मैं और वैष्णवी लाइब्ररी मे थे, ह्यूम वो मिल गयी और हम वहाँ से निकल ही रहे थे के कुछ अजीब सी आवाज़ सुनाई दी. हम दोनो एक दूसरे को देख रहे थे.
वैीशू: नील… ये कैसी आवाज़ है??
मैने उसे इशारा करके चुप रहने को बोला और वहाँ रखे हुए 2-3 बुक्स को साइड मे किया. पिच्चे जो देखा उसे देख के वैीशू शर्मा के वहाँ से भाग गयी. क्यू के वहाँ पर एक कपल किस्सिंग कर रहा था वो एक दूसरे मे इतने खो चुके थे के उन्हे पता ही नही के हुँने उन्हे देख लिया था.
मैं वैष्णवी को ढूंढता हुआ वहाँ से निकला तो वो लाइब्ररी मे ही एक बेंच पे बैठी थी जहाँ आस पास कोई नही था. मैं भी उसके साथ बैठ गया.
नील: अरे तुम वहाँ से भाग क्यू गयी?
वैीशू: तो और क्या करती पागल? तुमने देखा नही वो दोनो एक दूसरे मे कितने खो गये थे.
नील: हन वो तो देखा मैने.
वो सब याद करके वो अभी तक शर्मा रही थी.
नील: तुम्हे क्या हुआ इतना क्यू शर्मा रही हो?
वैीशू: मैने ऐसे पहली बार इतने करीब से देखा है तो…
नील: ह्म
मैं बस चुपचाप उसे देख रहा था. उसने वो बुक ओपन की और पढ़ने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसके चेहरे के एक्सप्रेशन्स बता रहे थे के अभी भी उसकी आँखों के सामने वही किस्सिंग सीन चल रहा था.
नील: वैीशू तुम अभी तक सिंगल हो ना इसलिए इतना शर्मा गयी.
वैीशू: अक्चा इसका मतलब तेरी गर्लफ्रेंड है, है ना?
नील: नही… मैं भी सिंगल ही हू
नील: अक्चा ये सब छ्चोड़. तूने मुझे बहुत हर्ट किया है और मैं तुझसे बात नही करूँगा.
उसने उस को साइड मे रखा और सीरीयस होकर मेरी आँखों मे देख के बोलने लगी.
वैीशू: अरे अब क्या हुआ? मैने क्या किया?
नील: तुम्हे शर्मा सिर ने शादी के लिए प्रपोज़ किया और तूने मुझे बताया नही.
वैीशू: श तो तुम्हे पता चल गया?
नील: हन जी. इतना सब हो गया तूने मुझे बताया नही?
वैीशू: इतनी सी बात को क्या बताती मैं? अक्चा बाबा नाराज़ मत हो सुन्न.
वैीशू: मैं कॅंपस मे बैठी थी और तू प्रणव के साथ गया था किसी कम से तो सिर ने मुझे देखा और मेरे साथ बात करने लगे.
नील: हन फिर?
वैीशू: फिर बोलते बोलते वो मेरी तारीफ करने लगे के तुम बहुत होशियार हो, बहुत खूबसूरत हो. ऐसे करते करते उन्होने मुझे ई लोवे योउ बोल के प्रपोज़ किया. मैं एकदम से शॉक हो गयी
नील: फिर?
वैीशू: फिर क्या? कहने लगे मुझसे शादी कार्लो.
नील: तुमने क्या कहा?
वैीशू: अरे बाबा मैने वो बात तुम्हे नही बताई इसका मतलब क्या है? मैने रिजेक्ट कर दिया प्रपोज़ल
नील: थॅंक गोद….
अब मुझे रहट की साँस मिली. वरना दिमाग़ मे कैसे कैसे ख़याल आ रहे थे.
वैीशू: ओये तुझे क्या हुआ इतना टेन्षन मे क्यू था तू?
नील: मुझे लगा तूने हन बोला.
वैीशू: बुद्धू… ऐसे डिसिशन मैं तुझे बिना बताए ले सकती हू क्या??
नील: ह्म ट्रस्ट योउ… मेरी बूटकी.
वैीशू: हाहाहा. बाकी सब मुझे बूटकी बुलाते है तो गुस्सा आता है पर तुम कहते हो ना तो बहुत क्यूट लगता है.
नील: ह्म मेरी बूटकी है तू…
वैीशू: नील… य्र देख ना वो दोनो वहाँ कितना एंजाय कर रहे है ना? ई मीन कोई ऐसा होना चाहिए जो ह्यूम बहुत प्यार करे.
नील: क्या बात कर रही है? अपने आजू बाजू देख जरा तुझे प्यार करने वेल कितने लड़के है यहाँ पे!
वैीशू: वो नही यर्रर. उन्हे तो सिर्फ़ मेरे साथ सेक्स करना है. मुझे कोई ऐसा चाहिए जो मुझे बहुत प्यार करे. मेरी केर करे, हर वक़्त मेरे साथ रहे.
नील: अक्चा मतलब मैं ये सब नही करता?
उसने अपने दोनो हाथ मेरे हाथ पर रखे और कहने लगी.
वैीशू: वैसे नही बाबा. तू मेरा बेस्टीए है. ई’म सेयिंग के कोई इस तरहा से मुझे लाइब्ररी मे मुझे किस करे. बहुत सारा रोमॅन्स करे. आहह ई विश के कोई ऐसा लड़का मुझे मिल जाए.
मेरे मॅन मे था के मैं ही हू वो लड़का जो तुम्हे चाहिए. लेकि क्या करू दर लगता है ना जब आपको अपनी बेस्टीए से प्यार हो. अगर उसे प्रपोज़ किया और उसे बुरा लगा तो कही दोस्ती भी तोड़ के ना चली जाए. इससे अक्चा मैं अपनी फीलिंग खुद के अंदर ही मार डालु. क्यू के अगर एक प्रपोज़ करने से मेरी दोस्ती ख़तम हो जाएगी तो ऐसा प्रपोज़ मैं कभी नही करूँगा.
नील: ह्म अरे मिल जाएगा तुझे फ़िक्र मत कर. मेरी बेस्टीए बहुत क्यूट है कोई भी अक्चा लड़का मिल जाएगा जो ये सब तेरे साथ करेगा.
वैीशू (खुश होकर): रियली?
नील: ऑफ कोर्स मी डार्लिंग…. ई मीन मी बूटकी
वैीशू: यर्र अगर ऐसा हुआ ना तो तुझे जो गिफ्ट चाहिए वो मैं दूँगी.
नील: अक्चा? एक बार फिर सोच ले बाद मे मैं माना नही करने दूँगा तुझे.
वैीशू: ऑफ कोर्स यर्र! तू तो मेरी जान है जो चाहिए माँग ले.
उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा देख के दिल कह रहा था के अभी उसे अपने दिल की बात बोल डू. लेकिन….
फिर हुँने लेक्चर्स अटेंड किए और कॉलेज ख़तम होने के बाद हम पार्किंग मे आ गये. मैने बिके निकली और वैष्णवी मेरे पिच्चे बैठ गयी और हम घर के लिए निकल पड़े.
वैीशू: ओये.
नील: ओये.
वैीशू: यर्र मुझे कोई ऐसे प्रपोज़ क्रे जो आज तक मैने इमॅजिन ना किया हो. मुझे उससे मिलने की बेचैनी हो. ई मीन कुछ यूनीक. उसके प्रपोज़ करने का स्टाइल देख के मुझे लगे के हन यही वो लड़का है जो मुझे चाहिए था.
नील: मेरी जान तू लखो मे एक है तेरे लिए लड़का भी वैसे ही मिलेगा डोंट वरी.
फिर वो मुझे बिके पे बहुत कुछ उसकी फॅंटसीस के बारे मे बताती रही और मैं मज़े से सुन रहा था. उसकी बातों मे अजीब सी खुशी थी जो सुनके मुझे बहुत अक्चा लग रहा था. शी इस आन एंजल.
वैीशू को घर पे ड्रॉप किया और वो मज़े से घर की तरफ निकल पड़ी. मैं वही पे रुक के उसे जाते हुए देख रहा था. चलते हुए उसकी गांद बहुत सेक्सी दिख रही थी. जब वो अपने घर मे चली गयी तब मैं वहाँ से निकल गया.
अपने घर जाकर मैने कॉलेज का काम ख़तम किया और रात को मैं उसके बारे मे ही सोच रहा था. बस ऐसे ही वो रात निकल गयी.
आपको ये कहानी कैसी लगी मुझे जल्दी से मैल करके बताना. वैष्णवी का कॅरक्टर कैसा लगा और उसमे सबसे ज़्यादा क्या पसंद आया वो भी ज़रूर बताना.
जो भी लड़कियाँ और मॅरीड लॅडीस मुझसे बात करना चाहती हो वो मुझे मैल करे. आपकी प्राइवसी सेफ रखी जाएगी.
तो बे कंटिन्यूड…