हेलो दोस्तों, मेरा नाम जॉनी है, और मेरी उमर 25 है. मैं मुंबई से हू. अगर कोई मुंबई और आमेडबॅड से है, और अगर सेक्स में इंट्रेस्टेड हो, तो मेसेज करे मैल पे. अगर कोई लेज़्बीयन गर्ल है, और उसको लेज़्बीयन गर्ल चाहिए, तो भी मैल पे मेसेज कर सकता है. मुझे फीडबॅक ज़रूर देना. अब बोर ना करते हुए कहानी पर आते है.
मेरा नाम जॉनी है, और मेरी उमर 25 है. मैं एक मंक में काम करता हू. मेरी बॉडी भी काफ़ी हॉट है और लंड का साइज़ 6.5 इंच है. ये बात आज से 6 महीने फेले की है, जब मैं कुछ काम से आमेडबॅड गया हुआ था. वाहा मैं मेरी नानी के वाहा रुका हुआ था. वाहा कुछ देर आराम करने के बाद मैं फिर काम पे निकल गया, जिसके लिए मैं वाहा गया था.
फिर काम ख़तम करके मैं जब वाहा घूम रहा था, तब मैने सोचा अब घर चला जाता हू. मेरे पास घर जाने के दो तरीके थे. या तो बस, या फिर मेट्रो. मैने सोचा बस में तो जाता ही रहता हू, आज मेट्रो में चला जाता हू. देखे तो आमेडबॅड की मेट्रो कैसी है.
और फिर मैने मेट्रो की टिकेट ली, और ट्रेन की वेट करने लगा. फिर थोड़ी देर में कुछ लॅडीस का ग्रूप आया. सब की सब आइटम लग रही थी. क्या बतौ आपको, ऐसा लग रहा था की वाहा ही छोड़ डू सब को.
उन सब में से एक भाभी कमाल की लग रही थी. उसको देख के मेरा लंड खड़ा हो गया था. मेरा लंड बाहर आने को बेताब था. फिर मैं उस भाभी को लगातार देख रहा था, और ऐसे कुछ मिंटो बाद उसकी भी नज़र पड़ी मुझ पर. फिर हमारी नज़रे मिली. उनको कही ना कही पता चल गया होगा की मैं देख रहा था उनको.
तभी ट्रेन आई, और मैं और उनमे से कुछ ट्रेन में चढ़ गयी. लेकिन मैं तक गया था, तो मैने सोचा छ्चोढो, घर जाके आराम करूँगा. ये सोच कर मैं सीट पर जेया कर बैठ गया. लेकिन मेरे बाजू वाली सीट खाली थी, तो वो भाभी लकिली वाहा पर आके बैठ गयी.
उन्होने मुझे देखा और स्माइल दी. मैने भी उनको देखा और स्माइल दी. फिर तभी मुझे एक फोन आया. वो फोन मेरे दोस्त का था, लेकिन मैने उसका नाम कॉल बॉय करके सवे किया तट. तो भाभी की नज़र उस पर पड़ी और वो स्माइल करके चेहरा घुमा दी. बात करने के बाद उन्होने फिर देखा और फिर मुझे पूछा-
भाभी: नाम क्या है तुम्हारा?
मे: जॉनी.
भाभी: नाइस नामे है.
मे: थॅंक योउ.
फिर मैने उनका नाम पूछा.
भाभी: निशा.
मे: बहुत क्यूट नाम है आपका.
उन्होने भी थॅंक योउ बोला. और फिर उन्होने मेरे बारे में पूछा कहा से हो, किया करते हो. फिर इसी तरह से मैने भी पूछा तो उन्होने बताया की वो हाउसवाइफ थी और उनके हज़्बेंड बिज़्नेसमॅन थे. उनके हज़्बेंड ज़्यादातर बाहर ही रहते थे. फिर हमारी ऐसे ही बात चल रही थी, और उन्होने मेरी जांघों पर हाथ रख दिया, और धीरे-धीरे फेरने लगी.
मुझे कुछ समझ नही आया पर मज़ा बहुत आ रहा था. भाभी के बूब्स भी बड़े थे 36द के. फिर बात करते-करते उन्होने मेरा नंबर माँग लिया. मुझे तो फेले दर्र लगा, पर फिर मैने अपना नंबर दे दिया. उसके बाद हम घर चले गये. जब मैं रात को घर पहुँचा, तो एक अंजान नंबर से कॉल आया. मैने पूछा-
मे: कों?
भाभी: मैं निशा बोल रही हू.
मे: हा बोलिए. वैसे आपने मेरा नंबर क्यूँ माँगा था?
भाभी: आपको मालूम नही मैने क्यूँ माँगा था ( वो इसलिए क्यूंकी वो मुझे कॉल बॉय समझ रही थी).
मे: नही.
भाभी: अछा ठीक है. मुझे मिलने आ सकते हो अभी?
मे: आ तो सकता, पर आना क्यूँ है?
भाभी: क्यूँ, क्या क्यूँ? बस आ जाओ. तुम्हे पता है सब, नाटक मत करो. पहले आ तो जाओ.
फिर भाभी ने अड्रेस दिया, और मैं वाहा नहा के चला गया. वो घर नही एक रो हाउस जैसा था. मैने बेल बजाई, और निशा तैयार होके बाहर आई. निशा एक-दूं आइटम बवाल लग रही थी क्या बतौ दोस्तों. घर में और कोई था भी नही, सिर्फ़ निशा और मैं थे.
भाभी: आओ बैठो, क्या लोगे?
मे: पानी.
फिर मैने पानी पिया, और निशा मेरी बगल में आके बैठ गयी. अब वो फिरसे मेरे जांघों को सहलाने लगी. मैं गरम हो रहा था, और निशा भी. अब उसका दूसरा हाथ मेरे सीने पर था. दोस्तों मुझे कुछ समझ नही आ रहा था. फिर मैने उनसे पूछा-
मे: आप ये क्या कर रही हो?
तो वो बोली-
भाभी: मैं बहुत प्यासी हू. तुम कॉल बॉय हो ना, प्लीज़ मेरी छूट की प्यास बुझा दो. मुझे नंगा करके पत्ते से मार के छोड़ो. जाम के छोड़ो प्लीज़ जॉनी.
मैने जब उनके मूह से कॉल बॉय सुना, फिर मुझे सब समझ आ गया. अब कॉल बॉय समझ ही लिया था, तो मैने सोचा काम कर ही देते है. फ्री में छूट भी मिल रही थी. फिर मैने भाभी को किस करना स्टार्ट किया. धीरे-धीरे मैने उनको पॅशनेट किस करने लगा. फिर उनकी टंग को चूसने लगा.
भाभी: श जॉनी, चूसो, और ज़ोर से चूसो. प्लीज़ आज मुझे संतुष्ट कर दो. आज मैं तुम्हारी हू.
मे: हा निशा, आज तो तुझे वाइफ की तरह प्यार करुणा, और रंडी की तरह छोड़ूँगा.
ये सुनते ही वो पागल सी हो गयी, और मेरा लंड पकड़ने लगी. मैं भी उसके बूब्स दबा ने लगा. इतना ज़ोर से दबा रहा था, की उसकी आँखों में से आँसू आने लगे, और वो बोलने लगी-
भाभी: तोड़ा धीरे जानू. कही भागी नही जेया रही मैं. आज तुम्हारी ही हू मैं.
मे: आज कही जाने भी नही दूँगा. ऐसा छोड़ूँगा की ज़िंदगी भर नही भूलॉगी.
फिर मैने उसके कपड़े फाड़ दिए, और नंगा कर दिया, और गांद पर छानते मारने लगा.
भाभी: हा, ऐसे ही मेरे राजा, और ज़ोर से. और करो, लाल कर दो ये गांद को.
आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में दोस्तों. अगले पार्ट में पढ़िएगा, की कैसे मैने निशा को जाम कर छोड़ा. खुद की चुदाई के बाद उसने उसकी एक दोस्त से भी मिलवाया और फिर मैने उसको भी कैसे छोड़ा.
इस स्टोरी की फीडबॅक ज़रूर देना, और कोई गर्ल या भाभी या आंटी और कोई लेज़्बीयन हो, वो मेसेज कर सकते है मेरी ईद पर. [email protected] मी ईद.