वर्जिन लड़के-लड़की की सुहागरात की कहानी

मेरा नाम आदित्या है. ये कहानी मेरी सुहग्रात की है. शादी हुए मुझे बस एक महीना हुआ है. मेरी उमर 26 साल है. मैं अपनी शादी और सुहग्रात के लिए बहुत एग्ज़ाइटेड था. बिना वक़्त गवाए मैं कहानी पर आता हू.

अभी शादी हुए दो दिन हो गये थे, और सब मेहमान घर से जेया चुके थे. मैं अपनी बीवी को लेके बंगलोरे चला गया. वाहा मेरी नौकरी थी, और मैने शादी के एक महीने पहले फ्लॅट ले लिया था. मैने इससे पहले ना कभी सेक्स किया था, और ना की किसी लड़की को नंगा देखा था.

शादी के बाद मुझसे रहा नही जेया रहा था. मैं दिन रात अपनी बीवी के चुदाई के सपने देखा करता. पर मॅन में बहुत दर्र लगा रहता. क्यूंकी शादी हुए अभी कुछ ही दिन हो गये थे.

मैं नही चाहता था की मेरी बीवी मुझे तर्की समझे. मैं शनिवार को जल्दी ऑफीस करके घर आया, और अपनी बीवी के साथ फिल्म देखने और माल घूमने चला गया. शाम को हम बाहर खाना खा के घर वापस आ गये. अभी रात के 9 बजे थे, और मेरे अंदर तारक चढ़ि हुई थी. मेरा लंड खड़ा हो गया था.

मेरी बीवी का नाम नम्रता है, और वो 25 साल की है. वो भी मेरी तरह वर्जिन है. उसका रंग गोरा और फिगर 34-28-36 है. वो दिखने में किसी मॉडेल या पारी से कम नही है. उस रात नम्रता किचन में कुछ काम कर रही थी, और मैं उसके पीछे गया. मैने पीछे से उसको गले लगाया.

नम्रता: ये क्या कर रहे हो?

मैं: अपनी बीवी को प्यार.

उसने मुझे डोर करने की कोशिश की, पर मैं आज कहा मानने वाला था. मैने उसे मेरी तरफ मोड़ा, और उसके खूबसूरत चेहरे को निहारने लगा. फिर मैने उसकी ठुड्डी से उसके चेहरे को मेरी और किया, और अपने लिप्स उसके लिप्स पर रख दिए.

मैने हल्के होंठो से उसके होंठो को चूमना शुरू किया. जैसे-जैसे मैं उसके होंठो का रस्स पीने लगा, वैसे-वैसे मैं और उसके मूह की गहराई में घुसने लगा. कुछ वक़्त बाद नम्रता ने भी मेरे होंठो को चूस कर मेरा साथ दिया.

उसकी इस हरकत से मैं बहुत खुश हुआ, और थोड़ी हिम्मत और आ गयी. मैने उसके बाद उसे गर्दन पर चूमा. उससे नम्रता भी थोड़ी सी गरम हो गयी थी. मैने एक हाथ से उसके पल्लू को उसके कंधे से नीचे सरकया, तो वो शरमाई. मैने उसकी सारी उतरी और वही फेंक दी.

नम्रता येल्लो ब्लाउस और पेटिकोट में मेरे सामने कढ़ी थी. मैने अपनी शर्ट उसके सामने निकली. उसकी नज़रे नीचे थी, और दोनो हाथो से उसने अपने बूब्स ढके हुए थे. फिर मैं उसके पास गया, और उसे गले लगाया. उसकी गर्दन और बूब्स के उपर के खुले हिस्से को चूमा और छाता.

फिर अपने हाथो को पीछे की और करके उसके ब्लाउस का हुक खोला, और उसके शोल्डर से उसके ब्लाउस को नीचे खिसकाया. उसके हाथो से ब्लाउस निकाला. अब मेरी नम्रता मेरे सामने ब्रा में खड़ी थी, और उसके बूब्स बहुत बड़े थे, जो ब्रा के अंदर क़ैद थे.

नम्रता शरमाई और मेरी और पीठ करके खड़ी हो गयी. मैने भी उसे पीछे से कस्स कर पकड़ा और हल्के हाथो से ब्रा के उपर से दोनो बूब्स को पकड़ा और दबाया. नम्रता ने सिसकियाँ भारी. मैने अपनी बनियान और पंत उतरी, और अब मैं उसके सामने सिर्फ़ ब्रीफ में ही खड़ा था. शरम के मारे उसकी नज़रे नीचे थी, पर उसकी नज़र मेरे ब्रीफ के अंदर खड़े बड़े लंड पर पड़ी, जो बाहर आने को खड़ा हुआ था.

उसके चेहरे पर दर्र और एग्ज़ाइट्मेंट का मिला-जुला रिक्षन था. मैने उसे गले लगाया, और उसे अपनी गोद में उठाया, और बेडरूम में ले गया. मैं बेड पर बैठा और नम्रता को मेरी जाँघ पर बैठने का इशारा किया. वो तोड़ा हिचकिचाते हुए बैठी. फिर मैने उसके बूब्स को ब्रा के उपर से चूमना शुरू किया. साथ ही उसके पेट पर चूमा जिसके कारण नम्रता और हॉर्नी हो गयी.

मैने मौका देख कर उसके पेटिकोट का नाडा खोल दिया, और उसे खड़ा होने को कहा. वो जैसे ही खड़ी हुई, उसका पेटिकोट उसकी कमर से नीचे गिर गया. फिर मैने उसे पुर तरीके से नीचे से उसके पैरों से निकाल कर साइड में कर दिया. अब मेरी नम्रता मेरे सामने ब्रा और चड्डी में खड़ी थी.

मैं: क्या माल हो तुम नम्रता. कितने बड़े है तुम्हारे. मॅन तो कर रहा है की इन्हे चूस-चूस कर लाल कर डू.

नम्रता: अब ये सब आपका ही तो है. आपकी मर्ज़ी जो करना है कर लीजिए.

इतना कहते ही मैने उसे बेड पर धकेला, और उसके उपर किसी जानवर की तरह कूद पड़ा. उसने अपने दोनो पैर मेरे उपर लॉक कर दिए. मैं पागलों की तरह नम्रता के बूब्स ब्रा के उपर से दोनो हाथो से दबाने लगा. साथ ही उसकी छाती और बूब्स को चाटने और काटने लगा.

मेरी तारक अब ज़ोरो पर थी. मैने जल्दी से उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसकी ब्रा को उतरा, और उसके बड़े-बड़े गोरे-गोरे दो बूब्स मेरे सामने हिलने लगे. मैं अपनी सुध-बुध खो चुका था, और एक टक्क उसके बूब्स को देखने लगा. मेरी आखों में नम्रता हवस देख पा रही थी.

नम्रता: मैं समझ सकती हू आपकी उत्तेजना. अब से ये आपका ही है.

ये कहते ही उसने मेरे दोनो हाथ पकड़े, और उसके बूब्स पर खुद रखे. मैने भी खूब ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स दबाए, और मस्ती से चूज़, और उसके निपल्स को काटा. नम्रता भी ज़ोर-ज़ोर से कभी दर्द में आ आ चिल्लती, तो कभी मस्ती में आह आह की आवाज़ निकालती.

कुछ देर बाद में उसके बूब्स से नीचे होते हुए पहले उसके पेट को किस किया. उसने मेरे सिर को पकड़ कर नीचे की और धकेला. मैने उसकी चड्डी के उपर से उसकी छूट को चाटना चाहा, फिर पता चला की उसकी चड्डी तो पहले से ही थोड़ी गीली हो चुकी थी. फिर भी मैं अपना मूह वाहा रगड़ता गया. उसकी छूट की खुश्बू मुझे माधमस्त करने लगी. मुझसे रहा नही गया, और मैने उठ कर उसकी चड्डी पकड़ी, और खींच के उसके पैरों से अलग कर दी.

मेरी नम्रता मेरे सामने नंगी लेती हुई थी. मैं उस पल को ज़िंदगी भर नही भूल सकता जब मैने उसे पहली बार नंगा किया था और देखा था. मैने झट से उसके पैरों को अलग किया, और दोनो पैरों के बीच में बैठ कर उसकी छूट को चाटने लगा.

फिर बीच-बीच में मैने अपनी उंगलियों को उसकी छूट के अंदर डालने की कोशिश की. उससे नम्रता और वाइल्ड और हॉर्नी होने लगी. नम्रता की आहह आहह उहह उहह एयेए एयेए की आवाज़ पुर कमरे में गूंजने लगी.

मैं: मेरी जान, क्या छूट है तुम्हारी. हाए इसकी खुश्बू. बस एक बार बोल दो. इससे तो आज मेरे लंड से छोड़ूँगा

नम्रता: श मेरे राजा. अब मुझे और ना तड़पाव. आख़िर मेरी छूट तुम्हारी ही राह देख रही थी. आओ ले लीजिए मेरे पति देव.

ये कहने की बस देर थी, की मैने उसे पहली बार उल्टा किया, और पीछे से उसके छूट पर अपना लंड सेट किया. नम्रता के दोनो हाथ पीछे पकड़े, और उसे ऐसे लिटाया की वो बिल्कुल हिल-डुल नही सकती थी. नम्रता की छूट पर मैने अपना लंड बिना कॉंडम के लगाया, क्यूंकी मुझे अपनी पहली चुदाई बिना कॉंडम के करनी थी. मैने धक्के लगाने शुरू किए. पहले दिक्कत हुई, पर बाद में धीरे-धीरे करते-करते मेरा पूरा लंड उसके अंदर जेया चुका था.

ये फीलिंग हाए, मैं बयान कैसे करू? मैं तो जन्नत महसूस कर रहा था. फिर मैने धीरे-धीरे अपना लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया. ऐसे करते-करते मैने चुदाई शुरू की, और कुछ ही देर में चुदाई ज़ोरो पर थी. नम्रता की आवाज़ और चुदाई की ताप-ताप, और पलंग की आवाज़ पुर कमरे में गूँज रही थी.

मैं: जानू आज तुम्हारी छूट का भोंसड़ा बना दूँगा.

नमरता: आ आहह धीरे करो ना. आ आ. मैं मॅर जौंगी.

मैं: ऐसे-कैसे धीरे करू जानेमन. आज मेरे लंड की आग बुझा के रहूँगा. कितने सपने देखे तुम्हे छोड़ने के.

नम्रता: सारी चुदाई आह आज ही कर लोगे क्या?

ऐसे ही हमारी चुदाई 15-20 मिनिट तक लगातार चली. इसी बीच नम्रता झाड़ चुकी थी, और मैने भी अपना सारा कम उसकी गांद के उपर निकाल दिया. उसके बाद मैने कुछ वक़्त तक नम्रता के पूरी बॉडी को हर जगह च्छुआ, चूमा और काटा.

अब नम्रता पुर तरीके से मेरी हो चुकी थी. कुछ देर बाद मैं स्ट्रेट लेट गया, और फिरसे मेरा लंड खड़ा हो गया. इस बार मैने नम्रता को मेरे लंड के उपर बिताया. पहले तो धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगी. पर बाद में उसे जब मज़ा आने लगा, तो वो मेरे लंड पर कूदने लगी.

मैं अपनी आँखों से नम्रता को मेरे लंड पर कूदते हुए देख रहा था. साथ ही उसके दोनो बूब्स भी उपर-नीचे कूद रहे थे. ये दृश्या मुझे और हॉर्नी कर रहा था. जब मुझे स्पीड कम लगी, और मुझे और जाम कर चुदाई करने का मॅन किया, तो मैने नम्रता को घोड़ी बनाया, और पहले तो उसकी गोरी भारी हुई गांद को ज़ोरदार छाँटा मारा.

नम्रता: क्या कर रहे हो? ज़ोर से लगा, मारा क्यूँ?

मैं: डार्लिंग इसे मारना नही बोलते. इसे तो स्पॅंकिंग बोलते है. अब तुम इसकी आदत डाल ही दो. मुझे तो स्पॅंक करने में बहुत मज़ा आता है.

ये कह की मैं उसकी गांद पर दो-टीन बार और थप्पड़ जड़ दिए. फिर अपने लंड को उसकी छूट में डालने लगा. इस बार लंड जल्दी से अंदर चला गया, और मैं बिना देर किए शॉट्स पर शॉट्स मारने लगा. मेरा इस बार जल्दी नही निकालने वाला था. इस बार छुदाई थोड़ी लंबी और मज़ेदार चली. घपा-घाप करने के बाद मैने अपना कम उसकी गांद पर निकाला, और उसे अपने हाथो से पूरी गांद पर फैलाया.

उस रात को हम नंगे हो एक-दूसरे को चिपक कर सो गये. और अब हर रोज़ उसका मूह, छूट, और गांद मारता हू. अगर ये कहानी पसंद आई तो ज़रूर [email protected] पर एमाइल करके बताए. मैं अपने और एक्सपीरियेन्स आपके साथ शेर करूँगा. और आपकी आइडेंटिटी सेफ रहेगी, तो आप एमाइल करने में संकोच ना करे.

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