दोस्तों मेरी चुदाई कहानी का अगला पार्ट हाज़िर है. शुरू करते है-
इरफ़ान: आपके शौहर भी बहुत डोर होते है. आप समझ सकती है की कैसा लगता होगा.
मम्मी: हा मैं समझ सकती हू.
इरफ़ान: काई रातों से मैं ठीक से सोया भी नही हू. क्या आप सच में मेरी फीलिंग को समझती है?
इरफ़ान मम्मी की पीठ पर हाथ रख देता है.
मम्मी: हा मैं समझती हू.
मम्मी और इरफ़ान अब एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे. ज़ुबान अब लड़खड़ा रही थी मम्मी की.
इरफ़ान: क्या आपको भी अकेला-अकेला महसूस होता है?
मम्मी कुछ बोल नही रही थी. इरफ़ान अब अपना दूसरा हाथ मम्मी की कमर में डाल कर मम्मी को तोड़ा पास खींच लेता है. अब मम्मी का भी हाथ इरफ़ान की छ्चाटी पर चला जाता है. मम्मी का पल्लू नीचे गिर कर उनकी आधी चुचिया बाहर आ जाती है.
इरफ़ान: बताओ ना प्रभा, क्या तुम्हे अकेला महसूस नही होता?
मम्मी: हा होता है.
मम्मी और इरफ़ान बहुत पास आ चुके थे. अब गरम होने लगी थी मम्मी. मम्मी और इरफ़ान इतने करीब थे की मम्मी का एक पैर अब उनके पैर पर चला गया था.
इरफ़ान: तो इस अकेलेपन को डोर करते है.
ऐसा कह कर इरफ़ान मम्मी के लाल, मुलायम, रसीले होंठो पर अपने काले सख़्त होंठ रख देते है, और मम्मी को चूमना शुरू कर देते है. मम्मी एक पल के बाद इरफ़ान को धकेल देती है.
मम्मी: ये आप क्या कर रहे है? ये ठीक नही है.
मम्मी इरफ़ान से डोर हो जाती है, और अपना पल्लू सवार लेती है. इरफ़ान फिर से मा को बाहों में पकड़ लेते है.
इरफ़ान: मैं तुमसे बहुत मोहोब्बत करता हू प्रभा. तुम बहुत अची लगती हो मुझे.
मम्मी: ये आप क्या बोल रहे है? छ्चोढिए मुझे, मेरा लड़का देख लेगा.
मम्मी की भी मॅन में था, हालाँकि मम्मी नाटक कर रही थी. इरफ़ान भी काफ़ी पहुँचा हुआ आदमी था. उन्होने मम्मी को पकड़ा हुआ था.
इरफ़ान: नही देखेगा. तुम बहुत ब्यूटिफुल हो प्रभा देवी, और मुझे पता है की तुम भी काफ़ी अकेली हो. हम दोनो एक-दूसरे के साथ बहुत मोहोब्बत से रहेंगे.
फिर अंकल मा की गले पर चूमने लगते है.
मम्मी: छ्चोढो इरफ़ान, मैं एक निकाह शुदा औरत हू. मैं ऐसा नही कर सकती.
इरफ़ान: कुछ नही होगा. हम एक-दूसरे की ज़रूरत को पूरा कर रहे है.
फिर इरफ़ान मम्मी को अपने उपर खींच कर अपनी जांघों पर बिता देते है. वो मम्मी की चुचियो पर अपने होंठ रगड़ने लगते है. अब इरफ़ान मम्मी की छूतदों पर हाथ रख कर दबा देते है. मम्मी अब बहुत गरम होने लगी थी. उनकी आँखें बीच-बीच में बंद हो रही थी.
मम्मी: नही ये रॉंग है.
इरफ़ान ब्लाउस की उपर से ही मम्मी की चुचियो को चूम रहे थे.
इरफ़ान: कुछ रॉंग नही है मेरी रंडी.
और इरफ़ान मम्मी को सोफे पर ही लिटा देते है, और उनके उपर लेट जाते है. मम्मी की सारी अब उनके घुटने तक आ चुकी थी. उनकी मोटी-मोटी दूध जैसी सफेद जांघें बहुत ही मादक लग रही थी.
इरफ़ान अब मम्मी के होंठो को चूसने लग जाते है. मम्मी अपना मूह इधर-उधर कर रही थी, तो आनवार अंकल मम्मी के गले को चूमना शुरू कर देते है. अब इरफ़ान का लोड्ा भी खड़ा हो गया था.
मम्मी: आहह इरफ़ान छ्चोढ़ ना, कोई आ जाएगा.
इरफ़ान: कोई नही आएगा प्रभा. आज की रात हम दोनो की है.
और इरफ़ान मम्मी की चुचियो पर अपना मूह दबा देते है. फिर अपना लोड्ा पाजामे की अंदर से ही छूट पर सारी की उपर से ही घिसना शुरू कर देते है. इरफ़ान का लोड्ा अपनी छूट पर महसूस होते ही मम्मी ने मूह हिलना बूँद कर दिया. अब मम्मी भी गरम हो गयी थी. मम्मी का विरोध तोड़ा ठंडा पद गया था.
अब इरफ़ान ने फिर से मम्मी के होंठो को अपने मूह में भर लिया, और चूसने लगे. मम्मी की चुचिया इरफ़ान की छ्चाटी से डब चुकी थी. मम्मी ने भी इस बार अपने होंठ खोल दिए, और उनके चूमने का जवाब देने लगी.
इरफ़ान को अब पता चल गया की मम्मी गरम हो चुकी थी. तो उन्होने अपने होंठ पुर खोल दिए, और मम्मी के होंठ और ज़ुबान को अपने मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया. वो कभी मम्मी का उपर वाला होंठ चूस्टे, तो कभी नीचे वाला, तो कभी दोनो होंठ.
इरफ़ान अब मम्मी का हाथ छ्चोढ़ देता है, और अपने हाथ से मम्मी की बड़ी-बड़ी चुचियों को दबाने लग जाते है. चुचियो को दबाने की वजह से मम्मी मदहोश हो जाती है. वो अपने हाथ इरफ़ान के सिर पे रख देती है.
फिर इरफ़ान कहते है: क्या गोरे दूध है तुम्हारे प्रभा.
मम्मी: आहह आ ह्म.
मम्मी अब सिसकियाँ लेने लगी थी. इरफ़ान मम्मी के मुलायम होंठो को आचे से चूस रहे थे, और उनकी चुचियो पर, पेट पर, और जांघों पर हाथ घुमा रहे थे. मम्मी को भी अब मज़ा आने लगा था. वो भी काफ़ी वक़्त से प्यासी थी.
इरफ़ान चूमते हुए बोले: श प्रभा, मेरी जान कितनी अची हो तुम. तुम्हारे होंठ कितने मस्त है.
फिर अपने लोड का दबाव मम्मी की छूट पर दे रहे थे. छूट पर लंड लगते ही मम्मी का मूह और खुल जाता है. मम्मी की सारी बिखरी हुई थी. 10 मिनिट ऐसे ही चूमने चाटने की बाद इरफ़ान रुक जाते है, और मम्मी की आँखों में देखने लगते है. फिर सोफे पर से उठ जाते है और मम्मी को अपनी बाहों में उठा लेते है. मम्मी इरफ़ान की तरफ ही देख रही थी. उनकी लिपस्टिक बिखर गयी थी.
अब इरफ़ान मम्मी को उठा कर सीडीयों से उपर आने लगते है. उपर आते हुए वो एक-दूसरे की तरफ मुस्कुरा कर देख रहे थे. इरफ़ान अब मम्मी को बेडरूम में लेकर चले जाते है, और बेड पर रख कर उस कमरे का दरवाज़ा बंद कर देते है. मैं वहाँ पर जेया कर के होल से देखने लग जाता हू.
मम्मी बेड पर उठ कर बैठ जाती है, और इरफ़ान की तरफ देखने लगती है. मम्मी के बाल बिखरे हुए थे, और उनको पसीना आ गया था. इरफ़ान अपना कुर्ता उतारने लगे. उनको कपड़े उतारता देख मम्मी ने सिर नीचे कर लिया, और वो शरमाने लगी. इरफ़ान ने कुर्ता उतार कर नीचे ज़मीन पर फेंक दिया.
इरफ़ान बेड पर मम्मी की पास बैठ गये, और उनकी कमर में हाथ डाल कर मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया. मम्मी तोड़ा सा विरोध कर रही थी.
मम्मी: ये रॉंग है इरफ़ान. किसी को पता चला तो बदनामी हो जाएगी मेरी. ये मत कीजिए.
इरफ़ान ने मा को लिटा दिया और उनका पल्लू हटते हुए मम्मी की चुचियो की नंगे हिस्से पर अपने होंठ रगड़ने लगे.
इरफ़ान: कुछ नही होगा. ये बात केवल हम दोनो में ही रहेगी.
मम्मी अब तोड़ा-तोड़ा मज़ा लेने लगी थी. वो इरफ़ान को अपने हाथ से धीरे-धीरे धकेलने की कोशिश कर रही थी.
मम्मी: रूको इरफ़ान, ह ह्म प्लीज़ मत कीजिए.
इरफ़ान का हाथ कभी मम्मी के पेट पर, तो कभी मम्मी की चुचियो पर चल रहा था. इरफ़ान अब मम्मी की होंठो को चूसना शुरू कर देते है. मम्मी उनका साथ नही दे रही थी, हालाँकि अब विरोध भी नही कर रही थी.
अब जैसे ही इरफ़ान ने मम्मी के ब्लाउस का बटन निकालना चाहा, तो मा ने एक-दूं से उनका हाथ रोक दिया. इरफ़ान ने मम्मी का हाथ हटते हुए फिर से एक बटन खोल दिया, और आयेज बढ़ने लगे. तो मम्मी ने फिर से उनका हाथ पकड़ा.
तभी इरफ़ान ने मम्मी की होंठ छ्चोढ़ दिए, और वैसे ही पड़े-पड़े मम्मी को देखने लगे. इरफ़ान ने मम्मी को और पास खींचते हुए मम्मी की सारी उपर की, और उनकी जांघों को सहलाते हुए उनके होंठो को अपने मूह में भर लिया. फिर 1 मिनिट तक होंठ चूस्टे हुए फिर रुक गये.
इरफ़ान: प्रभा मैं तुमसे बहुत मोहोब्बत करता हू. अब मैं तुम्हारे बिना नही रह सकता.
मम्मी तोड़ा मुस्कुरा देती है. वैसे मम्मी तो पहले से रेडी थी. बस नखरे कर रही थी. अब इरफ़ान को पता चल गया की रास्ता सॉफ था.
तो उन्होने सीधा मम्मी का ब्लाउस खोल दिया. इस बार मा ने कोई विरोध नही किया. मम्मी ने रेड रंग की ब्रा पहनी थी. ब्लाउस उतरते ही मम्मी की चुचिया ब्रा में से सामने आ गयी. मम्मी की टाइट ब्रा में उनकी आधी नंगी चुचिया बहुत शानदार लग रही थी. इरफ़ान ने देखते ही उनको मसलना शुरू कर दिया.
इरफ़ान: वाह प्रभा, क्या चुचिया है तुम्हारी. कब से इन्हे देखने को तरस रहा था.
इरफ़ान के सख़्त काले हाथ ज़ोर-ज़ोर से मम्मी की गोरी चुचिया दबा रहे थे.
मम्मी: आअहह स्शह आ.
अब फीडबॅक आएगी तो अपनी हॉट सेक्स स्टोरी आयेज लिखूंगा.