अब उन्होंने धीरे-धीरे मुझे चोदना शुरू कर दिया और मैं मस्ती में पागल होने लगा। उनके होंठों से इतना गरम हुआ, या उनके लण्ड से.. पता नहीं, पर मैं चुदने के लिए बेताब हो रहा था। तभी उन्होंने स्पीड तेज़ की और मैं मज़े से चुद रहा था।
अब उन्होंने मेरे निप्पल सक करते हुए मुझे चोदा।
मैं पागल हुए जा रहा था।
‘जैसन मेरी जान.. तू सिर्फ मेरा है..’ यह बोल-बोल कर मुझे इतना चोदा कि पूछो मत.. न वो थके, ना मैं..
लम्बी गांड चुदाई के बाद सर की स्पीड और बढ़ गई.. और मैं भी अपने लंड को हिलाने लगा।
एकदम से लगे कुछ 4-5 तेज धक्कों ने मेरी गांड गीली कर दी और सर मेरे अन्दर ही झड़ गए।
मैं उनकी सुहागन बन गया.. पर क्या समां था।
हम दोनों वैसे ही नंगे चिपक कर सो गए।
सुबह कुछ 4:30 पर सर अचानक से उठे और मुझे फिर किस किया।
वे फिर से मूड में आ गए और कुछ देर तक उन्होंने मुझे फिर से चोदा और मेरी गांड को भर दिया।
उसके बाद हमारे 10 दिन ट्रेकिंग में उन्होंने मुझे बीसियों बार चोदा, हर जगह वे मौका देख कर मुझे चोद देते थे।
कैम्प में तो रोज ही चुदाई होती थी। जंगल में.. झरनों के पास.. झाड़ियों के पीछे.. यूं समझिए कि ये मेरी ज़िन्दगी का सबसे प्यारा ट्रिप था।