ट्रेन में भाई ने बहन की कुँवारी चूत भोगी

दोस्तों मुझे उमीद नही थी मेरी स्टोरी पर मुझे इतना अछा रेस्पॉन्स मिलेगा. मैं आप लोगों का तहे दिल से शूकर गुज़ार हू. आप सब ने मेरी स्टोरी पर मुझे इतना प्यार दिया.

आप लोग अपना सुझाव मुझे मैल कर सकते है. आप लोगों का ज़्यादा टाइम ना वेस्ट करते हुए मैं स्टोरी आयेज कंटिन्यू करता हू. पिछले पार्ट में आप लोगों ने पढ़ा कैसे हम दोनो ने ग़मे खेलते हुए किस किए, और एक-दूसरे के कपड़े निकलवाने लगे. अब आयेज-

मैने मौका मिलते ही खुश्बू को डरे दिया की पनटी निकाल दो. वो भी शायद यही चाहती थी, बिकॉज़ वो बहुत गरम हो गयी थी. उसकी साँसे तेज़ चल रही थी. खुश्बू ने अपनी पनटी निकाल कर साइड में रख दी. उसकी छूट मैने आज ज़िंदगी में पहली बार देखी थी.

उसकी छूट एक-दूं क्लीन शेव थी, गुलाबी किसी रशियन की तरह, और हल्की गीली भी लग रही थी. मैं उसकी छूट को बिना पालक झपकाए देखता ही रहा. मॅन तो कर रहा था की उसकी छूट को चूस-चूस के सारा रस्स पी जौ.

मैने अपने आप पे कंट्रोल किया, और हम लोग ग़मे को आयेज बढ़ने लगे. हम दोनो की एक भी गोटी अंदर नही गयी थी. रात के 4 बाज गये थे, और हम वासना के जोश में बस ग़मे खेल रहे थे. अब खुश्बू पूरी नंगी थी, और मैं सिर्फ़ त-शर्ट में. तब खुश्बू ने मेरी गोटी उड़ा दी. आक्च्युयली मैं भी वही चाहता था.

मैं: बताओ मेरी बहना, क्या करना है?

खुश्बू: त-शर्ट निकाल दो भाई अब आप भी.

मैने अपनी त-शर्ट निकाल के रख दी. अब मैं भी पूरी तरह नंगा था. अब आगे का ग़मे हम खेलने लगे, तो खुश्बू की एक गोटी होमे में चली गयी. उसे एक और चान्स मिला, तो दूसरी बार उसने मेरी गोटी उड़ा दी, और कहा-

खुश्बू: भाई अब बताओ क्या करना चाहोगे?

मैने मॅन में सोचा: तू बोल ना क्या करना है? मुझे तो मॅन कर रहा है छोड़ डालु तुझे.

मैने कहा: बताओ क्या करना है?

खुश्बू: भाई आप मुझे फिरसे किस करो. पर इस बार किस के साथ आपको बूब्स भी प्रेस करने होंगे, और साथ ही उनको चूसना होगा.

मैं ये सुन कर खुश हो गया, पर मैने कहा: तू पक्का ये करना चाहती है?

उसने हा कहा. फिर मैं उसके करीब गया, और उसके चेहरे को हाथो में पकड़ कर किस करने लगा. मैं अपने हाथो से उसके बूब्स दबाने लगा. जैसे ही मैने बूब्स दबाए, वो आहह आ करने लगी, और मुझे डीप्ली किस करने लगी. मैं भी उसके बूब्स दबाने लगा, और वो बहुत गरम हो गयी.

मैने उसको अपने करीब कर लिया, जिससे मेरा लंड उसकी छूट के पास लग रहा था. उसके हाथ मेरी छ्चाटी और पीठ सहला रहे थे. हम मदहोश हो कर एक-दूसरे के बदन से खेल रहे थे. 15-20 मिनिट की किस और बूब्स प्रेस करने के बाद, मैं उसके बूब्स चूसने लगा. वो आअहह उम्म्म उफ़फ्फ़ कर रही थी. मैं उसके निपल्स को चूस रहा था, और दाँत से बीते कर रहा था.

वो आअहह आहह की सेक्सी आवाज़े निकाल रही थी. मैं अपने कंट्रोल से बाहर हो रहा था. मैने धीरे से उसकी छूट पे हाथ रखा, तो वो मचल उठी. फिर एक-दूं से पीछे हॅट गयी और बोली-

खुश्बू: भाई आयेज का मॅच खेलते है.

मैने हा कहा और हम खेलने लगे. अब बारी मेरी थी. मैने उसकी गोटी उड़ा दी. तब उसने कहा-

खुश्बू: बताओ भाई क्या करना है?

मैं: कर लेगी ना जो बोलुगा वो?

खुश्बू: भाई अभी तक तो सब हुआ है.

मैं: चल फिर सेक्स करते है.

वो चुप हो गयी. फिर 2 मिनिट बाद वो सीधे मुझसे लिपट गयी, और बोली-

खुश्बू: भाई कब से यही सुनना था मुझे.

और मेरी नेक पे किस करने लगी. मैं जोश में आ गया. मैं उसके बूब्स प्रेस करने लगा. वो आहह आ करके मज़े लेने लगी, और मुझे लोवे बीते देने लगी. मैं इससे और जोश में आ गया. मैने उसे सीधा लिटाया, और उसके बूब्स को चूसने लगा. फिर हाथो को उसकी छूट पे ले गया. वो मचल उठी.

उसकी साँसे तेज़ चल रही थी. मैं उसकी नाभि (नेवेल) में अपनी ज़ुबान डाल के चाटने लगा. वो पागल हो रही थी. उसने मेरे लंड पे हाथ लगाया, और बोली-

खुश्बू: भाई ये कितना बड़ा है?

मैं: 7 इंच मेरी जान.

उसने कहा: मेरा फर्स्ट टाइम है, आराम से करना.

मैने हा बोला और उसकी छूट पे ज़ुबान लगा के चाटने लगा. उसको जैसे करेंट लग गया. फिर मैने अपनी ज़ुबान अंदर डाल दी, और मूह से उसकी छूट की चुदाई करने लगा. वो पागल हो रही थी, और मोन कर रही थी, और मेरी पीठ में नाख़ून मार रही थी. मैं उसकी छूट चाट रहा था. थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया. वो झाड़ गयी. उसने मेरे सर को अपनी छूट पे दबा दिया, और मैं सारा पानी चाट गया.

मैने उसको कहा: इसको चूसेगी?

उसने माना किया तो मैने फोर्स नही किया. मेरे वॉलेट में कॉनडम्स हमेशा रहते है. मैं वॉलेट के पास गया, कॉंडम निकाला, और पहन लिया. हमारे पास तकिया था. वो मैने खुश्बू की कमर के नीचे लगाया और उसको कहा-

मैं: खुश्बू बेटा, तोड़ा सा दर्द होगा.

उसने कहा: जी भाई, आप डाल दो. मुझसे रहा नही जेया रहा.

मैने लंड उसकी छूट पे घिसना स्टार्ट किया. वो मचल उठी, और मोन करने लगी.

खुश्बू: उम्म्म्म आअहह उफफफफ्फ़ भाई डाल दो जल्दी.

मैने अंदर डालने की कोशिश की, पर वो वर्जिन थी. तो उसकी छूट बहुत टाइट थी. मैने एक धक्का मारा, और लंड अंदर गया तोड़ा. उसकी चीख निकल गयी. मैने उसके लिप्स पे लिप्स रखे, और एक और झटका मारा. लंड आधे से ज़्यादा अंदर चला गया. वो झटपटाने लगी. मैं शांत हो गया, और उसके बूब्स प्रेस करने लगा, उसको किस करने लगा. मैं उसकी बॉडी सहलाने लगा. वो जोश में आ रही थी. उसकी छूट इतनी गरम थी जैसे कोई भट्टी.

मैने फिरसे धक्का मारा, और इस बार लंड पूरा अंदर घुस गया. उसकी आँखों से आँसू आने लगे. मैने उसको शांत करवाया, और धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. वो मोन करते हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी. मैं धक्के देते हुए उसकी चुदाई कर रहा था, और वो उफ़फ्फ़ आअहह आअहह आअहह ऑश भाई आअहह हा ऐसे ही करो भाई, बहुत मज़ा आ रहा है.

मैं भी जोश में उसको छोड़ रहा था. हमारी चुदाई नों-स्टॉप 20-25 मिनिट चली. इस बीच खुश्बू 2 बार और झाड़ गयी थी. अब मेरी बारी थी. मैं भी झड़ने वाला था. मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और घपा-घाप उसकी छूट में लंड पेलने लगा.

उसकी आअहह आअहह से मेरा जोश बढ़ने लगा था. मैं बूब्स दबा-दबा के छूट पेल रहा था, और फिर मेरा स्पर्म निकल गया.

हम दोनो तक गये. मैने कॉंडम लंड से निकाला और बाहर फेंक दिया. जब मैने उसकी छूट देखी, तो उसकी छूट पे खून था, और सूज भी गयी थी. मैने फिर उसकी छूट को सॉफ किया. वो मुझे प्यार से देख रही थी. हम दोनो एक साथ लेट गये, और वो मुझसे चिपक गयी. अब हम दोनो तक गये थे, और एक-दूसरे को चिपक गये. मैने देखा तो सुबा के 6 बाज रहे थे. हम दोनो एक-दूसरे से चिपक के सो गये.

जब मेरी नींद खुली, और मैने टाइम देखा तो 11 बाज रहे थे. खुश्बू अभी भी सो रही थी मेरे काढ़े पर सर रख के, और मेरा हाथ उसकी गांद पे था. मैने उसको नींद से नही जगाया, और ऐसे ही उससे चिपका रहा. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया, और उसकी नाभि में घुसने लगा. उससे वो भी उठ गयी. उसने मुझे देखा और स्माइल करके बोली-

खुसबु: गुड मॉर्निंग भाई.

मैं: गुड मॉर्निंग मेरी प्यारी बेहन.

खुश्बू: अब 5 दिन कोई बेहन नही, सिर्फ़ खुश्बू.

मैने ओक बोला और उसको एक लीप किस की. वो उठी, पर उसे तोड़ा दर्द हो रहा था.

मैने कहा: रुक, मैं मेडिसिन देता हू.

मैने उससे एक पाईं किल्लर दी. हम दोनो ने कपड़े पहने, और डोर नॉक हुआ. हमारी छाई और कुछ नाश्ता आया था. जो बंदा ले कर आया था उसने कहा-

आदमी: भैया मैं 3 बार आया हू आपके कोच में. पर दरवाज़ा ही नही खोल रहे थे.

मैने कहा: हा मैं सो गया था.

वो नाश्ता-छाई देके चला गया. मैने खुश्बू से कहा-

मैं: छाई-नाश्ता कर लो.

फिर हम दोनो ने छाई-नाश्ता किया, और वो मेरी गोद में बैठ गयी. मैं उसको प्यार कर रहा था, और ऐसे ही हमारा टाइम पास हो रहा था. मैने ऑनलाइन चेक किया तो पता चला 6 बजे हम बंगलोरे पहुँचने वाले थे. मैने ये बात खुश्बू को बताई.

उसने कहा: अछा है, अब बाकी का प्यार वाहा करेंगे.

तो दोस्तों इसके आगे का पार्ट अगर आप लोगो को चाहिए तो मुझे मैल करना. वरना मैं यहा स्टोरी एंड कर दूँगा. मेरी मैल ईद है साहिल्देशमुख6988@गमाल.कॉम

धन्यवाद.

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