मिशन लेडी डॉक्टर की चुदाई

मैंने कहा- तुम्हारे पति की कमजोरी।

उसकी गुलाबी चूत जो कि बिल्कुल अन्छुई लग रही थी, शेव की हुई, उसकी नंगी जाँघें बिल्कुल दूध की तरह गोरी थी।

उसको देख कर मन कर रहा था कि काश यह मेरी बीवी होती तो इसे कभी भी छोड़ता, बस हर टाइम सेक्स ही करता।

फिर उसकी जाँघों को चूमने लगा और उसकी चूत की तरफ आ गया और उसे चूमने लगा। उसकी फाँकों को अलग करके अपनी जीभ को अंदर डालने लगा।

“मर गईइ, खा जाओ, बहुत तड़पाया है इसने, मसल डालोओ इसे आआआ आअम्म्म।”

शायद पहली बार किसी ने उसकी चूत को चूसा था। वो पहली बार की वजह से झड़ गई। कुछ पलों के बाद वो रिलैक्स हो गई।

उसने मेरी और देखा। मेरे अंडरवियर को निकाल कर मेरे लंड को मुँह में ले लिया। वो उसको लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। इतनी चुसाई के बाद मेरा लंड भी झड़ गया।

उसने पूरा माल पी लिया और बोली- पहली बार था, लेकिन अच्छा था। मैं मुस्कुरा दिया।

वो उठी और मेरे लंड को फिर से अपने हाथों की रगड़ से उठाने की कोशिश करने लगी। उसकी ये कोशिश काम करने लगी और मेरा जवान लंड उठने लगा।

उसको बेड पर लेटा कर उसके पैरों को अपने कंधे पर रखा और उसकी चूत के नीचे एक तकिया लगा कर अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा।

इस बर्ताव के कारण वो बोली- डाल दो अंदर, मत तड़पाओ।

मैंने पूछा- क्या डालूँ?

वो बोली- मत तड़पा मादरचोद, अपना लंड डाल देए।

मैंने देर न करते हुए एक झटका मारा और आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और वो चिल्लाई, “हट जा, मार लाआआ रे, नहीं चुदनाआ आ मुझे, अलग हो जा, पता नहीं चलता क्या तुझे, हट जा यहाँ से।”

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उसकी बात को अनसुना करते हुए उसको प्यार करने लगा और 5 मिनट बाद वो कमर उचकाने लगी। उसकी हरकत लंड को और अंदर लेने के लिए काफी थी।

फिर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से लगाकर एक और झटका दिया और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया और वो तड़प उठी, मेरे होंठों के कारण उसकी आवाज़ नहीं निकली वरना वो गूंज उठती।

उसके बाजू मुझे उससे अलग करने के लिए धक्का लगा रहे थे और उसकी चूत भी अपने आप को छुड़ाना चाहती थी।

लेकिन मैंने उसकी कोशिशों को नजरअंदाज करके उसे किस करता रहा, उसके उरोजों को दबाता रहा। मेरी इस हरकत से उसका दर्द कम हुआ और उसको मज़ा आने लगा।

वो बोली- अब मुझे जोर से चोद डाल !

मैंने अपनी कमर को चलाना शुरू किया और लंड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया।

वो लगातार बोल रही थी, “फ़क मी ! कीप फ़किंग, करता जा मेरे घोड़े, कमाल का लंड है तेरा।”

मैंने कहा- तू साली रांड डॉक्टर, तुझे अपनी रखैल बनाऊँगा, तेरे पति के सामने तुझे चोदूँगा। ले खा, इसको बोलते हैं चुदाई। आज के बाद मुझे ही याद करेगी तू !

वो सिसिया रही थी, “आआआअ ह्ह उम्म म्म्म्म्म् म करता जाआआ, फ़क मी, हाँ बनूँगी तेरी रांड, बस तू जब बोलेगा तेरे नीचे चूत बिछा दूँगी। मुझसे अलग मत होना। करता रह, मेरा पति साला नामर्द, कुछ काम का नहीं।”

मैं भी बड़बड़ाया, “उम्म्म्म्म आज के बाद तू मेरी ही रखैल, जब बुलाऊँ तब आ जाना।”

उसकी चूत पर लौड़े की निरंतर ठापें पड़ रही थीं।

“मालिक आप हीईई होऊओ मेरेएएए। करते जाओ, आ मज़ा रहा है।”

इतना कहकर वो झड़ गई और मेरा अभी तक हुआ नहीं था। मैं अपने लंड को रोक कर उसको प्यार करने लगा और उसकी नाभि पर किस करने लगा।

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एक हाथ की उंगली से उसकी भगनासा को मसलने लगा। इससे यह हुआ कि दो मिनट बाद वो फिर अपनी कमर को हिलाने लगी और मेरे लंड को लेने की कोशिश करने लगी।

ये मल्टी-ओर्गेज्म का कमाल था।

मैंने अपनी पूरी गति से चुदाई शुरु कर दी और उसको पुरजोर चोदने लगा।

वो बोली- घोड़े की तरह है तू, क्या लंड पाया है !!

मैंने कहा- यग तो बस तुम्हारी सेवा के लिए है। जब इसको दाना-पानी (भुगतान) मिल जाता है, तो वो अच्छा काम करता है।

वो बोली- दाम जो बोलेगा वो दूंगीईई, उम् करता रह मादरचोद, लंड हो तो ऐसा। मेरे पति को तेरे पास भेजूँगी, उसे बतानाआ आ आआ आआअ कि कैसे करते हैं सेक्स आआ, तू करता रह। तू मुझसे शादी कर ले।

मैंने कहा- शादी की कहाँ जरुरत, जो सुख तुझे चाहिए वो देता रहूँगा, तू बस मजे ले।

वो बोली- बस अब कुछ मत बोल, मेरा निकलने वाला है। उम्म म्म्म्म्म् आअहह्ह।

मैंने कहा- मेरा भी।

15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ने सीमाएं तोड़ दीं और चूत में ही झड़ गया।

मुझे उसकी आँखों में आज औरत बनने की ख़ुशी साफ़ नज़र आ रही थी। धीरे-धीरे मेरे लंड ने बाहर की ओर आना शुरू किया और ऐसे ही कुछ देर लेटे रहे।

उसने मेरे बालों पर हाथ फेरते हुए कहा- थैंक यू !

उसकी आँखें भर आईं। मैंने उठकर उसकी आँखें पोंछी और कहा- जब भी जरुरत पड़े बुला लेना।”

उसने कहा- आज दिन भर मेरी सेवा करनी है। मैं आज का दिन याद रखना चाहती हूँ, जैसे लोग सुहागरात को याद रखते हैं।

“जो हुकुम !”

मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया और वहाँ से रवाना हो गया। बस ये थी मेरी कहानी। आगे भी मेरी कहानियाँ आती रहेगीं।

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