अपनी फ्रेंड को प्रेग्नेंट कर दिया

हेलो दोस्तो मई विकी एक और कहानी ले कर आप लोगो के सामने पेश करने जा रहा हू. इससे पहले भी आप लोगो मैने बोहट सी कहन्या दी थी पर आज जो कहानी मई सूनवँगा वो बिल्कुल अलग है. तो ज़्यादा देर ना करते हुए मई सीधे आप को कहानी पे ले चलता हू.

ये कहानी उस वक़्त की है जब हम मई ह.स पास कर के कॉलेज मे अददमीससिओं ले रहा था. उसी बीच मेरे और भी दोस्त थे जो मेरे साथ ही पास हो कर मेरी कॉलेज मे अददमीससिओं ले रहे थे. उसी मे से एक जा नाम ज़ाबी है, जो क्लास 9 से ही मेरे साथ पहले टुटीओन मे पढ़ी और फिर उसके बाद ह.स एक साथ एक ही स्कूल मे किए और कलाज भी साथ करने वेल थे.

ज़ाबी की आगे 18 की हो चुकी थी उस वक्त पर उसे कोई भी देख कर ये नही बता पाएगा के वो 18 साल की है. उसे सब 15+ आगे का ही समझता है इसकी वजा ये के वो एक स्लिम गर्ल थी और वो खुद को उसी तरह रखती भी थी. वो हरकत भी बाकछे वालो ही करती थी पर थी बोहट समझदार पड़ाहाई से ले कर हर चीज़ मे.

देखने मे ज़ाबी बोहट खूबसूरत है और गोरी के साथ साथ एक दम सॉफ्ट सो स्किन रखने वाली लड़की है. उपर से वो बाकछे की त्रहा ड्रेस-उप भी करती थी. हम लोग ज़्यादातर उसे बाबू सोना बोल कर मस्ती भी करते थे.

कॉलेज स्टार्ट होने 10 दिन बाद हम लोग कोलकाता के एस्प्लानेड गये सारे दोस्तो के साथ साथ ज़ाबी भी थी. तो हम लोग रास्ते मे एक आड देखे के एक इन्स्टिट्यूट की आड चल रही है जिसमे एलेक्ट्रॉनिक्स, होटेल मॅनेज्मेंट, कॉल सेंटर और कंप्यूटर हार्डवेर जैसे वर्क को सिखाया जा रहा था. हम सब ही दोस्तो को ये आड अक्चा लगा और हम 7 लोग थे और सब ने ही फॉर्म ले लिया.

दूसरे दिन जब कल्ग आए तो हम लोगो ने कोर्स चूज़ कर फॉर्म फिल उप किया और दूसरे दिन इन्स्टिट्यूट जा कर सब फॉर्म सब्मिट कर दिए. 10 दिन के बाद हम सब सेलेक्ट हो गये और फिर हम लोगो को अददमीससिओं भी हो गया और ह्मे 3 भजे से 6 भजे ट्के का टाइम का क्लास मिल गया.

हम सब ने कंप्यूटर हार्डवेर का कोर्स सेलेक्ट किया था, हम लोगो ने उसी हिसाब से टीमेंग भी सेट कर लिए थे. कलाज से निकल कर सीधा इन्स्टिट्यूट चले जाते थे.

बोहट ही मज़ा आता था साथ जाने और साथ आने मे. मई खुश हो जाता था, इन मे हम 3 बाय्स थे और 4 गर्ल्स थी. लड़कियो के घर वालो को हम दोस्तो के बारे मे सब पता था इस लिए वो लोग परेसन नही होते थे. क्यूकी हम लोगो छोटे से सब के मा बाप जानते थे.

पर ज़ाबी से दोस्ती 4 साल की थी. वो भी ख़ास मुझ से बाकी दोस्तो से वो एक या दो सालो से जानती थी. उस लिए वो मुझ से ही कंफर्टबल रहती थी और उसके घर वेल भी मुझ पर भरोसा करते थे. इस लिए कभी गाड़ी मे लाते होता या कुछ प्रेसानी होती तो मुझे कॉल कर के हाल चल ले लेते थे ज़ाबी के घर वेल.

इसी त्रहा हम लोगो का कोर्स 2 महीने का हो गया था. हम लोग कंप्यूटर को कंप्यूटर की हार्डवेरे की पूरी जानकारी हो गयी थी और फिर एक दिन क्लास मे इन्स्टिट्यूट के सब से बड़े सिर आए.

उन्होने एक मेला के बारे मे बताया जो हमारे इन्स्टिट्यूट मे ही लगने वाला था. हर कोर्स वालो को एक प्रॉजेक्ट दिया गया था उस की ट्रैनिंग के हिसाब से हम लोगो को भी दिया गया. की हार्डवेरे के हिसाब से तुम लोगो को भी प्रॉजेक्ट रेडी करना है. तो दो लोगो के ग्रूप मे हो कर सब एक प्रॉजेक्ट रेडी करना है और जिस कोर्स वालो का प्रॉजेक्ट अक्चा होगा वो जीतेगा जिसमे इनाम भी है.

‘फिर क्या था, हमारे जो टीचर थे सब से प्रॉजेक्ट के बारे मे बोलने लगे के कौन क्या बना पाएगा. सब अपने अपने हिसाब से अपनी अपनी चीज़ ले लिए. हम लोग भी ले लिए, मैने प्रोजेक्तेर बनाने का फ़ैसला किया और ज़ाबी को अपने ग्रूप मे रख लिया. और भी बाकी दोस्त थे जिन्होने रूम हीटर, पवर बॅंक और एर कूलर बनाने का चुना.

पर मेरे दोस्त सब मुझ पर ही निर्भर थे. मतलब जिसने जो चुना था सब मुझे रेडी करना था. क्यूकी सब जानते थे की मई ही ये सब कर सकूँगा. और मई अपने सारे क्लासमेट्स का नाम होता देखना चटा था. इसलिए मई ने और भी कुछ प्रॉजेक्ट बढ़ने का सोच लिया जैसे कोलोरफुल तुबेलीघत, ओवेन ताकि हम लोगो का ही क्लास टॉप करे.

हमे 20 दोनो का टाइम दिया गया था जिसके लिए मैने दूसरे दिन से हाथ लगा दिया घर पर और मेरे दोस्तो को पता भी नही चला. 5 दिन बीतने के बाद सब आपस मे बैठ कर बात कर रहे थे. मई कब से हाथ लगाना है और कहा बनेगा इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी है कैसे कंप्लीट होगा.

उसी बीच मैने कहा की तुम लोग मेरे घर मे काम कर सकते हो. क्यू की मेरा फ्लॅट खाली रहता है, पापा दूसरे फ्लॅट मे रहते है और मों अब नही है. सब ही ये जानते थे और वो लोग राज़ी हो गये.

दूसरे दिन से हम लोग रोज अपना काम करने लगे. कॉलेज इन्स्टिट्यूट और घर पर काम ये तीनो के कर चल रहे थे. और करते करते हम सब चीज़ रेडी हो चुका था.

ब्स प्रोजेक्टर रेडी करना था जो सिर्फ़ अब ह्मे और जबी को करना था. क्यूकी सब का समान बनने के बाद सब भाग गये थे, फासे तो हम और जबी गये. और 18 दिन हो गया और 20वा दिन मेला लगना था. यानी हाथ मे एक दिन तो सॅटर्डे का दिन था और मंडे को प्रेज़ेंटेशन था.

ज़ाबी रोज की तरहा आ गयी थी मेरे घर, उस दिन सब इन्स्टिट्यूट चले गये थे. क्यू के वहाँ का भी हाल लेना था तो हम और ज़ाबी नही गये और अपने काम को आयेज बढ़ने लगे उसी त्रहा काम. कंप्लीट होते होते रात के 9:40 हो गये और ज़ोर दार बारिश होने लगा.

बाकी दोस्तो से कॉल पर बात हुई की हम लोग भी रेडी कर लिए है तो सब इन्स्टिट्यूट मे रिपोर्ट कर दिए थे. विकी का प्रॉजेक्ट हम लोग मंडे के दिन सब साथ मे 9 भजे इन्स्टिट्यूट ले आएँगे 12 भजे से प्रेज़ेंटेशन था.

अब हम और ज़ाबी सॅटर्डे के दिन प्रॉजेक्ट ख़तम कर के घर पर बारिश ब्न्ड होने की वेट मे थे. पर बारिश बंद होने का नाम ही नही ले रहा था. जब की ज़ाबी का घर मेरे घर से 45 मिंट की दूरी पर है.

जब बारिश बंद होने का नाम नही ले रही थी. टीबी मई ने ज़ाबी को कहा के आज यही रह जाओ. वो बोली की अम्मी को तुम बोल दो अगर वो मान गयी तो रुक जवँगी नही तो मुझे भीगते हुए घर जाना होगा.

मई ने ज़ाबी की अम्मी को कॉल किया और हाल बताया के इस हाल मे ज़ाबी को घर जाना ठीक नही है. और एक झुत भी बोल दिया की मेरी खाला की लड़की लोग भी माना कर रही है जाने से. झुत इसलिए बोला की उसकी अम्मी को ये ना लगे के हम लोग अकेले है.

ये सब सुनकर वो इज़ाज़त दे दी और फिर ज़ाबी ने कहा की झुत क्यू बोले तुम? तो मई ने कहा की सच बोलता तो वो तुम्हे एक लड़के के साथ अकेले रूम मे रहने देती किया? वो मुस्कुराने लगी और फिर हम दोनो ने सारे प्रॉजेक्ट को अकचे से सेफ कर के साइड कर दिया. ताकि मंडे को इन्स्टिट्यूट ले जाने मे कोई प्रेसानी या भूल ना हो.

उसके बाद हम लोग खाना खाए और सोने की टायारी करने लगे. पर नींद नही आ र्ही थी ना मुझे ना ही ज़ाबी को. तो हम लोग बेड मे बैठ कर टीवी देख रहे थे.

उसी बीच मई ज़ाबी से सोने के बारे मे बोला की तुम कहाँ सोना छाती हो? इस रूम मे बेड पर या वो दूसरे रूम मे? वो रूम मे सोई तो नीचे सोना होगा और इस रूम मे सौगी तो बेड पर.

वो बोली तुम कहाँ सोना पसंद करोगे? मई ने मस्ती मे बोला की तुम्हारे साथ. वो बोली पागल हो तुम! कुछ कर दिए और फिर मस्ती करने लगे और टीवी देखते देखते मई बेड पर क्ब सो गया मुझे पता नही चला. जब आँख खुली तो रात के एक बाज रहे थे.

टीबी मई ने देखा ज़ाबी गहरी नींद मे सो रही है और टीवी चल रही थी. रूम की लाइट भी जल रही थी. मई ने सोचा की मई वो रूम मे जेया कर सो जौन. तभी मेरी नज़र ज़ाबी के जिस्म पर पड़ी, वो एक टॉप और 3 क्वॉर्टर पंत पहने हुई थी. उसकी टॉप उसके पेट के उपर तक उठी हुई थी जिससे उसका गोरा और स्लिम पेट दिख रहा था.

जिसे देखते ही मेरे मॅन मे सेक्स जागने लगा और मई ज़ाबी के बगल मे लेट गया. और आहिस्ते आहिस्ते उसके पेट को हाथ से सहलने लगा. मॅन ही मॅन दर रहा था की कहीं वो उठ ना जाए.

पर मेरी भूक बढ़ने लगी, मई उसके सिने ट्के टॉप को उठा कर उसके बूब्स पर हाथ फेर्न लगा. वो सोई थी और मई उसे अपने मूह मे लेना चटा था. जब मुझसे नही रहा गया तब मई उसके दूध को अपने मूह मे ले कर धीरे धीरे चूसने लगा.

मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था. मई उसकी छूट पंत के अंदर हाथ डालने लगा और उसकी छूट की सहलेने लगा. और उसके फेस की तरफ देख रहा था की वो उठे ना.

तभी मैने कुछ गरम गरम अपने हटो मे फील किया और चिकना जैसा मेरा हाथ लग रहा था. जैसे कोई भिंडी का रस हो. मई साँझ गया को ज़ाबी सोने का नाटक कर रही है और मेरे हरकत से वो उसकी छूट पानी छोड़ रही है. मई भी अब बिना डरे उसकी पंत को नीचे सरकने लगा. तोड़ा सा ही खुला होगा की वो आँख खोल दी और मुझे सरारत भारी नज़रो से देखने लगी.

मई ने बिना डरे उसके होन्ट को किस किया और बोला की मुझे करना है. वो बोली इतनी देर से मई ने एक बार भी रोका तुमको?

ये सुनते ही मई ज़ाबी के होत को चूसने लगा. मई बोहट खुश हो गया था अब ज़ाबी भी खुल कर मेरा साथ दे रही थी. वो एकदम वाइल्ड रोमॅन्स कर रही थी जैसे मुझे काट लेगी. मई भी भूके शेर की तरहा उसके दूध पर टूट पड़ा और एक एक कर के दोनो दूध को चूसने लगा.

फिर मई उसकी पंत को खोल कर उससे अलग किया और उपर का टॉप भी खोल दिया, वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. मई उसके पेट पर किस करने लगा, स्लिम पेट मे किस करने का मज़ा ही कुछ और था.

ऐसे करते करते मई ने उस की छूट को लिप्स की तरहा किस करने लगा. वो एकदम बेचैन हो गयी और बुरी तरहा से आवाज़ निकलने लगी आआअहह उूुउउफफफफफ्फ़ आस्स्स्स्सस्स… की आवाज़ करने लगी और मेरे सर को पकड़ कर अपनी छूट मे चनपने लगी. मई उस की छूट के अंदर ज़बान डाल कर उस का पानी पी रहा था.

उसके बाद मई उठा और उसे अपने लंड चूसने को कहा. वो पहले माना की पर वो मेरी भूक को देख कर उसे अपने मूह के अंदर ले कर चूसने लगी.

थोड़ी देर चूसने के बाद मैने उसे लेता दिया और उसके मूह से अपना लंड निकल कर उसकी छूट के छेड़ पर सेट किया और अंदर पेलने लगा. मेरा लंड का नोख ही अंदर गया था की मुझे लगा के ज़बे वर्जिन नही है. तो मई ने उसे पूछा तुम्हारा फर्स्ट टाइम नही है ना?

तो वो बोली कैसे पता तुम्हे?

मई बोला छोड़ने के बाद बतावँगा.

उसके बाद मई झटके मे ज़ाबी की छूट मे लंड डाल दिया. जिससे उस की आवाज़ निकल गयी, उसे डरड हो रहा था पर वो वर्जिनिटी टूटने का डरड नही था. वो मेरे 7½ इंच के लंड का ज़ोर था.

कुछ देर के बाद वो खुद से केमर उठा उठा कर छुड़वा रही थी और मई भी झटके पर झटके दे रहा. 45 मिंट के सेक्स के बाद अब मई झड़ने वाला था और वो कई बार झाड़ चुकी थी.

टीबी मैने उससे पूछा को मई गिरने वाला हू कहा निकालु? पर वो मेरे शॉट का मज़ा ले रही थी और मई भी अब कंट्रोल खो चुका था. और एक आवाज़ के साथ मई उसकी छूट के अंदर ही सारा पानी छोड़ दिया. वो आँख बंद कर के वैसी ही पड़ी रही और मई उसमे सिमट कर सो गया.

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