वर्जिन चूत की चुदाई के बाद मुंबई पहुँची

ही दोस्तों, मैं रोहित आ गया हू मेरी फ्रेंड निकू की ज़िंदगी की कहानी बताने. तो चलिए आयेज की सेक्स स्टोरी उसकी ज़ुबानी सुनिए.

जैसे ही वो आदमी मुझे बोला की उसने मुझे छोड़ने के लिए 25 लाख दिए थे, और वो मुझे अगली 2 रात छोड़ने वाला था, और उसके बाद मैं फिर यही चुड्ती रहने वाली थी, तो मैने सोचा वैसे भी चाचा के यहा रहने से अछा था की मैं इस आदमी के साथ सो जौ, और यहा से कैसे तो बाहर निकलु.

फिर आयेज की ज़िंदगी अकेली रह लूँगी मुंबई अपने घर जेया कर. मैने फिर उस आदमी से कहा-

मैं: ठीक है, मैं आपके साथ आज और कल की रात बिताने के लिए तैयार हू. बुत प्लीज़ आप मुझे यहा से अपने घर ले चलिए. बदले में आप कुछ दिन और मुझे छोड़ सकते हो बिना पैसे दिए. बस मुझे यहा से निकलवा दो.

इतना कहते ही वो आदमी बिना कुछ सोचे एक खुले सांड़ की तरह मेरे उपर कूद पड़ा, और पागलों की तरह मुझे चूमने लगा. वो मुझे यहा-वाहा काटने लगा. मैं बस “आहह ह आराम से प्लीज़, भागी थोड़ी जेया रही हू” ऐसे बोलने लगी. बुत वो शायद बरसों का भूखा था. उसने मेरी सारी का पल्लू हटाया. फिर मेरा ब्लाउस एक झटके में फाड़ दिया, और मेरे बूब्स चूसने काटने लगा.

मुझे भी अब मज़ा आने लगा था. मैं बॅस ह ह उफफफफ्फ़ किए जेया रही थी, और वो मेरी बॉडी के हर पार्ट्स पर काटे जेया रहा था. अचानक वो मेरे मूह के उपर आ गया, और मैं थोड़ी दर्र गयी. मेरा मूह खुला हुआ था, तो उसने बिना सोचे मेरे मूह में अपना लंड डाल दिया, और मेरे मूह को पकड़ कर आयेज-पीछे करने लगा.

बहुत गंदी स्मेल आ रही थी उसके लंड की, बुत मैं मजबूर थी, इसलिए चूज़ जेया रही थी. बाद में मुझे अछा लगने लगा, और मैं खुद उसका लंड किसी लॉलिपोप की तरह चूसने लगी.

वो बोला: आहह आह क्या माल है तू, मस्त चूस रही है.

उसके ऐसे बोलने से मुझे लगा की मैं एक नंबर की रांड़ बनूँगी. तभी वो उठा और उसने बिना मेरा पेटिकोट उतारे उसको उपर किया. उसने मेरी पनटी भी नही निकली, और सीधा 8 इंच का काला लंड मेरे छूट में घुसा दिया.

मैं ज़ोर से चिल्लाई: आहह आह प्लीज़ निकालो इसको प्लीज़, बहुत दर्द हो रहा है अहह.

तभी उसने मेरे गाल पर झापड़ मारा और बोला: साली रांड़ है तू. आदत डाल ले इसकी. आज के बाद यही करना है तुम्हे, और अभी तो तेरी गांद भी मारूँगा मैं साली.

मैने उनको बहुत रिक्वेस्ट की. लेकिन वो किसी कुत्ते की तरह मुझे छोड़े जेया रहे थे, और मैं “आहह आह प्लीज़ छ्चोढ़ दो ना मुझे. तोड़ा आयिल तो लगा लो. मेरी छूट वर्जिन है अभी” बोल रही थी.

बुत उसने कहा: ऐसे ही तो मज़ा आता है रांड़ जी. जितनी तकलीफ़ होगी तुझे उतने ही मेरे पैसे वसूल होंगे ना.

ऐसे ही वो मुझे 30 मिनिट छोड़ते रहे. तभी अचानक मेरी छूट ने पानी छ्चोढा, और उनका लंड पूरा गीला हो गया. उसके बाद मुझे भी तोड़ा अछा लगने लगा. मुझे मज़ा आने लगा, और मैं उसका साथ देने लगी, और मज़े से ह उफफफफफफ्फ़ अहह प्लीज़ धीरे करो ना जी, अहह अहह चिल्लाने लगी.

फिर 20 मिनिट के बाद वो अचानक और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. उसके बाद अचानक उसने अपना लंड मेरी छूट से निकाला, और मेरे मूह में डाल दिया. वो पूरा खून और मेरी छूट के पानी से साना हुआ था. अलग ही टेस्ट था उसका खट्टा-मीठा सा, और वो मेरे मूह में ही झाड़ गया जो मुझे पीना पड़ा.

उसके बाद उसने मुझे बहुत डीप्ली लीप किस्सस किए, और फिर लेट गया. मुझे बहुत दर्द हो रहा था, बुत मैं जैसे-तैसे उठी, और बातरूम जेया कर खुद को सॉफ किया. जब बाहर आई तो वो बेड पर नही दिखा. मैं बेड की तरफ जेया ही रही थी की उन्होने मुझे पीछे से पकड़ा और सीधा एक टेबल के उपर झुका दिया.

फिर बिना सोचे मेरी गांद में लंड डाल के मुझे छोड़ने लगे. मैं बहुत तक गयी थी, बुत उनको कोई फराक नही पद रहा था.

मैने बहुत रिक्वेस्ट किया: प्लीज़ छ्चोढ़ दो मुझे आहह उफफफ्फ़ प्लीज़. मैं आपकी ही हू हफ़्ता भर प्लीज़ मुझे छ्चोढ़ दो ना अहह.

बुत वो नही माना, और किसी कुटिया की तरह मुझे झुका कर छोड़ने लगा. वो ज़ोर-ज़ोर से बाल खींचने लगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था, बुत मज़ा भी आ रहा था.

20 मिनिट वाहा छोड़ने के बाद वो सीधा मुझे दरवाज़े से बाहर ले गया और बाल्कनी में सब के सामने छोड़ने लगा. आजू-बाजू की सारी रंडियन मुझे चूड़ते हुए देख रही थी. मुझे दर्द भी हो रहा था, और मज़ा आ रहा था.

मुझे पता चल गया था पहली रात में ही की मर्द को जितना उक्स्ाओगे वो उतना ही मज़े से छोड़ेगा, और जल्दी झाड़ जाएगा. और मैं बस भी कर रही थी. मैं उनको पूरा मज़ा दे रही थी, बुत ऐसे जैसे मैं बहुत दर्द में थी दिखा रही थी.

उसने मुझे 30 मिनिट सब के सामने छोड़ा, और रोहन भी चूड़ते हुए मुझे देख रहा था. बुत मैं बस चुदाई में ही घुल गयी थी. उस रात उस आदमी ने मुझे 5 बार छोड़ा. 3 बार तो मेरी बस गांद ही मारी, और 2 बार छूट मारी. बुत पानी उसने दोनो बार मेरे मूह में निकाला.

उसके दूसरे दिन वो मुझे अपने घर ले गया, और वाहा मुझे और 3 दीनो तक छोड़ा. जब तक उसकी वाइफ घर नही आई, मुझे किसी कुटिया की तरह बेरेहमी से छोड़ता रहा, कभी बातरूम में, कभी घर की बाल्कनी में, तो कभी डाइनिंग टेबल पर. बुत बेडरूम के बेड पर एक बार भी नही छोड़ा.

उसने मुझे 3 दीनो तक नंगी रखा हुआ था. जो भी उसके घर आता दूध वाला, पेपर वाला, वो मेरे मूह को छोड़ते, और मेरी छूट छोड़ के चले जाते. 3 दीनो के बाद उन्होने मुझे मुंबई की ट्रेन टिकेट और 10000 कॅश दिया, और घर से जाने को बोल दिया. मैने भी उनको घर का अड्रेस दिया, और कहा-

मैं: जब भी दिल करे आ जाना, मैं आपको कभी नाराज़ नही करूँगी.

और मैं वाहा से रेलवे स्टेशन चली आई जहा मुझे आशीष मिला. वो लॅडीस बार में वेटर का काम करता था. उसने मुझे ट्रेन के बातरूम में छोड़ा, और मेरे घर पर एक रात बिताई. बदले में मुझे अपने बार में जॉब दिलाई.

वही से मेरी असली ज़िंदगी शुरू हुई, जिसके बाद मैने एक लग्षूरीयस लाइफ ज़ीनी शुरू की, जहा मुझे बड़े अमीर लड़के और बिज़्नेसमॅन मिले, जिन्होने मुझे गंगबांग, ब्दसम, स्लेव बना कर छोड़ा. वो सब मैं नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी. अगर स्टोरी अची लगी तो रिप्लाइ कीजिए, और अगर आप मेरी स्टोरीस पर्सनली सुनना चाहो, या मुझसे मिलना चाहो, तो गाबोत्तों600@गमाल.कॉम पर एमाइल करना ज़रूर.

यह कहानी भी पड़े  रंडी बहन ने दूसरी भी रंडी बनाई

error: Content is protected !!