स्टाफ की मॅरीड लड़की की चुदाई

नमस्ते दोस्तों, मेरा नामे रेमो है, और मैं उत्तर प्रदेश में रहता हू. मेरी उमर 25 साल है, हाइट 5’9″ है, और रंग तोड़ा सावला है. दिखने में आवरेज ही हू मैं.

ये मेरी सॅकी सेक्स कहानी है पिछले साल की, जब मैं 24 का था, और उत्तर प्रदेश की एक न्यू स्टार्टेड फॅक्टरी में मॅनेजर का जॉब कर रहा था. हमारी फॅक्टरी में मोबाइल के कवर्स बनते है, और यहाँ सिर्फ़ औरतों को ही जॉब पर रखा जाता था.

न्यू स्टार्ट फॅक्टरी थी, तो हमारी फॅक्टरी में सिर्फ़ 6 लोग थे. एक मैं, 1 लड़की, और 4 औरतें जो शादी-शुदा थी. ओनर भी वीक्ली विज़िट के लिए आया करते थे.

मैं आपको हमारी फॅक्टरी के बाकी 5 लोगों के बारे में बता डू. 1 लड़की जिसका नामे पल्लवी था, उसकी आगे लगभग 19 थी, और उसके फिगर 32-30-34 की थी. अगर थोड़ी एजुकेटेड और फाइनॅन्षियली ठीक होती, तो मॉडेलिंग ज़रूर कर लेती. बहुत खूबसूरत थी, और भोली भी, और वो मुझसे हर एक काम में मदद मांगती थी, फॅक्टरी के काम में. तोड़ा हस्सी-मज़ाक भी करती थी, और पल्लवी से मैं कंपनी में सबसे ज़्यादा बात करता था.

बाकी औरतों का नाम लीज़ा 21 साल, कुसुम 28 साल, और बाकी 2 अंजलि और खुशी आंटी 40 के उपर की थी. लीज़ा का एक बच्चा भी था, जो 3 महीने का था, और लीज़ा और उसका पति हमारी फॅक्टरी के अंदर ही रहते थे. उनका रूम था.

लीज़ा का पति ड्राइवर था, जिसका नामे राजू था. वो हमारी कंपनी का प्रोडक्षन डोर तो डोर डेलिवरी करने जया करता था. साथ ही फॅक्टरी की सॉफ-सफाई और बाकी देख-भाल भी किया करता था. चलिए दोस्तों अब कहानी शुरू करते है.

फॅक्टरी का काम सही चल रहा था. मगर मेरा एक प्राब्लम था. मुझे लगभग 20 केयेम बिके चला कर अपने रूम से फॅक्टरी आना पड़ता था.

तो ओनर ने कहा: लीज़ा का बगल में ही मेरा रेस्ट रूम है, तुम यहाँ शिफ्ट हो जाओ, और खाना-पीना राजू और लीज़ा के साथ खा लेना. उसका एक्सट्रा पैसा मैं लीज़ा और उसके पति को दे दूँगा.

मेरा बर्ताव ठीक था, और अलग से पैसे मिलेंगे तो लीज़ा और उसका पति मान गये खुशी-खुशी. कुछ दिन बाद मैं अपना कुछ समान लेकर फॅक्टरी में शिफ्ट हो गया. मैं सुबा 8 बजे तक सो के उठता था. फॅक्टरी में टाय्लेट की सुविधा अची थी, बुत नहाने का बातरूम तरपैल से घिरा हुआ था, और उसमे च्छेद था. वहाँ एक हॅंडपंप था. मैं जैसे-तैसे मॅनेज कर रहा था. मैने कभी लीज़ा की नहाने की आहत नही सुनी, और मेरे मॅन में सेक्स का भाव नही था. मेरा मॅन सॉफ था.

फॅक्टरी में काम के दौरान जब लीज़ा अपने बच्चे को दूध पिलाती, तो भी मैं मूह फेर लेता, या वहाँ से चला जाता. इस वजह से सारी औरतें मुझ पर भरोसा भी करती थी.

एक दिन मुझे ज़्यादा काम करने की वजह से थकान हो रही थी. तो मैं लीज़ा के घर से आया खाना खा कर जल्दी सो गया. सुबा 5 बजे के करीब मेरी नींद खुली. मैं कभी इतना जल्दी सो कर नही उठता. तभी मुझे हॅंडपंप चलने की आवाज़ आई, तो मैने ध्यान नही दिया, और बाहर का नज़ारा देखने के लिए रूम की खिड़की खोली.

मैने देखा लीज़ा तरपैल से बने बातरूम में नहा रही थी. उसने बातरूम सही से ढाका भी नही था. उसका गोरी गोरी पीठ सॉफ दिख रही थी, और वो बदन में साबुन लगा रही थी. उसने सिर्फ़ पेटिकोट पहना था कमर तक. वो बदन पे पानी डालने के बाद मेरी तरफ मूडी. मैं च्छूप कर देख रहा था थोड़ी खिड़की खोल कर.

उसके बूब्स 34″ के होंगे, जो उछाल रहे थे. उनको देख कर मेरा चड्डी में तंबू बन चुका था, और मेरा हाथ मेरे लंड को मसल रहा था. उस दिन के बाद से मैं काफ़ी बार उसको नंगा नहाते हुए च्छूप-च्छूप कर देखने लगा. मैने अब लीज़ा को छोड़ने का मॅन बना लिया था. मेरा मॅन और फॅक्टरी की औरतों को देखने का नज़रिया बदल गया था. मेरा सोया हुआ शेर जाग चुका था.

लीज़ा और उसके पति के पास एक ही फोन था, जिनमे वो मोविए देख कर टाइम पास करते थे. मैं लीज़ा के करीब आने की तलाश में था. आज काम बहुत कम था, तो हम सब फॅक्टरी के स्टाफ ने मेरे लॅपटॉप में स्पीकर लगा कर दिन में हॉरर मोविए देखी. आज रात को हमारे प्रॉडक्ट की डेलिवरी थी, जो लीज़ा का पति राजू लेके जेया चुका था, और उसे वापस आने में 3 दिन लगने वाले थे.

लीज़ा मुझसे बोली वो भूत से डरती थी, और हॉरर मोविए भी देख ली थी, और उसका पति भी घर पर नही था. तो उसे दर्र लग रहा था. लेकिन उसको हॉरर मोविए पसंद थी. मैने लीज़ा को दिलासा दिया की-

मैं: डरने की बात नही, मैं रोज़ हॉरर मोविए देखता हू. कुछ नही होता.

मैने सोचा लीज़ा का पति घर पे नही था, और ये अछा मौका था. तो मैने हिम्मत करके पूच लिया-

मैं: तुम चाहो तो रात को मेरे साथ मोविए देख सकती हो. तुम्हारा टाइम भी पार हो जाएगा, और दर्र भी नही लगेगा. ये कह कर मैने अपनी नज़रें चुरा ली.

लीज़ा ने मासूमियत से कहा: ठीक है, खाना खा कर हम देखेंगे. और मैं पकोडे बना लूँगी.

मैने भी खुश हो कर ठीक है कहा और चला गया. मैं दिन में ही सो गया ताकि रात को मुझे नींद ना आए. तभी मुझे आवाज़ आई. लीज़ा मुझे आवाज़ दे कर जगा रही थी. मैं लीज़ा के रूम में जेया कर खाना खाने लगा. आज पहली बार उसकी पति के ना होने पर मैं उसकी रूम में अकेला घुसा था.

लीज़ा पकोडे ताल रही थी. मैं खाना खाने के बाद लीज़ा को बोला-

मैं: बच्चे मैं अपना लॅपटॉप लेके आता हू.

उसने कहा: ठीक है.

मैं वापस अपना लॅपटॉप लेके उसके रूम में रख दिया, और बोला: कों सी मोविए देखोगी?

उसने बोला: कोई भी अची सी.

मैने बोला: हॉरर देखोगी पहले?

उसने माना किया. फिर मेरे कहने पर ठीक है बोली. सब काम ख़तम करके हमने हॉरर मोविए स्टार्ट की. मोविए हॉरर के साथ उसमे थोड़े अडल्ट सीन भी थे. लीज़ा ने येल्लो सारी आंड ब्लॅक ब्लाउस पहन रखा था. हम दोनो बेड पे बैठ कर मोविए देख रहे थे. मैने त-शर्ट और शॉर्ट्स पहन रखे थे. मोविए स्टार्ट हुई, और वो दर्र के बार-बार आँखें बंद कर लेती. फिर देखती, और कभी दर्र के मेरे करीब आती.

मैने नोटीस किया एक अडल्ट बोल्ड किस्सिंग सीन में उसने अपने होंठ काटे थे. बाद में मोविए ख़तम हुई और उसकी नींद उडद चुकी थी. वो बहुत दररी हुई थी. मैने मोविए ख़तम करके बोला-

मैं: मैं अपने रूम में जाता हू.

मगर उसने कहा की उसे दर्र लग रहा था. तभी उसका बेबी भी रोने लगा. उसने झटपट अपने बेबी को गोद में उठाया, और अपना एक ब्लाउस उपर करके बच्चे को दूध पीला रही थी. मैने पहली बार उसके बूब्स को करीब से देख. वो गाओं की ओपन माइंडेड लड़की थी, इसलिए उसने ऐसा किया.

मैने उसे बोला: तुम्हे दर्र लग रही है, तो मैं थोड़ी देर रुक कर तुमसे बात कर लेता हू.

उसने भी मुझे रोक लिया. उसके बूब्स से मैं अपनी नज़रें चुरा रहा था, बुत नज़र चली जाती थी. उसने भी नोटीस कर लिया. मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. मैं उसको अपने हाथ से धक कर च्छूपा रहा था. थोड़ी देर चुप रहने के बाद लीज़ा बोली-

लीज़ा: आप मासूम हो.

मैने बोला: क्यूँ?

वो कुछ नही बोली. फिर उसका बेबी सो चुका था. उसने अपने बूब्स को ब्लाउस में घुसाया. मैने फिर एक बार उसके निपल को देखा. वो मुस्कुरा रही थी हल्की-हल्की.

लीज़ा ने मुझे पूछा: आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैने बोला: 2 साल पहले थी. अब नही.

वो बोली: इसीलिए आप शर्मा रहे हो.

मुझे लगा लीज़ा ओपन माइंडेड थी, और मुझे पता था की वो दररी हुई भी थी. तो मैने एक प्लान सोचा, और बोला-

मैं: चलो मुझे नींद आ रही है. अब मैं सोने जेया रहा हू. वैसे मुझे भी फॅक्टरी में आहत की आवाज़ आती है. मगर तुम्हे दर्र लगे तो मुझे आवाज़ देना.

वो आहत की बात सुन कर और दर्र गयी और झटपट बोली: मुझे दर्र लग रहा हा. आप मेरे साथ ही सो जाओ.

मेरा प्लान काम कर रहा था. मैने बोला: नही, तुम एक शादी-शुदा औरत हो, और तुम्हारे पास एक ही बेड है, तो प्राब्लम होगी.

उसने कुछ सोचते हुआ बोला: कुछ नही, आप सो जाओ.

फिर मैं सोने लगा और लीज़ा भी अपने बच्चे को पालने में सुला कर सोने लगी. बेड छ्होटा था तो उसका शोल्डर मेरे शोल्डर से टच हो रहा था, और मेरा लंड बहुत टाइट हो रहा था. उसकी साँस लेने का तरीका भी बदल चुका था.

मैं समझ गया नयी-नयी शादी हुई थी उसकी, और साथ ही वो प्रेग्नेंट हो गयी. तो लीज़ा की आग सही से बुझी नही थी. मैने करवट बदली, और ग़लती से मेरा हाथ लीज़ा की बूब्स से टच हो गया. मैने उसे सॉरी बोला, और उसने बोला-

लीज़ा: कोई बात नही. आप चाहो तो अपना हाथ यहाँ पर (लेग) मेरे उपर रख सकते हो.

लीज़ा की गर्मी सातवे आसमान पे थी. मैने ठीक है बोल कर अपना एक हाथ उसके पेट पे रख दिया. वो भी खुश दिख रही थी. मैने 10 मिनिट बाद महसूस किया लीज़ा का हाथ मेरी जाँघ के पास हलचल कर रहा था. मुझे समझ आ गया लीज़ा अपना हाथ मंज़िल तक लेके जाने से घबरा रही थी.

फिर मैने अपना एक पैर उसके पैर पे रख दिया, और उसकी कलाई मेरे टाइट लंड से टच हो रही थी. उसकी आँखें बंद थी, लेकिन साँस फूल रही थी. मैने सोचा अभी नही तो कभी नही. मैने अपना हाथ उसके बूब्स के उपर रख दिया, जो बहुत बड़े थे. उसने भी कोई हलचल नही की. अब मैं अपनी एक उंगली से लीज़ा के बूब्स को हल्का दबाने लगा. लीज़ा ने अपनी आँखें खोली, और मुझसे लिपट गयी.

मैं भी झटपट उसके लिप्स को काट कर चूसने लगा. वो भी पागलों की तरह मुझे किस कर रही थी. कुछ देर बाद मैने उसकी सारी निकाल दी, और अपने पैरों से उसका पेटिकोट उसके घुटनो तक ला कर सहला रहा था. वो मुझसे और तेज़ी से किस करने लगी. मैने धीरे-धीरे एक हाथ से उसके ब्लाउस के हुक खोले. उसने ब्रा नही पहनी थी.

रूम की लाइट्स सोने से पहले ऑफ थी, तो मुझे कुछ सही से दिख नही रहा था. वो अब टॉपलेस थी, सिर्फ़ पेटिकोट में. तो मैने उसे पानी लाने को कहा, और रूम की लाइट ओं करने को. उसने मुझे पानी दिया और रूम की लाइट ओं की. उसके दोनो बूब्स देख कर मैं उसके बूब्स को चूसने लगा, और उसका पेटिकोट और पनटी खोल दिए.

उसकी छूट बिल्कुल क्लीन शेव थी. उसने मेरी त-शर्ट आंड शॉर्ट्स निकाला, और देख कर दर्र गयी.

फिर बोली: मेरे पति से आपका लंड बहुत लंबा और मोटा है.

अब हम दोनो नंगे थे. मैने लीज़ा को बेड पे खीच लिया, और फिर से उसकी बूब्स को चूसने और काटने लगा. उसका एक हाथ मेरे लंड को मसल रहा था, और मेरी एक उंगली उसकी छूट में थी. वो उंगली लेते-लेते उछाल रही थी, जैसे उसको करेंट लग रहा हो.

फिर वो अचानक से उठ कर मेरे लंड को चमकीली नज़रों से घूर्ने लगी, और अचानक लंड को चूसने लगी. बीच में 1 बार दांतो से काटी भी. मैने उसे लिटा दिया, और अब मुझसे भी रहा नही जेया रहा था. मैने अपना लंड उसकी छूट से सताया, और तोड़ा सा धक्का लगाया. उसकी चीख निकल गयी.

फिर मैने लीज़ा को शांत करते हुए धीरे से फिरसे लंड को धक्का लगाया. लंड घुस नही रहा था, ऐसा लगा अटक गया. फिर लीज़ा बोली उसकी पति का लंड छ्होटा था बहुत, इसीलिए दर्द हो रहा था. मैने अपने मोटे-लंबे लंड को बाहर निकाला, और उस पर क्रीम लगाई. फिर लीज़ा की छूट में भी क्रीम लगाई.

उसके बाद दोबारा कोशिश करने लगा. लीज़ा इस बार झिझक रही थी, मगर कुछ नही बोली. मैने लीज़ा की छूट में अपने लंड को लगाया, और हल्के से धक्का लगाया. इस बार तोड़ा स्लिप और टाइट हो रहा था. फिर मैने ज़ोर से झटका, और अपने लंड को लीज़ा की छूट के अंदर डाला. लीज़ा आअहह की आवाज़ से चीख पड़ी.

फिर मैं अपना लंड धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा. लीज़ा की आँखों से आँसू झलक रहे थे. फिर मैने लीज़ा को चूम लिया. वो धीरे-धीरे अपने दर्द से शांत हो रही थी. मैने अपनी स्पीड बधाई. अब लीज़ा धीरे-धीरे उम्मह उउउंह आआआआः की आवाज़े निकल रही थी, और मुझे कस्स के पकड़ कर अपने नाख़ून मेरी पीठ पे गाड़ा रही थी.

मैने 30 मिनिट तक लीज़ा को छोड़ा. वो एक बार झाड़ चुकी थी. मैं रुक नही रहा था, और अपनी सारी कसर पूरी कर रहा था. एक हाथ से मैं उसके बूब्स दबा रहा था. उसके दूध से मेरा हाथ भी गीला हो चुका था, और 5 मिनिट बाद मैने ज़ोर से अपना पानी लीज़ा की छूट के अंदर निकाल दिया.

फिर हमने अपने आप को सॉफ किया, और फिर एक-दूसरे से लिपट गये. सुबा लीज़ा के बच्चे की रोने की आवाज़ से हम दोनो की नींद खुली. लीज़ा ने अपने बच्चे को दूध पिलाया, और हमने फिर एक बार दबा कर सेक्स किया. हमे फिर जब भी मौका मिलता, हम दोनो दबा कर सेक्स करने लगे.

हा तो दोस्तों आपको मेरी ये सॅकी सेक्स कहानी कैसी लगी. अगर पसंद आए तो पार्ट 2 जल्दी आएगा.

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