सालो बाद फिर से अपने दीदी को चूसा

हुमारे साथ इस स्टोरी पर बने रहने के लिए धन्यवाद. अब चलिए आयेज की कहानी शुरू करते हैं. जिन लोगो ने इसके पिछले पार्ट्स नही पढ़े, वो उन्हे पहले रेड करे.

अब आयेज…

बंगलोरे आने मे अभी कुछ टाइम बाकी था. जीजू मूज़े स्टेशन लेने आनेवाले थे. मैं भी अपनी किस्मत को उस दिन के लिए कोस रहा था की अगर दी के शादी के कुछ दिन पहले ट्राइ किया होता तो दी की छूट मिल जाती, पर एंड टाइम के ट्राइ मे सबकुछ गड़बड़ हो गया.

शादी के बाद मे अक्सर दी को व्हातसपप पे एक सवाल पूछता, “दी तुम उस मामले मे लकी हो की नही.” मतलब की जीजू का लंड एनफ साइज़ का हैं या नही, जो डिड अक्सर अपने पुराने लवर का लेती थी, पर दी ने कभी रिप्लाइ नही किया उसका.

मैं तो खुश हो गया जब जीजू ने बोला की तुम यहा वाकेशन्स मे आ जाओ, तुम्हारी दीदी भी खुश हो जाएगी. और मैं दीदी को छोड़ने की अपनी सोई हुई ख्वाहिश को उठाकर चल आया यहा.

सोचा की इस बार शुरू से ही ट्राइ करूँगा, अगर दीदी सॅटिस्फाइड नही तो पक्का छोड़ के अवँगा, और अगर वो हॅपी हैं तो उनसे रिक्वेस्ट करके उनकी छूट लूँगा एक बार.

कुछ ही देर मे बंगलोरे का स्टेशन आ गया, जीजू को कॉल लगाई तो वो लेने आए. मुझे लेकर वो अपनी कार में घर की तरफ चल पड़े. उनकी कार एक . सी सीग वाली थी, जिसे देखकर लगा के जीजू . बहुत . करते हैं.रास्ते मे जीजू से कुछ बातचीत हुई.

मे: कैसे हो आप और दीदी ?

जीजू: बस बढ़िया. तू बता ?

मे: सब ठीक. आप को शादी के बाद आज मिलना हुआ. पिछली बार तो आप से मुलाक़ात ही नही हो पाई.

जीजू: यार इसमे सब तेरी दी की ग़लती हैं, तेरी मों ने उसे बताया था की अगले महीने तेरी कॉलेज तौर हैं, पर तेरी दीदी पता नही भूल गयी की क्या, उसने उन्ही डेट्स पे टिकेट्स बुक करली.

मे: ह्म, शायद दिमाग़ से निकल गया होगा.(मैं मान मे समाज गया के दी ने जान बुजकर मूज़े अवाय्ड करने के लिए किया होगा.)

जीजू: और एक बात…तुम्हारी दीदी को पता नही, की तुम आज आनेवाले हो. सर्प्राइज़ हैं उसके लिए.

मे: क्या…? (अब पता चला, की दीदी मुझे बंगलोरे बुलाने के लिए राज़ी कैसे हो गई.)

कुछ देर बाद हम बिल्डिंग की पार्किंग में थे.

मे: जीजू, आप आराम से पार्क करके आइए, मे उपर जाकर दी को सर्प्राइज़ देता हूँ. जीजू: ठीक हैं, मैं आता हूँ. 5त फ्लोर पे 503 फ्लॅट नो.

मैं लिफ्ट मे चढ़ गया. लिफ्ट जैसे उपर जा रही थी, मेरे दिल की धड़कने तेज हो रही थी. सोच रहा था, की दीदी कैसी लग रही होगी, क्या मोटी हो गयी होगी, उसके बुक्स और गांद मोटे हो गये होंगे क्या? और मैने 503 की दूर्बेल बजाई.

कुछ देर बाद दीदी ने गाते खोला और मुझे देखकर सर्प्राइज़ हो गयी. मैं भी दीदी को देखता ही रह गया, वो पहले से थोड़ी पतली थी, पर उसके बूब्स और गांद आचे ख़ासे बढ़े हो गये थे, जीजू ने अची मेहनत की होगी लगता हैं.

जीजू रूम मे आ जाए इससे पहले मैने दी को अंदर धक्का देते हुए गाते लॉक कर दिया. और फाटक से दी को गले लगा लिया. दी ने शायद ब्रा नही पहनी थी, इसलिए उसके बड़े बूब्स और निपल मेरे सिने मे चुभ रहे थे.

दीदी कुछ समजे उससे पहले मैने अपने दोनो हाथो को पीछे ले जाकर उसकी गंद को सहलाने लगा. दीदी स्टॅच्यू की तरहा खड़ी थी, जीजू के गाते नॉक करने पर दी को जैसे होश आया, और उसने मेरे हाथो को अपनी गांद से हटके गाते ओपन किया.

जीजू: कैसा लगा सर्प्राइज़.

दी: अछा लगा. (दी अंदर से अभी भी शॉक्ड सी थी)

फिर थोड़ी कुछ बाते हुई, मैने नहा लिया, और जीजू,दी, मैने चाय नाश्ता किया और उसके बाद जीजू ने दी से धीरे से कुछ कहा, और वो ऑफीस के लिए निकल गये. मैं इसी मोमेंट का वेट कर रहा था की कब मैं और दीदी अकेले हो.

दीदी: घर पे सब कैसे हैं ?

मे: ठीक हैं.

दीदी: और तू कैसा हैं.

मे: जैसा आप छोड़ के गयी थी वैसा हूँ, अधूरा सा.(ये सुनकर दी ने अपना सिर झुका लिया)

दी: देख, तू बीती बातो को भूल जा, वो एक मोमेंट था, जो बीत गया.

मे: आपके लिए सिर्फ़ एक मोमेंट होगा, क्यूंकी आपने ये चीज़े पहले बहुत बार एंजाय कर चुकी थी. पर मेरे लिए वो एक यादगार लम्हें थे. मेरी लाइफ की फर्स्ट किस थी वो किसी लड़की से.

लाइफ में पहली बार मैने किसिको इतना करीब से फील किया था, उसके बूब्स को दबाया था. और ये सब मैने उस लड़की से किया था, जिसे मैं चाहता था.

दी: क्या मतलब ?

मे: ई लोवे योउ अनु दी. जब से तुमने मुझे उस दिन सीमा के फोटो पे मूठ मरते हुए पकड़ा, और हमारी जो बातें हुई, उसी दिन से तुम मे मुझे दी के बदले एक सेक्सी लड़की नज़र आने लगी.

जिस तरह से तुम मेरा ख़याल रखती, मुजसे प्यार से बातें करती और जिस तरह से मेरा तुमसे टच होता, इन सब के कारण मे तुम्हे प्यार करने लगा. और उस दिन के बाद मैने सिर्फ़ तुम्हारे फोटो पे ही मूठ मारी हैं.

दी: (दीदी गौर से सुन रही थी.)

मे: और जब तुम्हारी शादी फिक्स हुई, तो मुझे मालूम था की तुम कोँमिटेड टाइप की लड़की हो, एक बार तुम्हारी शादी हो गयी तो तुम मेरा लोवे आक्सेप्ट नही करोगी.

पर मुझे ये भी यकीन था की शादी के पहले अगर मैं ट्राइ करू तो तुम मुझे एक चान्स ज़रूर डोगी. और हुआ भी वैसा, तुमने मुझे एक चान्स दिया अपने लोवे को एक्सप्रेस करनेका, पर अफ़सोस वो काम अधूरा रहा.

दी: ह्म…तो अब क्या..?

मे: उस काम को पूरा करना चाहता हूँ.

दी: ये नही हो सकता. अब मैं किसीकि बीवी हूँ.

मे: तो मैं इतनी डोर 1800केयेम डोर मटर छीलने नही आया.

दी: (तोड़ा हेस्ट हुए) तो फिर क्या छीलने आए हो?

मे: तुम्हे छीलने. मे यहा तेरी छूट को मरने आया हूँ, तुझे नंगी करके छोड़ने आया हूँ, तेरे इस बड़े बूब्स का दूध निकालने आया हूँ.

उस दिन का अधूरा काम पूरा करने आया हूँ.(और फिरसे अपने होंठ उसके होंठ पे रख दिए, और उसके बूब्स को डबले लगा).

दी: (अपने आप को मुझसे चुड़ते हुए) ये ग़लत हैं भाई. अब मैं किसी और की अमानत हूँ. उस नाइट मे जोश मे थी, पर आज मैं होश मैं हूँ.

और तुझे पता हैं, तेरे जीजू ने यहा क्यूँ बुलाया हैं ? तू चल मेरे साथ.(और दी मुझे अंदर के कमरे मैं ले गयी, जहा सब सामान पड़ा था.)

मे:क्या हैं ये सब?

दी: तेरे जीजू को कंपनी ने माइज़ॉयर की ब्रांच में शिफ्ट किया हैं, और एक बात बता दूं. की तेरे जीजा ज़रूरत से ज़्यादा कंजूस टाइप हैं. तो शिफ्टिंग वालो के बजे वो अपनी कार मे सामान ले जाएँगे.

और तुझे शिफ्टिंग में हेल्प के लिए बुलाया लगता हैं, क्यूंकी जाते जाते वो मुझसे कह के गये, की उनकी कार वो नीचे छोड़ गये हैं, उसमे हम दोनो सामान सेट कर दे. कल सुबा जल्दी निकालने का प्लान हैं.

मे: (मेरी तो जैसे बत्ती गुल हो गयी, क्या सोच के आया था, की दी को पताके आराम से उसकी छूट मारूँगा, पर यहा तो जीजू ने मेरी ही मरली. पर मैने अपने आप को कंट्रोल किया) कोई बात नही दी, ये भी कर लेंगे. ये हेल्प आपकी मे कर दूँगा, कुछ हेल्प आप मेरी कर देना.

दी: तू नही सुधरेगा. (और वो किचन मे चली गई.)

मे: (मैं भी उसके पीछे पीछे गया और उसे पीछे से हग किया) प्लीज़ दी, इतनी दूर आया हूँ, कुछ तो ख़याल करो मेरा. कुछ तो दो ना यार. पहले भी तो दे चुकी हो.

दी: (कुछ सोचने के बाद) ठीक हैं, पहले समान सब कार मे सेट कर्दे. फिर देखती हूँ की तुझे कुछ डू या नही.

मे: ओक दीदी. (और मैं हल्के से उसके बूब्स दबाने लगा.) दीदी आप अंदर ब्रा नही पहेनटी क्या?

दी: तेरे जीजू को ऐसे ही दबाना पसंद हैं, अगर मुझे पता होता की तू आनेवाला हैं तो सच मैं ब्रा डाल के रहती.

मे: मी गूड़लुक्क.

दी: वेरी फन्नी. तेरा गूड़लुक्क ही टुजे इतनी दूर सामान शिफ्टिंग के लिए ले आया.(और वो मुस्मुस्कुराने लगी)

मे: फिलहाल तो तुम ही देखलो, मेरे हाथ मैं वोही समान हैं, जिसके लिए मैं यहा आया था.(और मैने टशहिर्त के अंदर हाथ डालना चाहा, पर डीडिने मेरा हाथ जातक दिया.

दी: सिर्फ़ उपर उपर से ही. और हा, ये तो तुझे पहले भी मिल चुका हैं, नयी बात क्या हैं. नया तो तब होता जब तुझे मे फक करने को मिलती.

मे: सही बात हैं दीदी. प्लीज़ मान जाओ ना, मुझे सेक्स करना हैं तुम्हारे साथ, तुम्हारी शादी वाली नाइट से मे तड़प रहा हूँ तुम्हे फक करने के लिए.

दी: वो अपना चान्स तुमने गावा दिया.

मे:प्लीज़ दी, एक और चान्स दो ना.(और मैं झोर से मसालने लगा)

दी: (अपने आप को चुड़ते हुए) तू पागल हो गया हैं क्या.

मे: हन दीदी, तुम्हारी छूट के लिए.

दी: (कुछ सोच कर) अछा ठीक हैं, तू मुझसे सेक्स के लिए मारा ही जा रहा हैं, तो एक चान्स तू अपने जीजू से ले ले. अगर वो मुझे तुम्हे एक और चान्स देने के लिए बोलेंगे तो मैं दूँगी तुझे. अब तू अपना काम शुरू कर.

मे: (और मे फिर से दीदी को दबाने लगा)

दी: स्टुपिड. ये वाला नही, गाड़ी मे सामान रखनेवाला. (और वो हासणे लगी) फिर तुम्हे उसका इनाम दूँगी, अगर तेरे जीजा के आने से पहले तू काम पूरा करता हैं तो.

मैं काम मे लग गया, जितना जल्दी हो सके उतना उसे ख़तम करना चाहता था जीजा के आने से पहले. मैने कार के उपर, डेक्की मैं और पीछे की सीट पे जितना हो सका उतना पॅक कर दिया.

आयेज की दो सीट, और पीछे थोड़ी जगह मेरे बैठने के लिए बचाई थी. ये सीन देखकर मुझे ड्के की एक पढ़ी हुई स्टोरी याद आई, जिसमे एसी ही समान से भारी हुई कार मे लड़का अपनी मा को छोड़ता हैं.

तो मैने सेम फ़ॉर्मूला यहा लगाने का सोचा, और अगर सही से फ़ॉर्मूला काम किया तो कल दीदी की छूट मे मेरा लंड होगा. मैने दी को कॉल करके नीचे बुलाया और मेरा काम देखकर दीदी खुश हो गयी)

दी: अरे वा, बहुत आचे से सेट किया हैं, इसके लिए तो तुम्हे कुछ एक्सट्रा मिलना चाहिए.(और दीदी ने मुझे आँख मार के उपर चलने को कहा, और हम लिफ्ट मे उपर आ रहे थे)

दी: कभी तूने किसी को लिफ्ट मे किस किया हैं क्या ?

मे: नही.

दी: मैने भी नही किया. (और दीदी ने मेरा फेस पकड़ कर मुझे किस्सिंग करनी शुरू की,और 5त फ्लोर आने तक ये चालू रहा.)

मे: वाउ दी, मज़ा आ गया. क्या टेस्ट हैं तुम्हारे होंठो का.

दी: पहले अंदर तो चल,असली मज़ा तो अभी तेरा बाकी हैं.

और फ्लॅट के अंदर आते ही दी ने उसे आचे से गाते को डबल लॉक किया. और मुझे अपने बेडरूम मे ले गयी, और बेड पे मुझे बिता दिया, और बगल मे वो बेत गई. (कुछ सेकेंड्स हम ऐसे ही बैठे रहे)

दी: तेरे जीजू के आने का वेट कर रहा हैं.

मे: नही तो.

दी: तो फिर…

मैं दी का इशारा समझ गया, और अपने होंठो को उसके होंठ पे झाड़ दिया. एक मस्ट स्मूछिंग चालू हो गया. काई बरसो पहले जो चॅप्टर क्लोज़ हो रखा था, वो फिरसे शुरू हो गया.

स्टोरी कैसी लगी कॉमेंट्स मे ज़रूर बताईएएगा.

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