अवन्तिका की बेइन्तिहा मुहब्बत-1

पूरा एक हफ़्ता कैसे बीता.. मेरा दिल ही यह बात जानता है।

वो दिन आख़िर आ ही गया, मेरे माता-पिता की ट्रेन रात को दस बजे थी, सो शाम को मैं और अवन्तिका उर्जा पार्क में मिले और अगले दिन मिलने का प्रोग्राम तय किया।
हम दोनों बड़े ही खुश थे। मैंने रात को अपने माता-पिता को स्टेशन ड्रॉप किया और वापिसी में मैंने कन्डोम, सरसों के तेल की शीशी, नारियल तेल की शीशी और एक माज़ा जूस की एक लीटर का पैक खरीद लिया।

दोस्तो, मैं बता नहीं सकता.. कि 22 दिसंबर की वो रात कैसी बीती।

मैं और डंबो रात भर करीबन एक बजे तक फ़ेसबुक पर चैट करते रहे। मैं आप सभी को बताना चाहता हूँ कि मैं मेरी जान अवंतिका को प्यार से ‘डंबो’ बुलाता हूँ।

फिर 23 तारीख की सुबह हुई, मैं फ्रेश होकर अपना ब्रेकफास्ट बना रहा था, तभी डंबो का कॉल आया। उसने कहा- ठीक दस बजे तुम अपने घर का गेट खुला रखना।

मैंने वही किया। वो अपनी एक फ्रेण्ड ऐश्वर्या के साथ आने वाली थी। उसकी ये फ्रेंड यहाँ के मशहूर अख़बार में इंटर्नशिप कर रही थी। डंबो और ऐश्वर्या दोनों एक साथ अपनी स्कूटर पर आए।

ऐश्वर्या ने उसे तुरंत ड्रॉप किया और वो निकल गई।

जैसी ही डंबो अन्दर घुसी.. मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं।
डंबो एक येल्लो कलर के वन पीस फ्रॉक में थी। डंबो के साथ एक एयरबैग भी था.. पता नहीं उसमें क्या था।

जैसे ही डंबो अन्दर घुसी.. मैं उससे लिपट गया और मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया। वो हल्की से चौंकी और तुरंत मेरी गोद से उतर गई।
उसने कहा- शोना.. आज पूरा दिन और पूरी रात मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैं आज ऐश्वर्या के घर ग्रुप स्टडी का बहाना बना कर आई हूँ, इन हसीन लम्हों को मैं ज़िंदगी भर अपनी यादों में संजो कर रखना चाहती हूँ… प्लीज़ थोड़ा सब्र रखो ना जान।

यह कहानी भी पड़े  कच्ची उम्र की कामुकता Part 1

असल में सुबह वो अपनी सहेली के साथ निकली थी और कुछ शॉपिंग करके आई थी।

दोस्तो, मैं आपको ये बताना भूल ही गया कि मेरी भोली सी अवन्तिका मुझे प्यार से शोना बुलाती है।
डंबो मेरी पड़ोसी थी.. सो उसे मेरे घर के एक-एक कोने की भली-भाँति जानकारी थी।

उसने मेरा कपबोर्ड खोला और उसमें से एक पर्पल रंग का कुर्ता और धोती निकाली। उसने मेरे गालों पर बड़े प्यार से हाथ रख कर कहा- शोना तुम ऊपर जाओ.. नहाओ, ये कपड़े पहनो और उसके बाद नीचे आना।

अभी मैं उससे कुछ कहता कि उसने मुझे धक्के देकर ऊपर भेज दिया। मैंने शावर लिया.. डियो लगाया, कपड़े पहने और डंबो के कहे मुताबिक नीचे आ गया।

जैसे ही मैं नीचे आया मैंने डाइनिंग टेबल पर देखा कि मेरा पसंदीदा खाना वहाँ रखा हुआ है। घर में अगरबत्ती लगी हुई है… और बेडरूम से एक रोमांटिक म्यूज़िक की आवाज़ आ रही है।

जैसी ही मैंने बेडरूम खोला, मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। मैंने देखा कि डंबो एक सुंदर से बंगाली दुल्हन के जोड़े में बैठी हुई थी। घूँघट गले तक, बेड पर पूरे पीले और लाल गुलाब के फूल बिखरे हुए।
मुझे उसने एक सुहागरात की छवि दिखा दी।

मेरा लंड इस पूरे सीन को देख कर सलामी देने लगा।
मैं बिस्तर पर आया और उससे पूछा- ये सब क्या है जान?

उसने एक ब्लेड निकाल कर अपना अंगूठा काट लिया.. मुझे डंबो की इस हरकत पर बड़ा गुस्सा आया, पर दूसरे ही पल जो अदा उसने दिखाई.. उसका मैं कायल हो गया। उसने मेरे राईट हाथ का अंगूठा लिया.. अंगूठे को मेरे खून में डुबोया और उस खून को उसने अपने सिर की मांग में भर लिया।

यह कहानी भी पड़े  भाभी के यौवन का भोग

Pages: 1 2 3



error: Content is protected !!