सेक्सी टीचर की चुदाई टुटीओन पर

हेलो दोस्तों, मैं थोर अपनी टीचर सेक्स कहानी के अगले पार्ट के साथ हाज़िर हू. उमीद है आपको कहानी का पिछला पार्ट पसंद आया होगा. अगर आपने अभी तक पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले उसको जेया कर पढ़ ले.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की आशीष की टीचर सोनम उसको लंबे वक़्त तक टिकना सीखा रही थी. फिर जब टीचर के बॉडी मूव्स देख कर भी आशीष ने कंट्रोल किया, तो उसने अपनी मेडम को कपड़े उतारने के लिए कहा.

उसकी बात मानते हुए उसकी सोनम मेडम ब्रा और पनटी में आ गयी. लेकिन आशीष फिर भी टीका रहा. फिर मेडम ने पास आके आशीष का लंड पकड़ किया. अब आयेज की कहानी आशीष की ज़ुबानी-

जैसे ही मेडम ने मेरा लंड पकड़ा, मेरे बदन में कपकपि सी होने लगी. ऐसे वक़्त में कंट्रोल कर पाना बहुत मुश्किल है दोस्तों. लेकिन फिर भी मैने हार नही मानी. मेडम ने लंड हाथ में लिया, और बोली-

मेडम: लंड तो तगड़ा है तेरा, और सख़्त भी है. अभी भी झाड़ा नही, मतलब कंट्रोल आचे से कर रहा है.

मेडम ने फिर लंड उपर-नीचे करना शुरू किया. मैं अपने मॅन में क्रिकेट इमॅजिन कर रहा था. मेडम लंड हिला रही थी, मैं ये सोच ही नही रहा था.

कुछ देर हिलने के बाद भी जब माल नही निकला, तो मैने मेडम को कहा: मेडम, इस बार भी मैने कंट्रोल कर लिया. अब आप क्या करोगी?

मेडम बोली: निकाल के तो मैं रहूंगी. देखते है कब तक टिक पाएगा.

ये बोल कर मेडम मेरी गोद में बैठ गयी. उसका मूह मेरी तरफ था, और टाँगें मेरी टाँगों के आस-पास थी. अब वो मेरे बहुत करीब थी. उसके जिस्म की खुश्बू मुझे पागल कर रही थी. मुझे लगा यहीं सही वक़्त था उसके साथ कुछ करने का. क्यूंकी मैं और वो दोनो पुर गरम थे.

तभी मैने मेडम को अपनी बाहों में भरा, और इससे पहले वो कुछ सोच पाती, उसके सर के पीछे हाथ रख के होंठो से होंठ चिपका दिए. मैं मेडम के होंठ पुर जोश से चूसने लगा. कुछ सेकेंड्स तो वो हैरान हुई, लेकिन फिर मेरा साथ देने लगी. उसके साथ देते ही मैं समझ गया की आज ये छूट छोड़ने को मिलेगी.

हम लगातार 10 मिनिट तक किस करे जेया रहे थे. दोनो एक-दूसरे के होंठ मूह में खींच-खींच कर चूस रहे थे. 10 मिनिट बाद हम दोनो अलग हुए. अब हम एक-दूसरे को हवस भारी नज़रों से देख रहे थे. हमारी साँसे तेज़ थी. फिर मैने मेडम की ब्रा नीचे खींच कर उनका एक चुचा बाहर निकाल लिया, और उसको चूसने लगा.

मेडम आ आ करने लगी, और उसने हाथ पीछे करने ब्रा का हुक खोल दिया. मैने साथ ही उनकी ब्रा निकाल कर दोनो चुचे पकड़ लिए, और एक को चूस्टे हुए दूसरे को दबाने लगा. मेडम ने मेरे सर के पीछे हाथ रख लिया, और चुचो में दबाने लगी.

दोस्तों जो स्वाद औरत के चुचे चूस कर आता है, वो बिल्कुल जन्नत जैसा होता है. मैं उसके चुचे दबा-दबा कर चूस रहा था. कुछ देर चुचे चूसने के बाद मैने मेडम को वैसे ही अपनी बाहों में उठा लिया, और बेड पर जाके पटक दिया. वो किसी नागिन की तरह चूड़ने के लिए तड़प रही थी.

फिर मैने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और मेडम के उपर आ गया. मैं मेडम के पेट पर किस करते हुए उनकी छूट पर आ गया, और पनटी के उपर से छूट को चूमने लगा. वो आह आह करने लगी. फिर मैने उनकी पनटी नीचे की, और उनकी हल्के बालों वाली छूट मेरे सामने आ गयी.

मेडम की रसीली छूट भीगी हुई थी, और मैने देखते ही उसको चूसना शुरू कर दिया. वो बस आ आ करते हुए मेरे सर को अपनी छूट में दबा रही थी. उनकी छूट का स्वाद बहुत मस्त था. कुछ देर ऐसा करने के बाद मेडम ने मुझे नीचे किया, और मेरे उपर 69 पोज़िशन में आ गयी. अब वो मेरा लंड चूस रही थी, और मैं उनकी छूट.

15 मिनिट हमने जाम कर एक-दूसरे के छूट लंड को चूसा. फिर हम चुदाई की तरफ बढ़ने लगे. मैं सीधा लेता हुआ था, और मेडम मेरे लंड पर आके बैठ गयी. उन्होने लंड छूट के मूह पर सेट किया, और पूरा लंड उनकी गीली छूट में ले लिया. उनकी छूट में लंड जाते ही मेरी आ निकल गयी. मेडम ने भी आ आ करते हुए आँखें बंद कर ली.

अब मेरा लंड मेडम की छूट के अंदर था, और उनके सॉफ्ट चूतड़ मुझे अपनी जांघों पर महसूस हो रहे थे. कुछ सेकेंड्स हम ऐसे ही रुके रहे. फिर मेडम ने अपने हाथ मेरी चेस्ट पर रखे, और गांद आयेज-पीछे करने लगी. अब मेरा लंड मेडम की छूट के अंदर-बाहर हो रहा था. हर धक्के पर मेडम के चेहरे के एक्सप्रेशन्स देखने वाले थे. ये प्लेषर वित पाईं वाले एक्सप्रेशन थे.

फिर मैने मेडम के चुचो पर अपने हाथ रखे, और दबाने लगा. इससे मेडम की स्पीड और तेज़ हो गयी. कुछ देर में मेडम थोड़ी ताकि हुई लगी. फिर मैने अपने हाथ मेडम के छूतदों पर रखे, और उनको लंड पर उछालने लगा. मेडम आ आ आ श कर रही थी.

मैने अपने हाथो के ज़ोर से उनकी गांद को एक जगह पर उठाए रखा, और नीचे से तेज़ी से धक्के मारने लगा. वो आ आ आ कर रही थी, और छाप-छाप की आवाज़ आ रही थी. मैने इतनी तेज़ धक्के मारे, की वो लंड के उपर से ही हॅट गयी, उनको इतना दर्द हुआ.

फिर मैने उनको नीचे लिटाया, और लंड छूट में पेल कर तेज़ी से छोड़ने लगा. मेडम मुझे धीरे करने को बोल रही थी, लेकिन मैं सुन नही रहा था. मैं धड़ा-धड़ लंड पेले जेया रहा था. वो दर्द से बेड की चादर को भींच रही थी, लेकिन मेरे सर पर कोई असर नही था. मैं चुदाई करते हुए उनके होंठ और बूब्स चूज़ जेया रहा था. उनके बूब्स मैने लाल कर दिए थे चूस-चूस कर.

कुछ देर ऐसे ही छोड़ने के बाद मैने मेडम को उल्टा लिटा लिया, और उनके उपर लेट कर लंड उनकी छूट में पेल दिया. फिर दोबारा धक्के पे धक्का मारने लगा. मेडम आ आ करती रही, और मैं लंड पेलता गया. 10 मिनिट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था. मेडम पहले ही झाड़ चुकी थी.

फिर मैने लंड निकाला, मेडम को सीधा किया, और उनके मूह के पास आ कर लंड हिलने लगा. कुछ देर में मेडम के मूह को मैने अपने माल से भर दिया, जो वो चाटने लगी.

उस दिन के बाद मैने कितनी बार उनको अपने माल से नहलाया, मुझे याद भी नही.

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