ज़ोर की आवाज़े निकालने लगी.

मैने एक हाथ से उसका मूह बंद किया, और ज़ोर से धक्के देके अपना पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. वो काँप रही थी. उसकी छूट की गर्मी से मेरा लंड जन्नत महसूस कर रहा था. पूरा लंड डाल कर मैने उसको जकड़े रखा, और वैसे ही रुक गया.

फिर जब थोड़ी देर में वो शांत हुई, तो मैने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. अब वो भी गांद पीछे कर-कर के लंड ले रही थी. मैने हाथ मूह से हटता कर उसके बूब्स पर रखा, और तेज़ी से उसकी छूट छोड़ने लगा.

बड़ा मज़ा आ रहा था अपनी बेटी की छूट छोड़ कर. वो भी रंडी की तरह मस्त होके छुड़वा रही थी. 20 मिनिट मैं अपनी बेटी की छूट को घपा-घाप छोड़ता रहा. फिर मैने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो कॉमेंट करके ज़रूर बताना.

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