ट्रेन वेल टीटी अंकल से चुदाई

ही फिरेंड्स मई कविता आपके लिए फिर से स्टोरी लेकर आई हू ये स्टोरी मेरी नही ह किसी ने मूज़े मूज़े भेजी ह सो पेश ह न्यू स्टोरी उसी लड़की की ज़ुबानी ही फ्रेंड्स मेरा नाम गुरमीत है आंड मे पुंजब की एक गाव मे रहने वाली लड़की हू.

मे मोस्ट्ली सूट सलवार ही पहनती हू और मेरे पास्ट मे मेरे 2 ब्फ रह चुके ह और मैने दोनो क साथ सेक्स किया हुआ ह मे टिपिकल पंजाबी फॅमिली से बिलॉंग क्रती हू सो मैने अपने साथ जो इन्सिडेंट हुआ हो वो मे आपके साथ सहरे क्रना चाहती हू सो होप क्रती हू.

ये स्टोरी आपको पसंद आएगी सो ज़्यादा बोर ना करए हुए मई सीधा स्टोरी पर आती हू सो मे इंट्रो दोबारा से देती हू मेरा नाम गुरमीत कॉयार ह मे पुंजब क छोटे से गाव से बिलॉंग क्रती हू मई फॅमिली मिड्ल क्लास ह सो मूज़े जॉब क्रना पड़ता ह मे एक पवत् कंपनी मे जॉब क्रती हू.

मे देखने मे गोरी हू मारी आगे 26 साल की ह हाइट 5’4” ह मेरा फिगर 36ब 30 34 ह मे घर का काम भी क्रती हू सो चर्बी कॅम ह मेरी बॉडी मे मेरी आइज़ ब्लॅक ह आंड मेरे बाल मेरे कंधे से नीचे तक ह.

सो ओवरॉल मई एक सेक्सी लड़की हू और मोस्ट्ली मई सूट्स भी फिटिंग वेल ही पहनती हू तो हुआ उ क मूज़े अपनी जॉब चेंज क्रणी थी सो मेने दोसरि कंपनी मे अप्लाइ काइया.

तो वीक बाद उनका कॉल आया और उन्होने मूज़े इंटरव्यू क लिए देल्ही बुलाया मे कब्बी देल्ही न्ही गयइ थी बुत मूज़े जॉब चेंज क्रणी थी सो मैने देल्ही जाने का सोचा घर प्र मेने बोल दिया सीसी मेरी मीटिंग आ गयइ ह सो मे मूज़े देल्ही जाना ह.

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मेने जूथ इसलिए बोला न्ही तो पापा भी साथ जाते उनको ओर प्रेशानि होती सो मेने अकेले जाने का फ़ैसला काइया और मैने ट्रेन से जाने का सोचा मेने अपनी रिज़र्वेशन तो करवाई न्ही थी सो मूज़े जनरल मे बैठना पड़ा रात की ट्रेन थी सो जनरल मे काफ़ी भीड़ होनी थी.

सो मेने सोचा क्यू ना टीटी से बात करले सो मेरे पापा ने टीटी से बात की और उन्होने मुझे रिज़र्वेशन मे बैठा दिया और पापा खुद घर चले गये थोड़ी देर बाद टीटी आया और मुजसे बोला की बेटा ये सीट्स बुक ह तुम ऐसा क्रो मेरे साथ मेरे डिब्बे मे चलो उस दिन भीड़ भी बहुत थी.

सो टीटी क बारे मे मई आपको बीटीये डू वो देखने मे साँवले रंग का था आगे 55 होगी लगभग और पेट हल्का सा बाहर था उसको नज़र का चस्मा ल्गा हुआ था ऑक्टोबर का महीना था तो रात को ठंड भी हो जाती थी सो मे टीटी क डिब्बे मे गई और वाहा पर जाकर बैठ गई.

वो बोला की आज वो अकेला ही ह उस रूट पर व्हा दो कंबल और 2 सीट्स थे एक पर मे बैठ गयइ और एक पर वो और हुँने बाते करना स्टार्ट क्र दी मेने उसको अपनी जॉब और फॅमिली क बारे मे बताया और उसने अपनी फिर हमारी बाते लंबी होती गयइ मेने सोचा क्यू ना इस से अपनी जॉब क अड्रेस का भी पूछ लो.

तो उसने मूज़े वो भी बता दिया उस टीटी को अस्थमा की दिक्कत थी वो इसने मूज़े बताई फिर वो बोला की ट्रेन 7 ब्जे डेल्ही पहुच जाएगी तो तुम कहा रहोगी मेने कहा की कोई होटेल देख लूँगी वो बोला होटेल क्यू मेरा रूम ह व्हा रुक जान आ वैसे भी कोई आता जाता नही ह अकेले रहता हू जॉब की वजह से मेने मना कर दिया.

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मैने कहा कू किसी की हेल्प लेनी वो बोला कोई बात नही मूज़े कोई दिक्कत नही ह और वैसे भी तुम थोड़ी देर मे चली ही जाओगी और वो बोला मई तुमको छोड़ आओगा मेने सोचा शी ह जल्दी से इंटरर्विएव देकर जल्दी से ट्रेन लूँगी और वापिस आ जौगी मेने वापसी की ट्रेन भी नही भी बुक करवा रखी थी.

मेने उसका नंबर ले लिया सो अगर कल को किसी ओर टीटी से बात करवानी पड़ी तो करवा दूँगी सो ह्मे बाते करते वक़्त रात क 11 बज्ज गये तब वो बोला की बेटी की तुम कापरे सही  पहनती वो वरना देल्ही की लड़किया अफ मेने कहा अंकल थॅंक्स और हम बाते कर रहे थे तो उसको साँस चॅड गया उसका पंप डोर पडा था सो वो बहुत ज़ोर का खांसने ल्गा.

मैने देखा मूज़े पता नही  था तो उसने अपने कोट की तरफ इशारा काइया मे झट से खड़ी हुई और उसकी पॉकेट से एक पंप निकाला और अंकल को दिया अंकल ने मूह मे उसका पंप काइया और 5 मीं बाद वो सेट हुए.

फिर बाद मे हुँने थोड़ी देर बाते की और सो गये सुबह मई 6 ब्जे उठ गयइ और टीटी भी उठ गया हुँने कूला किया टी पी एक छोटे स्टेशन पर और न्यू देल्ही पहुच गये ट्रेन सही टाइम पर थी टीटी ने अपना हिसाब किया मे उसके साथ ही थी और हुमको हाफ अवर लगा हम फ्री होकर स्टेशन से निकल गये और उन्होने अपनी कार निकली और मूज़े बिठाया और अपने फ्लॅट पर ले गये.

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