मा: आप कहा काम करते है?
लड़का मा को घूरे जेया रहा था. मेरा लंड खड़ा हो रहा था. मैने उसके लंड की तरफ देखा. उसका लंड शॉर्ट्स फाड़ रहा था. वो मेरे लंड का दो गुना था. मा ये देख सेक्सी स्माइल देने लगी. लड़के ने कहा-
लड़का: हात्ोड़ा लगेगा.
मा: कारण भैया को हात्ोड़ा देना, किचन में होगा.
मैं गया और थोड़ी देर में आया. दोनो करीब थे, और हाँफ रहे थे. मा के गोरे बदन की नेक से गंदा मिट्टी जैसा पानी उनके चुचो में जेया रहा था. मैं समझ गया कुछ तो हुआ था.
मा (आवाज़ काँपते हुए): कारण भैया को पानी लाके दो.
मैं गया और इस बार च्छूप गया. मेरे जाते ही उस लड़के ने मा को दबोच लिया, और दोनो हाथो को अपने एक हाथ से पकड़ मा की कमर में एक हाथ डाल मा को दीवार से लगा दिया. मा की आँखें उपर हो गयी थी, और वो हाँफ रही थी, जिससे उसके चुचे कूद रहे थे. उसने मा के चुचो पर अपना चेहरा फेरना शुरू कर दिया.
मा (हानफते हुए): अभी नही, मेरा बेटा आ जाएगा. मैं रात में बुला लूँगी.
ये सुनते ही उसने और ज़ोर से मा को दीवार में मारा, और उसके चुचो को अपने दाँत से काट लिया.
मा: उफ़फ्फ़… उम्म नही.
और छ्चोढ़ दिया. मा सारी सही करने लगी. मैं पानी लेकर आया. उसने पानी मा की तरफ देखते हुए पिया. मा की साँसे तेज़ थी. उनके चुचे उपर नीचे हो रहे थे. वो उससे आँख नही मिला रही थी. तभी उसने ज़ोर से ताले पर हात्ोड़ा मारा और टाला टूट गया.
मा (धीमी आवाज़ में): बहुत स्ट्रॉंग हो (स्माइल), क्या करते हो?
लड़का: पढ़ता हू, कॉलेज में.
मा: क्या, तुम्हारी उमर कितनी है.
लड़का: 19.
मा: लगते नही, मेरा बेटा भी उतने का ही है. तुम 26 के लगते हो. नंबर डेडॉ, कभी ज़रूरत पड़े तो (सेक्सी स्माइल).
लड़का ने मा के फोन में नंबर डाइयल किया और मिस्ड कॉल अपने फोन पर लगा ली.
फिर चला गया. रात में मा ने स्लीव्ले निघट्य पहनी थी, और मुझे सुला कर खुद बार-बार फोन देख रही थी. तभी एक कॉल आया. मा ने कोने में जेया कर कुछ बात करी, और फिर मेरी तरफ देख रूम से बाहर चली गयी. मैं भी उठा, लाइट नही थी. मा च्चत की सीडी पर जाने लगी.
मैने पीछा किया और सीडी के कोने पर च्चिप गया. च्चत पर अंडरा था, और चारो तरफ पेड़ होने से दर्र लग रहा था. मा टहलने लगी. तभी पीछे से किसी ने उसका हाथ खींचा. मा चौक गयी, और उसका शरीर काँप उठा. तभी मा मूडी, तो पीछे वही लड़का था. मैं समझ गया था की आज इमॅजिनेशन सच होने वाली थी.
मा: तुमने तो मुझे दर्रा ही दिया.
लड़का: आजा मेरी जान.
फिर उसने मा की कमर को कस्स के पकड़ के उसको गले लगा लिया, और मा के बड़े छूतदों को मसालने लगा. मा भी उसके बालों पर हाथ फेरने लगी. तभी उसने मा को च्चत के रूम की दीवार पर लगा दिया, और उसके चुचो को उपर से ही मसालने लगा.
लड़का: क्या माल है साली. ऐसा गड्राया बदन सिर्फ़ टीवी में देखा है मैने.
ये कह कर उसने मा की निघट्य उतार फेंकी. मा का बदन चाँद की रोशनी में शीशे जैसा गोरा चमक रहा था. उसका बदन बिल्कुल ढीला नही था. वो पूरी हेरोयिन लग रही थी.
लड़का: आ क्या मस्त मेनटेन है माल.
मा: तुम भी कम नही हो.
लड़का: अछा साली.
ये कह कर उसने मा को गले लगाया, और छूतदों को मसालने लगा. मा लाल पनटी में थी. उसने पनटी के अंदर हाथ डाला.
लड़का: अफ पूरा सॉफ है चूड़ने को. कितनी गीली पद गयी है. चल अब तुझे लॉडा दे ही डू.
ये कह कर उसने अपना शॉर्ट्स हटाया. उसका लंड काफ़ी मोटा काला था, जिस पर वाइट धब्बे थे अजीब से. वो 7-8 इंच का लग रहा था. मा तुरंत वाहा से जाने लगी. उसने मा का हाथ पकड़ लिया.
लड़का: कहा जेया रही है?
मा: मुझे ये सब नही करना, मैं एक की मा हू.
लड़का: साली ये तुझे चुचे मसलवाने के समय और नंगा जिस्म दिखाने समय याद नही आया?
मा: मैं इतना बड़ा नही ले सकती, बहुत बड़ा है.
लड़का (हेस्ट हुए): हहा, तो ये बात है मेरी जान. आज तेरे इस छ्होटे च्छेद को अब्दुल का लंड फैला देगा.
मा: तुम मुस्लिम हो.
अब्दुल: हा मेरी रॅंड.
ये कह कर वो मा के चुचे वाइट ब्लाउस के उपर से ही मसालने लगा. मा उसे रोक रही थी, पर उसकी ताक़त के सामने वो फिर ढीली पड़ने लगी. उसने मा के सिर पर हाथ रखा और नीचे झुकने लगा. मा का मूह जैसे ही लंड तक पहुँचा, वो मूह बनाने लगी, और खाँसने लगी जैसे उसे कचरे में रख दिया हो.
मा: मैने ये कभी नही किया. प्लीज़ मुझसे नही होगा.
तब तक उसने ज़ोर से मा के मूह में लंड दे मारा. मा की आँखें खुली रह गयी. उसने मा के गले तक लंड पहुँचा दिया था, जिससे मा अपने हाथो से उसकी जांघों को धक्का दे कर विरोध कर रही थी.
उसने लंड निकाला और मा खाँसने लगी. उनके मूह से लार गिरने लगा. उसने फिर मा के बालों को पकड़ उसके मूह में लंड फ़ससा दिया. मा के गले के पास कुछ दिख रहा था. उसने मा के मूह से लंड निकाला, और मा की साँस रुक गयी. उसकी शीशे जैसी गोरी शकल लाल पद गयी थी, और वो हाँफ रही थी.
तभी उसने बाल पकड़ उसे खड़ा किया, और पनटी नीचे खिसका दी. फिर मा के पीछे से चुचे ब्लाउस से निकाल कर मसालने लगा. ऐसी हालत में मा को देख मेरा लंड फटते जेया रहा था. मैने जैसे ही लंड निकाला, मेरा पूरा माल निकल गया. उसने पीछे से मा की छूट पर थूक लगाई, और अपना लंड सत्ता दिया.
मा थोड़ी झुकी थी, और वो उसके हाथो को पकड़ खड़ा था. धीरे से उसका लंड मा के अंदर आया. मा सिसकियाँ भर रही थी. तभी उसने ज़ोर से लंड दे मारा. मा को आयेज की तरफ झटका लगा, और उसका मूह खुला रह गया. उसके मज़बूत हाथो से मा आयेज छूट कर नही जेया पाई. थोड़ी देर की शांति पर मा चीखी, और दर्द में रोने लगी. उसकी आँखों में आँसू थे. तभी उसने दूसरा झटका दिया, एर मा चिल्ला पड़ी.
मा: उ मा, मैं तो मॅर गयी आज, धीरे.
तभी उसने टीन-चार ज़ोरदार झटके दिए. मा की छूट उसके लंड के साइड वाले गॅप से पानी टपकाने लगी. जैसे ही उसने लंड निकाला, मा की छूट से झरने की तरह पानी निकालने लगा.
अब्दुल: अभी से ही साली पानी छ्चोढ़ दी.
मा हाँफने लगी. उसने जैसे ही हाथ छ्चोढा मा गिरने लगी. उस दर्द भारी चुदाई से वो टूट गयी थी. उसने उससे गिरने से पकड़ा, और बाल पकड़ कर दो ठप्पर जड़ दिए, जिस पर मा होश में आ गयी.
अब्दुल: जब से नही सकती तो चूड़ने को बेचैन क्यूँ है रॅंड?
मा (स्माइल): आपके जैसा किसी ने नही किया. मोहल्ले में मेरे बेटे की उमर के लड़के ने भी किया है, लेकिन ऐसा नही.
अब्दुल: अछा तो बड़ी रॅंड है तू. लेकिन देसी लंड नही लिया अभी तक. मज़ा आया?
मा (हेस्ट हुए): ह्म.
अब्दुल ने अपनी त-शर्ट उतार नीचे ज़मीन में डाल दी, और मा को उस पर लिटा दिया. अब वो मा की छूट से खेलने लगा, और चाटने लगा. मा का हाथ उसके बालों को खींच रहा था. तभी उसने मा को डॉगी स्टाइल में बना दिया.
मा अपने चेहरे को नीचे कर हाथ लगा कर लेट गयी, और चूतड़ उसकी तरफ उठा दिया. उसने थूक लगाई, और लंड अंदर डाल दिया. मा ने शकल बनाई पर अब वो तैयार हो गयी थी. उसने मा के बालों को खींचा और झटके देना शुरू कर दिया, जिस पर मा अपने मूह पर हाथ रख सिसकियाँ रोकने की कोशिश कर रही थी. फिर भी ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ आ रही थी.
मा: म्म्म्मम… उहह… मा.
तभी उसने अपने हाथ को कमर पर डाल उसे झुका दिया, और ज़ोर से झटका मारने लगा. मा लॉक में फ़ासस गयी थी, जिस पर वो ज़ोर-ज़ोर से छूट में मोटा लंड मारे जेया रहा था. तभी उसने लंड निकाला, और मा की छूट फिर पानी देने लगी.
मा (हानफते हुए): इतनी टाइमिंग में तो 3 आदमी कर लेते है.
अब्दुल: तूने अभी असली लंड लिया नही है.
ये कह कर वो मा को हाथो में भर कर वही ज़मीन पर लेट गया, और दोनो अपने जिस्म को एक-दूसरे से मिल कर एक-दूसरे को दबोचने लगे. उसने मा के ब्लाउस को निकाल फेंका और मा के बालों को पकड़ कर खड़ा किया, और पनटी को और नीचे घुटने तक कर उसकी टाँगो के बीच में चाटने लगा जिस पर मा सिसकियाँ भर रही थी.
मा: उम्म्म… उहह… हह…
तभी उसने लंड तैयार किया और एक टाँग से पनटी निकाल उसके पीछे जेया उसके टांगे उठा दी, और चुचे मसालते हुए लंड डाल दिया. इस पर वो एक ज़ोर की सिसकी लेकर शांत हुई ही थी, की ज़ोर के झटके शुरू कर दिए. अब उसका लंड मा के पेट तक झटके मारता दिख रहा था.
मा उसके गले को एक हाथ से पकड़ उसके झटकों पर चीख रही थी. तभी शांति सी आ गयी. उसने अपना लंड निकाला, उसमे से उसका माल तपाक रहा था, और मा के छूट से भी उसका माल टाँगो पर गिर रहा था. तभी मा की छूट से झरने की तरह पानी की बौछार निकली.
मा का शरीर काँप रहा था. तभी एक फ्लॅशलाइट जाली. मा तुरंत अपनी पनटी उपर कर अपने चुचो को हाथो से धक कर शॉक और दर्र से काँपते हुए खड़ी हो गयी. वाहा से एक लड़का आ रहा था.
अब्दुल: दर्र मत, ये मेरा दोस्त है रेहान.
मा (बिना कुछ बोले): एम्म्म
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