सेक्सी आंटी की गन्दी चुदाई की

फिर आंटी मेरे लंड के ऊपर ही झड़ गई और फिर उसने मेरे लंड को मुहं में लिया और बचे कुचे वीर्य को चाट के साफ़ कर गई. उसने अपने चहरे के ऊपर लगे हुए वीर्य की परवाह नहीं की. उसने मुझे बोला की मेरे मुहं पर जो वीर्य लगा हे उसे चाट जाओ.

फिर हम दोनों कार से उसके घर की तारफ चले. वो घर पहुँचने से पहले कार में ही पूरी न्यूड हो गई. और घर के अन्दर भी वो नंगी ही गई कार से उतर के. मैं उसके बूब्स को मसल रहा था अपने हाथ से. कुछ देर रेस्ट करने के बाद आंटी ने डिनर बनाया और मुझे बोली मेरी चूत में डाल के खाओ. मैं दाल और चावल को उसकी चूत के ऊपर रख के खा रहा था. बिच बिच में अचार उसकी चूत में डाल के चाट लेता था. फिर मैंने आंटी की गांड पर दाल लगाईं और उसे चाटी. आंटी की बगल पर भी खाना डाल के खाया मैंने. आंटी ने भी वैसे ही किया. मैं लंड पर दाल और चावल को रख के उसे खिला रहा था.

फिर मैंने आंटी के बूब्स के ऊपर दाल डाली और चाटने लगा. मैं आंटी के बूब्स को काट भी रहा था. वो जोर जोर से मोअन कर रही थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह ओह ओह. फिर मैंने निचे जा के उसकी चूत को चाटा. आंटी अब चोदने के लिए भीख सी मांग रही थी हाथ जोड़ के और कह रही थी की मेरी चूत को चोद चोद के फाड़ डालो.

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मैंने आंटी के हाथ बाँध दिए और उसे घोड़ी बना दिया. मैंने अपने हाथरुमाल के ऊपर मूत के उसे आंटी के मुहं में डाला ताकि वो चीखे तो सुनाई ना दे. फिर मैंने लंड के ऊपर तेल लगाया. मैं आंटी की गांड मारने का मन बना चूका था. आंटी भी ये समझ चुकी थी.

उसने अपने कुल्हे ढीले कर दिए मेरे लिए. मैंने अपने लंड को एक ही झटके में आधा उसकी गांड में डाला. और आगे हाथ कर के उसके बूब्स को दबाने लगा. आंटी की गांड में एक और धक्का दे के मैंने पूरा लंड अन्दर कर दिया. आंटी गांड को आगे पीछे कर के मस्त चुदवा रही थी. दो मिनिट में तो मैं झड़ने की कगार पर था. मैंने लंड को गांड से निकाल के दो ऊँगली अन्दर डाल दी. रुमाल निकाल के आंटी को मैंने उसकी ही गांड का सवाद चखा दिया. फिर मैंने आंटी के मुहं में लंड डाल के उसे चूसने को कहा.

फिर मैंने अपने लंड को वापस आंटी की चूत में डाला और उसे जोर जोर से चोदने लगा. आंटी जोर जोर से मोअन कर रही थी और चिल्ला रही थी. मैं फच फच की आवाज से उसकी चूत को चोद रहा था. और उसकी गांड के ऊपर और कमर के ऊपर अपने हाथ से जोर जोर से मार भी रहा था.

फिर वापस मैंने लंड को चूत से निकाल के आंटी को चूसने के लिए दे दिया. आंटी के मुहं में ही मैंने अपने लंड का रस निकाल दिया. हम दोनों इस हार्डकोर और गन्दी चुदाई से थक चुके थे. और एक दुसरे की बाहों में लिपट के सो गए!

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