टीचर के स्टूडेंट से चूत चुदवाने की कहानी

ही दोस्तों, मैं आपकी चहेती प्यारी 36 साल की कामिनी काया की मल्लिका, आज एक नयी कहानी लेकर उपस्थित हू. सबसे पहले मैं आप लोगों को अपने विषय में बता डू.

मेरी हाइट 5 फुट 6 इंच है. मेरा गोरा रंग है, और मांसल बदन है, पर आत्लेटिक है. मेरे बड़े-बड़े गोरे चमकदार बूब्स है. और मेरी भोली सूरत खिलते गुलाब की तरह है.

मेरी मटकती चाल मेरे दीवानो को बरबस अपनी तारक आकर्षित करती है. मैं इंटर कॉलेज में टीचर हू, और अभी अरुणाचल में पोस्टेड हू. घर से इतनी डोर मैं मेरे अंदर अकेलेपन का हमेशा एहसास करती हू.

एक तो ये एकाकी, और दूसरी मुझे मेरे तंन की प्यास बेचैन किए रहती है. मैं गंभीरता से इस विषय पर रोज़ सोचा करती थी. आख़िर मेरे मॅन ने ये फैंसला किया, की अपने स्टूडेंट्स से ही इस समस्या का समाधान किया जाए. काम तो आसान था, पर रिस्क बहुत था.

जवान हो रहे लड़कों में सीक्रेसी और गंभीरता का ख़ासा अभाव होता है. इन सारी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मैने अपने मिशन पर काम करना शुरू कर दिया.

अपने काम के पहले चरण में मैने दो लड़कों राहुल और अजीत को प्रपोज़ किया. राहुल पुर 6 फुट लंबा आत्लेटिक स्टूडेंट था. वो सव्या और गंभीर भी था. अजीत भी इसी तरह का था.

अब मैं हर रात राहुल से छुड़वाने की कल्पना में खोने लगी थी. सोते, उठते, बैठते मुझे राहुल और अजीत का ध्यान आने लगा था. जब की अभी हम एक कदम भी आयेज नही बढ़े थे.

फिर क्लास में मैं इन दो लड़कों को प्रपोज़ करना शुरू करने की प्लॅनिंग के अनुसार सबसे पहले मैने राहुल को घर पर टुटीओन आने के लिए राज़ी कर लिया. राहुल अगले दिन से मेरे घर टुटीओन के लिए आने लगा.

मैं राहुल को पढ़ने लगी, और उसको जाँचने भी लगी, की राहुल मेरे लिए फिट था की नही. फिर अजीत भी आने लगा. उसके साथ भी मैं ऐसा ही कर रही थी. मैं राहुल को पढ़ती थी, और उसको किसी ना किसी बहाने अपनी बॉडी टच करती थी.

राहुल और अजीत दोनो मेरी परीक्षा में शत-प्रतिशत अंको के साथ पास हो रहे थे. मेरे बॉडी टच करने से 18 साल का जवान लड़का बार-बार विचलित हो रहा था.

मैने सबसे पहले राहुल को ट्राइ करने की सोची. आज मैं बात लेने के बाद बदन पर सिर्फ़ एक टोलिया लपेटे अपने रूम को खुला छ्चोढ़ बेड पर बैठी थी. मेरे हाथ मेरी छूट पर थे. मैं आहिस्ते-आहिस्ते अपनी छूट को सहला रही थी, और अपने ध्यान में खोई थी.

इसी समय पता नही राहुल कब आया, और वो मुझे टकटकी नज़रों से घूर्ने लगा था. मैं इस बात से बेख़बर अपनी छूट को सहला रही थी. कभी-कभी मैं उंगली भी अंदर डाल देती थी.

फिर आकस्मात मेरी नज़र उपर गयी, और राहुल से मेरी आँखें चार हो गयी. मैं बिल्कुल हड़बड़ा गयी, और बदन को ढकने का असफल प्रयास करते हुए राहुल को पूछी-

मैं: राहुल तुम कब आए?

राहुल की नज़रे झुकी हुई थी.

वो बोला: 5 मिनिट हुए है मेडम.

मैं: तो तुम मुझे 5 मिनिट से निहार रहे हो?

फिर मैं खड़ी होके राहुल के पास आ गयी, और बोली: राहुल, मैं कैसी लग रही हू?

राहुल बोला: मेडम आप तो जन्नत की हूर हो.

मैं राहुल के गले में हाथ डाल कर बोली: तो फिर नमार्द की तरह क्या निहार रहे हो? आओ, और इस कंचन काया का रस्स-पॅयन करो.

ये कहते हुए मैने राहुल को खींच कर अपने में सता लिया. मेरे बदन के स्पर्श से राहुल का बदन शायद झंझणा उठा था. राहुल ने कस्स कर मुझे पकड़ा, और मेरे होंठों पर और गालों पर चुंबन की झड़ी लगा दी.

यही तो मैं चाह रही थी. मेरी प्लॅनिंग बिल्कुल ठीक दिशा में बढ़ रही थी. राहुल ने एक झटके से टोलिए को मेरे बदन से अलग कर दिया. अब मैं राहुल के सामने बिल्कुल नंगी हो चुकी थी.

मैने भी एक झटके में राहुल की पंत उतार दी. पंत बदन से हट-ते ही राहुल का विशाल लंड, जो अब तक बिल्कुल तंन कर अपने पुर शबाब पर था, स्प्रिंग की तरह उछाल पड़ा. सीधा जेया कर लंड उसके पेट से टकराने लगा था.

राहुल अपनी शर्ट उतार रहा था. मैं राहुल के लंड को अपने हाथ में लेके सहला रही थी. राहुल मेरी चूचियों को मसल रहा था. उसका हाथ कभी मेरी चूचियों पर, तो कभी मेरी छूट पर जेया रहा था.

मैने राहुल को चूचियाँ मूह में लेकर चूसने का इशारा किया. फिर राहुल मेरी चूचियों को लगातार चूज़ जेया रहा था. कभी-कभी वो अपना हाथ बढ़ा कर छूट को भी सहला रहा था.

मैं अपने हाथो की कला राहुल के लंड पर आज़मा रही थी. उत्तेजना अपने चरम पर धीरे-धीरे पहुँच रही थी. राहुल नीचे झुक गया और अपना मूह मेरी छूट पर ले गया.

अब जीभ निकाले राहुल मेरी छूट को चूज़ जेया रहा था. मैं आनंद के सागर में डूब रही थी. मुझसे अब बिना लंड के रहा नही जेया रहा था.

फिर मैं बोली: राहुल अब देर ना करो, और अपने मोटे लंबे लंड को डाल दो मेरी छूट में.

राहुल एक-दूं जल्दी में नही था. वो मेरे बदन के रस्स की एक-एक बूँद चूस लेना चाह रहा था. मैं सीधा चिट लेट गयी, और पैरों को फैला दिया. फिर राहुल के लंड को अपनी छूट के मुहाने पर फिट किया, और राहुल की गांद पर मार कर दबाव बनाने का इशारा किया.

छूट के मूह पर रखे लंड पर राहुल ने झटका मारा, और उत्तेजना से भीगी छूट में लंड छूट की दीवारों को चीरता हुआ सनसना कर एक ही झटके में छूट में समा गया.

छूट में लंड जब टकराता है, क्या मज़ा मिलता है ये तो पूछने की बता ही नही है. राहुल अब मुझे धीरे-धीरे छोड़ रहा था. मैं तेज़ चुदाई की आदि धीरे-धीरे चुदाई को बर्दाश्त नही कर पा रही थी.

तो मैं बोली: ज़ोर से छोड़ो राहुल.

राहुल को जोश आ गया, और वो तेज़ गति से छोड़ने लगा. मैं मस्ती से चूड़ने लगी. अब मैं अपनी गांद उछाल-उछाल कर चुदाई में गति दे रही थी. राहुल ताबड़तोड़ चुदाई किए जेया रहा था.

मैं भाव-विभोर हो आँखें बंद किए चुदाई का आनंद ले रही थी. फिर 10 मिनिट की ज़बरदस्त चुदाई के बाद मेरे शरीर में कंपन होने लगा. मेरी छूट सिकुड़ने लगी.

मेरे मूह से बरबस निकल रहा था: आ आ श श.

और इसी आवाज़ के साथ मैं झाड़ गयी. मेरी छूट ने पानी छ्चोढ़ दिया. राहुल अब भी छोड़े जेया रहा था. मेरी छूट सिकुड रही थी, तो राहुल का लंड फूला जेया रहा था. राहुल भी आ आ श श करके चरमसुख की अनुभूति करते हुए मेरी छूट के उंड़र झाड़ गया.

मेरी छूट और लंड रस्स से लबालब भर गये थे. राहुल का लंड मेरी छूट से बाहर आ चुका था. मेरे बदन पर राहुल लेता था. मैं भी पूर्ण तृप्ति को प्राप्त कर आँखें बंद किए पड़ी थी.

दोस्तों मेरी कहानी आपको कितनी उत्तेजित कर पाई, ये आप अपने-अपने पार्ट्नर के साथ चुदाई करके ज़ाहिर करेंगे. ल्स आशा के साथ तमाम पढ़ने वालो को गुड नाइट. आप अपनी फीडबॅक हमे पुष्परानी.कुशवाहा@गमाल.कॉम पर देना नही भूलेंगे.

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