हेलो दोस्तों, मैं सोनू. कैसे हो आप लोग? जैसा की आप लोगों ने सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में पढ़ा था, की मैं रात में कामिनी आंटी के रूम में जाके आंटी की तगड़ी चुदाई करता हू, और आंटी एक-दूं चिट पद जाती है. फिर हम दोनो लिपट के लेते रहता है. अब आयेज-
कामिनी: क्या ख़तरनाक चुदाई करता है तू. मेरी गांद फटत गयी.
सोनू: आंटी आपकी अभी से गांद फटत गयी? अभी तो पूरी रात बाकी है.
कामिनी: हल्के में मॅट ले मेरे को. रात भर में पूरा निचोढ़ लूँगी तेरे को.
सोनू: देखते है. वैसे आपके पति चुदाई में खुश नही कर पाते है क्या?
कामिनी: अरी मैं अपने छूतिए पति के बारे में क्या ही काहु? एक तो छ्होटा सा लंड है उसका, और चुदाई करता है तो 2 मिनिट में ही झाड़ जाता है.
सोनू: इसीलिए आप बाहर चुड़वति हो?
कामिनी: और नही तो क्या. जिस्म का सुख भी तो चाहिए ना.
सोनू: तो आपके पति को पता है की आप बाहर चुड़वति हो?
कामिनी: नही मैं च्छूप कर चुड़वति हू. गोआ भी झूठ बोल कर आई हू.
सोनू: वैसे आप कहाँ रहती हो?
आंटी भी मेरे ही शहर में रहती है. फिर हम दोनो एक-दूसरे का नंबर ले लेते है.
सोनू: आप कितने दिन से गोआ में हो?
कामिनी: मेरे को 1 हफ़्ता हो गया है, और कल मैं वापस जेया रही हू. 1 बजे मेरा प्लेन है.
सोनू: अछा, और यहाँ आप कितने लोगों से चूड़ी हो?
कामिनी: 6 दीनो में 6 अलग-अलग आदमियों से चूड़ी हू, और आज तू सातवा है.
सोनू: बहुत बड़ी वाली चुड़क्कड़ हो आप.
कामिनी: वो तो मैं हू.
सोनू: चलो अब मेरे को आपकी गांद मारनी है.
कामिनी: तो मार ना.
सोनू: पहले मेरे लंड को चूस के खड़ा करो.
फिर आंटी मेरा लंड चूसने लगती है, और थोड़ी देर में मेरा लंड खड़ा हो जाता है. उसके बाद मैं आंटी को कुटिया बना देता हू. फिर आंटी के चूतड़ के च्छेद पर थूक लगा देता हू. उसके बाद मैं अपना लंड आंटी के चूतड़ में घुसा देता हू, और आंटी की गांद को छोड़ने लगता हू.
कामिनी: अयाया आराम से कर, अया तोड़ा आराम से कर आ अया अया.
लेकिन मैं ज़ोर-ज़ोर से आंटी की गांद छोड़ते रहता हू, और आंटी के चूतड़ पर थप्पड़ भी मारते रहता हू. आंटी ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाते रहती है.
कामिनी: आआआः अयाया मार डालेगा क्या मेरे को अयाया आआआः अयाया?
सोनू: अर्रे मज़ा लो आंटी. अब आप मेरी रंडी हो.
कामिनी: अया अयाया हा मैं अया तेरी रंडी हू. अया छोड़ मेरे को अयाया अयाया अया ओह एस अया अया.
फिर मैं आंटी को उल्टा लिटा देता हू, और मैं उनके पीछे से उनके उपर चढ़ जाता हू. फिर अपना लंड उनकी गांद में घुसा के छोड़ने लगता हू.
कामिनी: अया अयाया मज़ा आ रहा है. अया अया छोड़ मेरे को अया. शहर जाने के अया बाद भी मैं अया तेरे से चुड़ूँगी. अया अया मस्त चुदाई अया करता है तू अया अया.
सोनू: बस आप मेरे को फोन करना, मैं पहुँच जौंगा आपको छोड़ने.
कामिनी: अया अयाया हा बिल्कुल करूँगी, अया अया अयाया अया अया. वैसे अया तू कितनी अया आ सारी औरतों को छोड़ चुका है अया अया?
सोनू: बहुत सारी औरतों को छोड़ चुका हू.
कामिनी: अया अया मतलब तू खिलाड़ी है, अया अया अयाया अयाया आआहा अयाया आहा श.
सोनू: बिल्कुल सही समझी आप.
कामिनी: अया अयाया अयाया हा आख़िर अया इतनी अची चुदाई वहीं कर सकता है अयाया अया, जो औरतें पत्ता के अया अया छोड़ने में खिलाड़ी हो अया अयाया आ.
सोनू: बात तो सही है.
कामिनी: अया अया मैं भी कुछ कम नही हू बेटा, अया आ.
सोनू: वो तो मैं समझ चुका हू आंटी. वैसे मैं झड़ने वाला हू.
कामिनी: मेरे मूह में झाड़. मैं तेरा माल पीना चाहती हू.
फिर मैं उठा जाता हू और आंटी के मूह में अपना माल गिरा देता हू. आंटी मेरा सारा माल पी जाती है और बोलती है-
कामिनी: तेरा माल तो बहुत स्वादिष्ट है.
फिर हम दोनो लिपट के लेट जाते है, और सिगरेट पीते हुए बात करने लग जाते है.
सोनू: क्या आप लोवे मॅरेज की हो?
कामिनी: लोवे मॅरेज हो सकता था. लेकिन मेरा दूसरे के साथ अरेंज मॅरेज हुआ.
सोनू: कैसे?
कामिनी: मैं तेरे को शुरू से बताती हू. बात तब की है जब मैं कॉलेज में थी, और तब मेरी एक सहेली हुआ करती थी. हम दोनो बेस्ट फ्रेंड्स हुआ करते थे. मेरी सहेली चुदाई की बहुत शौकीन थी, और वो हर समय चुदाई की भूखी रहती थी.
कामिनी: मैं वहाँ रूम लेकर रहती थी. वो हमेशा मेरे रूम में आती थी, और हम दोनो लेज़्बीयन चुदाई करते थे. मेरी सहेली को अलग-अलग तरह की चुदाई का शौंक था, और वैसी ही वाली चुदाई की कहानियाँ भी वो लाती थी. हम दोनो चुदाई वाली कहानियाँ पढ़ा करते थे, जैसे की जेठ के साथ चुदाई, ससुर के साथ चुदाई, पहलवानो के साथ चुदाई, और उसका सबसे ज़्यादा पसंदीदा, सौतेले बेटे के साथ चुदाई.
कामिनी: मेरी सहेली को ये सब का शौंक था. वो हमेशा ये सब कहानियाँ मेरे रूम में लाती थी, और हम दोनो साथ में पढ़ते थे. फिर लेज़्बीयन चुदाई किया करते थे. मेरी सहेली कॉलेज की सबसे ज़्यादा खूबसूरत लड़की हुआ करती थी. लंबी, चौड़ी, एक-दूं गोरी-चित्ति, और उसका फिगर तो और भी ज़्यादा कमाल का था. पुर कॉलेज के लड़के उसके उपर फिदा थे.
कामिनी: मेरे को हमेशा से अपनी सहेली की खूबसूरती से जलन होती थी. क्यूंकी उसको कॉलेज का हर लड़का भाव देता था, और मेरे को सिर्फ़ दो-चार लड़के ही भाव देते थे. हमारे कॉलेज में एक लड़का था, जो की बहुत हॅंडसम हुआ करता था. मैं और मेरी सहेली हम दोनो ही उस लड़के के उपर फिदा थे.
कामिनी: फिर पता नही कैसे मेरी सहेली उस लड़के को पत्ता ली. मेरी सहेली उसको कैसे पट्तायी, मेरे को पता भी नही चला. फिर दोनो मेरे ही रूम आ कर मेरे को रूम से बाहर निकाल देते, और जाम के चुदाई किया करते थे.
कामिनी: मेरे को इस बात से और ज़्यादा जलन होने लगी. लेकिन मैं पीछे नही हटती. मैं धीरे-धीरे दोनो को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने लगी. धीरे से दोनो के बीच में लड़ाई शुरू हो गयी. लेकिन दोनो की लड़ाई होती थी, फिर दोनो चुदाई करते थे, और दोनो की लड़ाई सुलझ जाती थी.
कामिनी: पर मैं हार नही मानी. फिर मैं सिर्फ़ उस लड़के को अपनी सहेली के खिलाफ भड़काने लगी, और इस बार मैं कामयाब हो गयी. आख़िरकार कॉलेज के फाइनल एअर में दोनो का ब्रेक-उप हो गया. फिर मैं उस लड़के के साथ टाइम बिताने लगी.
कामिनी: और आख़िरकार मैं उस लड़के को पत्ता ली. फिर मैं उस लड़के के साथ खूब चुदाई किया करती थी. फिर कॉलेज ख़तम होने के बाद मेरी सहेली को पता चल गया की उसके ब्रेक-उप की वजह मैं थी. इस वजह से मेरी और मेरी सहेली की बहुत लड़ाई हुई. फिर हम दोनो कभी नही मिले.
कामिनी: मेरा उस लड़के के साथ बहुत ही अछा अफेर चल रहा था. हम दोनो मस्त घूमते-फिरते थे, और खूब चुदाई करते थे. फिर बाद में उस लड़के को किसी और लड़की से प्यार हो गया, और वो मेरे को छ्चोढ़ दिया. वो उस लड़की से शादी भी कर लिया. फिर बाद में मेरे घर वाले मेरी किसी और से शादी कर दिए, जो की अभी मेरा पति है.
सोनू: अछा तो ऐसा हुआ था. वैसे आपकी सहेली का क्या हुआ?
कामिनी: मैं सुनी थी की वो किसी अमीर बिज़्नेसमॅन से शादी की थी. ऐसे भी वो खुद भी बहुत अमीर घराने से थी.
सोनू: वैसे आपकी सहेली का नाम क्या था?
कामिनी: मैं उस मदारचोड़ का नाम भी नही लूँगी. उसके नाम से ही मेरे को जलन होती है.
सोनू: अछा ठीक है, गुस्सा मत हो. वैसे उस लड़के का क्या नाम था?
कामिनी: उसका नाम वैभव था.
सोनू: शादी के बाद आपकी कभी उस लड़के से मुलाक़ात हुई?
कामिनी: नही हुई, क्यूंकी उसकी शादी के बाद उसकी इंडिया के बाहर जॉब लग गयी. तो वो अपनी बीवी के साथ चला गया. हम दोनो की आज तक कभी बात तक नही हुई.
सोनू: और आपकी सहेली से आपकी कभी मुलाक़ात या आमना-सामना हुआ है, या बात हुई हो?
कामिनी: कभी नही हुई, और मैं मिलना भी नही चाहती उसको. देखते ही, या उसका नाम लेते ही मेरे को उससे जलन होने लगती है.
सोनू: हा समझ सकता हू.
कामिनी: पता है जब तुम्हारा कोई दोस्त हो, जो की हर समय तुम्हारे साथ रहता है, और तुमसे ज़्यादा खूबसूरत हो, और लोग तुम्हे भाव ना देके तुम्हारे दोस्त को ज़्यादा भाव दे, तो बहुत बुरा लगता है. और अगर तुम जिसे पसंद करो, और उसी इंसान को तुम्हारा दोस्त भी पसंद करे, तब तो और बुरा लगता है.
सोनू: हा ऐसा होता है.
कामिनी: हा लेकिन मैं अपनी लाइफ में बहुत खुश हू. भले मेरा पति मेरे को चुदाई में खुश नही कर पाता. पर मैं अपनी प्यास बाहर बुझा लेती हू, और रोज़ नया लंड मिल ही जाता है.
सोनू: चलो अछा है. कम से कम आप खुश तो हो अपनी लाइफ में.
कामिनी: हा चल अब तू खुश कर मेरे को छोड़ के.
सोनू: तो अपनी टाँगें खोल के लेट जाओ.
फिर मैं कामिनी आंटी को 2 बार और छोड़ता हू, और हम लोगों की चुदाई सुबा के 5 बजे तक चलती है. फिर हम दोनो साथ में सो जाते है. अगले दिन दोपहर को 12 बजे कामिनी आंटी मेरे को उठती है. मैं उठता हू तो कामिनी आंटी बहुत हड़बड़ी में होती है. क्यूंकी आज 1 बजे उनका प्लेन था. फिर मैं उनका समान पॅक करने में उनकी मदद करता हू. कामिनी आंटी मुझे बोलती है-
कामिनी: तेरे से चूड़ने में मेरे को बहुत मज़ा आया. तू जब हमारे शहर वापस आ जाएगा, तो हम दोनो तगड़ी चुदाई करेंगे.
सोनू: भूल मत जाना आंटी आप मेरे को.
कामिनी: जो मेरी प्यास बुझा देता है, मैं उसे कभी नही भूलती हू. और तू तो मेरी छूट और गांद सब जगह की प्यास बुझाया है.
फिर मैं और कामिनी आंटी एक-दूसरे के होंठो को चूस्टे है. मैं उनके दूध और चूतड़ को मसलता हू, और वो मेरे लंड को प्यार से मसल के किस करती है. उसके बाद आंटी चली जाती है, और मैं अपने रूम आ जाता हू. मैं रूम का डोरबेल बजता हू, तो मम्मी तोड़ा लाते दरवाज़ा खोलती है, और मैं मम्मी को देख के शॉक हो जाता हू.
मम्मी का बाल पुर बिखरे हुए रहते है, और मम्मी नींद में दिख रही होती है. वो पूरी नंगी रहती है. मम्मी बिना कुछ बोले वापस बेड पे सोने जेया रही होती है. तब मैं पीछे से मम्मी के छूतदों को देखता हू, तो मम्मी का चूतड़ पुर लाल दिख रहे होते है, जैसे की किसी ने मम्मी के चूतड़ पर थप्पड़ मारा हो. मम्मी वापस बेड पर सो जाती है, और मैं रूम में जेया कर देखता हू.
रूम में मम्मी की निघट्य ज़मीन पर पड़ी रहती है, और मम्मी का चड्डी ब्रा भी ज़मीन पर फेंकी हुई पड़ी रहती है. मैं तोड़ा आयेज आता हू, तो देखता हू ज़मीन पर 4-5 उसेड कॉनडम्स पड़े रहते है.
फिर मैं मम्मी को तोड़ा ध्यान से देखता हू, तो मम्मी सो रही होती है. मम्मी के निपल्स भी लाल हो गये रहते है, जैसे किसी ने तगड़े से मम्मी का निपल्स चूज़ हो. उनके होंठ और गाल के पास स्पर्म सूखा हुआ चिपका रहता है. मेरी समझ में आ गया था, की मम्मी रात में किसी से तगड़े से चूड़ी थी. लेकिन किससे चूड़ी थी?
मम्मी आख़िर रात में किससे चूड़ी थी, वो अगले पार्ट में पता चलेगा.