औरत पर अपने पति के क़र्ज़ का बोझ पड़ गया

मेरा नाम सूरज है, और ये कहानी 2001 की है जब मैं 12त (18 साल) में पढ़ाई करता था. मेरे पापा जुए में बहुत पैसे हार चुके थे. मा (39 साल) और मेरी सौतेली बेहन (20 साल) बिल्कुल परेशानी में थे.

मेरी मा की शादी पापा से 18 साल में हुई थी, और मा ग़रीब परिवार से थी, इसलिए बड़ी आगे के आदमी से मेरे नाना ने उनकी शादी करवा दी. लेकिन पापा की ये दूसरी शादी थी. उनकी पहली बीवी से उनका डाइवोर्स हो चुका था.

पापा को जुआ खेलने की बहुत बुरी आदत थी, इसीलिए उनकी पहली बीवी ने उनको छ्चोढ़ दिया था. मेरी मा सुनीता 39 साल की हाउसवाइफ थी, और पापा किताबो की दुकान पर बैठते थे. मम्मी का रंग बहुत गोरा है, और बदन बहुत हरा भरा है. उनके डिंपल्स पड़ते है, और लंबे बाल भी है. वो एक तरह से पापा के लिए हूर थी.

मा के बूब्स बहुत गोल और बड़े थे. उनकी ब्रा 36ड्ड थी, और पतली वेस्ट 30 इंच की थी. और उनकी गांद काफ़ी बड़ी, गोल और उभरी हुई थी. वो मोस्ट्ली सरीस ही पहनती थी, जिससे उनका बदन आचे से दिखता था. उनको सब बहुत ज़्यादा घूरते थे.

मेरी सौतेली बेहन विधि जो पापा की पहली बीवी से थी, वो कॉलेज में थी. वो भी बहुत खूबसूरत थी. मा उसको भी बहुत प्यार करती थी. मा और मेरी बेहन बिल्कुल दोस्त ही थे. मेरी बेहन का साइज़ 34सी-28-36 था. वो ज़्यादातर मॉडर्न कपड़े पहनती थी.

स्कूल से लेके अब तक उनके 3-4 ब्फ्ज़ थे. मा को सब के बारे में पता था, लेकिन वो मेरी बेहन को कभी नही रोकती थी.

मैं 12त क्लास में था, और काफ़ी समझदार बच्चा था. मा और मेरी बेहन मुझसे बहुत प्यार करते थे, और मेरी बेहन मुझसे सब बातें शेर करती थी. वो कुछ नही च्छूपति थी. मैं उनके सारे ब्फ्ज़ को मिला भी था, और उनके साथ घूमा भी था.

जब पापा के पैसे डूब गये, तब हमारी आर्थिक (फाइनान्षियल) कंडीशन ठीक नही थी. हमारे पास बस कुछ दीनो के ही पैसे थे. मा तो काफ़ी परेशन थी और थोड़ी साद भी. हमे हमारे किसी रिश्तेदार ने हेल्प नही करी. ऐसे टाइम में सब बस हाल-चाल पूछते थे.

कुछ दीनो बाद घर पर जावेद नाम का एक आदमी आया, और उसके साथ उसका एक बॉडीगार्ड भी था, जिसके हाथ में ऑटोमॅटिक राइफल थी. उसने बेल बजाई, और जब मेरी बेहन ने दरवाज़ा खोला तब वो घूरता रह गया. पापा हमेशा सुबा 9 से रात को 9 बजे तक बाहर रहते थे.

जावेद: तेरी मा या बाप घर पर है?

बेहन: हा, मा है ना. आपको क्या काम है?

जावेद: पहले उनको बुलाओ.

बेहन: मम्मी आना ज़रा.

मम्मी जल्दी किचन से आई. उन्होने जावेद जी को देख के पल्लू ठीक किया. जावेद मा को बहुत गंदी नज़र से देख रहा था. मैं बस कोने में बैठ कर ये सब देख रहा था.

मा: बोलिए? आपकी तारीफ़?

जावेद: मेरा नाम जावेद है. मुझे आपके पति के जुए में पैसे डूब जाने का दुख है. मेरे यहा आने की वजह ये है की आपके पति ने मुझसे 50 लाख र्स लिए थे, और सुना है की उसने वो जुआ खेलने में उड़ा दिए. अब मुझे वो पैसे चाहिए.

मा: हम कहा से लाएँगे इतने पैसे? और मुझे तो नही बताया ऐसा कुछ भी मेरे पति ने.

जावेद ने तब मा को सारी छत पढ़ाई, जहा से सॉफ दिख रहा था की पापा ने 6 महीने पहले पैसे लिए थे. और अब तक एक भी रुपया उनको वापस नही किया था.

जावेद: आप मुझे अपना सारा गोल्ड दे सकती है, और आपके पास जब पैसा आएगा तब तक वो गोल्ड मेरे पास ही रहेगा. आपको कुछ काम चाहिए तो मुझे बताओ.

मा सोच में पद गयी. जावेद काफ़ी डरावना लग रहा था. उसकी 6 फीट की हाइट थी, और साथ में बियर्ड थी, और वो काफ़ी तगड़ा भी था. ऐसा लग रहा था, की जैसे जिम बहुत करता हो. वो लगभग 40 साल का होगा.

मा ने बेहन के साथ डिसकस किया, और उन्होने अपना सारा सोना जावेद जी को दे दिया. लगभग 10 लाख का ही सोना था.

जावेद: ये तो बहुत कम है. आपकी चूड़ी और मंगलसूत्रा भी मिला दो, तो भी ये 50 लाख नही होगा.

मा: मेरे पास इतना ही है. आप कुछ काम की भी कह रहे थे. क्या आपके पास मेरे लायक कोई काम है?

जावेद: हा है, और वो काम में बहुत पैसा भी है. लेकिन मुझे पता नही आप कर पाओगे की नही.

मा: क्या काम है जी?

जावेद: वो मैं बच्चो के सामने नही बोल सकता. आप कल मेरी ऑफीस में आ जाना, वाहा बता दूँगा.

ये बोल के जावेद ने मा को अपना कार्ड दिया, और सारा सोना लेके मा को और बेहन को घूरते हुए चला गया.

मा: हाए! किस परेशानी में हम फ़ासस गये!

बेहन: मम्मी जावेद जी कुछ काम की बात कर रहे थे?

मा: पता नही कों सा ऐसा काम है, जो मैं कर सकती हू और बहुत पैसा भी मिलेगा?

बेहन: मा अब जो भी काम हो आप ज़रूर करना, और जावेद जी की हेल्प लेना, क्यूंकी अभी मेरी और सूरज की भी तो पढ़ाई बाकी है. फिर खाना पीना और कपड़े, एलेक्ट्रिसिटी बिल्स, बहुत ज़रूरते है अपनी. पापा कुछ नही कहेंगे.

मैं: हा मा मुझे और बेहन को अभी कमाने में काफ़ी टाइम है, और जावेद जी सारा गोल्ड भी ले गये है अपना.

मा: हा बेटा, अब मैं कल उनके यहा जाती हू. फिर देखती हू. पता नही पापा ने हुमको किस मुसीबत में डाल दिया है.

बेहन: हा मा, आप कल ज़रूर जाना. और जो भी काम हो उसके लिए माना मत करना.

मा: ओके बेटा, मैं कल जाके देखती हू.

मा दूसरे दिन सुबा 11 बजे तैयार होने लगी. बेहन मा को हेल्प कर रही थी

बेहन: मम्मी आप ये हरी सारी पहें लो, आपको सूट करेगा. जावेद जी को भी अछा लगेगा.

मा: ठीक है बेटा, लेकिन पापा क्या कहेंगे? और इसमे तो ब्लाउस बॅकलेस है. लोग क्या सोचेंगे?

बेहन: क्या फराक पड़ता है मम्मी. पापा की वजह से तो फ़ससे है हम यहा. और आप बाल खुले रखना, जिससे आपकी पीठ खुद हद तक च्छूप जाएगी, और पताका लगॉगे हहे.

मैं: हहे, दीदी तुमको बड़ा पता है मर्दो के बारे में?

बेहन: हहे, चल अब ज़्यादा नही बोल सूरज.

मा ब्रा पनटी में थी, और तैयार हो रही थी.

मैं: मा मस्त लग रहे हो, जावेद जी खुश हो जाएँगे.

मा: हहे, हा ठीक है बेटा, जैसा तुम लोग कहो.

मम्मी और बेहन मेरे बचपन से मेरे सामने चेंज कर लेते थे. उनको लगता है मैं अभी भी छ्होटा था. मा बहुत सुंदर लग रही थी ग्रीन सारी में. ब्लाउस काफ़ी टाइट था, और बॅकलेस भी, और बेहन ने मा को लो वेस्ट सारे पहनाई आज कल के फॅशन के हिसाब से. इससे उनकी सेक्सी कमर बहुत हॉट लग रही थी. मा की गांद क्या बतौ आपको, वो बहुत ही फूली फूली लग रही थी.

मा ने बेहन की हील्स पहनी, और मेकप और सेंट लगा के जावेद जी के यहा चली गयी.

(आयेज की डीटेल्स मुझे थोड़ी बेहन और थोड़ी मा ने बताई है)

जावेद जी का ऑफीस शहर से तोड़ा बाहर था, और प्राइवेट ज़मीन पर था. ऐसा लग रहा था जैसे फार्महाउस हो. जब मा गाते पर पहुँची, तब गार्ड्स ने कॅब रोक ली.

गुआर्द 1: कहा जाना है आपको?

मा: जावेद जी से मिलने, उनका ऑफीस कहा है?

गुआर्द 2: उनका ऑफीस यही है. जावेद जी अंदर ही है. आप कों?

मा: मैं सुनीता हू, उन्होने मिलने बुलाया है?

ये बोल के मा ने कार्ड दिखाया. गुआर्द ने इंटरकम किया, और जावेद जी ने मा को अंदर बुलाया. गार्ड्स ने गाते खोला और कॅब अंदर गयी.

गुआर्द 1: लगता है जावेद जी ने कोई नयी महिला को फसाया है.

गुआर्द 2: हा, अब इसको भी रांड़ बना के छोड़ेंगे, हहा.

दोनो गार्ड्स फिर हासणे लगे. मा को लेने काले कुर्ते में एक तकला आदमी आया, जिसके हाथ में गुण थी. वो आदमी ने कॅब वाले को पैसे दिए और मा से कहा की-

बॉडीगार्ड: आपको चिंता करने की ज़रूरत नही. मैं आपको बाद में घर छ्चोढ़ दूँगा.

मा: ठीक है, थॅंक योउ.

बॉडीगार्ड मा को जावेद जी के ऑफीस ले गया, और उसने बाहर से दरवाज़ा बंद कर दिया. जावेद जी का ऑफीस उनके घर से लग कर था, और काफ़ी आलीशान था. मा अंदर गयी, और जावेद जी ने मा को बैठने के लिए कहा.

मा: आपका ऑफीस तो बहुत मस्त है जावेद जी.

जावेद: हहा, ये तो कुछ भी नही है. मैं तो बहुत छ्होटा आदमी हू. आपको जिन लोगों के साथ काम करना होगा, वो मुझसे काई गुना ज़्यादा अमीर होंगे. और एक बात बोलू, आप क्या माल लग रही हो. बहुत खूबसूरत. मेरे इस ऑफीस और घर को और भी ज़्यादा सुंदर बना दिया आप ने.

मा: जी थॅंक योउ हहे. मेरी इतनी तारीफ किसी ने नही करी है. अछा आप वो कुछ काम की बात कर रहे थे? क्या काम करना है मुझे?

जावेद: आप ये समझिए की आप चीनी हो, और जिन लोगों के लिए आपको काम करना है वो सोने के ग्लास में दूध है. आपको बस घुल-मिल जाना है.

मा: मैं समझी नही जावेद जी.

जावेद: मैं समझता हू आपको. आपको कुछ मेरे नृ क्लाइंट्स है, पॉलिटिशियन्स है, और अमीर बिज़्नेस्मेन है, उनको आपको मिलने जाना है. मैं बतौँगा कब और कहा, और गफ़ूर जो आपको अंदर ले आया है, वो आपका बॉडयगौरड़ होगा.

वो आपको कार में वाहा ले जाएगा. आपको बस उन लोगों को कंपनी देनी है.

मा: कंपनी देनी है मतलब क्या करना होगा?

जावेद: आपको बस ऐसे ही साज के सॉवॅर के उनके यहा जाना होगा. उनसे बातें करनी होंगी, और वो जो बोले वो करना होगा.

मा: लेकिन मैं कोई ऑफीस वाला काम नही जानती, और ना ही मुझे इंग्लीश आती है. इतने बड़े लोगों के में क्या काम अवँगी?

जावेद जी अपनी चेर से उठे, और मा के पास आए. उन्होने अपना हाथ मेरी मा के कंधे पर रखा, और सहलाने लगे. मा को जावेद जी से दर्र भी लग रहा था, और जावेद जी मा के क्लोज़ थे इसलिए उनको पेट में गुदगुदी भी होने लगी.

जावेद: आपको ऑफीस का काम नही करना मेरी रानी. आपको उनको वो खुशी देनी है, जो आप पति को देती हो. और वो खुशी उनको जैसे लेनी है, आपसे वो वैसे लेंगे. और वो आप सारी चीज़े बहुत खुशी-खुशी करोगे. आपको मेरे क्लाइंट के पास जाके वाहा से कम से कम 2 लाख मिलेंगे, जिसमे से आप मुझे आधा देंगी.

मा ये बातें सुन के शॉक हो गयी, और उनकी समझ में आ गया की कों सा काम था, जिसके उनको बहुत पैसे मिल रहे थे.

मा ने क्या जवाब दिया, और आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कैसी लगी स्टोरी दोस्तों? मुझे ज़रूर बताना और कॉमेंट और लीके भी करना. मुझे आप डाइरेक्ट्ली मैल कर सकते है











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