दोस्तों तो अब तक आपने पढ़ा की मैने सुमन आंटी को सिनिमा हॉल में सिड्यूस कर लिया था.
अब मैने सुमन आंटी की स्मूच ली और बोला-
मैं: चलो सुमन आंटी, हॉस्टिल में चलते है. वाहा पे जाम के चुदाई करेंगे.
और सुमन मान गयी. क्यूंकी हॉस्टिल सिनिमा घर से कुछ दूरी पर ही था, तो मैं और सुमन चलते हुए वाहा पे जाने लगे. सुमन और मैं एक-दूसरे से तोड़ा डिस्टेन्स बना के चल रहे थे, जिससे लोगों को शक ना हो.
दोस्तों पुर रास्ते में तो मेरा लंड मेरी पंत फाड़ के बाहर निकालने के लिए उतावला हो रहा था. आख़िर-कार उसको आज एक गड्राई गांद जो मिलने वाली थी. मगर मैने अपने लंड पे कंट्रोल किया, और दिमाग़ में ये सोचा की हॉस्टिल वॉर्डन को कैसे चकमा देके अंदर जाना था. तो तभी मुझे आइडिया आया मैने मनीष को फोन किया, और उसे पूरी सिचुयेशन बताई.
मैं: देख बेटा, अपने बाप की मदद नही करेगा? तेरे बाप ने तेरी इतनी मदद की.
मनीष: अर्रे भाई तेरे लिए तो सर्प्राइज़ है. मैं अभी आता हू.
मैं: कैसा सर्प्राइज़?
मनीष: अर्रे रुक ना, मैं आता हू अभी. कहा पे है तू अभी?
मैं: भाई हॉस्टिल से कुछ डोर, टंकी के सामने.
तभी कुछ देर बाद मैं देखता हू की मनीष मेरी बिके पे आ रहा था. उसकी बिके के पीछे कोमल बैठी.
मैं: आबे ये कों सा नया नाटक है बे?
मनीष: भाई नाटक नही मैं और कोमल एक-दूसरे से शादी करना चाहते है. मगर उससे पहले तेरी और मम्मी की शादी ज़रूरी है, इसलिए आप दोनो आज शादी करोगे और परसो मेरी शादी में आप मेरी शादी में आशीर्वाद दोगे.
मैं: जीते रह मेरे बेटे.
सुमन हम दोनो की बातें सुन के तोड़ा घबरा गयी. उसे देख के मैने बोला-
मैं: सुमन घबराव मत, अभी तुम मुझसे चूड़ने के लिए तैयार थी. शादी के लिए मान जाओ, वैसे भी तुम्हारा पुराना पति तो इतने सालों से घर भी नही आया. तुम्हे एक नये पति की ज़रूरत है. तुम पैसों की चिंता मार करना, मैं पैसे कमा लूँगा.
सुमन: मगर ये ग़लत है!
मैं: सुमन मैं तुम्हारे बिना जी नही पौँगा.
फिर मनीष और कोमल के समझाने के बाद सुमन मान जाती है. फिर उसके बाद हम 4 मंदिर जाते है. मंदिर जेया कर सुमन बातरूम से चेंज करके दुल्हन के लिबास में बाहर आती है. बहुत सुंदर लग रही थी. मॅन कर रहा था यही नंगा करके छोड़ डू.
फिर मैं और सुमन मंदिर में गये. वाहा पे हम दोनो ने एक-दूसरे को माला पहनाई और फेरे लिए. उसके बाद मैने सुमन की माँग में सिंदूर भरा, और फिर मैने उसे मंगलसूत्रा पहनाया. अब हम दोनो की शादी हो गयी.
फिर मैं, महेश, और कोमल हमारे हॉस्टिल में चले गये. हॉस्टिल वॉर्डन ने रोका तो मैने कहा-
मैं: ये लोग मेरे रिश्तेदार है, दीवाली के दिन घूमने आए है. आज रात को यही पे रहेंगे.
हॉस्टिल वॉर्डन भी सुमन की लाल सारी को (दुल्हन के लिबास) को दीवाली के कपड़े समझ के मान गया. पुर हॉस्टिल में कोई नही था. फिर हम चारो 4त फ्लोर में पहुँचे. कोमल सुमन को मेरे रूम के अंदर ले गयी, और मैं बाहर मनीष से बातें करने लगा.
मनीष: यार तू आज रात को मम्मी के गोरे-गोरे बदन का मज़ा लेगा
मैं: अब देखना तेरा नया बाप तेरी मा को कैसे छोड़ता है, और मुझे अब से पापा बुलाया कर.
मनीष: जी पापा.
और तभी कोमल बाहर आती है, और मुझसे सुहग्रात के कमरे के अंदर जाने के 500 रुपय मांगती है. मैं उसको 500 रुपय दे कर अंदर घुस जाता हू, और सुहग्रात का कमरा अंदर से बंद कर देता हू कुण्डी लगा के.
फूलों से सजे बेड पे सुमन दुल्हन के रूप में घूँघट ओढ़ के बैठी थी. मैं पास गया, और उसका घूँघट उठाया. वो शर्मा के सर नीचे करके बैठी थी. उसने मुझे दूध का ग्लास दिया.
सुमन: लीजिए दूध पीजिए.
मैं: अर्रे मेरी जान, दूध पियुंगा, फिर तुझे ख़ौँगा आज रात को.
फिर मैने दूध तोड़ा सा पिया, और बाकी सब सुमन को पीला दिया. मैने सुमन को खड़ा किया, और उसको लीप किस करने लगा. सुमन शर्मा गयी, और पीछे हटने लगी, तो मैने उसकी कमर को कस्स के पकड़ा, और उसके होंठ चूसने लगा. वो भी बेसहारा हो कर मेरे कंधे पे हाथ रख कर अपने होंठ चुसवाने लगी.
उसके मुलायम लाल होंठो को चूसने में बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था. उसकी नरम गोरी कमर को मैने और टाइट्ली पकड़ लिया. लिपस्टिक की वजह से खुश्बू आ रही थी, और चूसने में और मज़ा आ रहा था.
करीब 15 मिनिट बाद मैं उसके पीछे आ गया, और उसके बड़े-बड़े बूब्स दबाने लग गया, और उसकी गर्दन और कमर को किस करने लगा. मेरा लंड मेरी पंत में खड़ा हो गया था, और शायद अब कपड़ों के उपर से ही सुमन की गांद में घुसने की कोशिश कर रहा था.
फिर मैने सुमन की सारी का पल्लू गिरा दिया, और फिर धीरे-धीरे सुमन की लाल सारी उतार दी. उसने भी गोल-गोल घूमते हुए अपनी सारी उतारने में मेरा सहयोग दिया. उसके मुलायम देसी बूब्स और उसका गोरा शरीर ब्लाउस और पेटिकोट में मस्त लग रहा था. फिर मैने उसके ब्लाउस को उतार दिया.
अब उसकी ब्लॅक ब्रा में उसके देसी गोरे बूब्स मस्त लग रहे थे. मैने उसके बूब्स के लिनिंग के अंदर उंगली घुसाई. बड़ा गरम और अछा लगा. फिर मैने उस उंगली को निकाल के छाता, तो बहुत अची खुश्बू आ रही थी उंगली में से. फिर मैने फॅट से सुमन के पेटिकोट का नाडा उतार दिया, और अब सुमन ब्लॅक ब्रा पनटी में आ गयी.
दोस्तों अब मैं क्या बतौ आपको, एक-दूं काम की देवी लग रही थी. दोस्तों उसको देखते हुए मैने फॅट से अपने कपड़े उतारे, और बॉक्सर में आ गया. मेरा बड़ा लंड बॉक्सर के उपर से देख के सुमन घबरा गयी.
फिर मैने सुमन की ब्रा उतरी, और अब उसके बड़े मुलायम देसी बूब्स बाहर आ गये, जैसे कबूतर आज़ाद हुए हो. उसके गोरे बूब्स के उपर ब्राउन निपल. मैने देखते ही बोला-
मैं: सुमन दिककार है तेरे पुराने पति पे. साला इतनी मस्त बीवी है, फिर भी तुम दोनो का एक ही बच्चा है. रुक ना, अब तेरे और मेरे इतने बच्चे होंगे, की पूरा घर खिल उठेगा.
सुमन: जी आपकी जो इक्चा है, आप जो करेंगे, उसके लिए मैं तैयार हू.
और फिर मैं सुमन को खड़ा कर देता हू, और उसको फिरसे लीप किस करता हू. साथ में मैं उसके बूब्स को दबाता हू. उसने अभी तक पनटी पहनी हुई थी, और मैने अभी तक बॉक्सर पहना था. मेरा लंड अब चुभ रहा था बॉक्सर के उपर से उसको, और वो भी अब बॉक्सर के उपर से ही मेरा लंड मुठियाने लगी.
फिर मैने अचानक से उसकी पनटी उतार दी, और फिर मैने अपना बॉक्सर भी उतार दिया. मेरे काले नाग को देख के सुमन इंप्रेस और अचंभित दोनो हो गयी. फिर सुमन को मैने कहा-
मैं: ले सुमन चूस इसको, और ठंडा कर. कब से तेरे होंठो के स्पर्श के लिए तड़प रहा है.
सुमन एक आग्यकारी पत्नी होने के नाते अपने घुटनो के बाल बैठ के मेरे लंड पर अपने कोमल हाथ रखती है. उसके हाथो के स्पर्श से मुझे बहुत मज़ा आता है. फिर वो मेरे लंड को सूंघति है, और उसके बाद मूह में लेती है. दोस्तों जो मज़ा आ रहा था, वो मैं शब्दों में नही बता सकता इतना मज़ा आ रहा था.
वो मेरा लंड अपने गले तक उतारती है, और मैं उसको बोलता हू की सुमन आचे से चूस, बाद में तुझे कम दर्द होगा. वो बस हा में सर हिला देती है, क्यूंकी उसके मूह में मेरा काला लंड था.
फिर मैं उसको बेड पे लिटा देता हू, और उसकी पनटी उतार देता हू. फिर उसकी छूट सूंघने लगता हू. उसकी छूट से सौंधी-सौंधी बड़ी अची खुश्बू आ रही थी. मैं उसकी छूट चाटने लगता हू, और उसके मूह से आवाज़ आती है आ आ की.
उसकी छूट से नमकीन टेस्ट आ रहा था, और बहुत कामुक खुश्बू आ रही थी, और फिर वो 5 मिनिट में झाड़ गयी. अब बारी थी लंड छूट के मिलन की. मैं अब उसके उपर आया, उसकी गोरी टाँगो को चौड़ा किया, और अपना बड़ा काला लंड उसकी मुलायम गोरी छूट के उपर रगड़ने लगा.
सुमन: मनीष के पापा तोड़ा धीरे से करिएगा, बहुत दीनो से सेक्स नही किया.
मैं: सुमन आदत डाल ले. अब तो तेरे साथ रोज़ करूँगा, और कम से कम 2 बच्चे निकालूँगा.
फिर मैने सुमन की टांगे अपने कंधो के उपर रखी, और ज़ोर से एक धक्का दिया. मेरा बड़ा काला लंड सुमन की गोरी मुलायम छूट को चीरते हुए उसके अंदर चला गया, और अपनी जगह बनाने की कोशिश करने लगा. सुमन के मूह से चीख निकल गयी, और काजल वाली आँखों से आँसू आ गये. वो मेरे से रुकने की भीख माँगने लगी, मगर आज मैं कहा रुकने वाला था.
मैं: सुमन आज चिंता मत कर, तेरी छूट का भोंसड़ा बना दूँगा.
सुमन: तोड़ा आराम से करिए जी, मैं भागी नही जेया रही हू कही.
अब मेरे अंदर और जोश आ गया, और मैं और ज़ोर से धक्के देने लग गया. हर धक्के पे सुमन की चीख निकल रही थी, और बेड की चादर को और कस्स के पकड़ रही थी. दोस्तों अब तो पलंग भी चू-चू की आवाज़ करने लग गया. इधर छूट चुदाई से कमरे में पच-पच की आवाज़ आने लगी. उधर मैं अपना लंड दिए जेया रहा था उसकी छूट में.
धक्के पे धक्का, धक्के पे धक्का. उसकी आ आ की आवाज़े निकल रही थी. फिर सुमन 10 मिनिट बाद झाड़ गयी, लेकिन मेरा अभी तक नही हुआ था. लेकिन सुमन की छूट के पानी की वजह से पच-पच की आवाज़े और बढ़ गयी. अब हर धक्के पे सुमन की दर्द भारी चीखें मज़े से भारी सिसकारी में बदल गयी. अब उसकी छूट ने मेरे लंड के लिए जगह बना दी थी. इसी बीच सुमन और एक बार झाड़ गयी.
फिर 10 मिनिट बाद मेरे लंड में मुझे तोड़ा सा प्रेशर महसूस हुआ, और मैने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी. 5 मिनिट बाद मेरे लंड ने अपना गाढ़ा वीर्या सुमन की छूट के अंदर 5-6 पिचकारियों में निकाल दिया. मैं सुमन के उपर लेट गया और दोनो बहुत तक गये थे. मेरा लंड अभी भी उसकी चूत के अंदर था.
अचानक मैने सोते-सोते सुमन के मटकते हुए छूतदों को जब देखा था, तब वो सीन याद आ गया, और उसकी गांद के बारे में सोच के मेरा लंड फिरसे फंफनाने लग गया. अब दोस्तों अगले पार्ट में आप पढ़ेंगे की सुमन की गांद चुदाई कैसे हुई.