अंजान आंटी को पटाया और चोदा

ही दोस्तो, मेरा नाम जे है और मई देल्ही का रहने वाला हू. मेरी उमर 25 साल है और मेरा बॉडी टाइप आत्लेटिक है. ये कहानी मेरे पहले सेक्स एनकाउंटर की है, जो एक आंटी के साथ हुआ.

तो स्टोरी कुछ इस तरह से शुरू होती है. साल 2015 की गर्मी की चुट्टिया चल रही थी. मई कॉलेज से फ्री था, तो मई रोज़ मॉर्निंग वॉक पर जाता था.

जिस पार्क मे मई जाता था, वाहा भूत सी खूबसूरत लड़किया और औंतिया आती थी. मई रोज़ उनको देखता और घर आकर खुद को ठंडा करता था. एक दिन पार्क मे मैने एक औंतियो का ग्रूप देखा, जिसमे मैने एक आंटी को देखा, जो उन सब से उमर मे छोटी लग रही थी.

वो बिल्कुल एक 24 साल की लड़की की तरह थी. उसने रेड लोवर और तोड़ा ढीला येल्लो टॉप पहना हुआ था. उसकी गांद भूत शेप मे थी. जब वो चलती थी, तो उसके 34″ के बूब्स हिलते मस्त लग रहे थे. मई रोज़ उस ग्रूप के पीछे चलता और उस आंटी की गांद देखता था.

उसके टाइट बूब्स ढीले टॉप मे और भी मस्त लगते थे. ऐसे ही कुछ दिन बीते, तो एक दिन मई सुबा वॉक के लिए गया. मैने देखा, की वो आंटी अकेली ही चल रही थी. मई उसके पीछे चलने लगा और उसकी गांद निहार रहा था.

मेरा दिल कर रहा था, की उसकी गांद को बस पकड़ लू पीछे से. तभी वो तोड़ा तेज़ चलने लगी. 2 रौंद के बाद, अचानक उसका पैर मूड गया और वो गिर गयी. मैने जैसे ही उसको गिरते हुए देखा, तो भाग कर उसके पास गया.

पास जाके मई उसको देखता हे रह गया. दूध सा गोरा रंग और लाल होंठ थे उसके. तो उसने अचानक मुझे आवाज़ दी-

आंटी: देख क्या रहे हो, हेल्प करो मेरी.

फिर मैने उसे उठाया और बेंच पर बिता दिया. उसको दर्द हो रहा था. वो बोली-

आंटी: शायद मेरा पैर मूड गया है, इसलिए दर्द हो रहा है.

जब मैने उसका पैर देखा, तो उसको बताया, की उसके पैर मे मोच आ गयी है. तो वो बोली-

आंटी: मुझे प्लीज़ घर ले चलो मेरे..

तो मैने उसको बाहो मे उठा लिया और चल पड़ा. वो मेरी तरफ देखने लगी. उसकी कर्वी बॉडी मेरे मॅन मे हवस जगा रही थी. मैने खुद को कंट्रोल किया और उसके घर की तरफ चल पड़ा.

वो भूत हे क्यूट सी दिख रही थी. रास्ते मे उसने बात शुरू की और मेरे बारे मे पूछा. फिर मैने उसको अपना नाम बताया. मैने बताया-

मई: मई लास्ट एअर मे हू ब.टेक के.

फिर मैने उससे उसके बारे मे पूछा, तो वो बोली-

आंटी: मेरा नाम समिता है और मई एक स्कूल मे टीचर हू.

उसने बताया, की उसका पति देल्ही मे जॉब करता है और ज़्यादा टाइम वही रहता है. उसकी एक बेटी भी है, जो कॉलेज मे है. जब उसने बेटी का बताया, तो मई हैरान था. फिर उसका घर आ गया तो उसने डोर
बेल बजाई और उसकी बेटी मानसी ने दरवाज़ा खोला.

मानसी बिल्कुल अपनी मा की तरह खूबसूरत थी. उसने हमे देखा, तो वो घबरा गयी और मैने उसको सारी बात बताई. फिर उसने डॉक्टर को कॉल किया. डॉक्टर ने उनके पैर को ठीक किया और उनको आराम करने के लिए बोला.

फिर मई अपने घर आ गया. 4 दिन बाद, समिता फिरसे वॉक के लिए आई. इस बार वो
खुद मेरे साथ छलके वॉक करने लगी और मुझसे बाते करने लगी. अब हम रोज़ मिल रहे थे. मई उसके साथ काफ़ी खुल गया था और मई उसके साथ बीच-बीच मे फ्लर्ट भी करता था.

वो भी जानती थी, पर वो कुछ नही बोलती थी. फिर एक दिन उसने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे मे पूछा, तो मैने उसे बताया, की मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नही है.

तो वो बोली: ऐसा क्यू?

तो मैने बोला: मुझे कोई लड़की अची ही नही लगी.

फिर वो बोली: कैसी लड़की देख रहे हो?

तो मैने झत्ट से बोला: आपके जैसी.

और वो ये सुन कर हासणे लग गयी और बोली-

समिता: मुझमे क्या पसंद आया तुम्हे.

मैने कहा: सब कुछ ही पसंद है, उपर से नीचे तक सब अछा लगता है.

ये सुन कर, वो तोड़ा गुस्से से मेरी तरफ देखने लगी और बाइ बोल कर चली गयी. मैने सोचा आंटी नाराज़ हो गयी, तो मैने उसको व्हातसाप पर सॉरी भेजा. मैने लिखा-

मई: आंटी सुबा के लिए सॉरी. मई मज़ाक कर रहा था.

तो उसने थोड़ी देर बाद, इट’स ओक बोल के रिप्लाइ कर दिया. नेक्स्ट मॉर्निंग वो वॉक पर आई, तो उसने मुझे रात को डिन्नर पर इन्वाइट किया. मई भूत खुश था, डिन्नर का इन्विटेशन पाकर. मई रात को डिन्नर पर गया, तो वाहा मई, मानसी और समिता थे.

फिर हम डिन्नर करने लग गये. मैने मानसी से खूब बाते की और समिता मुझे प्यार से देख रही थी. अगली सुबा मई वॉक पर गया. जब समिता आई, तो उसने टाइट ब्लॅक लोवर और पिंक टाइट टॉप पहना था, जिसमे उसका बदन कस्स गया था पूरा. वो किसी मॉडेल की तरह लग रही थी.

वो मेरे साथ वॉक करने लगी और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. मैने उसको देखा, तो वो बोली-

स्मिता: क्या हुआ? अपने बाय्फ्रेंड का हाथ नही पकड़ सकती मई?

उसकी ये बात सुन कर, मई हैरान हो गया. उसके बाद हम वाहा बैठे, तो वो बोली-

स्मिता: अब तुम क्या करोगे अपनी गर्लफ्रेंड के साथ?

तो मैने बोला: सब कुछ.

ये सुन कर वो हासणे लगी. फिर हम रोज़ फोन पर घंटो बात करते. फिर एक दिन वो बोली-

स्मिता: मुझे चंडीगार्ह जाना है किसी काम से, तो मेरे साथ चलो.

मैने कहा: ठीक है.

हम ट्रेन मे चल दिए. उसने टाइट जीन्स और टॉप पहना हुआ था. हम चंडीगार्ह पहुँचे और एक रूम बुक करवा लिया. उसने मुझे 2 दिन के लिए रूम बुक करवाने को कहा. फिर हमने थोड़ी देर रेस्ट की और बाद मे माल गये.

वो मेरे साथ ऐसे चल रही थी, जैसे मेरी बीवी हो और वो सुंदर इतनी थी, की पत्नी लग भी रही. उसने शॉपिंग की और मैने उसे एक वन पीस ब्लू कलर का गिफ्ट किया. वो उसने तभी पहन लिया और मेरे साथ घूमने लगी.

हम वापस रूम मे आए, तो मैने उसको पकड़ा और अपनी और खींचा. फिर उसने अपने होंठो को मेरे होंठो पे रख दिया और हम स्मूच करने लगे. लग-भाग 10 मिनिट के बाद, वो हॉर्नी हो गयी.

हम बिस्तर पर आए और मैने उसका वन पीस उतार दिया और उसने ब्रा और पनटी उतार दी. मई उसके बूब्स को मसल कर चूसने लगा और वो बस मोन कर रही थी एमेम…. माआअहहाम्म..
आआहह….

फिर मई नंगा हुआ और अपना 6 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा लंड उसके हाथ मे दिया, तो वो बोली-

स्मिता: इतना लंबा!

और फिर धीरे से वो लंड मूह
मे ले गयी और घुपप.. घुपप.. करके चूसने लगी. वो डीप थ्रोट कर रही थी और मुझे भूत मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसके बूब्स मसालने शुरू कर दिए.

उसके बूब्स भूत नरम और भरे हुए थे. हम दोनो एक-दूसरे मे खो गये. मैने उसके बूब्स को खूब चूसा और फिर मैने उसकी छूट चाटनी शुरू कर दी. वो बस आअहह… आअहहहहाहा…. एम्म… कर रही थी.

फिर वो बोली: मैने आज तक अपने पति के अलावा किसी से नही चुडवाई, तो तुम तोड़ा ध्यान से डालना.

फिर मैने अपना लंड उसकी छूट पर रखा. मेरा फर्स्ट टाइम था, तो मई दर्र भी रहा था. लेकिन उसे देख कर कंट्रोल नही हुआ मुझसे. मैने लंड छूट के मूह पर रखा और एक धक्का दिया, तो मेरा सुपाड़ा उसकी छूट के अंदर चला गया. लंड छूट मे जाते ही, उसके मूह से चीख निकली अयाया.. एयेए… धीरे.

उसकी छूट भूत टाइट थी. मेरे लंड का टांका भी टूट गया और मुझे भी दर्द हुआ. फिर मैने एक और धक्का मारा, तो वो चिल्ला पड़ी आआआअ……

मैने अपने होंठ उसके होंठो पर रखे और धीरे-धीरे लंड पूरा अंदर डाल दिया. उसे भूत दर्द हो रहा था. 10 मिनिट हम उसी तरह रहे, फिर जब दर्द कम हुआ, तो मैने धीरे-धीरे झटके मारने शुरू कर दिए.

वो आआहह.. आहह.. कर रही थी. 20 मिनिट की चुदाई मे, हम दोनो साथ मे झाड़ गये और सो गये. नेक्स्ट मॉर्निंग मैने देखा, की उसकी छूट सूज गयी थी, क्यूकी भूत टाइम बाद उसकी चुदाई हुई थी.

हम दोनो का वीरया बेडशीट पर लगा हुआ था. उसकी गोरी जाँघो को देख कर मेरा दिल फिरसे उसकी छूट मारने का हुआ, पर वो सो रही थी और उसकी छूट वैसे ही सूज गयी थी, तो मैने कंट्रोल किया.

फिर जब वो उठ कर चली, तो उससे चला नही जेया रहा था. वो लंगड़ा कर चल रही थी. हम दोनो रेडी हुए और उसके काम के लिए गये. वाहा से शाम को वापस आए, तो मेरा दिल कर रहा था, की उसको छोड़ लू एक बार.

जब मैने उसको बोला, तो दर्द की वजह से उसने माना कर दिया. फिर मेरी उदासी देख कर वो बोली-

स्मिता: चलो छूट नही तो मूह को ही छोड़ लो मेरे.

मैने अपना लंड निकाला और उसके मूह मे दे दिया. फिर 10 मिनिट की मूह की चुदाई मे मई झाड़ गया और हम दोनो एक-दूसरे से लिपट कर सो गये. अगले दिन हमे वापस आना था. हम वाहा से ट्रेन मे बैठ गये.

स्मिता ने जीन्स और लोंग कुरती पहनी हुई थी, जिसमे वो ग़ज़ब की रांड़ लग रही थी. मेरा ध्यान उसकी साँस के साथ उपर नीचे हो रहे बूब्स पर था. मेरा दिल कर रहा था, की उसको वही छोड़ना शुरू कर डू, लेकिन भूत भीड़ थी और हम चिपक कर बैठे थे.

वो मेरी तरफ देख रही थी और कान मे बोली: क्या हुआ, ऐसे क्या देख रहे हो? खा जाओगे क्या?

और ये बोल कर वो हासणे लग गयी. अभी सिटी आने मे टाइम था, तो मैने उसको बोला-

मई: मुझे तुम्हे छोड़ना है फिरसे.

तो वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली: यहा लोग है.

तो मैने उसको वॉशरूम जाने को बोला. वो गयी और थोड़ी सेकेंड्स मे ही बाहर आ गयी, क्यूकी वाहा भूत स्मेल थी. जब मैने उसको देखा, तो उसने मुझे अपनी तरफ आने का इशारा किया. मई उठ कर उसकी तरफ गया, तो वो बोली-

स्मिता: अंदर भूत स्मेल है बाबू.

ये सुनके मई उदास हो गया. फिर वो बोली-

स्मिता: उदास क्यू हो रहे हो?

और वो अपने हाथ से, मेरी पंत के उपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी और बोली –

स्मिता: मेरे पीछे खड़े हो जाओ.

मुझे कुछ समझ नही आया, तो मई उसके पीछे खड़ा हो गया. भीड़ थी तो वो चिपक गयी मेरे साथ और झुक के खड़ी हो गयी. उसके आयेज एक और औरत खड़ी थी.

फिर उसने एक हाथ से कुरती को साइड किया, तो मैने देखा उसकी जीन्स मे नीचे की तरफ, एक छेड़ किया हुआ था. फिर उसने मुझे आँख मारी और मुझे लंड अंदर डालने का इशारा किया.

मैने ज़िप खोली और लंड उसकी छूट मे डाल दिया. उसने एक लंबी साँस ली और फिर मैने धीरे-धीरे उसको छोड़ना शुरू कर दिया. वो भी पूरा मज़ा ले रही थी पब्लिक मे चुदाई का.

उसको तोड़ा दर्द हो रहा था, क्यूकी उसकी टांगे बिल्कुल साथ चिपकी हुई थी, जिससे उसकी छूट और टाइट हो गयी थी. मैने उसको 1:30 घंटे तक छोड़ा, जिसमे वो दो बार झड़ी. मैने उसका माल रुमाल से सॉफ किया, ताकि किसी को दिखे ना.

अब मई झड़ने वाला था, तो मैने उसको पकड़ा और सारा माल उसकी छूट मे निकाल दिया और उसको बोला-

मई: माल बाहर मत आने देना, नही तो जीन्स पर दिखेगा.

वो मुझे गुस्से से देखने लगी और कुरती को सही करके वही खड़ी हो गयी. उसकी छूट का दर्द उसके चेहरे पर दिख रहा था. मैने उसे पकड़ा और अपना सहारा दिया, ताकि वो खड़ी रहे. मैने उसे पीछे से पकड़ा हुआ था.

वो बस आँखें बंद करके मुझसे चिपक कर खड़ी रही. थोड़ी देर बाद, हम वापस सीट पर बैठ गये और अपनी सिटी पहुँच गये. जब वो उहती, तो मैने देखा नीचे मेरा तोड़ा सा माल पड़ा था, जो शायद उसकी छूट से गिरा था.

हम ट्रेन से उतरे, तो उसको उसकी बेटी लेने आई थी मानसी, जो मेरी उमर की थी. फिर वो उसके साथ चली गयी. उसके बाद कैसे मैने उसे प्रेग्नेंट किया और शादी भी की, वो सब अगले पार्ट मे बतौँगा.

उमीद है आपको ये स्टोरी पसंद आई होगी.

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