रात में अंजान आदमी से मम्मी की चुदाई देखी

चुदाई कहानी जारी है-

मेरे पापा के दोस्त, यानी मेरे अंकल, सरत अंकल पहुच गये मम्मी के पास.

आप लोगों को बता डू की ये सेयेल रंडवे सरत से मुझे सख़्त नफ़रत है. ये मेरी लाइफ के हर एक इवेंट पे इंटर्फियर करता है. जैसे के मैं कहाँ घूम रहा हू. पढ़ाई क्यूँ नही कर रहा. यहाँ तक की मेरे रिज़ल्ट मेरे से पहले मेरे पापा को बता कर, ये साला पितवाता है मुझे. जब भी इसे देखता हू, तो मेरा खू खोलता है.

पर और एक बात है, की इसकी वाइफ गीता आंटी बहुत अची है. दिखने में बहुत ही ज़्यादा सुंदर है, और उससे भी ज़्यादा सेक्सी. उनके बारे में बाद में बतौँगा. पर ये साला छोड़ू हमेशा मेरी मम्मी से मीठी-मीठी बात करता है, और पापा से मेरी शिकायत. इसीलिए मेरे घर में सब उसे मानते है. पर मुझे सेयेल का सर फोड़ने का इक्चा होती है. स्टोरी पे आते है.

सरद अंकल: अर्रे सुशीला तुम यहाँ?

मम्मी (अंकल को देख के उनका मूह खिल जाता है. पर मेरी और देखते हुए खुद को संभाल के): अर्रे सरद जी, आप यहाँ कैसे?

अंकल: जैसे आप (और तोड़ा हस्स देता है गन्दू). (फिर मेरी और देखते हुए) अर्रे ये भी आया है साथ में? और अमित, आवारगार्दी तो अभी नही चल रही? पढ़ाई आचे से कर रहे हो ना?

ये सब बोल के वो साला हरामी मम्मी के साथ आयेज-आयेज जाने लगा, जैसे हज़्बेंड आंड वाइफ हो. और मैं पीछे-पीछे. और अभी तो मुझे मम्मी के उपर भी बहुत ज़्यादा गुस्सा आ रहा था, की आपके बेटे को ये साला इतना सब बोल रहा था, और वो कुछ भी नही बोल रही थी. फिर मेरे साथ शॉपिंग आके उस हरामी के साथ आयेज-आयेज चल रही थी. फिर एक दुकान पर मम्मी निघट्य देखने के लिए रुकी.

अंकल दुकान वाले से मम्मी की और इशारा करते हुए बोले: इनको अछा अची निघट्य दिखाओ.

दुकान वाला: जी सिर, आप बैठिए.

मम्मी: वो वाली निघट्य दिखाइए.

फिर मम्मी निघट्य को अपने उपर डाल कर देख रही थी.

अंकल: वाह सुशीला, ये तुम पर बहुत अची लगेगी (मम्मी ब्लश कर रही थी). ये पॅक कर दीजिए.

बोल के अंकल ने पैसा दे दिया. मम्मी माना कर रही थी, फिर भी उन्होने दे दिया. फिर मम्मी ब्रा-पनटी के दुकान पर जाने लगी, और मैं सेयेल हरामी को भागने के लिए बोला-

मे: अंकल आप जिस काम से आए थे माल, हो गया?

अंकल: अर्रे बेटा, मैं तो भूल गया.

ये बोल के मूह लटका के वो चले गये. मेरा ये गुस्सा देख के मम्मी भी हस्स रही थी. पर मुझे बहुत ज़्यादा गुस्सा आ रहा था. फिर हम लोग मम्मी के लिए फॅन्सी ब्रा पनटी खरीदे, और मैं फुड कोर्ट में खाना खाया.

तभी मम्मी का स्पून नीचे गिरा, और वो उठाने के लिए नीचे झुकी, तो मुझे उनकी उभरी हुई छ्चाटी की दरार दिखने लगी. मेरा लंड फड़फड़ने लगा, और ये बात शायद मम्मी ने नोटीस कर ली.

उसके बाद हम जब घर के लिए निकल रहे थे, तभी वो साला हरामी कार लेके पहुँच गया, और समान उसकी कार में रखने को बोल रहा था.

अंकल: सुशीला जी आपके पास ज़्यादा समान है बिके में अमित नही ला पाएगा. आप मेरे साथ आ जाइए समान लेके, और अमित अकेले बिके लेके आ जाएगा. (और मेरी और देख के पूछा) क्यूँ बेटे?

मैने कुछ नही बोला, और मम्मी मेरी और देख के समझ गयी और अंकल से बोली: आप हमारा समान ले जाइए, मैं और अमित पीछे-पीछे आते है.

ये सुन के मैं खुश हो गया, और हम लोग चुप-छाप घर आ गये. घर पहुँच के मैं अपने रूम में जाके पहले मूठ मारा मम्मी को सोच के. फिर मैने बाहर आ कर मम्मी से थोड़ी बहुत बात की. उसके बाद मैं मोविए देखने चला गया, और मम्मी अपने घर के काम में बिज़ी हो गयी.

फिर जब मैं मम्मी को गुड नाइट बोल के सोने ही जेया रहा था, की मम्मी के रूम से मोनिंग की आवाज़ आ रही थी, और किसी मर्द की फुसफुसाने की भी.

मम्मी: आ ह्म तोड़ा धीरे. श, ऐसे ही हा, आ ह. और चूसो इन्हे उम्म आ फक, चबा जाओ मेरी बूब्स आह. और चूसो बेबी आ.

जब मैने कीहोल से देखा तो कोई आदमी मेरी और पीठ करके सारी के उपर से ही मम्मी के दूध चूस रहा था. फिर मम्मी उसकी तरफ पीठ करके, सर पीछे करके स्मूच दे रही थी उसे. वो आदमी साथ में आयेज से मम्मी को दूध दबा रहा था.

फिर उसने मम्मी की सारी उपर की, और मम्मी को बेड के उपर बिताया. वो खुद सारी उठा के मम्मी की सारी के अंदर चला गया. उसके बाद मम्मी ने आँखें बंद कर ली. फिर सर उपर करके एक हाथ से, सारी के उपर से उसके सर को छूट पर दबा रही थी.

वो दूसरे हाथ से अपने स्टअंन को दबा रही थी, और होंठ काट रही थी. ऐसे ही 10 मिनिट हुए होंगे, मम्मी का शरीर काँपने लगा, और वो अपने हाथ से अपने मूह को दबा रही थी, ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना जाए. उसका शरीर अकड़ने लगा. शायद उसने पानी छ्चोढ़ दिया था. फिर वो निढाल हो के बेड के उपर गिर गयी.

फिर वो आदमी उठा और अपने कपड़े उतारे. उसकी रिघ्त थाइ के पीछे एक बड़ा सा तिल था. फिर मम्मी को उठा के उसकी सारी उतार दी. उसके बाद धीरे से मम्मी को पेट के बाल लिटा कर पीछे से उसका ब्लाउस खोल दिया.

फिर धीरे-धीरे नीचे आके दाँत से मम्मी के नीचे का कपड़ा उतार दिया. अब मम्मी सिर्फ़ बार और पनटी में थी. मम्मी ने आज ब्लॅक कलर की मॅचिंग ब्रा-पनटी पहन रखी थी.

फिर उसने मम्मी के शरीर को अपनी ज़ुबान से छाता. मम्मी का पूरा शरीर उसकी लार से गीला गो गया था. फिर उसने हाथ उठा के मम्मी की आर्म्पाइट्स को छाता. वो धीरे-धीरे उसको स्मूच देने लगा, और फिर मम्मी की नाभि पर धावा बोल दिया. अचानक हमले से मम्मी पूरा कराह उठी.

मम्मी: आहह मेरे राजा जी, प्लीज़ वहाँ नही. गुदगुदी होती है.

अननोन आदमी: चुप कर साली, आज तेरे बेटे ने आके हमारी चुदाई बेकार कर दी. मेरा अभी तक मॅन नही भरा.

मम्मी: मेरे सैयाँ जी, मैं क्या कर सकती हू? मेरा बेटा अचानक से बिना बताए ही आ गया. आह, आप क्या कर रहे है. प्लीज़ वहाँ मत कीजिए ना.

अननोन आदमी: चुप कर साली रंडी, आज तेरे पेट को खा जौंगा, साली इतनी उमर में भी ऐसी जवानी. ह, क्या गोल-मटोल नाभि है.

फिर उसने एक हाथ से मम्मी का दूध पकड़ लिया, और अपनी उंगली से मम्मी के निपल से खेलने लगा.

मम्मी: अम्म्म ह्म आ मा, क्या मज़ा आ रहा है. प्लीज़ और खाओ ना मुझे आह.

फिर वो पेट को काटने लगा. मम्मी की मोनिंग अब और भी लाउड होने लगी, और इधर मेरे लंड का तो बुरा हाल था. वो 90 तोपों की सलामी देने को रेडी था. वो फीलिंग ऐसी थी, की मैं खुद को कंट्रोल नही कर पाया, और मेरा सर जाके दरवाज़े पे लगा.

जैसे ही साउंड हुआ, उन दोनो के मूह से रंग ही उडद गया. इधर मैं चारों और देख के सोचने लगा की इस सिचुयेशन को कैसे हॅंडल करू. क्यूंकी मैं नही चाहता था की मम्मी को पता चले की मैं उन्हे देख रहा था, और मैं उस आदमी को भी देखना चाहता था.

इसलिए चारों और देखा तो पता चला की फ्रिड्ज के उपर पानी की बॉटल थी. और हमारे घर में पालतू बिल्ली है, जो की उस वक्त फ्रिड्ज के पास सोई थी. फिर मैं चुप-छाप पानी की बॉटल को नीचे रख के रूम में चला आया, और सोने की आक्टिंग करने लगा. उधर वो आदमी चड्डी पहन के वैसे ही भाग गया.

फिर इसके आगे क्या हुआ, वो आदमी कों था, और आधे कपड़े में वो बाल्कनी से बाहर कैसे चला गया, वो नेक्स्ट पार्ट में. दोस्तों ये मेरा पहली कहानी है, कुछ ग़लती हुई है तो प्लीज़ माफ़ करना. क्या ग़लती है मुझे कॉमेंट में बताना. मिलते है सेक्स कहानी के नेक्स्ट पार्ट में.

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