3 फ्रेंड्स के बीच लेज़्बीयन सेक्स की मस्त कहानी

ही दोस्तों, मेरा नाम किंजल है. मेरी उमर 20 साल है. हाइट मेरी 5’4″ है, और फिगर 36-28-36 है. मैं दूष की तरह गोरी हू, और लड़के मेरे दीवाने है.

मुझे लंड की कभी कमी ही नही रही. बस एक स्माइल करके किसी भी लड़के को देख लो, वो छोड़ने को तैयार हो जाता है. मैं अभी कॉलेज के 1स्ट्रीट एअर में हू, और ये कहानी पिछले साल की है. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

12त के एग्ज़ॅम्स ख़तम हो चुके थे, और रिज़ल्ट आने वाला था. मैं और मेरी 2 फ्रेंड्स प्रीति (उस वक़्त उमर 19 साल, फिगर 34-30-36), और कोमल (उस वक़्त उमर 19 साल, फिगर 34-28-38) बड़ी उत्सुकता से रिज़ल्ट की वेट कर रही थी.

हम तीनो काफ़ी सालों से बेस्ट फ्रेंड्स थी. तीनो का ग्रूप बहुत शराराते करता था, और पनिशमेंट भी हमे भी सबसे ज़्यादा मिलती थी. हम तीनो की फॅमिलीस को भी हमारी फ्रेंडशिप के बारे में पता था, तो हम एक-दूसरे के घर में रहने भी चले जाते थे.

टीचर्स हमे रक्षासो की टोली कह कर बुलाते थे. हम तीनो ही स्कूल की सबसे खूबसूरत और सेक्सी लड़कियों में से थी. बहुत लड़के हमारे पीछे थे, लेकिन हम लड़कों को भाव नही देती थी.

फिर रिज़ल्ट आ गया, और हम तीनो ही आचे मार्क्स से पास हो गयी. अब मार्क्स आचे आए थे, तो पार्टी तो बनती थी. तो प्रीति ने अपने फार्महाउस पर पार्टी प्लान की. वाहा पर सिर्फ़ हम तीनो ही होने वाले थे.

फिर कोमल ने पार्टी के लिए ड्रेस कोड का आइडिया दिया. और वो ड्रेस कोड था हमारी स्कूल यूनिफॉर्म. हमारी स्कूल यूनिफॉर्म में वाइट शर्ट, ग्रे स्कर्ट, और उपर ब्लू ब्लेज़र होता था. हमारी शर्ट टाइट, स्कर्ट घुटनो से उपर थी, और ब्लेज़र गर्मी की वजह से पहना नही था.

फिर हम तीनो फार्महाउस की तरफ चल दिए. गाड़ी कोमल की थी, और दिक्क़ी में ड्रिंक्स भी भर ली थी हमने. वैसे हमने बियर तो पहले भी काई बार पी थी, लेकिन आज हम वोड्का भी ट्राइ करने वाले थे.

फिर हम फार्महाउस पहुँच गये. हम रास्ते में होटेल से डिन्नर भी लेके गये थे. वाहा जाके हम सब हॉल में सोफा पर बैठ गये, और सबसे पहले हमने डिन्नर किया. उसके बाद हमने ड्रिंक्स शुरू की.

कुछ ही मिंटो में हमने वोड्का की 2 बॉटल्स उड़ा दी. फिर हमने ज़ोरदार म्यूज़िक लगाया, और डॅन्स किया. हम पागलों की तरह डॅन्स करने लग गये. हमारे पास पूरी पेटी थी, तो अभी बहुत दारू बची हुई थी. फिर हमने और दारू पी, और तक कर बैठ गये. बैठ कर हम पुराने टाइम को याद करके हासणे लग गये.

कोमल बोली: यार तो अंकुश याद है अपनी क्लास वाहा. एक दिन सला मुझे कहता की मेरी छूट भी चातेगा अगर मैं उसके साथ फ्रेंडशिप कर लू तो.

मैं: अर्रे ऐसी ही बात मुझे कुणाल ने कही थी. कहता मेरी टट्टी भी खा लेगा, क्यूंकी उसको मुझसे प्यार हो गया था.

प्रीति: वैसे आज तो पार्टी में लड़के भी होने चाहिए थे.

मैं: ओह, हमारी प्रीति लेक मिस कर रही है. तुम्हे सेक्स करना था लड़कों के साथ (मैने हेस्ट हुए बोला)?

प्रीति: हा कभी तो करना ही है. सोचा थोड़ी प्राक्टिज़ कर लेते.

ये बोल कर उसने मुझे आँख मार दी.

फिर कोमल बोली: हमारे होते हुए सेक्स की टेन्षन क्यूँ ले रही हो.

ये बोल कर कोमल प्रीति के पास आई, और उसने अपने होंठ प्रीति के होंठो से लगा दिए. पहले प्रीति की आँखें बड़ी हो गयी, लेकिन फिर वो भी कोमल का साथ देने लग गयी.

मैने कभी उनके बारे में ऐसा सोचा नही था. लेकिन उनको किस करते देख मुझे भी कुछ होने लगा था. अब ये दारू का नशा था, या क्या था, ये नही पता. फिर मैने भी उनको जाय्न कर लिया, और हम तीनो बारी-बारी एक-दूसरे के होंठ चूसने लग गयी.

15 मिनिट हमारी किस ऐसे ही चलती रही. फिर कोमल बोली-

कोमल: चलो गाइस, आज मज़ा करते है.

हममे से किसी ने ना नही बोला. फिर कोमल खड़ी हो गयी, और उसने अपनी स्कर्ट और पनटी उतार दी. उसकी छूट बिल्कुल क्लीन-शेव्ड थी. फिर वो बोली-

कोमल: बोलो कों शुरू करेगा?

मैने जल्दी से उसकी छूट पर मूह लगा लिया, और उसको चाटना शुरू कर दिया. मेरी जीभ लगते ही कोमल आहें भरने लग गयी. प्रीति मेरे पीछे आई, और मेरे बूब्स पर हाथ डाल लिए.

उसने मेरी शर्ट खोली, और मेरी ब्रा उतार दी, और मेरे बूब्स दबाने लग गयी. इससे मैं और गरम होने लग गयी.

मैं ज़ोर-ज़ोर से कोमल की छूट चाट रही थी, और कोमल मेरे मूह को अपनी छूट में दबा रही थी. उधर प्रीति मेरे निपल्स खींच-खींच कर मुझे उत्तेजित कर रही थी. फिर कोमल काँपने लगी, और उसकी छूट से पानी की पिचकारी निकली, जो सीधा मेरे मूह में गयी. मैं उसका सारा पानी पी गयी.

अब कोमल मेरे होंठो को चूसने लग गयी, और मैं घोड़ी बन गयी. पीछे से प्रीति ने मेरी स्कर्ट निकाल दी. अब मेरी गोरी-गोरी गांद लाल पनटी में चमक रही थी.

फिर प्रीति ने मेरी पनटी भी निकाल दी, और मेरे छूतदो पर थप्पड़ मारने लगी. इससे मैं और हॉर्नी हो गयी, और कोमल के होंठ काटने लग गयी. जब मैने कोमल के होंठ काटे, तो उसने मुझे थप्पड़ मार दिया.

ओह मी गोद, मैं किकी होती जेया रही थी. फिर प्रीति ने मेरी गांद में अपना मूह डाल दिया, और मेरी छूट चूसने लग गयी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, और मैं गांद हिला-हिला कर अपनी छूट चुस्वा रही थी.

फिर कोमल उठी, और प्रीति के पीछे जाके उसने प्रीति की भी स्कर्ट और पनटी उतार दी. अब प्रीति मेरी छूट चूस रही थी, और कोमल प्रीति की छूट चूस रही थी. हम तीनो के मोन्स से पूरा कमरा गूँज रहा था.

अब मैं घोड़ी बन कर तक चुकी थी, और सीधी लेट गयी. प्रीति ने फिरसे अपना मूह मेरी छूट पर लगा लिया. कोमल प्रीति की छूट तो चूस ही रही थी, उसकी गांद में भी उंगली डाल रही थी.

मैने प्रीति का मूह अपनी छूट में दबा लिया, और उसकी साँस रुक रही थी. फिर मेरा होने वाला था, तो मैने प्रीति के फेस पर ही अपना सारा माल निकाल दिया. मुझे बड़ी संतुष्टि मिली.

अब सिर्फ़ प्रीति बाकी रह गयी थी. हम तीनो ने अपने बचे हुए कपड़े उतार दिए, और मैने और कोमल ने प्रीति को खड़ा कर लिया. फिर मैं प्रीति के पीछे घुटनो के बाल बैठ गयी, और कोमल उसके आयेज.

कोमल और मैने अपने हाथ एक-दूसरे के बूब्स पर रखे, और मूह प्रीति की गांद और छूट में डाल लिए. मैं प्रीति की गांद चाटने लगी, और कोमल उसकी छूट चाट रही थी, और साथ में हम एक-दूसरे के बूब्स दबा रहे थे.

लगभग 15 मिनिट ऐसा ही चला. हम दोनो ने एक-दूसरे के निपल्स खींच कर लाल कर दिए थे. फिर प्रीति काँपने लगी, और उसकी छूट का माल निकल गया. फिर वो तक कर बैठ गयी. उसके बाद हम तीनो नंगे ही सो गये, और सुबा वापस अपने घर आ गये.

थे एंड.

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