ट्रेन के वॉशरूम में मा के सेक्स की कहानी

हेलो दोस्तों, मेरा नाम रवि है, और मैं 20 साल का हू. मैं कॉलेज में हू ग्रॅजुयेशन के फाइनल एअर में.

ये स्टोरी मेरी मम्मी की है, उनका नाम प्रिया है, और वो 42 साल की है. दिखने में बहुत ही हॉट है, और हमेशा सारी पहनती है.

मेरे पापा एक पवत्. कंपनी में जॉब करते है. उनका नाम महेश है, और वो 48 साल के है. तो अब स्टोरी पे आते है.

मैं और मम्मी मेरे मामा की बेटी की शादी के लिए भोपाल से लुक्कणोव जेया रहे थे. हम शादी से एक वीक पहले जेया रहे थे. पापा को छुट्टी नही थी तो डाइरेक्ट शादी के एक दिन पहले पहुचने वाले थे.

रिज़र्वेशन की बड़ी प्राब्लम थी. एप्रिल का महीना था, तो जैसे-तैसे हमे स्लीपर में रिज़र्वेशन मिल गया. मेरी सीट उपर थी और मम्मी की नीचे, और हमारी ट्रेन शाम 7 बजे से थी, और लुक्कणोव पहुँचने की अगली सुबा की टाइमिंग थी.

हम ट्रेन में चढ़े तो देखा स्लीपर में वेटिंग वाले लोग भी थे, और मेरे उपर की सीट पे 2 लोग ऑलरेडी बैठे थे. वो भी शायद लुक्कणोव जेया रहे थे.

मैने उनको बोला की मेरी सीट खाली कर दो, तो वो बोले रात को जब सोना होगा तब कर देंगे अभी तुम नीचे बैठ जाओ. बुत मैं नही माना, और उनसे बहस करने लगा.

देखने में वो थोड़े गुंडे टाइप के ही दिख रहे थे. बुत फिर भी मैं उनसे बहस कर रहा था. मम्मी वॉशरूम गयी हुई थी, और जब वो वापस आई तो हमारी बहस चल रही थी.

तो मम्मी उन लोगों पे आते ही भड़क गयी, और उनको धमकी देने लगी की उनकी कंप्लेंट कर देंगी अगर सीट खाली नही की तो.

उन दोनो की आगे भी 40-45 के बीच की थी, और वो दोनो घूर-घूर के मम्मी को देख रहे थे. मम्मी ने ग्रीन कलर की सारी और मॅचिंग ब्लाउस पहना हुआ था, और बाल बँधे हुए थे.

गले में मंगलसूत्रा और हाथो में चूड़ियाँ बहुत ही हॉट लग रही थी.

उन दोनो अंकल की तो मम्मी को देख के जैसे लार टपकने लगी थी. मम्मी के 36″ साइज़ के बूब्स उनके ब्लाउस में बाँध नही रहे थे, और उनकी 36″ की गांद देख कर किसी की भी हालत खराब हो जाए.

वापस स्टोरी पे आते है. मम्मी ने जैसे ही उनको कंप्लेंट की धमकी दी, उनको गुस्सा आ गया, और वो दोनो सीट से नीचे उतार आए, और मम्मी को गंदी नज़र से नीचे से उपर तक घूर्ने लगे.

मम्मी भी तोड़ा सा दर्र गयी, और अपनी सारी का पल्लू ठीक करने लगी. वो दोनो वाहा से जाने लगे. तभी उनमे से एक मेरे कान में बोला-

“तुझे और तेरी इस रंडी मा दोनो को देख लेंगे. अभी जानते नही हो तुम हमे”

और वो दोनो वाहा से निकल गये. मैं भी दर्र गया, बुत मम्मी को कुछ नही बताया मैने.

रात के 9 बजे हमने डिन्नर किया, और मैं हॅंड वॉश करने वॉशरूम गया. तो वो दोनो वही बातरूम के बगल में गाते पे खड़े थे.

तभी मैने उनकी बातें सुनी, जिसे सुन कर मेरी गांद भी फाटती और लंड भी टाइट हो गया.

अंकल 1: क्या मस्त माल थी साली वो. मॅन कर रहा था साली का वही ब्लाउस फाड़ के दूध पी जौ.

अंकल 2: सही कहा भाई, और वो पक्की चुड़क्कड़ है साली. उसकी बातों से ही पता चल रहा था.

अंकल 1: साली हमे कंप्लेंट का दर्र दिखा रही थी. इस साली की तो अपन मसल-मसल के लेंगे.

और दोनो हासणे लगे. मैं हॅंड वॉश करके जल्दी से वापस आया.

तभी मैने देखा मम्मी भी हॅंड वॉश करने आ रही थी. मैं तोड़ा घबरा गया, बुत मम्मी को जाने से नही रोक पाया. मम्मी हॅंड वॉश करने गयी, तो मैं भी पीछे से उनको देखने गया. मम्मी हॅंड वॉश कर रही थी, और वो दोनो मम्मी की गांद देख के अपने लंड को मसल रहे थे.

फिर मम्मी ने जब उनकी तरफ देखा, तो वो थोड़ी अनकंफर्टबल और शर्मा गयी. उनमे से एक मम्मी से बोला

“भाभी आप लुक्कणोव जेया रही है?”

मम्मी: जी भाई साहब.

अंकल 1: रात में तोड़ा ख़याल रखना अपना भी, और हमारा भी.

और वो मुस्कुराने लगे. मम्मी भी हल्की सी स्माइल दे कर वापस आ गयी.

मुझे तोड़ा गड़बड़ लग रहा था, क्यूंकी हमारे कॉमपार्टमेंट में मुश्किल से 2-3 ही लॅडीस थी. मैं अपनी सीट पे जेया कर सो गया.

रात के करीब 1 बजे मेरी नींद खुली. मुझे बातरूम जाना था, तो मैं उपर से नीचे उतरा, और मम्मी की सीट की तरफ देखा. तभी मैं शॉक हो गया.

मम्मी सीट पे थी ही नही. मैं घबरा गया और बातरूम की तरफ जाने लगा. लाइट्स सारी ऑफ थी, बस गाते के पास हल्की सी लाइट जल रही थी.

गाते पे देखा तो वो दोनो अंकल गायब थे, जिससे मैं तोड़ा और घबरा गया. वॉशरूम के पास पहुँचा तो एक वॉशरूम खुला पड़ा था, और दूसरा वाला अंदर से लॉक था.

और अंदर से हल्की-हल्की आवाज़े आ रही थी चूड़ियों की ख़ान-ख़ान की. मुझे डाउट हुआ की अंदर कुछ गड़बड़ थी, क्यूंकी अंदर से आदमी की भी हल्की सी आवाज़ आ रही थी.

मैने गाते को देखा तो वो तोड़ा पुराना था, और उसमे हल्का सा च्छेद था. मैने उस च्छेद से अंदर झाँका तो मेरा लंड अंदर का नज़ारा देख कर ही तंन गया.

मेरी हॉट मा अंदर 2 मर्दों के बीच फ़ससी हुई थी. उनका पल्लू नीचे पड़ा हुआ था, और आयेज-पीछे दोनो साइड से अंकल उनसे चिपके हुए थे.

आयेज से एक अंकल उनके मूह में मूह डाल के चूम रहा था, और दूसरा पीछे गांद पे सारी के उपर से लंड रग़ाद रहा था, और अपने दोनो हाथो से मम्मी के दोनो दूधो को ब्लाउस के उपर से ही मसल रहा था. और पीछे से ही गले को किस कर रहा था.

मम्मी उनके बीच में पूरी रंडी लग रही थी, क्यूंकी उनके बाल पुर खुले हुए थे, और मम्मी झटपटा रही थी. वो उनको रोक रही थी, बुत वो दोनो कहा मानने वाले थे.

पीछे वाले अंकल ज़ोर-ज़ोर से दूधो को मसल रहे थे, जिससे मम्मी की छूट में गर्मी बढ़ने लगी थी, और उन्हे हल्का-हल्का मज़ा भी आ रहा था.

तभी एक अंकल ने किस को रोका, और मम्मी को देख के बोले-

अंकल 1: साली रांड़, बहुत गर्मी है ना तेरे अंदर. आज सारी निकाल देंगे हम दोनो.

मम्मी: सस्शह आअहह भाई साहब प्लीज़ छ्चोढ़ दीजिए मुझे. मैं एक शादी-शुदा औरत हू.

अंकल 2: शादी-शुदा होकर भी साली तू पति के अलावा और काई मर्दों से चूड़ी है.

सामने से अंकल ने मम्मी की पूरी सारी खोल दी. अब मम्मी सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट में थी, और उनकी सारी वही नीचे फैली पड़ी हुई थी.

अंकल 1 पेटीकोत के अंदर हाथ डाल के पनटी के अंदर से छूट को सहलाने लगे, जिससे मम्मी की सिसकियाँ और ज़्यादा बढ़ गयी.

मम्मी: आअहह भाई साहब सस्स्शह मत कीजिए.

अंकल: साली रांड़, तेरी तो पूरी छूट गीली हुई पड़ी है. बहुत मज़ा आ रहा है तुझे तो.

मम्मी: सस्स्शह आअहह.

दोनो अंकल मम्मी को खूब गंदी-गंदी गालियाँ देते हुए ज़ोर-ज़ोर से उन्हे मसल रहे थे, और मम्मी को भी अब मज़ा आने लगा था.

पीछे वाले अंकल ने मम्मी का ब्लाउस पकड़ के फाड़ दिया, और सारे बटन टूट गये.

मम्मी: आअहह

मम्मी की मोटे-मोटे दूध ब्रा में बाँध नही रहे थे. सामने से अंकल ने ब्रा दूधो पे से नीचे की और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगे, और मम्मी ज़ोर-ज़ोर की सिसकिया भरने लगी.

मम्मी: स्शह आअहह भाई साहब.

मम्मी अब सिर्फ़ नीचे से पेटिकोट में थी, और उपर से नंगी. और आयेज से एक अंकल उनके दूध चूस रहे थे, और पीछे से एक अंकल उनकी गांद पे अपना लंड रग़ाद रहे थे.

ये स्टोरी का फर्स्ट पार्ट था, जल्दी ही इसका 2न्ड पार्ट लेकर अवँगा.

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