वो खाली दुकान और चार चार मीठे पकवान –2

वो खाली दुकान और चार चार मीठे पकवान –1 मेरा तारा और किट्टी के साथ का हमबिस्तर होना अब दोनों ( किट्टी और तारा ) को पता चल गया था. दोनों ने मुझे ये हिदायत दी कि मैं पूनम और वीरा को इस बात की बिलकुल भी भनक ना लगने दूँ. तारा ने कहा कि वीरा और पूनम दोनों लेस्बियन हैं. दोनों एक साथ मुझसे सेक्स करने को कहेगी. मैंने तारा और किट्टी को विश्वास दिलाया कि मैं उन दोनों को बिलकुल पता नहीं चलने दूंगा. मैं रात को सोचने लगा कि आखिर एक साथ दो दो औरतों से सेक्स कैसे होता होगा? कितना मजा आता होगा? ये लेस्बियन क्या होता है? इन सब सवालों ने मुझे रोमांचित कर दिया. मैंने उन दोनों को एक साथ मिलने का फैसला किया.
अगले दिन वीरा मेरे शो रूम से कुछ टी शर्ट लेकर अपने पार्लर में ट्राई करने गई. उसने दो टी शर्ट पसंद किये और मुझसे पूछा ” मुझे कुछ डिस्काऊंट मिलेगा? ” मैं मुस्कुराया और बोला ” बिलकुल मिलेगा. पूनम को कुछ नहीं चाहिये क्या? नया स्टॉक आया हुआ है. वैसे नीला रंग तुम पर बहुत खिलता है और तुम इसमें बहुत ही खुबसूरत लग रही हो.” वीरा अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई. उसने पूनम को भेज दिया. पूनम ने भी टी शर्ट लिए. मैंने उसे भी थोडा डिस्काऊंट दिया और उसे भी यही कहा कि गुलाबी रंग के टी शर्ट में वो गज़ब ढा रही है. जब रात को वे दोनों एक साथ घर के लिए निकली तो मझे देखकर मुस्कुरा रही थी. मैं भी मुस्कुराया और अपना हाथ हिला दिया. मुझे लगा तीर थोडा निशाने पर लगा है. अगले दो तीन दिनों तक मेरा उन दोनों के साथ यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहता.
उस दिन तारा नहीं आनेवाली थी. किट्टी कुछ देर के लिए कहीं बाहर गई. मैं पार्लर के सामने से युहीं गुजरा. दरवाजा खुला हुआ था. पूनम और वीरा आपस में बातें कर रही थी. मुझे देखते ही वे दोनों मुस्कुराने लगी. मैंने पूछा ” आज कोई कस्टमर नहीं है क्या?” दोनों ने ना में सर हिला दिया. मैं उनके सामने रखी स्टूल पर बैठ गया. दोनों ने मुझे अपनी तारीफ करने के लिए शुक्रिया कहा. मैंने कहा ” इसमें शुक्रिया कैसा. जो अच्छा दिखता है उसे कहना ही चाहिये कि वो अच्छा दिखता है. अच्छा एक बात बताओ तुम दोनों एक साथ ही रहती हो?” पूनम ने कहा ” हाँ. हम दोनों ने एक रूम किराये पर लिया हुआ है.” मैंने फिर पूछा ” एक ही साथ रहते हुए कैसा लगता है?” वीरा बोली ” अच्छा लगता है.” मैंने फिर आगे बात बढाई ” एक ही कमरा है तो फिर तकलीफ होती होगी?”
पूनम – ” खाना तो हम बाहर से लाकर खाते हैं. घर में सिर्फ चाय बनाते हैं. ”
मैं – ” सोते कैसे हो? एक ही बेड होगा. डबल बेड है?”
पूनम – ” कमरा बहुत छोटा है. एक सिंगल बेड ही है.”
मैं – ” सिंगल बेड पर कैसे सोती होंगी?””
वीरा – ” एक दम आराम से”
अब मैंने थोडा शरारत भरा सवाल पूछा ” कभी कभी आपस में नींद में गले भी मिल लेटी होंगी” मेरी इस बात पर दोनों ने एक दूसरे को देखा और हंसने लगी. मैंने अब सीधा सवाल पूछा ” अच्छा बताओ जब दो लडकीयाँ आपस में गले मिलती हैं और उन दोनों के सीने भी टच हो जाते हैं तब कैसा लगता होगा? मुझे ये सवाल बहुत सताता है. तुम दोनों एक साथ रहती हो इसलिए पूछ रहा हूँ. ”
वीरा ने अपनी आँखें पूनम की तरफ घुमाई और बोली ” इतना ही पता करना है या फिर कोई और बात है? आज तुम हमसे इतना क्यूँ घुलमिल रहे हो?” अब पूनम ने एक टेढ़ी मुस्कान मेरी तरफ डाली और बोली ” अगर तुम सीधी बात करो तो ज्यादा अच्छा रहेगा. हम तीनों आपस में दोस्त हैं. कोई बात नहीं छुपायेंगे.” मैंने उन्हें फिर कहा ” मैंने एक बार कहीं ऐसा ही कुछ पढ़ा था. दो लडकीयाँ साथ साथ रहती हैं. आपस में प्यार करती हैं. मुझे कुछ समझ में नहीं आया. उन्हें लेस्बियन कहा जाता है.” वीरा बोली ” हम दोनों भी लेस्बियन है. ये बात सिर्फ तारा और किट्टी को पता है. इस गुरूवार को बाजार बंद रहेगा. तुम चाहो तो सवेरे हमारे घर आ सकते हो.” पूनम ने कहा ” नहीं; तुम अगर आ सको तो बुधवार की रात ही आ जाना. वहीँ सो जाना. जैसे हम सोते हैं तुम भी वैसे ही .” मैं खुश होकर बुधवार का इंतज़ार करने लगा.
बुधवार की रात में अपनी दुकान बंद कर पूनम और वीरा के साथ उनके घर चला गया. उनका कमरा ग्राउंड फ्लोर पर था. कमरे के पीछे एक छोटी से बालकनी थी जो समन्दर के ठीक सामने खुलती थी. कमरा था तो छोटा लेकिन उन दोनों ने एकदम साफ़ सुथरा रखा हुआ था. वीरा ने मुझे शरबत पीने के लिए दिया. पूनम मेरे सामने ही आलमारी से कपडे निकालकर बदलने लगी. मैंने पूनम को केवल ब्रा और पैंटी में देखा. मेरे मुंह में पानी आ गया. पूनम ने हॉट शोर्ट पहना और ऊपर स्पोर्ट्स ब्रा. अब वीरा ने भी अपने कपडे बदले. उसने एक ट्यूब टॉप पहन लिया और नीचे पूनम के जैसा ही हॉट शोर्ट. अब दोनों मेरे सामने पलंग पर टांग पर टांग रखकर बैठ गई. उन दोनों की इस अदा ने मेरे शरीर में एक सुरसुराहट पैदा कर दी. वीरा ने मुझसे कहा ” तुम भी अपन एकपदे क्यूँ नहीं बदल लेटे.” मैंने भी अब बोक्स़र शोर्ट पहन लिया और ऊपर का हिस्सा खुला ही छोड़ दिया. पूनम ने कहा ” तुम्हारा बॉडी बहुत सेक्सी और गरम है.” वीरा ने कहा ” तुम्हारा सीना तो लाजवाब है.” पूनम ने वीरा के सीने पर हाथ रखा और कहा ” तुम लेस्बियन सेक्स के बारे में जानना चाहते थे ना?” वीरा ने पूनम के गले के नीचे चूम लिया. जवाब में पूनम ने वीरा के गले के नीचे चूम लिया. अब दोनों ने एक दूसरे की टांगों में अपनी टांगें ऐसी फंसाई कि मेरे मुंह से एक हलकी सी आह निकल गई.
वीरा और पूनम दोनों ने अगले आधे घंटे तक ऐसी ही कितनी अदाएं की और मुझे लगभग घायल कर दिया. वीरा ने मुझसे कहा ” दूर से देखने से मजा नहीं आयेगा. तुम भी हमारे साथ आ जाओ. हम दोनों ने इसे पहले तारा के बॉय फ्रेंड से भी हमारे साथ आकर सेक्स करने के लिए कहा था लेकिन वो नहीं माना. ” पूनम बोली ” एक बार हमने हमारे एक कस्टमर को भी इनवाईट किया लेकिन वो तो हमारे रिश्ते से घबरा गया. क्या तुम भी मना करोगे?” मैंने कोई जवाब नहीं दिया और पलंग के पास जाकर उन दोनों के बीच में जगह बनाकर बैठ गया. मैंने पहले वीरा और बाद में पूनम को चूमा. इसके बाद उन दोनों ने भी मुझे बारी बारी से चूमा. हम तीनों काफी देर तक युहीं करते रहे.
तभी पूनम ने फ्रिज में से आइसक्रीम निकल ली. उसने एक चमच्च से वीरा को आइसक्रीम खिलाई वीरा ने अपना मुंह खुला ही रखा. पूनम ने अपना मुंह वीरा के मुंह से मिला लिया. पूनम ने अपनी जीभ से वीरा के मुंह से आइसक्रीम ली और खाना शुरू किया. फिर वीरा ने भी पूनम के साथ ऐसा ही किया. यह देख मैं भी उन दोनों के साथ इस में शामिल हो गया. वीरा ने इसके बाद यही खेल अंगूर और आम रस के साथ दोहराया. आम रस से यह खेल खेलते समय आम रस हम तीनों के जिस्म पर कई जगह गिर गया. हम तीनों ने हर जगह गिरे आम रस को जीभ से लेकर खाया.
हम तीनों धीरे धीरे उत्तेजित होने लग गए. वीरा उठी और अपने पर्स में से कंडोम ले आई. पूनम ने मेरे होंठों को च्मते हुए कहा ” तुम मना मत कर देना. हम दोनों पिछले एक साल से कोशिश कर रहे हैं लेकिन कोई मर्द हमारे साथ नहीं आया है. ” वीरा ने अब मेरे होंठ चूमे और बोली ” बस अब तुम तैयार हो जाओ.” मैंने वीरा और पूनम के सभी कपडे उतार दिए. उन दोनों ने मेरा अंडर वेअर उतार दिया. वीरा ने मेरे गुप्तांग को अपने हाथों से सहलाना शुरू किया. पूनम ने तो मेरे गुप्तांग को बहुत हलके से चूम लिया. उसके होंठों के स्पर्श ने मेरे होश उदा दिए. वीरा ने अब कंडों मेरे गुप्तांग पर चढ़ाया और पूनम को साथ लेकर पलंग पर सीधी लेट गई. मैंने पहले वीरा के जननांग को भेदा. वीरा ने मेरे गुप्तांग के उसके जननांग में घुसते ही जोर से आहें भरनी शुरू कर दी. उसकी आवाजें भी तेज हो गई. पूनम ने अपने होंठों से वीरा के मुंह को बंद कर दिया. वीरा ने थकने का इशारा किया और मैंने पूनम के जननांग को अब भेदना शुरू कर दिया. पूनम का जननांग बहुत ज्यादा गुदगुदा निकला. पूनम ने अपना जननांग काफी देर तक मेरे लिंग से गीला होने दिया. इसके बाद हमने अपने कपडे फिर से पहन लिए.
वीरा के कहने पर हम समन्दर में नहाने चले गए. रात का समय था. ठंडी हवा चल रही थी. पानी बहुत अच्छा लगा. पूनम मुझे लेकर पानी में गिर गई. वीरा हम दोनों के ऊपर गिर गई. हम आपस में लिपट लिपटकर पानी में खेलने लगे. पूनम ने अचानक मेरे अंडर वेअर के अंदर हाथ डाला और मेरे गुप्तांग को पकड़ लिया. वीरा ने पूनम कि पैंटी को खींच कर थोडा नीचे कर दिया. अब पूनम ने मेरे गुप्तांग को अपने जननांग के अन्दर एक ही झटके से घुसा दिया. हम पानी के अन्दर थे. हमने बहुत ज्यादा मजा आया. जब पानी की लहरें तेज होने लगी तो हम वापस घर में लौट आये.
मैंने आते ही वीरा को पकड़ लिया और उसे पलंग पर पटक दिया और अपने लिंग को उसके जननांग में घुसेड दिया. अब रात थी और हम तीनों थे. बाद में वीरा पूनम को गले से लगाकर लेट गई. वीरा पूनम के ऊपर थी इसलिए मैंने पीछे से वीरा के जननांग को एक बार फिर अपने लिंग से गीला कर दिया. फिर पूनम वीरा के ऊपर आ गई. अब पूनम का जननांग गीला हो चुका था. इसके बाद पूनम और वीरा अपनी अपनी टांगें फैला दी और आमने सामने होकर उन दोनों ने मुझे अपने अपने जननांगों को आमने सामने लाकर उन्हें आपस में मिलकर रगडा और मुझे देखने के लिए कहा. मैं अब हर तरह से पागल जैसा हो गया था. अब मैं उन दोनों के ऊपर कुछ इस तरह से लेटा कि मेरा कड़क और लम्बा हुआ लिंग उन दोनों के जननांगों के बीच में चला गया. उन दोनों के गुदगुदे हिस्सों से जैसे मेरे लिंग पर दबाव आया तो हम तीनों ही के मुंह से एक सिसकी निकल गई. मैं ऐसे ही रहा. पूनम और वीरा दोनों ने अपने जननांगों को आपस में रगड़ना शुरू रखा. मेरा लिंग भी उन दोनों के जननांगों को पूरा सहयोग दे रहा था. कुछ देर के बाद अचानक मेरा लिंग अपने गाढे रस को रोक नहीं पाया. उन दोनों ने अब अपनी अपनी तरफ से जोर से मेरे लिंग को दबा दिया. हम तीनों को ऐसा लगा जैसे हम स्वर्ग की सैर कर रहे हों. अब हमें काफी थकान होने लगी और हम उस एक ही पलंग पर एक दूसरे से सट कर सो गए. सवेरे आस पड़ोस में लोग उठ गए. पूनम और वीरा के साथ मैं बीच पर चला गया. सारा दिन हमने खूब पानी में नहाकर मजा लूटा और शाम को मैं अपने घर लौट आया.

यह कहानी भी पड़े  दोस्त के मम्मी पापा की चुदाई

अब हर बुधवार मैं वीरा और पूनम के घर उनके साथ सोने लगा. हम हर बुधवार की पूरी रात संभोग करते. वीरा और पूनम भी मुझे लेस्बियन सेक्स करके दिखाती रहती. अब मुझे भी धीरे धीरे उन दोनों को इस तरह के सेक्स करता देख अच्छा लगने लगा था. कभी कभी हमें उस खाली दुकान में भी मौका मिल जाता. तारा और किट्टी के साथ मैं बहुत सावधानी से फ्लर्ट कर रहा था. पूरा एक महिना हो गया था लेकिन उन दोनों को मैंने अब तक पता नहीं चलने दिया था.
एक दिन लेकिन मेरी चोरी पकड़ी गई. उस दिन तारा कहीं गई हुई थी. उसे दो कस्टमर के यहाँ जाना था. मैंने मौका देख किट्टी को लिया और उस खाली दुकान में घुस गया. मैं किट्टी पूरी तरह नशे में सेक्स कर रहे थे. मेरा लिंग किट्टी के काफी भीतर तक घुसा हुआ था. तभी तारा लौट आई. वीरा और पूनम दोनों कस्टमर के साथ थी इसलिए तारा बाहर ही खड़ी हो गई. किट्टी के मुंह से मेरे झटकों से आवाजें निकल रही थी. तभी एक जोर से झटका लगा और उसके मुंह से एक चीख निकल गई. तारा ने वो चीख सुनली. उसने उस खाली दुकान से अपना कान लगाया. उसने फिर दरवाजे को धकेला लेकिन वो अन्दर से बंद था. तारा वहीँ खड़ी हो गई. जब मैंने और किट्टी ने अपना काम पूरा कर लिया तो हम दोनों दुकान से बाहर निकलने लगे. तारा ने हम दोनों को एक साथ निकलते देखा. किट्टी घबरा गई. मैं बिलकुल नहीं डरा. किट्टी पार्लर में चली गई. तारा ने मुझसे कहा ” तुम अब मेरी हर लड़की के साथ सोने लगे हो.” मैं बोला ” इसमें बुरा क्या है तारा. उसे भी मेरा साथ अच्छा लगता है. तुम्हे भी मेरा साथ अच्छा लगता है. तुम्हे ज्यादा वक्त दिया करूंगा.” तारा ने एक मुस्कान मेरी तरफ फेंकी और बोली ” अगर ऐसा नहीं हुआ तो ….” मैं बोला ” अगर ऐसा हुआ तो किट्टी को सामने खड़ा करूंगा और तुम्हारे साथ करता रहूँगा और उसे तड़पने दूंगा.” तारा ने हाँ कह दी और पार्लर में चली गई. मैंने किट्टी को तारा की सारी बात बता दी और उसे सचेत कर दिया.
वो बुधवार का दिन था और मैं पूनम और वीरा के घर था. हम तीनों बिस्तर में थे. रात के करीब बारह बजे थे. तभी दरवाजे की घंटी बजने लगी. हम डर गए. हम तीनों अपने अपने कपडे पहने. पूनम ने दरवाजे के छोटे छेद से देखने के बाद बताया कि वीरा की मौसी और मौसा हैं. मैं घर की बालकनी से कूद कर वहां से निकल गया. मेरे घर के रास्ते में एक सिनेमा हॉल आता था. मैं जब वहां से गुज़र रहा था तो लास्ट शो छुटा ही था. मुझे उस शो में से तारा कुछ लडकीयों के साथ निकलती दिखाई दी. उसने भी मुझे देख लिया. उसने बताया कि वे सभी उसके बंगले में पेईंग गेस्ट हैं. तारा को पता था कि मैं अकेला ही हूँ. उसने उन लडकीयों को घर जाने के लिए कहा और मुझे बोली ” आज की रात मैं तुम्हारी मेहमान बनना चाहती हूँ.” मैंने तारा का हाथ पकड़ा और बोला ” मुझे भी आज की रात किसी साथी की जरुरत है. चलो.” मैं तारा को लेकर अपने घर आ गया. तारा ने तुरंत ही अपने सारे कपडे उतार दिए. मैं तारा को नंगे बदन बाथरूम में ले गया. मैंने अपने कपडे उतारे और शोवर चलाकर उसके साथ नहाने लगा. हम दोनों ने नहाने का खूब मजा लिया. उसके बाद तारा ने मेरे सारे बदन पर साबुन मलकर स्पोंज किया. ढेर सारा झाग पैदा हो गया. मैंने भी तारा के बदन पर यही सब किया. हम दोनों के बदन पर इतना सारा झाग आ गया कि ऐसा लगने लगा कि हमने झाग के बने कपडे पहन रखे हों. हम दोनों बैठे हुए एक दूजे से लिपटे हुए थे और आपस में अपने नंगे जिस्मों को रगड़ रहे थे. बहुत ही मजा आ रहा था. मैंने इसी हालत में बिना कंडोम के तारा के जननांग में अपना लिंग फंसा दिया. तारा को पहले तो गुस्सा आया लेकिन बाद में वो हंस पड़ी. हम काफी देर तक इसी स्थिति में बैठे रहे. फिर हम दोनों बिस्तर पर आ गए. अब मैंने कंडोम लगाया और तारा के जननांग को करीब एक घंटे तक लाल करता रहा. तारा ने बड़े मजे से अपने जननांग को लाल कराया. सवेरे तारा घर चली गई इस वादे के साथ कि अब वो हर सप्ताह में एक रात मेरे साथ जरुर बिताएगी.
अब एक सप्ताह की दो रातें मेरे लिए सुहावनी हो गई थी. किट्टी का परिवार काफी बड़ा था. उसके घरवाले उस पर कड़ी नजर भी रखते थे. इसलिए किट्टी पार्लर या फिर उस खाली दुकान में ही मिल सकती थी. हम दोनों कई बार एक दूसरे को छूने तक के लिए तड़पने लगे थे. कोई भी रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था. मैंने किट्टी को एक रास्ता सुझाया. किट्टी को मैंने पार्लर खुलने के एक घन्टे पहले बुलाना शुरू किया. अब हम दोनों सवेरे करीब नौ-दस बजे आ जाते और फिर दस या साढे दस बजे तक उस खाली दुकान में पलंग पर हमबिस्तर हो जाते. अब किट्टी के साथ भी मेरी इच्छा पूरी होने लगी थी. मुझे किट्टी और तारा बहुत ही सेक्सी और हॉट लगती थी. वीरा और पूनम के साथ मुझे सेक्स करने के बाद अब मेरे मान में ये ख्याल बार बार आने लगा था कि अगर तारा और किट्टी दोनों एक साथ लेस्बियन सेक्स करें तो कितना खुबसूरत नज़ारा होगा. उससे भी गरम और सेक्सी होगा मेरा उन दोनों के साथ सेक्स करना.
मैंने सबसे पहले तारा से बात करते हुए कहा ” तुमने एक दिन पूनम और वीरा के लेस्बियन होने की बात कही थी. लेकिन मुझे तो उसमे कोई गलत बात नज़र नहीं आई.” तारा बोली ” गलत कुछ नहीं है. लेकिन ऐसे रिश्ते अच्छे नहीं होते. वे फिर सारी उम्र आपस में ही अधूरी सेक्स लाइफ बिताते हैं. मर्द का साथ उन्हें पसंद नहीं आता.” मैंने कहा ” तुम गलत कह रही हो. मैंने ये सब गलत सिद्ध कर दिया है. मैंने हर बुधवार की रात पूनम और वीरा के घर एक ही बिस्तर पर बिताता हूँ. ” तारा हैरान हो गई. उसने कहा ” ये कैसे हो सकता है?” मैंने कहा ” तुम्हें यकीन नहीं होता तो इस बुधवार को …” तारा बोली ” तुम हो तो ये हुआ होगा. तुम कितने गरम और सेटिसफाई करने वाले मर्द हो ये मुझे अच्छी तरह से पता है. ” मैं बोला ” तारा जब दो लेस्बियन सेक्स करते हैं तो सबसे सुन्दर नजारा होता है. औरत का जिस्म सबसे कोमल और गुदगुदा होता है. जब ऐसे दो बदन आपस में टच होते हैं तो …..” तारा ” तो तुम बहुत मजे ले रहे हो आजकल! एक नहीं चार चार.” मैं बोला ” तारा ; अगर तुम शुरू नहीं करती तो शायद आज भी मैं अकेला ही होता. तुम एक बार मुझे वीरा और पूनम के साथ देखो तो! सच कहता हूँ तुम भी ऐसा ही सेक्स करने को कहोगी. पार्टनर मैं ला दूंगा.” तारा ने हाँ कह दी वीरा और पूनम के साथ सेक्स होता देखने के लिए. मैंने एक योजना बना ली.
मैंने पूनम और वीरा को बुधवार को मेरे घर इनवाईट किया. तारा को मैंने उन दोनों से पहले बुला लिया. मेरे बेडरूम की खिड़की के परदे के पीछे तारा को छुपकर बैठा दिया. इसके बाद वीरा और पूनम के आते ही मैंने उन्हें उत्तेजित करना शुरू किया. जल्द ही पूनम और वीरा अपने सारे कपडे उतारकर पलंग पर चली गई और उन दोनों ने लेस्बियन सेक्स मुद्राएँ और पोजीशंस करनी शुरू की. मैंने तारा के हिसाब से कमरे की लाईट चालू रखी. तारा उन दोनों को देख उत्तेजित होने लगी. पूनम और वीरा ने लगभग हर लेस्बियन सेक्स किया. आखिर में मैंने उन दोनों के साथ सेक्स शुरू किया. दोनों को एक एक कर लिटाया और उनके जननांगों को एकदम गरम और लाल कर दिया. तारा का मारे उत्तेजना के बुरा हाल होने लगा. मैंने सोचा कि इस तरह तो तारा सारी रात तड़पती ही रह जायेगी. मैंने अब वीरा और पूनम को ज्यादा जोर के झटके दे देके अपने गुप्तांग को उनके गुदगुदे जननांगों में ऐसा घुसाया कि उनकी सारी ताकत जाती रही. वे दोनों सीधी लेट गई. उनका बदन पसीने पसीने हो गया. रही सही कसर मैंने उनके उपर लेटकर उनके होंठों को जोर से चूस चूसकर कर दी. अब उनमे बिलकुल भी ताकत नहीं थी. दो मिनट के बाद वे दोनों गहरी नींद में सो गई.
मैंने तारा को खिड़की के पीछे से निकाला और मेरे ड्राइंग रूम के सोफे पर ले गया. तारा मुझसे चिपक गई थी. वो पूरी तरह से चार्ज हो चुकी थी. मैंने उसके सारे कपडे उतारे और उस पर पिल पड़ा. मैंने अपनी सारे ताकत लगा दी उसे सेटिसफ़ाई करने के लिए क्यूंकि तारा आज एक साथ तीन जनों को सेक्स करते देख जबरदस्त चार्ज हो चुकी थी. मैं जितना जोर लगता तारा उससे भी अधिक जोर से अपने जननांग को भेदने को कहती. अब मेरी ताकत ख़त्म सी होने लगी थी लेकिन तारा मुझे छोड़ने को तैयार नहीं थी. ना जाने उसमे इतनी उर्जा कहाँ से आ गई थी कि मेरे लगातार जोर जोरे झटकों के बावजूद उसमे जोश बाकी था. मैंने आखिर में तारा के होंठों को अपने होंठों से पूरी तरह से जोर से दबाया और उस वक्त मौजूद सारा जिस एक साथ चूस लिया तथा एक बहुत ही जोर से अपने लिंग को धकेलते हुए उसके जननांग में अधिकतम दुरी तक पहुंचाते हुए अपने लिंग से मलाई को तारा के जननांग में छोड़ दिया. जैसे ही कंडोम उस मलाई से भरा और फैला तारा के जननांग में एक जोर की गुदगुदी पैदा हुई और वो मुझसे जोरदार चिपक गई. मैं तारा को इसी तरह से पकड़कर और अपने गुप्तांग को जननांग में रखकर सो गया. लगभग दो घंटों के बाद जब हम दोनों अलग हुए तो एक दूसरे से अलग होने की बिलकुल भी इच्छा नहीं हो रही थी. तारा ने मुझे चूमा और बोली ” तुम अब हम दोनों के अलावा तीसरी पार्टनर तलाश सकते हो. इस रविवार को छुट्टी है. हम पूरा रविवार एक साथ बिताएंगे.” मैंने तारा को चूमा और बोला ” जैसा तुम चाहो. ”
अब मैंने यही दांव किट्टी पर अपनाया. किट्टी भी यह देखने के लिए तैयार हो गई. मैंने अगले ही दिन किट्टी को भी इसी तरह पूनम और वीरा का सेक्स दिखाया. किट्टी भी तारा की तरह चार्ज हो गई. मैंने किट्टी को भी तारा की तरह से भेदा. आखिर में किट्टी ने भी तारा की तरह तीसरा पार्टनर तलाशने की बात कही. मैंने किट्टी को तारा का नाम बताया. किट्टी पहले तो झिझकी लेकिन फिर तिययर हो गई. अगले दिन मैंने तारा को किट्टी को तीसरा पार्टनर बताया. तारा ने पहले तो गुस्सा किया लेकिन जब मैंने उससे कहा कि वो और किट्टी दुनिया की दो सबे खुबसूरत हसीनाएं लगेगी और जबरदस्त मजा आयेगा; तो तारा भी तैयार हो गई.
अब मेरा दिमाग थोडा और दौड़ा. मैंने वीरा और पूनम को सारी बात बताई. वे दोनों चौंक गई. मैंने उन्हें रविवार को तारा और किट्टी को लेस्बियन बनकर सेक्स करते हुए देखने के लिए बुलाया. अब हम पाँचों रविवार का इंतज़ार करने लगे. अलग अलग लेकिन सिर्फ सेक्स के बारे में सोचते और उत्तेजित हो जाते.

यह कहानी भी पड़े  मकान मालिक के बेटी की चूत की प्यास को बुझाया

रविवार के दिन गोवा में छुट्टी थी. योजना के अनुसार वीरा और पूनम बड़े सवेरे ही मेरे घर आ गई. मैं वीरा और सुमन के साथ हमबिस्तर हो गया. तारा और किट्टी के आने में अभी एक घंताथा और मैं इस वक्त का पूरा फायदा उठा लेना चाहता था. मैंने यह फायदा उठा भी लिया.
उन दोनों को मैंने पलंग के पीछे वाले दरवाजे कि ओट में छुपाकर खड़ा कर दिया. तारा पहले आई और उसके तुरंत बाद में किट्टी भी आ गई. मैंने उन दोनों को चूमा और मेरे बेडरूम में आ गए. तारा और किट्टी दोनों ने पहले एक दूसरे को देखा और फिर मुस्कुरा दी. मैंने आगे बढ़कर पहले किट्टी को निर्वस्त्र कर दिया. फिर मैंने अपने कपडे उतारे और आखिर में तारा के सभी कपडे उतार दिए. तारा और किट्टी को मैंने आमने सामने कर दिया.
तारा ने किट्टी को अपने गले से लगाया. किट्टी ने तारा के गालों को चूमा. तारा ने किट्टी के गरदन के नीचे चूमा. इसके बाद दोनों को हल्का सा नशा छाया. अब वे दोनों अपने आप धीरे धीरे एक दूजे को जगह जगह चूमने लगी. मैं उनके एक दम पास आ गया और उन दोनों को आपस में और दबाकर करीब ले आया. तारा और किट्टी के जब बूब्स आपस में मिले और दबे तो मेरा सारा जिस्म अन्दर तक हिलने लग गया. उनके कोमल कोमल नाजुक नाजुक उभरे हुए स्तन आपस में ऐसे मिलकर लग रहे थे जैसे दो पानी से भरे हुए गुब्बारों को हम आपस में मिलाकर दबा रहे हों. मेरे सिखाये अनुसार तारा किट्टी के ऊपर लेट गई और उसने किट्टी के जननांग को अपने जननांग से दबाना शुरू किया. दोनों अब मदहोश हो गई. इस नज़ारे को देख पीछे छुपी हुई वीरा और पूनम से भी नहीं रहा गया और वे भी आपस में चिपक गई. मैंने उन्हें देखा तो तुरंत परदे के पीछे गया और उन दोनों को अपनी बाहों में दबाकर उन्हें चूमा और जल्दी से वापस तारा और किट्टी के पास आ गया. अब किट्टी तारा के ऊपर लेट गई. दोनों को बड़ा मजा आ रहा था. उन दोनों के लिए यह पहला मौका था लेस्बियन सेक्स का लेकिन पहली बार में ही उन दोनों ने करीब एक घंटे से भी ज्यादा वक्त तक मजा लिया. अब मैं उनके साथ शामिल हो गया.
मैंने पहले तारा को अपने साथ संभोग के लिए चुना. मैंने तारा और किट्टी को वीरा-पूनम के कमरे में होने की बात बता दी. तारा ने उन दोनों को भी साथ लेने को कहा. मैंने उन दोनों को भी बुला लिया. मैं तारा के ऊपर था और किट्टी वीरा के ऊपर चढ़ गई. पूनम हम दोनों जोड़ों के बीच आ गई और बारी बारी से दोनों जोड़ों को चूम चूमकर उत्तेजित करने लगी. मैंने एक एक कर चारों के साथ करीब आधे आधे घंटे तक संभोग किया. मुझ पर थकान हावी हो रही थी. मैंने आराम करने का सोचा. वीरा ने सभी को एक सुझाव दिया. अब चारों अपने अपने पार्टनर बदल बदलकर लेस्बियन सेक्स करने लगी. मैं लेटा हुआ उन्हें देखता रहा. मैं अपने को बहुत खुशकिस्मत समझ रहा था जो इस रात में चार चार लडकीयों के साथ शामिल था. मुझे लेस्बियन सेक्स देखना बहुत ही भा रहा था. मेरी यह इच्छा हो रही थी कि वे चारों इसी तरह से सेक्स करती रहें और मैं उन्हें देखता ही रहूँ. अब पूनम के कहने पर वे चारों एक घेरा बनाकर बैठ गई. फिर एक दूसरे को बारी बारी से फेंच किस करने लगी. इसे स्विन्गिंग किस कहा जाता है. इसके बाद वीरा के कहने पर चारों ने एक दूसरे के जननांग को अपने बायीं और दायीं ओर बैठी दोनों से उनकी उंगलीयों से सहलाने और दबाने को कहा. जब उन चारों ने ऐसा करना शुरू किया तो मेरा लिंग भी रस बहाने लग पडा.
काफी देर तक यह सब चला फिर सभी कुछ देर के लिए लेट गई. इसके बाद हम सभी ने खाना खाया. मैंने किट्टी के लाये केक को सभी को खाने को कहा इसके बाद सभी को एक दूसरे के मुंह से खाने और खिलने को कहा. इससे जो सभी ने एक दूसरे के मुंह ; होंठ और जीभ को जो चूमा और चूसा वो देखने लायक था. सभी एक दूसरे के मुंह पर लगे केक को खा रहे थे.
इसके बाद सभी ने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया. अब एक एक मेरे ऊपर आती और लेट जाती. इसके बाद मुझे जगह जगह चूमती. इस तरह से करते करते हम सभी एकदम पूरी तरह से उत्तेजित हो गए. वीरा ने मेरे लिंग पर कंडोम कास दिया. मैंने सबसे पहले तारा; फिर किट्टी ; उसके बाद पूनम और आखिर में वीरा के जननांग को अपने लिंग से खुद जोर से गरम किया. उनके जननांग के आसपास का रंग इससे लाल हो गया. सभी को मैंने तीन तीन बार अपने साथ लिया.
अंत में मैंने सभी को एक लाईन में लिटाया और एक एक को जल्दी जल्दी थोड़ी थोड़ी देर के लिए गरम किया और उनके जननांगों को दूर तक भेद दिया. देर रात तक इसके बाद भी उन चारों ने मुझे नहीं छोड़ा. वे बार बार मुझे करवाती रही और मैं बार बार करता रहा. सभी ने करीब करीब छह – सात बार मुझसे अपना जननांग गरम और गीला करवाया.
इस रात के बाद हम कई बार ऐसी राते गुज़ार चुके हैं. वो दुकान अब भी खाली है. वहां भी रंगरलीयां जारी है. मेरी जिन्दगी बहुत रसीली हो चुकी है. सबसे अहम् बात यह है कि वीरा और पूनम अब मेरे घर में मेरे साथ ही रहने लगी है.



error: Content is protected !!