ही फ्रेंड्स, मैं थोर अपनी टीचर सेक्स स्टोरी के साथ हाज़िर हू. मेरी पिछली सेक्स स्टोरीस तो आप लोगों ने पढ़ ही ली होंगी. अगर नही पढ़ी, तो उनको ज़रूर पढ़े. आपको ज़रूर मज़ा आएगा. आज की ये स्टोरी आशीष (असली नाम) और उसकी मेडम सोनम (बदला हुआ नाम) की है. तो चलिए सेक्स कहानी शुरू करते है आशीष की ज़ुबानी.
ही फ्रेंड्स, मेरा नाम आशीष है, और मैं कॉलेज 2न्ड एअर का स्टूडेंट हू. मेरी उमर 20 साल है, और मैं हटता-कटता जिम बॉय हू. मेरा लंड 7 इंच का है, जो किसी भी औरत की छूट का भोंसड़ा बना सकता है. अब मैं सीधे कहानी पर आता हू.
स्कूल से निकालने तक मैं एक शरीफ लड़का था. लेकिन कॉलेज में आते ही मुझे भी सेक्स की हवा लग गयी. मैने पॉर्न देखना और मूठ मारना शुरू कर दिया था.
फर्स्ट एअर के शुरुआती दीनो में ही हमारे कॉलेज में के नयी मेडम आई. उसका नाम सोनम (बदला हुआ नाम. सोनम नाम इसलिए दिया है, क्यूंकी वो बिल्कुल सोनम केपर जैसी दिखती थी.) था. मेडम शादी-शुदा थी, और दिखने में बहुत सेक्सी थी. उनका रंग ठीक-ताक गोरा था, और शरीर भरा हुआ था. वो पाजामी-सूट ही पहनती थी, और हमे मेद्स पढ़ती थी. उनको देख कर पहली बार में मेरा उन पर दिल आ गया.
उनको रोज़ देख-देख कर मैं पागल होने लगा, और उनको छोड़ने के ख्वाब देखने लगा. हर रोज़ मैं उनके बारे में सोच कर मूठ मारने लगा. लेकिन मुझे ये समझ नही आ रहा था की उनके करीब जाने के लिए मैं क्या करू.
फिर एक दिन मैने कुछ लड़कों को बातें करते सुना. उनमे से एक लड़का बोल रहा था की उसको मेडम बहुत सेक्सी लगती थी, और उसने मेडम को करीब से देखने के लिए उनके पास टुटीओन रख रखी थी.
मुझे उसका आइडिया बहुत पसंद आया. मैने सोचा मैं भी मेडम के पास टुटीओन रख लेता हू. क्यूंकी इससे मैं मेडम के करीब आ सकता था. फिर मैने घर पे ड्रामा किया की मुझे मेद्स सब्जेक्ट में प्राब्लम आ रही थी, इसलिए मुझे टुटीओन की ज़रूरत थी.
घर वालो के पूछने पर मैने बताया की मैं सोनम मेडम के पास टुटीओन रखना चाहता हू. मेरा काम बन गया, और घर वालो ने मेरी टुटीओन सोनम मेडम के पास रखवा दी.
टुटीओन काहे की थी दोस्तों, जन्नत ही थी. वहाँ मेडम त-शर्ट और लेगैंग्स डाल कर पढ़ा रही होती थी. पढ़ते हुए लूस त-शर्ट में से मेडम की क्लीवेज आसानी से दिख जाती थी, और लेगैंग्स में उनकी जांघों को देख कर तो उनको खा जाने का दिल करता था.
दिक्कत बस एक थी वहाँ पर. और वो थी कॉंपिटेशन. बाकी जो भी लड़के वहाँ आते थे, वो भी मेडम की बॉडी देखने, और उनकी चुदाई करने के इरादे से ही आते थे. लेकिन मैने सोच रखा था, की अगर मेडम की चुदाई का मौका किसी को मिलेगा, तो वो मैं ही होऊँगा. फिर मैने एक और ग़मे खेली.
मैं एक दिन टुटीओन ख़तम होने पर मेडम के पास गया, और उनको बोला की मुझे अकेले में पढ़ाए, क्यूंकी ग्रूप में मुझे समझ नही आती. मेडम माना करने लगी वो बोली-
मेडम: बच्चे इतना टाइम नही होता है.
मैने फिर मेडम को बहुत रिक्वेस्ट की, तो वो बोली-
मेडम: देखो एक्सट्रा टाइम चाहिए, तो फीस भी एक्सट्रा लगेगी.
मैने फिर डबल फीस देने पर हामी भर दी, तो मेडम मान गयी. मेरी स्कीम चल गयी, जिससे मैं बहुत खुश था. अब मैं और लाते उनके घर टुटीओन पढ़ने जाने लगा. मेडम के जिस्म को अकेले में देख कर मेरा लंड वहीं खड़ा हो जया करता था.
जब तक मेरी छुट्टी होती थी, तब तक उनके पति भी आ जया करते थे. उनके पति से मुझे बहुत जेलासी होती थी, की वो उनके साथ सेक्स के मज़े लेते होंगे. अब सोचना ये था की मैं मेडम को कैसे चुदाई के लिए मानता?
मेडम के हज़्बेंड के पास घर की दूसरी चाबी होती थी. वो अक्सर घर आ कर चाबी को टेबल पर रख देते थे. फिर एक दिन जब मैं टुटीओन से वापस आ रहा था, तो मैने वो चाबी उठा ली. अब मेरे पास उनके घर के अंदर घुसने का रास्ता था.
फिर एक दिन टुटीओन पर मेडम को उनके पति का फोन आया की वो किसी पार्टी पर जेया रहे थे, और रात को या तो नही आएँगे, या बहुत लाते आएँगे. मैने सोचा यही सही मौका था.
उसी रात दोस्त के घर पढ़ाई करने के लिए जाने का बहाना बना कर मैं मेडम के घर आ गया, और उस चाबी से दरवाज़ा खोल कर अंदर एंटर हो गया. रात थी, तो सारी लाइट्स बंद थी, और मेडम भी सो चुकी थी शायद.
फिर मैं मेडम के कमरे की तरफ गया. दरवाज़ा खुला ही था, तो मैं अंदर चला गया. मेडम सो रही थी. वो बहुत सेक्सी लग रही थी. उन्होने लेगैंग्स और त-शर्ट ही पहनी हुई थी. इससे पहले मैं कुछ करता, तभी मेडम का फोन बजा. वो उठ गयी, और मैं जल्दी से बाहर जाके च्छूप गया.
वो फोन उनके हज़्बेंड का था. उनका पार्टी का प्रोग्राम कॅन्सल हो गया था, और वो वापस आ रहे थे. मेडम जल्दी से उठी, और दरवाज़ा खोला. उनके हज़्बेंड घर में आ गये. मुझे लगा की मेरी सारी मेहनत वेस्ट हो गयी.
फिर वो दोनो सीधे बेडरूम में चले गये. बेडरूम में जेया कर उनके पति ने बनियान और लूँगी पहनी, और बेड पर जाके लेट गये. मेडम पहले ही लेट चुकी थी. फिर वो धीरे से मेडम के पास आए, और दोनो की किस शुरू हो गयी.
देखते ही देखते दोनो उत्तेजित हो गये, और एक-एक करके उनके सारे कपड़े भी उतार गये. अब वो दोनो नंगे थे. क्या सेक्सी लग रही थी मेडम. फिर मेडम सीधी लेट गयी, और उनके हज़्बेंड उनके उपर आ गये. हज़्बेंड ने मेडम की छूट में लंड डाला, और उनके होंठ चूस्टे हुए उनको छोड़ने लगे.
अभी 3-4 मिनिट ही हुआ होंगे की वो मेडम की छूट में ही झाड़ गये. इस्पे मेडम गुस्से में बोली-
मेडम: अगर संतुष्ट नही कर सकते तो शुरू भी मत किया करो.
हज़्बेंड बोले: सॉरी यार!
फिर दोनो एक-दूसरे के उल्टी तरफ मूह करके सो गये.
इसके आयेज इस सेक्स स्टोरी में क्या हुआ, वो आपको इसके अगले पार्ट में पता चलेगा.