हेलो दोस्तों, इस सेक्स स्टोरी सीरीस के अगले पार्ट में आपका स्वागत है. ये सीरीस मेरी फॅमिली में मेरे, मेरी बेहन और मेरी मम्मी के बीच हुए सेक्स की है. लास्ट पार्ट में आपने पढ़ा कैसे मैने मम्मी को नंगा किया, और हम दोनो एक-दूसरे के सामने नंगे थे. अब आयेज-
मम्मी वापस पनटी पहनने लगती है. मैं मम्मी को रोक देता हू.
मम्मी: क्या हुआ? देख लिया ना अब. चल मुझे कपड़े पहनने दे.
मैं: क्या मम्मी, एक बार देखने का मौका मिला है. कम से कम मुझे कुछ टाइम देखने तो दो. कों सा आप रोज़ दिखाओगे (नॉटी स्माइल करते हुए).
मम्मी: ठीक है, देख ले. मॅन भर जाए तब बता देना, पहन लूँगी कपड़े.
मैं: मॅन तो मेरा ऐसे कभी नही भरेगा.
मम्मी: तो कैसे भरेगा तेरा मॅन?
मैं: मुझे आपकी वेजाइना टच करनी है.
मम्मी: क्या टच करनी है?
मैं: आपकी छूट…
मम्मी: नही, देखने से ज़्यादा कुछ सोचना भी मत.
मैं: हिसाब बराबर करने की बात हुई थी. आपने भी कल मेरा लंड पकड़ा था.
मम्मी (तोड़ा गुस्से में): माना कर दिया ना एक बार, ज़्यादा करेगा तो अभी कपड़े पहन लूँगी.
मैं: ठीक है, पर आपको आज मेरे साथ ऐसे ही नंगे रहना पड़ेगा जब तक कोई नही आता है. अगर ये भी नही मानी तो मुझसे कभी बात मत करना.
मम्मी ने हा कर दी, और हस्स कर लंच बनाने चली गयी. मैं किचन में मम्मी के पास स्लॅब पे जाके बैठ गया, और उनकी बॉडी के एक-एक कर्व को ध्यान से देखने लगा. रोटी बनाते हुए मम्मी के बूब्स आयेज-पीछे हिल रहे थे. दोनो चुचिया आपस में टकरा रही थी. मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा. मम्मी भी रोटी बनाते-बनाते टेढ़ी नज़रों से मेरा लंड बड़े होते हुए देख रही थी, और नों-स्टॉप शरमाते हुए स्माइल कर रही थी.
मैं स्लॅब से उठा, और मम्मी को पीछे से हग कर लिया. मेरे दोनो हाथ मम्मी के पेट को पकड़े हुए थे. मम्मी की हाइट मुझसे छ्होटी है. जैसे ही मैं आयेज हुआ, मेरा लंड मम्मी की गांद पे टच हुआ. मम्मी शॉक हो गयी और दर्र के एक-दूं तोड़ा आयेज हुई. पर मम्मी ने कुछ नही कहा.
मैने फिरसे आयेज हुआ, और लंड गांद में टच कर दिया. इस बार मम्मी फिरसे जान-बूझ के तोड़ा आयेज हो गयी. मैं भी उनको चिपक गया, और पूरा लंड गांद में लगा दिया.
मम्मी एक मिनिट के लिए रुक गयी. शायद मेरे लंड की गर्मी से वो भी गरम हो रही थी. उन्होने कोई विरोध नही किया. मैं ऐसे ही लंच बनने तक मम्मी से चिपक के खड़ा रहा. मम्मी के खाना बनाने के बाद हमने लंच किया, और मैं टीवी देखने लगा, और रोमॅंटिक सॉंग्स चला दिए, जिसमे किस्सिंग सीन आते हो. फिर मम्मी बर्तन ढोने चली गयी.
मम्मी भी बीच-बीच में टीवी देख रही थी, और गाने सुन रही थी. फिर वो सीधा अपने रूम में चली गयी आराम करने के लिए. मेरे पास भी आज का दिन था. मैं भी मौका नही जाने देना चाहता था.
मैं पीछे-पीछे रूम में चला गया. मम्मी ने मुझे देखा और दूसरी तरफ मूह कर के लेट गयी. मैं मम्मी के पीछे जाके लेट गया, और हग करके चिपक गया. मैने अपना लंड मम्मी की गांद के बीच में सेट कर लिया था. मम्मी भी अब मेरे लंड लगने से नॉर्म्ल हो गयी थी.
मम्मी: अब क्या करने आया है? मॅन नही भरा है तेरा?
मैं: कुछ किया भी नही है मैने तो.
मम्मी: जो किचन में और अभी मेरे पीछे लेते-लेते कर रहा है, वो क्या है (मम्मी मेरे लंड के बारे में बोल रही थी, की मैं गांद में फ़ससा रहा था)?
मैं: कुछ भी नही. मैं तो आराम से लेता हुआ हू. आप कुछ करने ही नही दे रहे. आज-आज आपको देख सकता हू. क्या अब देखु भी नही?
ऐसा कहते हुए मैने मेरा हाथ धीरे-धीरे पेट से मम्मी की नंगी चुचियो में रख दिया. मम्मी के निपल एक-दूं खड़े थे, जो मुझे मेरी उंगलियों में फील हो रहे थे. वो गरम हो रखी थी पहले ही.
मम्मी: मैं सो रही हू, मुझे डिस्टर्ब मत कर.
ये कह कर मम्मी सोने की आक्टिंग करने लगी. मुझे भी पता था मम्मी गरम हो रखी थी, नींद तो आएगी नही. मैने धीरे-धीरे मम्मी के बूब्स सहलाने शुरू कर दिए. मम्मी कोई विरोध नही कर रही थी, बस सोने का नाटक कर रही थी.
मैने एक हाथ से अपना लंड मम्मी के दोनो छूतदों के बीच फ़ससा दिया, और धीरे-धीरे लंड गांद के बीच में रगड़ने लगा. धीरे-धीरे मेरी स्पीड बढ़ती गयी, और लंड गांद के बीच से होता हुआ मम्मी की छूट से टकराने लगा. मेरे लंड का टिप मम्मी के छूतदों के बीच से होता हुआ मम्मी की छूट पे लग रहा था. मम्मी की साँसे तेज़ होने लगी थी. वो इतनी तेज़ साँस ले रही थी, की मुझे सॉफ सुनाई दे रहा था.
फिर मैं एक हाथ से मम्मी बूब्स ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा, और मम्मी के पीछे चिपक कर अपना लंड पूरी तरह से छूट के होंठो के बीच रगड़ने लगा. मम्मी बिल्कुल गरम हो चुकी थी. हम दोनो ही सेक्स के लिए पागल हो रहे थे. मम्मी की छूट का पानी धीरे-धीरे निकल के मेरे लंड को गीला कर रहा था.
मम्मी सोने का नाटक कर रही थी, पर चूड़ना भी चाहती थी. एक मा होके वो अपने बेटे से ये सब नही करना चाहती थी. पर वो खुद को कंट्रोल भी नही कर पा रही थी.
मैने पीछे से मम्मी की छूट में लंड डालने की कोशिश की, पर मेरा टिप बस मम्मी के च्छेद को टच कर रहा था. तभी अचानक मम्मी ने अपनी गांद मेरी तरफ की, और अपने टांगे आयेज कर ली. मैने छूट के च्छेद पर अपना लंड रखा, और एक झटके में लंड का टिप घुसा दिया..
मम्मी के मूह से आहह की आवाज़ निकल गयी. वो अपने होंठो को दांतो से दबा कर आवाज़ निकालने से रोक रही थी. पर मेरे अगले ही ज़ोर के झटके से मम्मी की चीख निकल गयी, और उन्होने मेरा हाथ ज़ोर से पकड़ लिया.
इतना सब होने की बाद भी मम्मी सोने का नाटक कर रही थी. मैने धीरे-धीरे मम्मी को छोड़ना शुरू कर दिया. मम्मी का दर्द कम हो गया, और वो अपनी आवाज़ दबाने लगी. मम्मी के मूह से हल्की-हल्की आ ह्म की आवाज़ निकल रही थी. उनको छोड़ कर मैं तो पागल ही हो गया था.
मैं मम्मी को किसी भी हाल में सॅटिस्फाइ करना चाहता था. वरना शायद वो मुझे फिर से ना छोड़ने देती. मैने अपना लंड निकाला, और मम्मी को पकड़ कर सीधा कमर की साइड लिटा दिया. मम्मी ने आँखें बंद कर रखी थी, और साइड में फेस करके लेती रही. मैं मम्मी के उपर आ गया, और मम्मी की छूट में लंड डाल के छोड़ना शुरू कर दिया.
मम्मी के बूब्स मेरे सामने थे. मैं पुर जोश में बूब्स चूसने लगा. मम्मी की आँखें बंद थी, पर उनका चेहरा लाल हो रखा था. वो चुदाई का मज़ा ले रही थी. जोश-जोश में मेरी छोड़ने की स्पीड भी बढ़ती गयी. मेरा लंड मम्मी की छूट की गहराई में जेया रहा था. लंड और छूट के टकराने से घर में पट्ट-पट्ट की आवाज़ हो रही थी.
मम्मी अब बहुत तेज़ साँस ले रही थी. उन्होने अपनी छूट को टाइट कर लिया, और मेरे लंड को छूट से जाकड़ सा लिया. शायद मम्मी मुझे बताना चाहती थी के वो झड़ने वाली थी. मैने तेज़-तेज़ छूट छोड़ना शुरू कर दिया. मम्मी की छूट इतनी टाइट हो रखी थी की मेरा भी पानी निकालने हो रहा था. उन्होने अपनी टाँगें मेरी कमर पर रख दी.
मैने फुल स्पीड में मम्मी को छोड़ना शुरू कर दिया, और 7-8 झटकों में ही मम्मी झाड़ गयी, और मुझे ज़ोर से पकड़ लिया. मम्मी के मूह से एक तेज़ आहह की आवाज़ निकली, और मैं भी मम्मी की छूट में ही झाड़ गया.
मैं मम्मी के उपर लेट गया. मम्मी अभी भी सोने का नाटक कर रही थी, या फिर बस मुझसे नज़रें चुरा रही थी. चुदाई का सोच के मैं बहुत खुश था. तभी मम्मी ने मुझे अपने उपर से हटाया और उठ के बिना कुछ बोले अपने कपड़े लेके जाने लगी. मैने मम्मी का हाथ पकड़ के मम्मी को अपनी तरफ घुमाया, तो मम्मी की आँखों में आँसू आ रखे थे. मम्मी ने अपना हाथ चुधवया, और वॉशरूम में चली गयी.
उनके आँसू देख के मैं समझ गया की वो आँसू एक मा के है, जो अपने बेटे से चुड कर अपने आप से नफ़रत कर रही थी. इसके बाद मेरे और मम्मी के रिश्ते में क्या बदलाव आया, ये नेक्स्ट पार्ट में पढ़े. आप मुझे मेरी मैल ईद पे सजेशन और छत भेज सकते हो-