ही रीडर्स, मेरा नाम निखिल है. ये मेरी स्टूडेंट की चुदाई कहानी है. मैं पुंजब का रहने वाला हू. मेरी उमर 27 साल है, और मैं कॉलेज में मेद्स पढ़ता हू. हाइट मेरी 5’9″ है, और लंड मेरा 7 इंच का है.
दोस्तों पुंजब की लड़कियाँ बड़ी कमाल की होती है. एक से एक कॅसा हुआ माल मिलेगा आपको पुंजब में. मैं जब कॉलेज में पढ़ता हू, तो बहुत सी स्टूडेंट्स मेरे साथ फ्लर्ट करती है. मैं भी मौके पे चौका लगा देता हू, लेकिन सब ध्यान से करना पड़ता है. मैने अपने कॉलेज की काई जवान लड़कियों की छूट का स्वाद लिया है. उन्ही में से एक कहानी मैं आपके साथ शेर करने जेया रहा हू.
मेरी क्लास में एक निशा नाम की लड़की पढ़ती थी. वो दिखने में बहुत खूबसूरत थी, लेकिन पढ़ने में निकम्मी थी. उसका शरीर हेवी था, और हाइट 5’6″ थी. उसका फिगर तकरीबन 34-30-36 था, और रंग दूध जैसा गोरा था.
वो ज़्यादातर सलवार-सूट पहनती थी, और उसके शर्ट का गला हमेशा डीप रहता था. इसलिए जब भी वो क्लास में मुझसे क्वेस्चन समझ रही होती थी, तो झुकने की वजह से मुझे उसकी क्लीवेज के आचे दर्शन हो जाते थे. उसकी मलाई जैसी क्लीवेज देख कर मेरे मूह में पानी आ जाता था.
मैने काई बार उसको सोच के मूठ भी मारी थी. लेकिन मुझे नही पता था की एक दिन मुझे उसकी छूट छोड़ने को मिल जाएगी. अब मैं आपको बताता हू की सब कैसे हुआ.
एक दिन मैं क्लास लेके बाहर जेया रहा था. तभी निशा ने मुझे पीछे से आवाज़ लगाई.
निशा: एक्सक्यूस मे सिर!
मैं पीछे मुड़ा तो देखा निशा थी. उसने पीले रंग का टाइट सूट पहना था जिसमे वो बॉम्ब लग रही थी. फिर मैने उससे पूछा-
मैं: हा बोलिए निशा.
निशा: सिर काफ़ी प्राक्टिज़ के बाद भी मेरी सारी प्रॉब्लम्स सॉल्व नही होती. तो क्या आप मुझे टुटीओन पढ़ा दोगे?
मैं कॉलेज स्टूडेंट्स को टुटीओन नही पढ़ता था, क्यूंकी कॉलेज से आके मुझे पर्सनल लाइफ भी एंजाय करनी होती थी. लेकिन इतनी सेक्सी लड़की को मैं माना नही कर पाया. इसलिए मैने उसको शाम 5 बजे आने को बोल दिया.
उसी दिन शाम को 5 बजे मेरे घर की डोरबेल बाजी. मैने दरवाज़ा खोला तो निशा थी. मैं निशा को देख कर हैरान हो गया. क्लास में सलवार-सूट पहनने वाली लड़की टाइट लेगैंग्स और टाइट त-शर्ट पहन कर मेरे घर आई थी. उसके कपड़े इतने टाइट थे, की उसकी सेक्सी गांद, रसीले बूब्स, मोटी जांघों की शेप पूरी नज़र आ रही थी. उसको देखते ही मेरे लंड ने हरकत करनी शुरू कर दी.
फिर मैने उसको अंदर बुलाया, और हमने पढ़ाई शुरू की. वो पढ़ाई कम और बातें ज़्यादा कर रही थी. अब इतनी सेक्सी लड़की बातें करेगी, तो कों पागल उसको पढ़ने बोलेगा. तो मैं भी उसके साथ बातों का मज़ा लेने लगा.
ऐसे ही काफ़ी दिन बीट गये. वो रोज़ आती, तोड़ा पढ़ती, और फिर बातें करके चली जाती. फिर एग्ज़ॅम की डेट्स आ गयी. उस दिन जब वो शाम को मेरे घर आई, तो उसके चेहरे पर 12 बजे हुए थे. मैने उसको देख कर पूछा-
मैं: क्या बात है निशा? आज तुम उदास लग रही हो.
निशा: सिर मेरी तैयारी नही है. अब आप ही कुछ कर सकते हो.
मैं: मैं क्या कर सकता हू.
निशा: सिर आप पेपर चेकिंग में मुझे पास कर देना.
मैं: ये कैसी बात कर रही हो तुम? मैं ऐसा नही कर सकता.
तभी वो मेरे करीब आ गयी, और बड़ी कामुकता भारी आवाज़ में बोली-
निशा: सिर आप प्लीज़ मुझे पास कर देना. अगर आप चाहो तो मैं आपके लिए कुछ भी कर सकती हू.
ये बात बोल कर उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया. ओह मी गोद! मैने कभी सोचा भी नही था की निशा इतनी चालू हो सकती थी. फिर मैने भी मौके का फ़ायदा उठाया. मैने उसको बाहों में भर लिया, और उसके होंठ चूसने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.
किस करते हुए मैं उसके पुर जिस्म पर हाथ फेरने लगा, और उसके बूब्स दबाने लगा. वो मांझी हुई खिलाड़ी लग रही थी. फिर मैने उसका शर्ट निकाल दिया. ब्रा में उसके बँधे हुए बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे. मैने उसकी क्लीवेज को आचे से चूमा और छाता, और फिर उसकी ब्रा निकाल दी.
अब मैं उसके नंगे बूब्स पर टूट पड़ा. वो एक हाथ से पंत के उपर से मेरा लंड सहला रही थी. फिर मैने उसको लिटा लिया, और उसकी सलवार और पनटी साथ में निकाल दी. उसकी छूट बिकुल क्लीन थी. मैने देखते ही उसकी छूट चूसनी शुरू कर दी. वो मेरे सर को अपनी छूट में दबाने लगी.
फिर मैं खड़ा हुआ, और अपने सारे कपड़े उतार दिए. जैसे ही मेरा लंड उसके सामने आया, वो बेड पर घुटनो के बाल बैठी, और मेरा लंड हाथ में लेके उसको मसालने लगी. जल्दी ही उसने मेरा लंड अपने मूह में डाल लिया, और उसको चूसना शुरू कर दिया.
वो किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. ये देख कर मैने भी उसके बाल पकड़े, और उसके मूह को ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. उसके मूह से थूक गिर रहा था, और मैं उसको चोक कर रहा था. कुछ देर ऐसे ही मैने उसके मूह की चुदाई की.
फिर मैने उसको लिटाया, और उसकी टाँगो के बीच आके उसकी छूट पर लंड सेट किया. मैने ज़ोर का धक्का मारा, तो उसकी चीख निकली, और मेरा आधा लंड उसकी छूट में चला गया. उसकी छूट बहुत टाइट थी, और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर मैने 2-3 धक्के मार कर पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया.
मैने उसके होंठो पे अपने होंठ लगा कर उसका मूह बंद किया, और नीचे से लंड अंदर-बाहर करके उसकी छूट की चुदाई शुरू कर दी. मैं घपा-घर उसकी चुदाई कर रहा था. उसकी छूट मेरे लंड के अकॉरडिंग अड्जस्ट हो चुकी थी. उसने अपनी टांगे मेरी कमर पर लपेट ली, और गांद उठा-उठा कर छुड़वाने लगी.
बहुत मज़ा आ रहा था. उसकी छूट से धड़ा-धड़ पानी बह रहा था, जिससे छाप-छाप की आवाज़े आ रही थी. कुछ देर बाद मैने लंड उसकी छूट से निकाला, और सीधा लेट गया. फिर वो मेरे उपर आ गयी, और लंड छूट में लेके उस पर उछालने लगी.
लंड पर उछलते हुए उसके उछलते हुए बूब्स का नज़ारा देखते ही बन रहा था. कुछ देर उछालने के बाद वो तक कर मुझ पर लेट गयी. फिर मैने नीचे से धक्के मारे, और उसकी छूट को अपने माल से भर दिया.
उस दिन के बाद वो बार-बार मुझसे चूड़ने लगी, और मैं उसको एग्ज़ॅम्स में पास करता गया. टीचर-स्टूडेंट सेक्स स्टोरी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट करके बताना.