अवन्तिका की बेइन्तिहा मुहब्बत-1

मैंने तुरंत कहा- शोना.. ये क्या कर लिया तुमने?
उसने कहा- जान ये हक सिर्फ़ अपने पति को ही दूँगी.. और अब तुम मेरे पति हुए।

मैं अचानक से एक दुविधा की मुद्रा में आ गया.. तभी मुझे गालों पर च्यूंटी काटते हुए उसने कहा- शोना.. मैं जानती हूँ कि तुम एक बंगाली परिवार से हो और मैं एक महाराष्ट्रीयन परिवार से, तुम मुझसे शादी करो ना करो.. पर आज मैं तुम्हें अपना पति मानती हूँ। शोना.. मैं आपसे ये वादा करती हूँ कि मैं आपको कभी मुझसे शादी करने के लिए नहीं कहूँगी, पर आज मुझे से ये हक मत छीनिए।

उसकी ये बात सुनकर मेरी आंखों में आँसू आ गए। जैसे ही मेरा पहला आँसू गिरा, उसने मेरे होंठों को कसके चूम लिया। उसके इस प्यार को देखते हुए मैं भी अपने आपको रोक नहीं पाया। मैं भी उसे बेइन्तिहा चूमने लगा।
चुंबन करते-करते उसने मेरे लंड पर हाथ रखा, तो एक अजीब सी बिजली मेरे शरीर में दौड़ गई।

मैं उसे कई मिनट तक लगातार गले में.. कानों में.. और होंठों पर चूमता रहा।
मैंने धीरे से उसका ब्लाउज उतारा, उसने अन्दर पिंक कलर की ब्रा पहनी थी।
मैं उसके दोनों मम्मों को देख कर पागल सा हो गया।

फिर उसने भी बड़े प्यार से अपनी नाखूनों को धीरे-धीरे चुभोते हुए मेरा कुर्ता उतारा।

अब फिर से चुम्बन का दौर चला। इस बार कुछ अलग ही हुआ उसने एक डेरी मिल्क और थोड़े से शहद को अपने दोनों हाथों से पूरा मसल कर मेरे मुँह पर लगा दिया। फिर उसने उस पूरे डेरी मिल्क और शहद को किस करते करते बड़े ही गरम अंदाज़ में साफ किया।

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अब मैंने उसकी ब्रा को उसके शरीर से अलग कर दिया। ब्रा हटते ही जो दृश्य मेरे सामने था.. वो शायद पूरी दुनिया में किसी भी मर्द को पागल कर सकता था।
उसके दोनों मम्मे मेरे दोनों हाथों में जैसे-तैसे बस आ ही पा रहे थे।

मैं उन दोनों मम्मों को एक छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा। डंबो मेरे सर को अपने दोनों हाथों से अपने छाती की ओर खींच रही थी और हल्की-हल्की सी सिसकियाँ ले रही थी।

मेरे सिर से उसका हाथ कब मेरी कमर पर पहुँचा और कैसे उसने मेरी बनियान मुझसे अलग की.. मैं समझ ही नहीं पाया।
अब हम दोनों आधे नंगे थे… मैं धोती में और व सिर्फ़ आधी खुली हुई साड़ी में।

टाइम निकलता ही जा रहा था.. दोपहर के बारह बजे थे।

मैंने फिर उसको उसकी साड़ी और पेटीकोट से बड़े रोमांटिक ढंग से सॉल्सा डांस के अंदाज़ में अलग किया।

अब वो सिर्फ़ पिंक कलर की पैन्टी में थी।

उसने एक बड़े ही बदमाश अंदाज़ में मेरी धोती की गांठ खींच दी।
वो अपनी पैन्टी में और मैं अपने जॉकी नेकर में था।

चुंबन का एक बेहद ही नशीला दौर शुरू हुआ.. जिसमें ना मुझे पता चला.. ना ही डंबो को पता चला कि कब हम दोनों के शरीर से सारे कपड़े हट गए।

दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी डंबो की उफनती जवानी में गोता लगाने का मन होने लगा होगा.. बस आप जल्दी से अपने ईमेल मुझ तक भेजिए और मेरे हाथों डंबो की जवानी को चुदने का पूरा मजा लीजिए।

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