अब आयेज की गे सेक्स स्टोरी की तरफ चलते है.
हमे बात करते-करते 12 बाज गये. टीचर की एक ख़ासियत होती है, वो बच्चो और बडो सब के साथ घुल-मिल जाते है. इसलिए उनकी मेरे साथ दोस्ती जल्दी हो गयी.
सिर: आज मेरा रुटीन ही बिगड़ गया. इस टाइम तो मेरी आधी नींद हो जाती है.
मैं: कोई नही, आप सो जाओ.
सिर: बातरूम कहाँ है? मुझे नहाना है. फिर ही नींद अची आएगी.
2 मिनिट बाद सिर बातरूम से बाहर आए. मेरी तो साँस ही रुक गयी. सच में कितने स्मार्ट है वो. कितना चौड़ा सीना, क्या मस्त मसकुलर बदन, और सबसे ज़रूरी बात, सिर ने ब्राउन कलर की लंगोट पहनी हुई थी. मैने पहली बार किसी मर्द को लंगोट में देखा था. उनकी जांघें भी बहुत मोटी-मोटी थी, और पुर बदन पर एक भी बाल नही था.
सिर: टवल देना हितें.
टवल लेकर वो नहाने चले गये. 10 मिनिट बाद सिर बातरूम से बाहर आए. सिर का गीला बदन मस्त चमक रहा था. सिर ने एक टवल कमर पर बाँध रखा था, और दूसरे से बदन सॉफ कर रहे थे.
ये सब देख कर मैं तो पागल ही हो रहा था. इतने मस्त बदन का आदमी मेरे सामने आधा नंगा खड़ा था. वो भी मस्क्युलर गीली बॉडी के साथ. कोई भी अपने आप को कैसे कंट्रोल कर सकता है?
मैं (धीरे से): आपने टवल के नीचे वो कैसी अंडरवेर पहनी है? मैने कभी नही देखी.
सिर (हेस्ट हुए): उसे लंगोट बोलते है बेटा. मर्द की शान होती है ये.
मैं: अछा जी, फिर तो मुझे भी ट्राइ करनी है एक बार. प्लीज़ माना मत करना.
सिर: लेकिन बेटा बाकी तो मेरे बेग में है.
मैं: आप टेन्षन मत लो, वो अभी जेया कर मैं ले आता हू.
मैं जल्दी से सिर के रूम में जेया कर उनका बाग लेकर आ भी गया.
सिर: ले आए इतनी जल्दी, बढ़िया है.
सिर ने बाग से एक ब्लॅक लंगोट निकाल कर मुझे बोला: मैं ट्राइ करके दिखता हू. फिर तुम ट्राइ करना.
मैने सिर से दोनो टवल माँग लिए. अब सिर सिर्फ़ ब्राउन लंगोट में एक हाथ में ब्लॅक लंगोट पकड़ कर मुझे समझते हुए लंगोट पहनना सीखा रहे थे. लेकिन मेरा ध्यान तो उनके मर्दाना बदन और उनके लोड के उभार पर था. मुझे पता ही नही चला उन्होने कब लंगोट पहन भी ली.
सिर: अब तुम ट्राइ करो.
मैने शॉर्ट्स निकाल कर साइड रख दी. मैने डार्क रेड अंडरवेर पहन रखी थी. फिर मैने कोशिश करी, लेकिन हो नही पा रहा था. लंगोट का साइज़ बड़ा था. अंडरवेर के उपर सही से बाँध भी नही रही थी.
सिर: तुम बातरूम में जेया कर चड्डी खोल कर ट्राइ करो.
मेरा मॅन तो सिर के सामने नंगा होने का था. लेकिन तभी मुझे एक आइडिया आया और मैं बातरूम चला गया. मैं लंगोट को पहन कर बाहर आया. लंगोट बड़ी थी, इसलिए वो बहुत ढीली आ रही थी.
मैं: आप सही कर दो.
मैं सिर के पास गया और सिर मेरी त-शर्ट को उपर करके लंगोट कस्स कर टाइट करने लगे. तभी मैने त-शर्ट निकाल कर साइड रख दी, और खुद को लंगोट में देखने के लिए मिरर के आयेज खड़ा हो गया. सिर मुझे बस निहारे ही जेया रहे थे.
मेरी गांद से लंगोट थोड़ी ढीली थी, इसलिए मैने मिरर में देख कर उसे इतनी ज़ोर से कस्स दिया, जिससे मेरी गांद और उसकी गोलाई सॉफ नज़र आने लगी.
मैं (अलग-अलग पोज़ बनाते हुए मिरर के सामने): अब लग रही है मस्त.
सिर मेरे पास आए और मेरी कमर पकड़ कर अपनी और खींचा. फिर मेरी गांद पर से लंगोट ठीक करके मिरर में दिखाते हुए बोले-
सिर: मस्त ही क्या, गोरी और मोटी भी लग रही है.
मैं: मैं लंगोट की बात कर रहा हू. आप किसके लिए बोल रहे हो?
सिर (मुझे कस्स के पकड़ते हुए): टुमारा बदन और पिछवाड़ा कोई कम है क्या.
मैं: ऐसा कुछ नही है. बदन तो आपका मस्त है. पापा भी बुड्ढे लगते है आपके सामने तो (मैने उनकी छाती को छूटे हुए बोला).
हम दोनो हासणे लग गये. मेरा मॅन बहुत नटखट होता जेया रहा था. मैने कुछ सोचा फिर बोला-
मैं: क्यूँ ना हम दोनो मिरर के आयेज लंगोट में कुछ पोज़ ट्राइ करे?
सिर: मुझे नही आते तुम बता देना.
हम दोनो ने पहले कुछ जिम वाले पोज़ करे. फिर मेरा मूड तोड़ा शरारती होता जेया रहा था. मैं सिर को कुर्सी पर बिता कर खुद उनकी साइड में खड़ा हो गया. तभी सिर ने मुझे उनकी जाँघ पर बैठने का इशारा किया. मैं मिरर की साइड फेस करके बैठ गया.
सिर (मेरे कान में): फेस मेरी साइड करके बैठ.
सिर को समझ आ गया था मुझे क्या चाहिए था. लेकिन वो भी मज़े लेने में कोई कम नही थे. जैसे सिर ने बोला मैं बैठ गया. हमारे नंगे बदन एक-दूसरे को चू रहे थे. सिर ने मुझे कस्स कर पकड़ लिया, और एक हाथ मेरी कमर से होते हुए गांद तक ले गये. फिर मेरे गाल पर किस किया, और मुझे अपने कंधे पर आधा पीछे झुका कर खड़े हो गये. इससे मेरी गांद उनके फेस के साथ आ गयी, जो उनको मिरर में दिख रही थी, मुझे नही.
मैं: ये कों सा पोज़ है.
सिर: ये स्पेशल पोज़ है बेटा.
सिर फिर मेरी गांद पर हाथ फेरते हुए, मेरी लंगोट को मेरी गांद की दरार में डालने लगे. फिर मेरी गांद पर हाथ फेरते हुए बोले-
सिर: टुमारा बदन कितना कोमल और भरा हुआ है.
मैं: आप भी ना, कुछ भी बोल रहे हो.
अभी तक सब कुछ ब्लू नाइट लाइट में ही हो रहा था. तभी सिर ने मुझे इसी पोज़ में लिए हुए लाइट ओं कर दी, और बोले-
सिर: बेटा मैने टुमरी सब बात मानी है. क्या मेरी एक बात पूरी करोगे?
मैं: जी सिर बिल्कुल. आप मेरे दादा जी जैसे हो. आप करने के लिए बोलो.
सिर: एक बार मैं तुम्हारे साथ बिना लंगोट के यही पोज़ करना चाहता हू.
मेरे मॅन में तो जैसे लड्डू ही फुट गये थे.
मैं: लेकिन किसी को बोलना नही.
मैं गोद से उतरता उससे पहले ही सिर ने उसी पोज़ में मेरी लंगोट को एक हाथ से खोल कर साइड कर दिया. सिर से अब तो कंट्रोल ही नही हो रहा था. आख़िर मेरा बदन है ही ऐसा.
सिर मेरी गांद की एक साइड में किस करते हुए मेरी गांद को अपने हाथ से दबा रहे थे. इतना तेज़ दबा रहे थे, की थोड़ी देर में ही गांद लाल हो गयी. सिर के कंधे पर मेरा लोड्ा चुभ रहा था.
अब सिर मुझे नीचे उतार कर, गले से लगा कर, गर्दन पर किस करते हुए मेरी कमर और गांद पर हाथ फेरने लगे. मेरा लोड्ा अब पूरा खड़ा हो गया था, और सिर का लोड्ा उनकी लंगोट से तोड़ा बाहर दिखने लगा था.
मैं: आप मेरे दादा जैसे हो, ऐसा क्यूँ कर रहे हो?
सिर मेरे लंड को हाथ में लेकर बोले: लेकिन इसको देख कर लग नही रहा ये काम तुम्हे पसंद नही.
मैं भी सिर के लंगोट पर हाथ लगा कर बोला: फिर तो इसे भी आज़ाद करने का टाइम आ गया है.
मैने सिर की लंगोट खोल दी, सिर का 6 इंच लंबा लोड्ा जिसका सूपड़ा एक-दूं गुलाबी और मोटा था, मैने देखते ही ज़ोर-ज़ोर से हिलना शुरू किया.