चाचा ने मेरी सेक्सी मम्मी की प्यास बुझाई

हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

मेरा नाम अमन है। इलाहाबाद में रहता हूँ। जो कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ वो तबकी है मैं जब मैं 12 साल का था। मैं छोटा बच्चा था। जादा नही जानता था पर चूत चुदाई की हल्की हल्की जानकारी मुझे हो गयी थी। थोडा थोड़ा मैं समझने लगा था। मेरे पापा पुलिस फ़ोर्स में थे। मेरे कुमार कुमार हमारे साथ ही रहते थे। वो भी पुलिस में भर्ती होना चाहते थे। अभी तैयारी कर रहे थे। घर में मैं, मम्मी, पापा और चाचा कुमार रहते थे। वो मेरी मम्मी का बड़ा सम्मान करते थे। कुछ दिनों बाद पापा की लखनऊ में ड्यूटी लगी हुई थी। कोई बड़ा मंत्री अपनी रेली कर रहा था। वहां पर लाखों की संख्या में पब्लिक आई थी। जिस पार्टी की सरकार थी उसकी विपक्षी पार्टी का नेता अपना भासड दे रहा था। सब पुलिस फोर्स उस रेली वाली मैदान में लगी हुई थी। अचानक कुछ असामाजिक तत्वों से वहां पथराव करना शुरू कर दिया। धक्का मुक्की होने लगी और गोलियाँ चलने लगी।

पुलिस को लाठी चार्ज का आदेश दिया गया। मेरे पापा भी लाठी चार्ज करने लगे। इसी मारपीट में पब्लिक की तरफ से गोलियां चलने लगी और पापा को गोली लग गयी। वो शहीद हो गये। जब उनकी लाश घर आई तो मम्मी का बुरा हाल था। पापा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब मेरी जवान मम्मी विधवा हो गयी थी। घर में सब तरह सन्नाटा छाया रहता था। मेरी मम्मी की उम्र 30 साल की थी। मैं 12 साल का था। अब मेरे कुमार चाचा ही घर में बड़े थे। वो अक्सर मम्मी को समझाते रहते थे।

“भाभी!! रोने से क्या फायदा। भैया अब वापिस तो नही आ जाएँगे। तुम्हारा बेटा अमन है न। तुम उसी में अपना मन लगया करो। भैया को उसी में देख लिया करो। वो भैया का अंश है। प्लीस भाभी रो मत” कुमार चाचा समझाते थे।

एक दिन रात के वक़्त मैं सो रहा था। मैंने किसी के चिल्लाने की आवाज सुनी। मेरी नींद टूट गयी। मैं उठा और बाहर गया देखने की क्या हो रहा है। देखा की कुमार चाचा मेरी मम्मी के कमरे में थे। वो दोनों किसी बात पर बहस कर रहे थे। कुमार चाचा ने मेरी मम्मी का हाथ कसके पकड़ रखा था।

“भाभी!! मैं आपसे सच्चा प्यार करता हूँ। आपको सब तरह का सुख देना चाहता हूँ। मुझसे शादी कर लो। मैं अमन को अपना नाम दूंगा। उसे बाप का प्यार दूंगा। भाभी मुझसे शादी कर दो” मेरे कुमार चाचा जोर जोर से कह रहे थे।

सामने मेरी मम्मी खड़ी थी। वो टेंशन में दिख रही थी। कमरे में तनाव का माहोल था। कुमार चाचा मम्मी का हाथ ही नही छोड़ रहे थे। शायद आज वो उनको चोदना चाहते थे। मम्मी नाराज थी।

“तुम्हारा दिमाग खराब है कुमार। अभी तुम्हारे भैया को मरे 1 महिना भी नही हुआ और तुम शादी की बात कर रहे हो???? तुमको शर्म नही आती??” मम्मी बोली और अपना हाथ कुमार चाचा के हाथ से छुड़ाने लगी।

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जब चाचा नही माने तो मम्मी ने खींच कर एक चांटा उनके गाल पर मार दिया। चाचा का गाल लाल हो गया। पांचो ऊँगली लाल लाल गाल पर चिपक गयी।

“साली!! नाटक करती है। आज मैं कैसे भी तेरी रसीली चूत चोदूंगा। आज तुझे मेरी बीबी बनना ही होगा” चाचा शक्ति कपूर की तरह खलनायक बन गये और मम्मी को खींचकर बिस्तर पर धकेल दिया। कमरे के दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। मम्मी रोने लगी। मैं समझ गया की आज कोई बड़ा काण्ड होने वाला है। आज चाचा मम्मी को चोद ही डालेंगे।

“भाभी!! आज मैं तुझको इतना गर्म कर दूंगा की तू कह कहकर मुझसे चुदाएगी। देख लेना” चाचा ने कहा और अपनी शर्ट पेंट खोलने लगे। फिर कच्छा उतारकर पूरी तरह से नंगे हो गये। मैं खिड़की से सब देख रहा था। चाचा का लंड 8″ लम्बा और 3″ मोटा था। आज ये बात साफ़ थी की वो मेरी मम्मी को चोद डालेंगे। वो बिस्तर पर चले गये और जबरन मम्मी के उपर ही लेट गये। उनके मम्मी के होठ पर अपने होठ रख दिए और जबरदस्ती चूसने लगे। धीरे धीरे मेरी जवान 30 साल की मम्मी किसी जंगली बिल्ली बन गयी। पर चाचा भी किसी बिलौटे से कम नही थे। मम्मी ने 2 4 चांटे चाचा के मुंह पर जड़ दिए।

चाचा हंसने लगे।

“हा हा हा..जंगली बिल्लियाँ मुझे पसंद है। अब तो तुझे चोदने में और जादा मजा आएंगा। तू बड़ी तड़तड़ माल है भाभी!!” कुमार चाचा हंसकर बोले और जल्दी जल्दी मम्मी के रसीले गुलाबी होठ चूसने लगे। मेरी मम्मी का चुदाने का बिलकुल नही मन नही था पर चाचा ने उनके दोनों हाथो को उपर रख दिया और कसके एक हाथ से ही पकड़ लिया और उसके बाद मम्मी के गुलाबी होठो का चुम्बन लेने लगे। मम्मी नाटक कर रही थी। इधर उधर मचल रही थी। भागने की कोशिश कर रही थी पर चाचा ने उनकी कोई चाल कामयाब नही होने दी। 15 मिनट तक उनके रसीले होठो को काट काटकर चूसा।

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फिर ब्लाउस को दोनों हाथ से पकड़ा और एक जोर से खींच दिया। एक ही बार में मेरी जवान मम्मी का ब्लाउस फट गया। चाचा ने ब्लाउस फाड़कर छलनी कर दिया और निकालकर फेंक दिया। चाचा मम्मी की जवानी देखकर पागल हो गये थे। सफ़ेद सूती ब्रा में मम्मी के 36″ के दूध बड़े सुंदर, और सेक्सी दिख रहे थे। क्या गजब की चोदने लायक सामान दिख रही थी मेरी मम्मी। कलश जैसी छातियाँ पुरे गर्व के साथ तनी हुई थी। चाचा अपना आपा खो गये। ब्रा को पकड़कर बीच से फाड़ दिया और उतार कर फ़ेंक दी। अब मेरी जवान गोरे जिस्म वाली मम्मी नंगी हो गयी। अपनी बड़ी बड़ी चूचीयों को हाथ से ढकने लगी। अपनी इज्जत बचाने लगी।

“हा हा हा हा” चाचा फिर हसने लगे। मम्मी की हालत खराब थी। डरी हुई थी।

“भाभी!! तुम्हारे कबूतर छुपाने की चीज नही, दिखाने का माल है” कुमार चाचा बोले और मम्मी के हाथो को जबरन पकड़कर किनारे कर दिया। मम्मी का दिल जोर जोर से धड़क रहा था। कलेजा धकर धकर कर रहा था। वो घबराई थी। चाचा ने दोनों मम्मो को अपने हाथों के वश में कर लिया और सहलाने लगे। आज तो मेरे चाचा पूरी तरह से पागल हो चुके थे। इतने खूबसूरत स्तन आजतक उन्होंने नही देखे थे। मैं जान गया था की चाहे मम्मी जितनी कोशिश कर ले, आज तो चाचा उनको हर हालत में चोद डालेंगे। ये बात साफ थी।

चाचा मजे लेकर सहलाने लगे, हाथ लगाने लगे। मम्मी की दोनों छातियाँ गर्व से तनी हुई थी। इतने सुंदर कलश जैसे दूध चाचा ने आजतक नही देखे थे। वो घूर घूर कर देख रहे थे। दर्शन कर रहे थे। मम्मी के मस्त मस्त दूध शायद दुनिया की सबसे सुंदर चीज थी। चाचा गोल गोल सहलाने लगे। मम्मी झुकने को तैयार नही था। दोनों कबूतर के निपल्स खड़े हो गये। निपल्स के शिखर पर काले रंग के बड़े बड़े गोले मम्मी की जवानी में चार चाँद लगा रहे थे। चाचा खुद को रोक न सके। पूरी तरह से आज ठरकी हो गये। उन्होंने दबाना शुरू कर दिया। दोनों कबूतर को चाचा मसलने लगे। मम्मी “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ..अअअअअ..आहा .हा हा हा” करने लगी। दोस्तों ये तो अभी शुरुवात थी। असली पिक्चर तो अभी बाकी थी। धीरे धीरे मेरे कुमार चाचा मेरी जवान मम्मी के पीछे पागल हो गये। दोनों कबूतर को खूब सहलाते और दबा देते। खूब प्यार कर रहे थे। इसी तरह से खेलने लगे। धीरे धीरे मम्मी को मजा आने लगा। चाचा लेटकर मम्मी की बायीं चूची को चूसने लगे। इतने मुलायम, इतनी गोरी और सॉफ्ट चूचियां आजतक चाचा को नही मिली थी। उन्होंने चुसना शुरू कर दिया। मम्मी मचल रही थी। उनका आज चुसाने का जरा भी मन नही था पर मजबूरी में चुसवा रही थी। चाचा जबरदस्ती चूस रहे थे। पूरी की पूरी बायीं चूची कुमार चाचा के मुंह में जा चुकी थी। मुंह चला चलाकर पूरा मजा ले रहे थे।

धीरे धीरे मेरी सेक्सी मम्मी को भी अच्छा लगने लगा। वो “..अई.अई..अई..अई..इसस्स्स्स्स्…उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह..” की तेज आवाजे निकालने लगी। आखिर वो सरेंडर हो गयी। अब उनका मूड सही हो गया। वो कुमार चाचा को प्यार करने लगी। चाचा अपनी धुन में थे। जल्दी जल्दी बायीं चूची को पी रहे थे। लगता था आज सब रस पी लेंगे। मम्मी की हालत खराब हो रही थी। उनका अब सेक्स करने का मन कर रहा था। वो चाचा को प्यार करने लगी। उनकी पीठ, और कन्धो को सहलाने लगी। जहाँ मम्मी का रंग दुधिया और बिलकुल गोरा था, कुमार चाचा का रंग सांवला था। कुछ देर बाद मम्मी पट गयी और चाचा को अपने पति की तरह प्यार करने लगी।

अब चाचा ने बायीं चूची छोड़ दी और दाई वाली मुंह में लेकर चूसने लगे। मम्मी “…ही ही ही..अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह… उ उ उ.” की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी। चाचा की नंगी सांवली पीठ पर अपने हाथ घुमा रही थी। चाचा भी मम्मी को अपनी औरत मानकर चुम्मा ले रहे थे। बार बार गले, गाल, आँखों, नाक , कन्धो पर किस कर रहे थे। चाचा का लंड पूरी तरह से खड़ा था। वो चोदने को रेडी थे। उन्होंने कई बार मेरी सेक्सी जिस्म वाली मम्मी के खूबसूरत कन्धो को अपने हाथ से सहलाया, फिर दांत कन्धो पर गड़ा दिए।

“देवर जी!! आराम से..लगती है। धीरे धीरे मेरे कन्धो चूसो” मम्मी प्यार भरे अंदाज में बोली। चाचा अब धीरे धीरे कंधे चूसने लगे। अब वो नीचे चूत की तरफ बढ़ रहे थे।

“भाभी!! चलो अपनी साड़ी और पेटीकोट उतार दो” चाचा बोले

मम्मी अब पूरी तरह से चाचा से पट गयी थी। किसी तरह का नाटक नही कर रही थी। उन्होंने अपनी कमर से साड़ी खोलना शुरू कर दी। एक एक प्लेट को खोल दिया। साड़ी उतारकर सोफे पर फेंक दी। फिर मेरी चुदासी गदराये जिस्म वाली मम्मी ने अपने पेटीकोट की डोरी खुद ही खोल दी। पेटीकोट नीचे सरक गया। मम्मी ने उसे उठाकर सोफे पर रख दिया। आकर लेट गयी। पैर खोल दिए।

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“आ जाओ कुमार!!! आज तुम्हारी प्यास बुझा दूँ” मम्मी बोली

चाचा ने उनको बाँहों में भर लिया और जिस्म में हर जगह किस करने लगे। मम्मी के पेट और कमर काफी पतला और सेक्सी था। चाचा हर जगह हाथ लगा रहे थे। नीचे से उपर सहला रहे थे जैसे मेरी मम्मी उनकी भाभी नही उनकी औरत है। अब कुमार चाचा मम्मी के पेट को गोल गोल करके हाथ से सहला रहे थे। चुम्मा पर चुम्मा रे रहे थे। मम्मी “अई…अई..अई. अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा.” की कामुक आवाजे निकाल रही थी।

चाचा उनके मखमली पेट में नाभि में जीभ घुसा रहे थे। उनको तड़पा तडपा कर मजा ले रहे थे। नाभि को चूस रहे थे, किस कर रहे थे। मम्मी जी अब पूरी तरह से गर्म हो गयी थी। चुदने और लंड खाने को पूरी तरह से तैयार थी। चाचा नीचे की ओर बढ़ गये और पेडू को किस करने लगे। फिर वो चूत पर आ गये। हाथ से चूत के दाने को जल्दी जल्दी बेहद सेक्सी अंदाज में घिसने लगे। मम्मी जी पागल हो गयी। बार बार कमर उठा देती थी। “आऊ…आऊ..हमममम अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी..हा हा हा-देवर जी आराम से। बड़ी सनसनी चूत में हो रही है” मम्मी कहने लगी। चाचा नही रुके। चूत के दाने को जल्दी जल्दी ऊँगली से घिसने लगे, हिलाने लगे। मम्मी की हालत खराब होने लगी। बार बार अपनी गांड उठा देती थी। चाचा ने अब अपना मुंह चूत पर रख दिया। जल्दी जल्दी चाटने लगे। लग रहा था आज मेरी मम्मी की रासिली चूत को काटकर खा ही जाएंगे।

ऐसा ही लग रहा था। दोनों खूब मजे लूटने लगे। चाचा ने आधे घंटे मम्मी की चूत को चाट चाटकर खूब रस निकाला। जैसे ही उनकी गुलाबी चूत अपना रस छोडती चाचा पी जाते। मम्मी की हालत खराब हो रही थी। उनकी चूत पूरी तरह से चिकनी थी। एक बाल भी चूत पर नही था। चिकनी, सुंदर और साफ़ थी। चाचा आज उनको बीबी समझकर चूत पी रहे थे।

मम्मी की चूत किसी गर्म भट्टी की तरह दहक रही थी। चाचा एक एक कली को दांत से काट काटकर पूरा मजा ले रहे थे। मम्मी जी पागल पागल होकर चाचा की नंगी पीठ पर अपने हाथ के नाख़ून गड़ा रही थी। दोनों चुदाई के मजे में डूबे थे। चाचा ने इक्षा भरकर मेरी मम्मी की चूत को चाट लिया। फिर अपना 8″ का मोटा लंड चूत के दो टुकड़ों के बीच में रख दिया और उपर नीचे करके घिसने लगे। कुमार चाचा अभी मेरी सेक्सी जवान मम्मी को चोद नही रहे थे। सिर्फ चूत पर लंड रखकर रगड रहे थे। लंड को हाथ से पकड़कर चूत को पीटने लग जाते थे। चाचा के ऐसे कारनामो से मम्मी को और अधिक सेक्स का नशा चढ़ रहा था।”..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ. हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई.अई.अई…” की आवाज निकालकर मेरी मम्मी पागल हुई जा रही थी।

चाचा मम्मी की चुद्दी से खेल रहे थे। खिलवाड़ कर रहे थे। लंड को हाथ से पकड़कर चूत पर थपकी देते, उसे पिटते, फिर उपर ही उपर चूत के दाने पर लंड रखकर घिसने लग जाते। इस तरह 15 मिनट कुमार चाचा खिलवाड़ करते रहे।

“कुमार !! मेरे सेक्सी देवर!! अब मुझे क्यों तड़पा रहा है। डाल दे अपना लौड़ा मेरी चूत में और फाड़ दे इसे आज। आज तू पूरे कर ले अपने सारे अरमान। मेरी तरफ से तुझे पूरी छूट है” मम्मी जी बोली

अंत में चाचा ने मम्मी की इक्षा पूरी कर दी। अपन लंड उनकी चूत पर सेट कर दिया और जोर का एक धक्का दिया। पूरा 8″ लंड भीतर घुस गया। मम्मी जी कसकने लगी। शायद उनको दर्द हो रहा था। चाचा ने मम्मी को चोदना शुरू कर दिया। दबाकर पेलने लगे। आज मम्मी जी पहली बार किसी गैर मर्द से चुदवा रही थी। वो “उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ. सी सी सी सी… ऊँ-ऊँ.ऊँ..” की तेज तेज आवाजे निकाल रही थी।

बार बार अपना मुंह खोल देती थी। चाचा खुलकर मेरी मम्मी के साथ सेक्स कर रहे थे। मम्मी भी अब उनको अपना पति मान चुकी थी। दोनों मजे लेने लगे। चाचा अपनी रफ्तार बढ़ा रहे थे। गपा गप मम्मी की चूत का बाजा बजा रहे थे। दोनों मजे लुटने लगे। दोस्तों मैं 12 साल का छोटा बच्चा था पर सब कुछ समझ रहा था। चाचा आज मेरी जवानी सेक्सी मम्मी को चोद रहे थे। अपने मोटे लंड से मम्मी को पति का सुख दे रहे थे। इस तरह से कुमार चाचा से 35 मिनट मम्मी जी का काम लगा दिया। फिर हांफते हुए उनकी योनी में अपना पानी छोड़ दिया। चाचा थककर मम्मी के उपर ही लेट गये। दोनों पसीने से भीग गये। अब तो मेरे कुमार चाचा हर दूसरे दिन मम्मी का काम लगा देते है।



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