बाप और बेटी एक ही बिस्तर में

अशोक: नही बेटी, तुम बेड पर सो और मैं नीचे सो जाता हू, ओक?

प्रिया: बिल्कुल भी नही पापा. आप उपर और मैं नीचे सौंगी, बस टॉपिक ख़तम (डबल मीनिंग में बोलती है).

पापा: ओक ठीक है. लेकिन तुम भी बेड पर सो जाओ प्लीज़. मेरी प्यारी बेटी पापा की बात को ना मत कहो ना.

प्रिया: लेकिन पापा आपके साथ मैं कैसे? मुझे निघट्य में सोने की आदत है.

पापा: तो क्या हुआ? तुम निघट्य में सो जाओ. वैसे मैं भी लूँगी में ही सोता हू. बस आज टवल में सौंगा. तुम बेड की लेफ्ट साइड में सो, और मैं रिघ्त साइड में. बीच में 2 पिल्लोस रख देंगे. ना तुमको कोई प्राब्लम हो, और ना ही मुझे. चलेगा ना अब तो?

प्रिया: ह्म चलेगा पापा. मैं चेंज करके आती हू. तब तक आप सेट्ल हो जाओ आराम से.

प्रिया अलमारी में से अपनी निघट्य लेके वॉशरूम में चली जाती है. अशोक पिल्लोस को बीच सेंटर में रख कर, पारटिशन जैसा बना के, लाइट ऑफ करके, टवल हटा कर, चादर ओढ़ कर लेट जाता है.

प्रिया वॉशरूम का डोर तोड़ा सा खोल के देखती है की पापा पिल्लोस सेट कर रहे थे, और लाइट ऑफ कर दी थी.

प्रिया (खुद से बात करते हुए): अछा हुआ पापा ने लाइट बंद कर दी, जल्दी जेया कर सो जाती हू.

फिर वो हड़बड़ी में दरवाज़ा बंद करके बेड की तरफ दौड़ती है. उसी बीच उसका पैर अलमारी के कोने पर लग जाता है, और उसकी चीख निकल जाती है. अशोक को नीड लग ही रही थी, की प्रिया की चीख सुन कर घबरा कर लाइट चालू कर देता है.

लाइट चालू होते ही अशोक की आँख फटी की फटी रह जाती है. एक तरफ उसकी बेटी के पैर की उंगली से खून गिर रहा था, और दूसरी तरफ उसकी बेटी ने नेट वाली निघट्य पहनी थी.

प्रिया (रोटी हुई): पापा प्लीज़ लाइट ऑफ कर दो.

अशोक प्रिया की आवाज़ सुन के हड़बड़ी में प्रिया के पास जाता है नंगा ही. वो भूल जाता है की उसने टवल वही छ्चोढ़ दिया था.

प्रिया: पापा लाइट ऑफ करिए प्लीज़. आप मुझे इस हालत में नही देखना चाहोगे.

अशोक जल्दी से जेया कर लाइट बंद कर देता है, और अपने मोबाइल की टच चालू करके प्रिया के पास जाता है, और कहता है-

अशोक: बेटी कैसे लग गया ये? तुम्हारे पैर पे ज़्यादा चोट लगी है क्या? दर्द हो रहा है क्या? कुछ बोल प्रिया बेटी, चलो आओ बेड पर बैठो.

मोबाइल की फ्लश लाइट से प्रिया का पैर देखने के बाद अशोक कहता है: अछा हुआ नाख़ून नही उखड़ा. डीप कट लगने की वजह से खून निकला है. लो मैं क्रीम लगा देता हू. तोड़ा आराम मिल जाएगा. प्रिया कुछ बोलो.

प्रिया आँखें बंद करके दर्द को बर्दाश्त करते हुए पापा को कहती है: मैं ठीक हू पापा. ज़्यादा दर्द नही हो रहा है. अब खून भी बंद हो गया है.

अशोक: प्रिया मैं क्रीम लगा देता हू.

प्रिया: नही पापा, अब सो जाओ.

अशोक: ज़िद मत करो. अपना पैर इधर करो. मेरा मोबाइल पकड़ के टॉर्च दिखाओ. मैं क्रीम लगता हू.

प्रिया ने मोबाइल अपने हाथ में लिया, और टॉर्च अपने पैर की तरफ रख ली. थोड़ी रोशनी में से अपने पापा का लंड दिख रहा था. वो कुछ नही बोल रही थी, बस देखे जेया रही थी. अशोक हल्की रोशनी में अपनी बेटी को निहार रहा था.

अशोक: बेटी, चोट कैसे लगी लेकिन?

प्रिया: पापा वो अंधेरे में कुछ नही दिख रहा था. हड़बड़ी में लग गया.

अशोक: क्यूँ बेटा, कोई भूत देख लिया था क्या?

प्रिया: वो पापा मैं…

अशोक: क्या बेटी बोलो?

प्रिया: पापा निघट्य की वजह से. सॉरी पापा, एक तो मम्मी ने आपके साथ ऐसा किया, और मेरी वजह से आप सो नही पा रहे हो.

अशोक: सॉरी बोलने की कोई ज़रूरत नही बेटा. इट’स ओके. तुम्हे मुझे बोलना चाहिए था. मैं आँखें बंद कर लेता, तुम खुद लाइट बंद कर लेती. इससे तुम्हे चोट नही लगती. चलो कोई नही, इट’स ओके. खून रुक गया है. क्रीम लगा दी है. और किधर लगा है क्या?

प्रिया अपने पापा का लंड देखने में मदहोश हो जाती है. अशोक जो बोल रहा था, वो सुन नही रही थी. फिर अशोक हाथ लगा कर बोलता है-

अशोक: प्रिया, क्या हो गया?

प्रिया: हा बोलो पापा, क्या बोल रहे थे आप?

अशोक: बेटी क्रीम लगा दिया हू. अब सो जाओ.

प्रिया: थॅंक योउ पापा. आप भी क्रीम लगा लो उस पर.

अशोक: किस पर प्रिया?

प्रिया अपना हाथ बढ़ा कर उसके पापा के लंड की तरफ इशारा करती है हस्ती हुई.

अशोक: प्रिया तुम कुछ ज़्यादा ही ओपन हो गयी हो मेरी बेटी.

प्रिया: कुछ भी पापा! मम्मी और आपसे तो तोड़ा कम ही हू मैं.

अशोक: वो कैसे प्रिया?

प्रिया: ह्म जाने दो पापा. आप गुस्सा करोगे.

अशोक: अर्रे नही बाबा, बोल तो. मुझे भी तो पता चलना चाहिए ना की मैं और तुम्हारी मम्मी कैसे ओपन है.

प्रिया: लेकिन आप गुस्सा तो नही करोगे ना मुझ पर?

अशोक: नही, ई प्रॉमिस मैं गुस्सा नही करूँगा. अब बता भी तो प्रिया

प्रिया: पापा आपको याद है पिछले साल कोमल की तबीयत खराब थी, और रिया और मम्मी गाओं में थे तब की बात है.

अशोक (अंजान बनते हुए): मुझे याद नही बेटी. तुम याद दिलाओ मुझे.

प्रिया: पापा मैं कॉलेज से जल्दी आ गयी थी, और मैने सब कुछ देखा था, जैसे वो सब.

अशोक: मुझे नही याद है.

प्रिया: पापा मम्मी का कॉल आया था मुझे, लेकिन मैं रिसीव नही कर सकी. तो मम्मी ने मुझे स्मस किया था. घर जल्दी चले जाना, कोमल की तबीयत खराब है. तुम्हारे पापा अकेले नही देख-भाल कर सकते.

अशोक: प्रिया तुम क्या बोल रही हो? मुझे तो कुछ समझ नही आया. चलो जाने दो, सो जाओ (गुस्से में).

प्रिया: अर्रे आप तो गुस्सा हो रहे हो पापा. अछा ठीक है मैं शॉर्ट में बोलती हू. जब मैं घर आई तो मैने देखा आप और कोमल बातरूम में नंगे होके नहा रहे थे. बातरूम का डोर ओपन था, तो मैं चुपके से देख रही थी.

अशोक: अछा तुम उस दिन की बात कर रही हो. वो तो बेटी सिचुयेशन ही कुछ ऐसी थी. मैं तुमको डीटेल में बताता हू.

प्रिया बात को काट-ती हुई बोलती है: रूको पापा, मम्मी की भी सुन लो. फिर डीटेल में बताना.

प्रिया: एक मॉर्निंग मेरी नींद जल्दी खुल गयी, तो मैने देखा की मम्मी दूध वाले भैया से बात कर रही थी.

अशोक: क्या बोल रही हो तुम बेटी! कुछ भी बोलती हो.

प्रिया: पापा पूरी बात तो सुनो प्लीज़.

अशोक: अछा ठीक है बोलो.

मम्मी: कुमार भाई दूध तोड़ा ताज़ा लाया करो प्लीज़.

कुमार: अर्रे भाभी ताज़ा ही है. आधे घंटे पहले दबा के निकाला हू.

मम्मी: वही तो कह रही हू. आधे घंटे पहले दबा कर निकाले थे ना, तो ताज़ा कहा से हुआ कुमार भाई?

कुमार: भाभी जी ठीक है. आप मेरे तबेले में आ जया करो. मैं आपके दूध आचे से दबा के निकालूँगा.

मम्मी: कुमार भाई कुछ भी बोलते हो आप. मेरे दूध नही आता है हाहहाहा.

कुमार: मेरा मतलब मेरी भैंस का भाभी जी. सॉरी, ग़लती से बोल दिया.

मम्मी: कोई बात नही कुमार भाई. मुझे बुरा नही लगा.

प्रिया: तभी पापा आप आ गये और बोले-

अशोक: कों किसका दूध दबा के निकालने वाला है?

कुमार की तो गांद फटत के हाथ में आ गयी: अशोक मैं भैंस की बात कर रहा था.

अशोक: चलो कोई बात नही. कल पूनम आपके पास आएगी मॉर्निंग में. तुम दूध आचे से दबा-दबा के इसका दूध निकाल लेना. मेरा मतलब है तुम्हारी भैंस का.

(प्रेज़ेंट) प्रिया: कुमार अंकल जब चले गये, तो आपने मम्मी को बोला-

अशोक: कुमार को जल्दी से पत्ता लो. मिल के हम दोनो तुम्हारा दूध अछा निकलेंगे हाहहः.

मम्मी: मेरा दूध खाली करने के लिए तो तुमने एक मर्द ढूँढ लिया. अब मुझे भी तुम्हारे लिए दूसरी दूधवाली ढूँढनी होगी.

अशोक: मतलब?

मम्मी: मतलब या है की मेरे पति ने मेरे लिए लंड ढूँढ लिया है, तो मेरा भी फ़र्ज़ बनता है मेरे पति के लिए एक छूट ढूँढने का.

प्रिया: तभी मैं छ्चींक देती हू, और आप लोग मुझे देख कर चौक जाते है. फिर आप मम्मी के कान में कुछ बोलते हो, और आप दोनो हेस्ट है.

(प्रेज़ेंट) अशोक: अछा वो सब तो मज़ाक था प्रिया बेटी.

प्रिया: पापा अब बताइए कोमल के बारे में.

अशोक: अभी नही, बहुत लाते हो गया है. सो जाओ, मुझे नींद आ रही है प्रिया.

प्रिया का मूड ऑफ हो जाता है, और दोनो सो जाते है.

सुबह के 7 बजे पूनम दरवाज़ा खोल के बाहर आ कर देखती है तो अशोक हॉल में नही था. दूसरे रूम में देखती है की रिया और कोमल साथ में सो रहे थे. तीसरे रूम में जेया कर देखती है तो प्रिया और अशोक साथ में बेड पर सोए थे.

पूनम नज़ारा देख कर आग बाबूला हो जाती है अंदर घुसते ही. लेकिन वो कुछ देर सोचती है, फिर धीरे से पीछे चली जाती है दरवाज़ा बंद करके. दरवाज़े की आहत सुन कर अशोक उठ जाता है.

अशोक देखता है की प्रिया तो सो रही थी, तो डोर किसने बंद किया? फिर अशोक बेड से उठ कर टवल ढूँढने के लिया चादर हटता है, तो वो देखता है की प्रिया पूरी ट्रॅन्स्परेंट निघट्य में सोई थी. प्रिया को बूब्स देख कर हैरान होके सोचता है की मेरी बेटी के इतने बड़े कैसे हो रहे है? अशोक बाहर हॉल में देखता है की पूनम मूह फूला कर बैठी थी.

अशोक: डार्लिंग सॉरी कल रात के लिए. मुझे माफ़ कर दो प्लीज़. मेरी जान गुस्सा थूक दो. तभी दरवाज़े पर नॉक की आवाज़ सुन कर पूनम दरवाज़ा खोलने जाती है. वो देखती है की कुमार भाई के साथ और कोई लड़का भी आया था.

पूनम: अर्रे कुमार भाई आप क्यूँ आए? मैं बस आ ही रही थी आपके पास (जान-बूझ कर चिल्लाते हुए बोलती है ताकि अशोक सुन सके).

अशोक जल्दी से दरवाज़े के पास आता है, और कहता है: अर्रे कुमार तुम यहा? और ये कों है?

कुमार: ये मेरा लड़का है. अभी यही दूध देने आएगा आपके यहा. घर पर मैं कुछ महीनो के लिए गाओं जेया रहा हू.

अशोक पूनम का मायूस चेहरा देख कर कुमार को पूछता है: कभी जेया रहे हो?

कुमार: कल रात की ट्रेन है अशोक भाई.

अशोक: 2 मिनिट रुक मैं अभी आता हू.

अशोक अंदर चला जाता है. पूनम कुमार को बोलती है: आइए अंदर कुमार जी.

कुमार: गौतम बेटा तुम जाओ नीचे, मैं आता हू.

कुमार का बेटा चला जाता है

पूनम: आओ अंदर कुमार भाई. ऐसा क्या हुआ जो इतना अर्जेंट गाओं जाना पद रहा है?

कुमार: कुछ नही भाभी, मेरी बीवी बुला रही है. इसलिए जाना पद रहा है.

पूनम: अछा बीवी बुला रही है या तुमको बीवी की याद आ रही है?!

कुमार: नही भाभी, आप हो तो मुझे बीवी की याद कहा से आएगी?

तभी अशोक आता है, और बोलता है कुमार को-

अशोक: कुमार ये कुछ अड्वान्स पेमेंट है, गाओं में काम आएगा.

कुमार: अर्रे अशोक भाई, इसकी क्या ज़रूरत थी भाई? आप लोग मुझे हमेशा खुश रखे, शुक्रिया.

अशोक: कोई नही, और किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो बेझीजक होके पूनम से माँग लेना. ठीक है?

अशोक पूनम को देख कर आँख मारता है, और पूनम खुश हो कर अशोक से बोलती है-

पूनम: अशोक तुमको ऑफीस नही जाना है क्या? जाओ रेडी होके आओ.

अशोक पूनम की बात को समझ जाता है, और वाहा से निकल के अपने रूम में जाता है रेडी होने के लिए.

पूनम: कुमार भाई, आप गाओं चले जाओगे तो मेरा दूध कों देगा?

कुमार: भाभी जी वो मेरा लड़का दूध देने आएगा. चलिए भाभी मैं निकलता हू. अशोक भाई को नमस्ते बोलना मेरा.

पूनम: अर्रे ऐसे-कैसे जाने दे हम आपको? रुकिये दो मिनिट, हम अभी आते है.

कुमार: जी ठीक है भाभी जी.

पूनम उठ कर अपने रूम की तरफ जाती है.

कुमार (खुद से बात करता है): क्या गांद है भाभी जी की. एक बार मिल जाए तो मज़ा आ जाए.

पूनम पलट के देख कर मुस्कुरा कर चली जाती है. अशोक कपड़े उतार के टवर लपेट के नहाने जाता है. तभी पूनम आके बोलती है की कहा जेया रहे है?

अशोक: नहाने जेया रहा हू. क्यूँ क्या हुआ? कुमार चला गया बिना मज़े लिए ही?

पूनम: तुम भी ना कुछ भी बोलते हू. सुनो तुम जाओ प्रिया के रूम में नहा लो.

अशोक: क्यूँ?

पूनम: मेरे कुछ कपड़े है जो मैं पहनती ही नही हू. इसलिए मैं कुमार भाई की वाइफ को वो देने का सोच रही हू.

अशोक: ओक डेडॉ. लेकिन मुझे दूसरे रूम में नहाने को क्यूँ बोल रही हो? कही तुम कुमार को वो तो नही देना चाहती हो ना, जो वो चाहता है हाहहाहा.

पूनम: ह्म्‍म्म्म ऐसा ही कुछ समझ लो. और तुम्हारे लिए कर रही हू. सो गो नाउ प्लीज़.

अशोक: ओक बुत मैं डोर ओपन ही रखना. मैं देखना चाहता हू की मेरी बीवी कैसे चुड़वति है.

पूनम: जाओ और प्रिया को देखो कैसे सो रही है.

पूनम अशोक के लंड को पकड़ के बोलती है, और अशोक प्रिया के रूम में चला जाता है. फिर पूनम हॉल में कुमार के पास आती है, और कहती है-

तो बे कंटिन्यूड…

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