सर की बीवी की चुदाई

फ़िर रुपा ने कहा कि तुम कुछ पूछ रहे थे तो मैने बहुत हिम्मत कर के कहा कि रूपा …। फ़िर मैं चुप हो गया और आधी बात में ही रुक गया। तो रुपा बोली क्या बात है और मैने कुछ नहीं कहा। फ़िर उसने मुझे अपनी कसम दी और बोली कहो ना नहीं तो मुझसे बात मत करना और मुझसे ट्युशन भी मत पढ़ने आना। मैने फ़िर कहा कि तुम बुरा तो नहीं मानोगी तो उसने कहा नहीं फ़िर मैं बोला कि तुम्हे क्या सेक्स करने का मन नहीं करता। ऐसा केहने पर रुपा चुप हो गयी और मेरी तरफ़ आश्चर्य से देखी। मैं डर गया था और मैने उसे सोरी कहा तो उसने कहा कि तुम्हे सोरी नहीं बल्कि मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिये। तुम्हे मेरा कितना ख्याल है और मेरे पति को मेरा ज़रा सा भी ख्याल नहीं। और उसने मुझे मेरे गाल पर एक किस दिया। फ़िर हमने साथ में डिनर किया और मैं अपने घर चला गया।

फ़िर कुछ दिन बाद, मैं एक दिन रुपा के घर गया मगर वो घर में दिखाई नहीं दे रही थी। मैं हर एक रूम देख रहा था मगर वो कहीं नहीं थी फ़िर मैने एक बाथरूम का गेट खोला और मैने वो देखा जो मैने कभी सोचा भी नहीं था। बाथरूम का गेट लोक नहीं था और जैसे ही मैने गेट खोला तो देखा कि रुपा अपने बाथरूम के कमोड पेन में बैठी थी। उसका गाउन, ब्रा और पेंटी पास ही में रखी थी। वो एक दम न्युड थी और उसने अपने लेफ़्ट हैंड की तीन उंगलियां अपनी चूत में घुसा रखी थी और राइट हैंड से अपनी चूची को दबा रही थी। उसकी आंखें बंद थी और वो मज़ा ले रही थी। मैं करीब ५ मिनट तक बिना कुछ कहे उसे देखता रहा। मेरा लंड पूरा खड़ा और हार्ड हो गया था और मेरा मन कर रहा था कि अभी उसे चोद दूं। मगर मैने अपने आप को सम्भाल कर रखा। कुछ देर बाद मैने कहा “रुपा – यह क्या!” रुपा बिल्कुल डर गई और अपनी उंगली बाहर निकाल कर अपने गाउन से अपने जिस्म को ढकने लगी और मेरी तरफ़ देखती हुई अपने रूम में चली गयी। मैं होल में एक सोफ़े पर बैठ गया।

यह कहानी भी पड़े  कॅब मेट से चूड़ी शादी-शुदा लड़की की स्टोरी

कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आयी और मेरे पास बैठ गयी और कहने लगी “तुम्हे क्या पता एक शादी शुदा औरत इतने दिन अपने पति के बगैर कैसे रह सकती है। सेक्स तो हर एक को चाहिये” और ऐसा कह कर मुझ से लिपट कर रोने लगी। फ़िर मैने उसे सम्भाला। फ़िर उसने मुझे यह बात किसी से नहीं कहने को कहा, उसके पति से भी नहीं। मैं राज़ी हो गया। फ़िर मैने कहा कि अगर तुम्हे सेक्स कि इतनी ही चाहत है तो मैं तुम्हारी यह चाहत पूरी कर सकता हूं। ऐसा कहने पर वो और ज़ोर से मुझसे लिपट गयी और मुझे फ़िर से एक चुम्मी दी और कहा “सच? क्या तुम मुझे प्यार करोगे। और मेरे पति को भी नहीं बताओगे। तुम कितने अच्छे हो”। ऐसा कह कर वो मुझे चूमने लगी और मैं भी उसे कस कर अपनी बाहों में दबाने लगा। और कुछ देर तक हम वैसे ही रहे। फ़िर मैं जाने की लिये उठने लगा तो उसने कहा कहां जा रहे और। मुझे कब प्यार करोगे। मैने कहा मैं शाम को ८ बजे आउंगा। और फ़िर चला गया।

Pages: 1 2 3 4 5 6



error: Content is protected !!