रिटाइर्ड आर्मी ऑफीसर ने विधवा की चुदाई की

यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है.. जो कि मैं किसी के कहने पर लिख रहा हूँ।किस के कहने पर.. वो मैं आपको बाद में बताऊँगा।
मेरा नाम राहुल है आर्मी से रिटायर्ड हुं मेरी उम्र 55 साल है।हाइट 5.8 फुट है. मेरी बीवी रेश्मा 5 साल पहले बिमारी के चलते गुजर गई थी। मेरे बेटे की शादी 3 साल पहले हुई थी,और वो अभी दुबई में इंजीनियर है मैं अकेला मुंबई में एक बडी सोसाइटी में आखिरी माले पे रहता हूं।चार परिवार रहते है मगर उनमें से दो परिवार दुसरे देश में रहते है कभी नहीं आते है.और एक परिवार में सिर्फ एक 50 साल की महिला रहती है उसका नाम वैशाली हे, उसका पति गुजरे 7 साल हो गये थे.उसकी एक बेटी थी उसकी शादी हुई थी वो दिल्ली में रहती है.ये कहानी मेरी और वैशाली की है.वैशाली का रंग ज्यादा गोरा भी नहीं था,सुंदर रूप था उसका 36-34-36 शरीर 60 किलो था. हमेशा साडी पेहनती थी.ये कहानी दो साल पहले शुरू हो गई थी,रात के करीब दस बजे थे मेरे दरवाजे की बेल बजी ( हमारी जान पेहचान बहुत सालों से थी,उठना बैठना चलता था.)दरवाजा खोला तो सामने वैशाली थी मैं कुछ बोलता उससें पेहले ही उसने कहा मुझे कल से ज्यादा बुखार है वीकनेस ज्यादा है आप मुझे हॉस्पिटल में ले जा सकते है,में जल्दी से वैशाली को गाडी मैं लेकर हॉस्पिटल पहुंच गया डॉक्टर साहब ने कहा इनको अडमिट करना पडेगा बुखार जादा है, बीपी कम हुआ है और पेशी भी कम है, रात भर मैं वहीं पर रुका सुबह जल्दी से घर आकर नाश्ता बना कर लेकर गया ( खाना मैं खुद बनाता था ) उनको खिलाकर वापस आया दोपहर का खाना बनाकर ले गया वैशाली ने थोड़ा खाया औ मुझे कहा आप को आराम नहीं है आप जाकर आराम किजिए मैंने कहा, हम सिपाही है आप की देखभाल करना हमारा फर्ज है.वैशाली के चेहरे पर थोड़ी खुशी थी,दवा की वजह से उनको निंद आ रही थी. में बाहर बैठ गया फिर रात का खाना बना कर ले गया रात को वहीं पर रुका यैसे ही चार दिन बाद वैशाली को घर छोडऩे वाले थे तो 
           डॉक्टर ने हम दोनों को बुला कर कहा आपके पति ने आपकी सेवा करने का कोई मोका नहीं छोडा बहुत किस्मत वाली है आप जो ऐसे पति मिले हैं एक मिनीट भी नहीं छोडा आपको हम दोनों ने कुछ नहीं कहा और वहां से घर पे आ गये दो तीन दिन वैशाली को खाना बनाने नहीं दिया सुबह शाम बाते करना एक रात वैशाली ने कहा आज रात आप खाना यही खाना मैं बनाऊंगी,मैं बोला ठीक है आठ बजे खाना खाने गया खाना खाते वक्त मेरे आंख से आंसू निकले वैशाली ने पुछा क्या हुआ आपको तो,मैंने कहा पांच साल बाद औरत के हाथ का खाना खा रहा हूं,खाना खाने के बाद में सोने के लिए निकल गया मगर मुझे निंद नहीं आ रही थी जब भी आंखें बंद करता था तब मुझे वैशाली दिखती थी।रात के एक बजे बाहर आया तो देखा वैशाली की घर की लाइट चालू है मुझे डर लगने लगा मैंने दरवाजे के पास जाकर वैशाली जी कहकर आवाज लगाई तो उन्होंने दरवाजा खोला तो मैं कहां क्या हुआ तो वैशाली जी बोली निंद नहीं आ रही है, मैंने भी कहा मुझे भी निंद नहीं आ रही है एक बात कहुं आप को शायद पसंद नहीं आयेगी.
          जब भी आंखें बंद कर ता हुं आपका चेहरा नजर आता है और आंखें खोलता हुं तो आपके पास आने का मन करता है.साफ साफ कहता हूं मैं आप को चाहने लगा हुं,आप से प्यार करने लगा हुं.वैशाली कुछ बोली नहीं उसने दरवाजा बंद कर दिया.मुझे समझ में नहीं आ रहा था.सोचते हुए कब मुझे निंद लगी पता नहीं चला सुबह आठ बजे उठकर सिर्फ अंडरवियर पे कसरत कर रहा था की दरवाजे की बेल बजी मैंने दरवाजा खोला तो वैशाली आकर मुझे लिपट कर रोने लगी कुछ मिनीट बाद उसके आंसु पुछे और कहा क्या हुआ तो उसने कहा मैं भी आपको चाहती हूं आप से प्रेम करती हूं,तो मैंने भी उसको बाहों में ले लिया वैशाली के पीठ पर हाथ फिराने लगा मेरा 8 इंच लंबा और 3 इंच जाडा लंड लोहे की तरह सलामी दे रहा था .तब वैशाली थोड़ी दूर हुवी और मुझे देखा की मैं अंडरवियर हुं और लंड खडा है तो वैशाली पलट कर दीवार के पास मुंह छुपा कर खडी हो गई.
           मैंने दरवाजा बंद कर के वैशाली की गांड देखकर,मेरा लंड और झटके देने लगा आगे जाकर उसकी गांड की दरार मे लंड सेट करके वैशाली को चिपक कर खडा हुआ दोनो हाथों को आगे बढाकर वैशाली के मम्मे दबाने लगा और र्गदन,पीठ पे किस्स करने लगा,वैशाली को आपनी तरफ घुमाया और आंखों से उसके हाथ हटाये हम दोनों एक दुसरे को देख रहे थे मैंने झट से आपने पास खीच कर बाहों मे लेकर,पीठ से हाथ उसकी गांड को सेहला ने लगे.क्या मैं आपको किस्स कर सकता हूं तो वैशाली ने आपने हाथ मेरे गले में डालकर कहा आप आंखें बंद कर दे,मैंने आंखे बंद कर दी और वैशाली ने मुझे धक्का देकर भाग गई और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया,मैंने कहा क्या कर दिया आपने,तो वैशाली नहाने के बाद मिलेगा,बोल कर निकल गई.
                मैं जल्दी से बाथरूम में घुस गया दाढी बनाई बगल के बाल और नीचे के झांटे निकाल कर आच्छे से नहाकर कपडे पेहनकर उसको फोन किया और कहा दरवाजा तो खोलीये तो वैशाली ने कहा दोनों दरवाजे का लॉक खुला है, में दरवाजे पर ताला लगाकर वैशाली के घर में घुस कर दरवाजे को लॉक लगाकर वैशाखी जी वैशाली जी कहकर अंदर गया किचन में नाश्ता बना रही थी, मैं  पिछे से उसकी गांड देख रहा था मुझसे रहा नहीं गया तो पिच्छे जाकर बाहों में भर लिया तो वैशाली ने भी मुझे मुडकर बाहों में लिया,मेरा लंड खडा हुआ था वैशाली जी मुझे एक किस्स चाहिए.वैशाली ली ने कहा आप मुझे तुम कहना और सिर्फ वैशाली,मैंने भी कहा मुझे राहुल कहना आप नही तुम कहना…एक दूसरे के होठ चुमने लगे थे दो मिनीट के बाद हम नाश्ता करने लगे.तो वैशाली ने कहा अगर तुम्हें कोई एतराज नहीं है तो ये सब रात को कर सकते है, मैंने कहा जरुर कर सकते है, मगर तुम्हें मेरी दुल्हन बनना पडेगा,मांग मे सिंदूर मेरे नाम का लगाना होगा. वैशाली ने कहा जैसे तुम्हारी इच्छा और हम दोनों हंसने लगे,हमारा नाश्ता भी हुआ. वैशाली का हाथ पकड़ कर बेडरूम में ले गया और कहा हम एक दूसरे को किस्स तो कर सकते है ना वैशाली ने कहा वो छोडकर कर सकते है। किस्स करते करते कब हम बिस्तार पर लेट गए पता ही नहीं चला थोड़ी देर के बाद मैं बोला बाजार से कुछ सामान लेकर आता हुं बोल कर मैं निकला वापस पांच बजे सामान लेकर आया फ्रेश होकर वैशाली के पास गया उसको सामान दिया उसमें लाल रंग की साडी,जालीदार लाल ब्रा,लाल चड्ढी, फुलो का गजरा और बहुत सारे गुलाब के फुल थे.वैशाली बोली इसकी क्या जरुरत थी,मै बोला हम शादी करके सुहागरात मनाएंगें जल्दी खाना खाकर वैशाली बोली मैं नहा कर तैयार होती हुं,तुम भी तैयार होकर आना मैं नहा कर नया सलवार कमीज पेहनकर गया दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. बेड पर गुलाब के फूल डाल दिये, तभी वैशाली आ गई लाल साडी मे क्या लग रही थी।मैंने जेब से सिंदूर निकाल कर वैशाली की मांग भर कर उसके गले में मंगलसुत्र पहना दिया उसने मेरे पैर छुए,उसको उठाकर कहा बहुत सुंदर लग रही हो तुम,आज से हम पति पत्नी की तरह एक दूसरे का खयाल रखेंगे.
            सीधे उसको बाहोंमे ले लिया और किस्स करने लगा करीब पांच मिनीट किस्स करके बेड पर लिटा दिया उसके साथ लेट गया और फिर से किस्स कर ने लगा एक हाथ से उसके कुल्हो को दबा रहा था फिर उसके ब्लाउज के बटन खोलकर निकाल दिया फिर उसकी ब्रा खोली और उसके मम्मे पर तूट पडा निपल्स को मुह में लेकर चुसने लगा दुसरे हाथ से दबा रहा था वैशाली पागलों की तरहा आवाजें निकल रही थी मैंने उपर देखा तो बोली क्या हुआ तो मै फिरसे ओठों को किस्स करने लगा दूसरे हाथ से उसकी साडी उपर उठकर चड्डी निकल दी और साडी भी निकल दी मैंने अपने कपडे निकाल कर वैशाली के उपर गया तो बोली तुम्हारा बहुत लंबा और बहुत मोठा है थोड़ा आहिस्ता आहिस्ता करना मैंने हमी भर दी मगर वैशाली को पता नहीं बहुत सालो बाद शैतान जाग गया है वैशाली की चुत ने बहुत ज्यादा पानी छोडा था लंड को बराबर निशाने पर लगाकर उसके उपर सो गया और वैशाली को किस्स करने लगा तभी इतने जोर से मैंने प्रहार किया की वैशाली की चिख ओठों में दबी रही लंड आधा ही अंदर गया था तभी दुसरा भी प्रहार किया पुरा लंड अंदर गया था वैशाली की दुसरी चिख भी ओठों में दब गई मैं शांत था क्योंकि लंड अंदर तक गया था वैशाली के आंखों से आंसू बहाने लगे थे,तभी वैशाली बोली अब करो रुको मत में लंड अंदर बाहर करने लगा वैशाली के दोनो हाथ मेरे गांड पे थे जैसे ही में लंड अंदर डालता तभी वैशाली आपने हाथो से मेरी गांड दबाती थी,वैशाली बोली तुम्हारा वजन कितना है मैंने कहा 85 केजी है ,बोली बहुत है मगर चलेगा राहुल. मैं जोर जोर से चोद रहा था बेडरूम में धप धप की आवाज गुंज रही थी तभी वैशाली ने मुझे जोर से जकड़ लिया,बोली रुको मगर मुझे पता चला उसका पानी निकल गया है मेरा लंड वैशाली की चुत के पानी में दुपकी लगा रहा था, फिर से चुदाई शुरू हो गई अब की बार जोर से कर रहा था पच पच पच पच की आवाज थी कुछ ही मिनीटो मे मेरा भी पानी निकल गया,वैशाली बोली बंदूक से बहुत पिचकारी मारी तुम ने मैं बोला बहुत सालों से बचाकर रखा था वीर्य इस लिए ज्यादा निकल गया,वैशाली बोली पानी नीचे घाटी में गया है, मैंने कहा हम दोनों के पानी का सुगंध कितना आच्छा आ रहा है.
             राहुल मुझे छोड़ तो नहीं दोगे ना,वैशु तुम मेरी बिवी हो,तुम्हारा खयाल रखना मेरा फर्ज है.वैशु को बाहोंमे लेकर कहा कैसी लगी चुदाई,उसने मुझे किस्स करके कहा बहुत आच्छी थी,आराम से क्यू नही किया. मै तुम्हे देखकर पागल हो गया था.वो बोली अभी आती हूँ। ये कहकर वो बाथरूम में चली गई। दस मिनट बाद वो आई,मैंने कहा तुम्हारी गांड बहुत आच्छी हे,फिर वो आकर मेरी बाहों में सिमट गई उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए,दस मिनट तक मैं उसके चेहरे को चुम्बन करता रहा।अब मैं उसके मम्मों को दोनों हाथों से दबा रहा था.कुछ देर बाद मैं उसके पीछे गया और उसकी पीठ पर चुम्बन करने लगा।पीठ पर चुम्बन करने से औरत जल्दी उत्तेजित होती है, मेरे चुम्बन करते ही वो छटपटाने लगी। वैशु की बगल की खुशबू मुझे पागल कर रही थी,धीरे-धीरे उसकी बगलों को चाटने लगा.वो पागल हो रही थी,उसके निप्पल खड़े हो गए थे,वैशु के एक मम्मे को चूस रहा था और दूसरे के निप्पल को अपनी चुमटी में लेकर मसल रहा था। वो चीख रही थी राहुल मे मर जाउंगी.
             लगभग 10मिनट तक ये सब चलता रहा, उसके बाद मैं वैशु की कमर,नाभि और पेट को चूमता हुआ नीचे गया. फिर वैशु की जाँघों को चूमता हुआ उसकी चूत तक जा पहुँचा,मेरी जीभ ने वैशु की चूत को और दाने को चाटना शुरू किया वैशु मेरा सर चूत पर दबा रही थी, वो फिर झड़ गई और मैंने उसकी चूत का पूरा पानी पी लिया। मैंने उसे फिर से उत्तेजित करने के लिए उसकी चूत को चाटना शुरू किया और वो 2 मिनट में फिर से सिसकारने लगी,मैंने वैशु की चूत पर लंड रखकर धक्का मारा वो जोर से चिल्लाई राहुल….
फिर मैंने लंड को अन्दर डाला। वैशु चिल्ला रही थी, फिर मैंने लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू किया। वैशु बहुत मज़े से चुदवा रही थी, और फिर 10 मिनट बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गये,हम ने उस रात 2 बार चुदाई की,हम दोनो नंगे ही चिपक कर सो गये।
         दूसरे दिन, हम दोनो साथ में उठे, मैं रोज़ की तरह सुबह 8 बजे उठ कर कसरत कर रहा था, तभी वैशु को
बाथरूम से निकलते हुए देखा, वैशु नहा कर आई थी, उसने अपने गोरे, चिकने, गदरिया, भीगे जिस्म को एक लंबे तौलिए से छुपा कर रखा था, तौलिए को टाइट बढ़े रखने की वजह से वैशु की गांड का उतार – चढ़ाव, वो  रस से भरे हुए स्तन, और वो गोरी नंगी चर्बिदार, चिकनी टांगे मेरी कामवासना को भड़का रही थी|
             फिर भी मेरे अंदर के शैतान को मैंने संभाला था और मैने वैशु को देखते हुए मुस्कुरा कर कहा, गुड मॉर्निंग वैशु, बड़ी प्यारी लग रही हो,वैशु अपने उन गीले बलों को एक तरफ किए हुए कुछ बालों को कान के पीछे करते हुए, मुझे देख कर मुस्कुराइ और मेरे पास आकर,और बोली- गुड मॉर्निंग राहुल…और जाने लगी तो उसका तौलिया खिचकर निकाल दिया और वैशु नंगी अब मेरी गोद में थी मैंने कहा तुम्हे ऐसे देखकर मैं अपने आप को रोक नही सकता। मैंने जब उसकी गांड पर मारा तो वैशु ने कुछ कहा नही। मैंने उसे कहा तुम्हारी गांड देखकर पागल हो रहा हुं। वह कहने लगी तुम सच्च में पागल ही हो.उसके स्तन गोरे थे, मैंने उन्हें अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगा। मैंने जब उसकी गांड अपने हाथ से दबाई तो मैं ज्यादा देर तक नहीं रह पाया। मैंने उसकी गांड को दबाना शुरू किया, जैसे ही मैंने उसकी  चिकनी चुत के अंदर अपने मोटे लंड को डाला तो वह कहने लगी राहुल आराम से। मैंने उसे कहा तुम्हें तो मेरी हालत का पता ही है, मैं उसके ऊपर लेटा हुआ था, ना जाने वह मुझे कैसे झेल रही थी लेकिन मैं उसे बड़ी तेज गति से चोद रहा था। सुबह सुबह मेरा वीर्य गिरने का नाम ही नहीं ले रहा था और मैं भी उसके मुलायम मम्मो का रसपान करता रहा, वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने वैशाली से कहा तुम्हारे साथ जब भी चुदाई करता हुं मुझे मजा ही आता है, आज इतनी सुबह सुबह सेक्स का आनंद लेना तो किसी भी कल्पना से कम नहीं है। वह कहने लगी मैंने भी कभी नहीं सोचा था कि सुबह सुबह चुदाई करूंगी लेकिन ना जाने आज तुम्हारी बातों ने मुझ पर ऐसा क्या जादू किया कि मुझे तुम्हारे साथ चुदाई करनी ही पड़ी लेकिन मुझे कोई दुख नहीं है मैं भी बहुत खुश हूं। वैशु ने भी अपने दोनों पैर चौड़े कर लिए, मैंने वैशु को इतनी तेजी से झटके दिए की उसकी चुत से जो पदार्थ बाहर आता था उससे मेरा लंड इतना ज्यादा चिकना हो जाता कि हम दोनों के शरीर से एक अलग ही प्रकार की गर्मी निकलने लगी। उसकी चूत का पानी पूरा तेज स्पीड में बाहर आ रहा था और मेरा भी वीर्य मेरे लंड तक पहुंच चुका था। मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर गिरा हम दोनों हाफने लगे ऐसे ही पडे रहे,कुछ मिनीट के बाद हम उठकर बाथरूम में गये और नहाकर बाहर निकल आये नाश्ता करके वैशु ने कहा हम सिध्दीविनायक के दर्शन करने जाए मैं भी राजी हो गया.
          वैशु और मैं तैयार होकर आ गये, वैशु मांग मे सिंदूर लगाकर तैयार थी मैं ने उसको गले लगाया तो मेरे आंखों से आंसू निकल कर वैशु के कंधों पर गिर पड़े तो वैशु ने कहा राहुल क्या हुआ,मैं बहुत नसीब वाला हुं जो तुम्हारी जैसी बीवि मिल गई ,वैशु बोली मुझे भी तुम्हारे जैसा पति मिला,हमें कोई जुदा नहीं कर सकता,मैंने कहा वैशु एक किस्स दे ना,वैशु बोली आपने बीवि को कोई पुछता है भला,तभी मैंने उसके ओठों पे किस्स किया और हम निकल पड़े.दर्शन किए चौपाटी घुमे और भी बहुत सारी जगहों पर हम घुमते घुमते आंधेरा हो गया हमने बाहर ही खाना खाकर करीब नौ बजे घर आये,फ्रेश होकर बेड पर आ गये वैशु को बाहोंमे लेकर किस्स करना चालू किया पांच मिनट के बाद मैंने कहा वैशु कभी गांड मारी है, तो उसने ना मैं सर हिलाया,मैंने कहा तो आज उद्घाटन किया आए,उसनें भी हां कहा तो फिर से हम किस्स करने लगे साथ ही कपडे उतार दिए  हम अब नंगे थे.वैशु तुम्हारी गांड चाटनी हे,वैशु तैयार थी तब मैंने वैशु को आधी बेड के नीचे और आधी बेड पर लिटा दिया मैं अब उसकी गांड के पिछे जाकर बैठ गया और कहा तुम्हारे कुल्हो को हाथो से खिचो तो मुझे चाटने मे आसानी होगी, उसने खिचकर मुझे रास्ता बनाया जब उसकी गांड चाटने लगा तो मुझे बहुत नशा चढने लगा मैं और जोर जोर से गांड चाटने लगा, चाटने के बाद वैशु
मेरे लंड पर टूट पड़ी और उसे अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से पागलो की तरह चूसने लगी और मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और उसका मज़ा लेने लगा। फिर वो बेतहाशा मेरे लंड को चूसती जा रही थी और करीब 10 मिनट के बाद वो उठी तो उसका पूरा जिस्म कांप रहा था
मेरी तरफ अपनी गांड करके खड़ी हो गयी और तभी मैं उठकर तेल की बोतल लेकर उसकी गांड को तेल लगाया और मेरे लंड को भी लगाया,उसको बेड पर लिटाया तभी
बोली कि धीरे डालो धीरे डालो अपना लंड। फिर मैंने वैशु की गांड की तरफ देखा और मेरे दिमाग़ ने सोचना समझना बंद कर दिया था और मैंने अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखा और एक धक्का लगा दिया.. आहह उसकी गांड बहुत टाईट थी.. मैंने एक और ज़ोरदार झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुस गया और उसके मुहं से सिसकियों की आवाज़ निकलने लगी और उसने खिड़की की जाली को पकड़ लिया।
मुझे भी बहुत तक़लीफ़ हो रही थी और में थोड़ी थोड़ी देर में जोर जोर से धक्के लगा रहा था और मैंने इस बार उसकी गांड में पूरा लंड घुसा ही दिया और में उसे करीब 15 मिनट तक चोदता रहा और वो इस तरह मेरे पूरे क़ाबू में आ चुकी थी और में उसे चोद रहा था और अब मुझे भी उसकी गांड मारने में बहुत मज़ा आने लगा और मैंने अपनी स्पीड बहुत बड़ा ली और उसे चोदने लगा और कुछ देर में ही अब मेरा पानी निकलने लगा तो मैंने उसे ज़ोर से पकड़ लिया और मैं उसी पोजिशन में उसके उपर सो गया और बिना कुछ बात किए मैंने अपना सारा पानी उसकी गांड में ही निकाल दिया लंड बाहर निकाल कर हम चिपकर सो गये.हम ने शादी की बात आपने बच्चों को बताई तो बच्चे भी खुश हो गए आज भी हम दोनों चुदाई करके नंगे ही सोते हैं. कैसे लगी हमारी कहानी तो  आप मुझे मेल करके बताना. धन्यवाद…  [email protected] pe mail kare.

यह कहानी भी पड़े  मेरी पड़ोसन अमिता भाभी – पार्ट 2


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