पिछली कहानी में अपने पढ़ा मैने मम्मी की भयंकर चुदाई की थी, वो भी बिना उनको पता लगे. इसके बाद अब उन्हे रोज़ छोड़ने का मॅन करता था. पर मौका नही मिल रहा था. क्यूंकी ना तो पापा दारू पीक घर आ रहे थे, और ना ही लाइट जेया रही थी.
ऐसे होते-होते दो महीने हो गये. मौसम तोड़ा ठंडा हो गया था. मेरे पापा टाइम से घर नही आते थे, क्यूंकी उनका बॉस कभी भी बुला लेता था. इस कारण उनकी हेल्त खराब हो गयी थी. उनको खाँसी हो गयी थी, और टाइम से खाना ना खाने की वजह से मूह में छाले भी हो गये थे.
रात को मैं सो रहा था अपने कमरे में. मैने देखा पापा आ गये थे, और बाहर ही सो गये थे रज़ाई डाल के. मैने सोचा ये सही मौका था मम्मी की चुदाई का. मेरे रौूंगते खड़े हो गये. मैने सोचा आज तो मज़ा आएगा.
मैने देखा लाइट उस टाइम थी. मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता था, इसलिए मैने अपने घर का मैं स्विच बंद कर दिया, और इनवरटर भी. अब मैं चुप-छाप जाके मम्मी के बगल में जाके उनकी रज़ाई में घुस गया. मैने उनके पेट पर हाथ रख लिया, और धीरे-धीरे सहलाने लगा. पर मम्मी उस टाइम सो गयी थी शायद.
मैने सोचा इस टाइम उनके बूब्स देख लू खोल के तो मज़ा आ जाएगा. फिर मैने अपना हाथ उनकी पीठ पर रखा और ब्लाउस का हुक खोल दिया. जैसा ही मैने ब्लाउस का हुक खोला, उनके बूब्स बाहर आ गये. शायद आज उन्होने ब्रा नही पहनी थी. पहली बार मैने उनकी चुदाई तो की थी, पर चुचे नही देख पाया था. आज मेरा बहुत मॅन था उनके सेक्सी चुचे देखने का.
मैने अपना फोन निकाला, और टॉर्च ओं की. मम्मी की आँखों पे मैने चादर डाल दी. उसके बाद मैने उनके चुचे पर लाइट डाली. उन्हे देख कर मेरी तो आँखें खुली रह गयी. उनके चुचे बड़े, गोरे और सख़्त थे. मैने उन्हे हाथ में पकड़ा.
अब मुझसे रहा नही जेया रहा था. मैने फोन की टॉर्च बंद की, और उसे रख दिया. फिर मैं उनके चुचों को दबाने लगा. उनकी नींद खुलने लगी थी. मुझे पता था ये जागने वाली थी. पर इतना तो मैं सोच कर आया था.
वो बोलने लगी: खाँसी की डॉवा ले आए क्या आप?
मैं कुछ नही बोला. उन्हे लगा मेरे पापा को बोलने में तकलीफ़ हो रही थी, इसलिए वो शांत हो गयी. अब मैं उनका चुचा दबा कर मूह में चूसने लगा. आज मेरे पास पूरी रात थी. मैं उनकी रात भर चुदाई कर सकता था, और उनकी आवाज़ भी निकल जाती तो कोई दिक्कत नही थी.
मैं फिर ज़ोर-ज़ोर से उनका चुचा दबा रहा था, और बारी-बारी से उनको चूस रहा था. उनकी मोनिंग की आवाज़े आ रही थी.
मम्मी: आ आ मज़ा आ रहा है, चूसो ज़ोर से.
मैं भी कहा रुकने वाला था. आज सारी हवस निकालनी थी मुझे. मैं फिर उनकी धोती खोलने लगा. फिर उनका पेटिकोट भी खोल दिया. मैने देखा वो पूरी नंगी हो चुकी थी. फिर मैने उनके चूतड़ पर धीरे से मारा. उनकी आ निकल गयी.
फिर मैने ऐसे ही 3-4 छानते मारे. मैने पॉर्न में देखा था बहुत. वो बहुत गरम हो गयी थी. मैने उनको कमर से पकड़ कर उठा लिया, और बेड पर ही घोड़ी बना दिया. उनको बिल्कुल भी एक्सपीरियेन्स नही था क्या होने वाला था.
फिर मैने अपना लंड पंत में से निकाला. अब ये पहले से भी बड़ा हो गया था 2 महीने में. मैं पीछे से उन पर चढ़ कर डॉगी पोज़ में आ गया. फिर अपने हाथ उनके सेक्सी बूब्स पर रख दिए, और धीरे से दबाने लगा.
वो अब बहुत गरम हो गयी थी, और अपनी गांद पीछे ला रही थी. मैने अपना लंड उनकी छूट के उपर रखा, और उनके मूह पर हाथ रख कर एक ज़ोर का झटका दिया. मेरा पूरा लंड उनके अंदर था. वो उसे बाहर निकालने की कोशिश करने लगी. पर मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार कर उनकी चुदाई करने लगा.
उनकी साँस बहुत तेज़ चल थी थी. मैने अपने हाथो से उनके चुचे मसल रहा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और उनकी आँखों से आँसू आ रहे थे. फिर 15-20 झटकों में वो नॉर्मल हुई, और मैने उनके मूह से हाथ हटा दिया.
अब मैं उनको ज़ोर-ज़ोर से छोड़ रहा था. वो धीरे-धीरे आ आ कर रही थी. 5-10 मिनिट बाद मेरा होने वाला था. मैं और ज़ोर से करने लगा, और उनकी मोनिंग की आवाज़े पहले से तेज़ हो रही थी.
मम्मी: आ आ, क्या कर रहे हो ये? आज क्या मार ही डालोगे? फिर मैने ज़ोर-ज़ोर से हानफते हुए अपना सारा माल उनकी गांद पर गिरा दिया, और उनके चुचे ज़ोर से मसल रहा था. वो भी बहुत तेज़ हाँफ रही थी.
वो बोलने लगी: आज तो तुमने मार ही डाला. पर मज़ा बहुत आया. अछा हुआ अमन सो गया है वरना मेरी आवाज़ सुन के जाग जाता (उन्होने हस्स कर बोला).
कुछ देर बाद मैं पानी पीने चला गया. वो वही सोफे पे लेती थी नंगी. मैने सोचा क्यूँ ना इनकी गांद भी मारी जाए आज. वही तोड़ा तेल रखा था. मैने अपने लंड पर लगाया. फिर बाहर आके उनकी गांद पर हाथ फेरने लगा.
वो बोली: क्या हुआ, पीछे क्यूँ हाथ फेर रहे हो? अभी काम पूरा नही हुआ? आज से पहले तो कभी गांद नही मारी. आज क्यूँ कर रहे हो बोलो.
मैं दर्र गया पर मैने 2 बार खांस दिया.
उन्होने कहा: ठीक है, पर जल्दी करना.
मैने आव देखा ना ताव, और सीधा अपना लोड्ा उनकी गांद से टीका दिया, और गांद पर फेरने लगा.
वो बोली: जड़ी करो, टाइम नही है ज़्यादा.
फिर मैने उनके कूल्हे पकड़ कर अपने लोड का टोपा उनकी गांद में डाला. उनकी चीख निकल गयी, और वो रोने लगी.
मम्मी: नही प्लीज़ रहने दो. मैने जोश में हा कर दी. गांद की चुदाई कभी बाद में कर लेना. प्लीज़ आज रहने दो.
पहले मैने सोचा छ्चोढ़ डू. फिर मैने सोचा दोबारा मौका ही कहा मिलेगा. ये सोच कर मैने उनको ज़ोर से पकड़ कर झटके लगाने शुरू किए. वो ज़ोर-ज़ोर से चीख रही थी, पर मैं उनकी गांद में झटके देता रहा.
फिर मैने ज़ोर से अपना लोड्ा अंदर तक डाल दिया. उनकी आँखों में आँसू थे. मेरे लोड में भी दर्द हो रहा था, पर मज़ा भी आ रहा था. फिर कुछ झटकों में उन्हे तोड़ा आराम मिला. उसके बाद मैने हानफते हुए सारा माल उनकी गांद में ही छ्चोढ़ दिया, और वाहा से चला आए. बाकी की कहानी बाद में.