मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.. मैं एक सामान्य परिवार से हूँ। मैं आज अपना एक अनुभव आपको बताना चाहता हूँ।
हमारे यहाँ एक कामवाली आती है.. कोई 35-36 साल की है। उसकी एक बेटी है।
एक बार हमारे रिलेशन में एक शादी थी.. उसमें भैया के साथ भाभी और मेरी बीवी और घर के चारों बच्चे.. मतलब 2 मेरे और 2 भैया के.. सब चले गए। मैं पापा की तबियत ख़राब होने के वजह से नहीं गया.. दूसरे हमारी दुकान पर भी तो कोई रहना चाहिए था।
मैं रोज़ सुबह पापा को नाश्ता करा के दुकान चला जाता था और दोपहर में आकर खाना खिला देता था। रात में जल्दी वापस आ जाता था।
सन्डे को हमारी दुकान बंद रहती थी। सन्डे को पापा को खाना खिला के आराम कर रहा था.. कि लगभग 4 बजे मीना आई।
मैंने गेट खोला तो वो मुस्कुरा कर अन्दर चली गई।
मैं पाप को चाय देकर कमरे में लेटा था कि मीना आई और कहने लगी- मुझे 500 रूपए चाहिए.. मेरी पगार में से काट लेना।
मेरे मन में पता नहीं क्या आया.. मैंने यूँ ही बोल दिया- देख मीना तेरी पगार भाभी देती हैं.. तू उनसे अपना हिसाब करना.. मुझे तो इस झमेले में नहीं पड़ना।
उसने कहा- पैसों की बहुत जरूरत है.. आप अभी ही वसूल लो ना..
मैं चौंक गया.. पर अनजान बन कर पूछा- क्या मतलब?
उसने कहा- भाभी जी नहीं हैं.. तो जरूरत तो होगी ही.. मैं आपका काम कर देती हूँ.. आप मेरा काम कर दो.. कोई लेना- देना बाकी नहीं रहेगा।
मैं चौंक गया और समझ गया कि उसे बहुत जरूरत है।
मैं बोला- पापा घर में हैं।
वो मुस्कुरा कर बोली- मैं देख कर आई.. वो सो रहे हैं।
मैं पहले तो घबराया.. फिर सोचा जब यह तैयार है.. तो मुझे क्या डर?
मैंने उससे बोला- मेरी 2 शर्त हैं.. यदि मंजूर हो तो आगे बात करेंगे।
वो बोली- क्या?
मैं बोला- ये बात किसी और के सामने नहीं आनी चाहिए और दूसरी तुम मुझे उस दौरान किसी बात के लिए रोकोगी नहीं।
वो मान गई.. मैं समझ गया कि उसे बहुत ज्यादा जरूरत है।
मैंने उससे पूछा- आखिर बात क्या है? उसने बताया कि उसकी बेटी को डॉक्टर को दिखाना है।
मैंने उससे कहा- अरे तो तुम ऐसे ही पैसे ले लो।
वो बोली- नहीं.. कोई बात नहीं.. इसमें दोनों का काम हो जाएगा। हमारे पास एक घंटा है.. आप कुछ सोचिये मत.. मुझे कोई दिक्कत नहीं है।
मैं ऊपर पापा के कमरे में जा कर देख कर आया। पाप सच में सो रहे थे। मैं नीचे अपने कमरे में आया तो देखा वो पलंग पर बैठी है। मैंने उसके करीब आ कर उसके कंधे पर हाथ रखा तो वो खड़ी हो गई।
मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया और गले से लगा लिया, पहले वो हिचकी फिर मुझसे लिपट गई।
मैंने धीरे से उसका चेहरा उठा कर उसे होंठों पर किस किया, वो पहले शरमा गई। मैंने उसकी चूचियों पर हाथ फिराया.. तो वो कुनमुनाई।
मैंने उसकी चूचियों को धीरे-धीरे दबाना शुरू किया.. वो मचलने लगी।
मैंने उसकी साड़ी धीरे से निकाल दी.. फिर उसका ब्लाउज निकाल दिया। वो दोनों हाथ से अपना शरीर छुपाने लगी।
मैं ब्रा के ऊपर से उसके चूचे सहलाने लगा, फिर मैंने उसके होंठों को चुम्बन करने लगा और साथ में उसकी चूचियों को भी दबाने लगा।