अब करो मेरा काम !

दोस्तो, हैरी का नमस्कार ! कैसे हैं आप लोग ! आप सभी के मेल का बहुत बहुत शुक्रिया ! जो प्यार आपने इस हैरी हो दिया है, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद !
चुद ही गई पड़ोस वाली भाभी-3 तो पढ़ी ही होगी आपने !
जब मैंने भाभी को दोपहर को चोदा तो हम आराम करने लगे अचानक बाहर का दरवाजे की घंटी बजी, मैं तो डर गया था कि क्या होगा और कौन होगा।
फिर बाहर जाकर भाभी ने देखा तो अंजू थी, भाभी की सहेली !
उस दिन उसे शक हो गया था कि मैं भाभी के साथ अन्दर क्या कर रहा था।
तो आइए मैं आपको अंजू के बारे में थोड़ा बता देता हूँ। अंजू एक मोटी औरत है, पर एक चीज है उसके पास जो सभी गली के लड़के उसके पीछे पड़े हैं, वो हैं उसकी चूचियाँ !
कमाल के मस्त मोमे, होंगे 42 इंच के ! गाण्ड भी साली की 42-44 से कम की नहीं होगी। गोरी भी है, कुल मिला कर ठीक-ठाक है।
अंजू के घर में उसका ड्राईवर पति और अंजू ही रहते हैं, उसके सास-ससुर दूसरी जगह रहते हैं। अंजू का पति ड्राईवर है, वैसे तो वो लोकल ही गाड़ी चलता है पर कभी-कभी बाहर भी चला जाता है।
अंजू के कोई बेटा-बेटी नहीं है, शादी को करीब आठ साल हो चुके थे।
तो एक दिन की बात है, अंजू ने भाभी से कहा- मुझे मालूम है कि तू उस दिन हैरी के साथ क्या कर रही थी, मुझे भी एक बार चुदवा दे !
पर भाभी ने उससे कुछ कहा नहीं !
एक दिन भाभी ने मुझे बताया कि अंजू को सब-कुछ मालूम हो गया है, वो बोल रही है कि उसको भी चोदो !
मैंने भाभी से कहा- तुम बोलो, क्या करना है?
भाभी ने कहा- करना क्या है? हरामी है ! कहीं किसी को बता न दे, इससे अच्छा है कि इसका काम कर ही दो ! तुम्हारा क्या जाता है?
मैंने कहा- ठीक है ! बात करना उससे !
एक दिन उसका पति घर से बाहर गया हुआ था तीन दिन के लिए। दोनों ने योजना बना कर मुझे फ़ोन किया। भाभी ने कहा- अंजू आज रात अकेली है, उसके घर चले जाना !
मैं डर रहा था कि कुछ हो न जाए !
पर भाभी ने कहा- डरो मत, मैं भी रात को वहीं सोऊँगी।
मुझे रात को करीब 11 बजे फ़ोन आया तो मैं अंजू के घर गया। दरवाजा खुला था, मैंने इधर उधर देखा कि कोई देख तो नहीं रहा, मैं जल्दी से अन्दर घुस गया। अंजू ने दरवाजा बंद कर लिया।
मैंने कहा- भाभी कहाँ है?
तो अंजू ने कहा- अन्दर तो चलो ! वो अन्दर है !
भाभी वहीं बैठी थी, अंजू ने कहा- बैठो !
भाभी भी थोड़ी देर बैठी और फ़िर अपने घर जाने लगी।
मैंने कहा- कहाँ जा रही हो भाभी?
भाभी बेशर्मीसे बोली- तू चोद अंजू को आज ! मैं चली अपने घर ! सारी रात थोड़ी रह सकती हूँ यहाँ ! वो तो मैं तेरे लिए आ गई थी। अब घर जाना है।
मैंने कहा- ठीक है, जाओ।
भाभी चली गई फिर मैं और अंजू अन्दर कमरे में चले गए।
अंजू ने सिर्फ नाईटी पहन रखी थी, वो भी पतली सी ! बाहर से ही उसके मोटे मोटे चूचे दिख रहे थे और गुलाबी रंग की चूत पर एक भी बाल नहीं !
अंजू ने पूरी तैयारी की थी चूत चुदवाने की ! लग रहा था जैसे आज ही बाल साफ़ किए हैं।
कमरे में जाते ही अंजू ने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और चूमने लगी। वो मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल कर चुम्बन कर रही थी। वो मुझे पागलों की तरह चूमती जा रही थी।
मैंने भी अंजू के चुचों को ऊपर से मसलना चालू कर दिया। साली के पूरे चूचे हाथ में तो आ ही नहीं रहे थे, बहुत बड़े थे। मैंने झट से अंजू के हाथ ऊपर करवाए और उसकी नाईटी उतार दी। अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी।
मेरा लण्ड हिलौरे मारने लगा अंजू का बदन देख कर, कसम से मैंने आज तक कभी मोटी औरत की चूत नहीं ली थी, पर तमन्ना बहुत थी आज वो पूरी हो रही थी।
मैं अंजू के मोटे-मोटे चुचूक अपने मुँह में लेकर पीने लगा। अंजू गर्म हो रही थी, मैं एक हाथ से अंजू के चूत में भी धीरे धीरे उंगली कर देता था। अंजू की साँसें पूरी गर्म हो गई थी। अंजू ने झट से नीचे बैठ कर मेरे लण्ड को अपने मुंह में लिया और चूसने लगी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था, गजब की लण्ड-चुसाई कर रही थी अंजू ! करीब दस मिनट तक अंजू ने मेरा लण्ड चूसा। मेरी तो अब बस हो रही थी, मैं गिरने वाला था, मैंने कहा- अंजू, मेरा माल गिरने वाला है, यह क्या कर रही हो? अभी तो तुम्हें चोदना है !
वो कहने लगी- कोई बात नहीं ! चोद भी लेना जान ! पहले माल तो चखूँ, कैसा है तुम्हारा ! और एक बार गिर जाने के बाद समय लगा कर चोदोगे, इसलिए गिरने दो मेरे मुँह में ही अपना माल !
मैंने आः ह्हहा हा आहा आहा करके उसके मुँह में अपना माल छोड़ दिया। अंजू का पूरा मुँह मेरे वीर्य से भर गया था। वो सारा माल गटक गई और मेरे लण्ड को चूस कर साफ़ कर दिया।
फिर मैं सुस्त हो गया और बिस्तर पर लेट गया। पर वो कहाँ मानने वाली थी, फिर उसने मेरा लण्ड चूसना शुरु कर दिया। थोड़ी देर में मेरा लण्ड फिर से लोहे की तरह खड़ा हो गया।
अब अंजू के कहा- मेरी भी चूत चाटो !
मैं अंजू की चूत चाटने लगा जो पहले से ही काफी पानी छोड़ रही थी, एकदम गीली हो गई थी। अंजू की चूत और आस-पास जांघ में पानी गिरा पड़ा था। फिर मैंने अंजू के चूत के दाने को अपनी जीभ से चूसा, मैं अंजू के दाने को अपने दाँत से काट भी रहा था, तो अंजू की आह निकल जाती थी। मैं अंजू की चूत के अन्दर अपनी जीभ डाल कर चूत को जीभ से ही चोदने लगा। अंजू आह्ह्ह्हह आःह्ह उह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह करने लगी।
अंजू ने कहा- हैरी, अब करो मेरा काम ! मुझ से रहा नहीं जाता !
मैंने उसकी एक नहीं सुनी और चूत चाटता रहा। अंजू अब मेरा मुँह अपनी चूत से हटा कर मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसाने लगी। अंजू ने अपनी टाँगें ऊपर उठा ली।
फिर मैंने अपने लण्ड पर थोड़ा सा थूक लगा कर एक जोर का झटका मारा तो उसके मुँह से चीख निकल गई- आईई मर गई ! जरा धीरे करो !
मैं अपनी धुन में उसकी चूत के अन्दर-बाहर अपना लण्ड करता रहा। वो भी मेरे लण्ड को करारा जवाब दे रही थी, अपनी कमर उठा उठा कर मजे से चुदवा रही थी।
वो कह रही थी- कम ऑन हैरी जोर से चोदो और जोर से !
और खुद भी अपनी कमर जोर-जोर से हिला रही थी। ऐसे लग रहा था कि वो बरसों की भूखी हो लण्ड के लिए, जोर जोर से वो चुदाई करवा रही थी, मैं भी मजे से उसे चोद रहा था।
अंजू कामुक आवाजें निकाल कर चुदवा रही थी- आयीईईए हयीईईईई उईईईईईई मार डालो आज मुझे ! क्या मस्त चुदाई करते हो तुम हैरी ! तभी वो भाभी तेरी चुदाई की दीवानी है ! जोर से हैरी जोर से !
सच में मोटी औरत भी जबर्दस्त चुदाई करवा सकती है, मैंने सोचा भी नहीं था पर बड़े मजे से चुदवा रही थी अंजू !
मैं थक गया था पर मेरा माल पर छुटा नही था।
फिर अंजू ने कहा- तुम लेट जाओ, मैं तुम्हारे ऊपर चढ़ कर चुदवाऊँगी ! तुम बस लेट जाओ !
मैं लेट गया और अंजू अब मेरे ऊपर सीधे मेरे लौड़े पर आकर बैठ गई और जोर जोर से चुदने लगी, वो जोर-जोर से घस्से मार रही थी और मैं भी नीचे से अंजू को जोर जोर से चोद रहा था।
अब काफी दे हो चुकी थी अंजू को चुदवाते-चुदवाते, पर अंजू झड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी, ऐसे लग रहा था कि साली ने कोई दवाई खाई है सेक्स की !
करीब चालीस मिनट तक अंजू चुदवाती रही, फिर कहने लगी- मुझे कुतिया बना कर चोदो पीछे से !
मैं पीछे खड़ा होकर अंजू की चूत चोदने लगा। अंजू जोर जोर से मेरे लण्ड पर अपनी चूत मार रही थी, मोटे-मोटे चूतड़ मेरे टट्टों पर लग रहे थे, मज़ा बहुत आ रहा था चोदने में उसे कसम से !
मुझे तो लग रहा था कि मैं गया अब, पर अंजू साली रुकने के नाम ही नहीं ले रही थी। फिर मुझे याद आया कि ऐसी औरतों को संतुष्ट करने का एक ही तरीका है, फिर मैंने वो अपना फ़ॉर्मूला नंबर 91 अपनाया, अंजू को बेड के किनारे पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगो को उसके चूचों से लगा दिया और मैं बेड के पास खड़ा हो कर अंजू की चूत में अपना लण्ड डाल कर घस्से मारने लगा। वो सिसकारियाँ भरती जा रही थी।
फिर 10-15 धक्कों में ही अंजू के चूत से ढेर सारा पानी ज्वार-भाटा बन कर मेरे लण्ड और मेरे जांघों पर पड़ने लगा, मैं भी चरम पर था, मैंने भी उसकी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लुढ़क गया।
अंजू संतुष्ट दिख रही थी, बहुत खुश थी चुदवा कर मुझसे !
मैंने कहा- इतनी देर तक कैसे चुदवाया तुमने?
मेरा अंदाजा सही था, उसने कहा- मैंने सेक्स की गोली खाई थी ! पर सच में हैरी तुमने मुझे आज जी भर कर चोदा, मैं बहुत खुश हूँ।
उस रात मैंने उसे चार बार चोदा। अब तो यह सिलसिला चलता रहता है, जब भी वो अकेली होती है तो मुझे फ़ोन करके बुला लेती है और रात भर हम दोनों मजे से चुदाई करते हैं।

यह कहानी भी पड़े  पति के सामने चुदाइ का मजा


error: Content is protected !!