ही गाइस, मैं आज स्टोरी के नेक्स्ट पार्ट के साथ हाज़िर हुआ हू. लास्ट पार्ट में आपने पढ़ा था की किस तरह से दोनो बुद्धो ने दीदी को छोड़ा था.
दोनो बुड्ढे दीदी की दोनो साइड पर लेते हुए थे. दीदी उठी, और अपने कमरे के वॉशरूम में चली गयी. 10 मिनिट्स तक दोनो बुड्ढे लेते रहे. फिर शर्मा साब उठ कर वॉशरूम गये, और नंगे ही बाहर चले गये. असलम साब भी बाहर आ गये.
फिर दोनो बुड्ढे सोफे पर बैठ गये. 5 मिनिट्स के बाद दीदी अपने कमरे से बाहर आई, तो दीदी ने एक ब्लॅक कलर की सलवार कमीज़ पहनी हुई थी. और दीदी के बाल गीले थे. फिर असलम साब बोले-
असलम साब: अब मैं चलता हू, काफ़ी टाइम हो गया है.
शर्मा साब: तूने जाना है तो जेया. मैं इस टाइम किधर जौंगा? मैं तो सुबा ही जौंगा. अंजलि तुमको तो कोई इश्यू नही?
दीदी: अब क्या इश्यू होना है? अब आप रह लो इधर ही.
असलम साब उठे, और अपने कपड़े पहन कर चले गये. अब सिर्फ़ शर्मा साब और अंजलि दीदी दोनो ही रह गये थे. शर्मा साब दीदी से बोले-
शर्मा साब: अंजलि इतनी मेहनत करवाई है. अब कुछ पीला ही दो.
दीदी ने दो पेग बनाए, एक शर्मा साब को दिया, और एक खुद ले कर बैठ गयी. शर्मा साब ने दीदी को इशारा किया, तो दीदी फिर उठी, और ज़मीन पर गिरी शर्मा साब की पंत की पॉकेट से सिगरेट की डिब्बी निकली.
फिर उसमे से दो सिगरेट जला कर एक सिगरेट शर्मा साब को दी और एक खुद ने ले ली. शर्मा साब जो सब देख रहे थे, दीदी से बोले-
शर्मा साब: अंजलि तुम दारू और सिगरेट दोनो पीटी हो?
अंजलि दीदी: हा, जैसे आप पीते हो, ऐसे ही मैं भी पी लेती हू.
शर्मा साब: ज़बरदस्त. तुम बहुत बोल्ड हो. मुझको तुम जैसी बोल्ड और हॉट लॅडीस बहुत पसंद है.
शर्मा साब की बात सुन कर दीदी हासणे लगी, और दोनो बैठ कर और सिगरेट पीने लगे. 1 घंटे तक दोनो बातें करते रहे. फिर शर्मा साब ने दीदी को अपने पास बुलाया, और अपने साथ लगा लिया. दीदी भी शर्मा साब से चिपक गयी. शर्मा साब ने दीदी का हाथ पकड़ा, और अपने मोटे लोड पर रख दिया.
दीदी अब शर्मा साब का लोड्ा सहला रही थी. शर्मा साब कमीज़ के उपर से ही दीदी के बूब्स दबाने लग गये. बूब्स दबाते-दबाते शर्मा साब ने अपने होंठ दीदी के होंठो पर रख दिए, और दीदी के होंठो को चूसने लगे.
शर्मा साब और दीदी दोनो एक-दूसरे को किस करने लगे. 2 मिनिट्स तक किस करने के बाद शर्मा साब ने दीदी की कमीज़ उतार दी. दीदी ने ब्रा नही पहनी हुई था, तो दीदी के बूब्स आज़ाद हो गये. शर्मा साब दीदी के बूब्स पकड़ कर मसालने लगे.
2 मिनिट्स के बाद दीदी और शर्मा साब उठे, और दोनो कमरे में चले गये. कमरे में जेया कर दीदी ने अपनी सलवार भी उतार दी. अब दोनो नंगे हो गये. शर्मा साब ने एक दफ़ा फिरसे दीदी को पकड़ा, और दीदी के बूब्स चूसने लगे. दीदी ने भी शर्मा साब का सर पकड़ लिया. शर्मा साब दीदी के दोनो बूब्स से खेल रहे थे.
अब शर्मा साब ने दीदी को नीचे बिता दिया, और खुद बेड पर बैठ गये. शर्मा साब का लोड्ा दीदी के मूह के सामने था. दीदी ने शर्मा साब का लोड्ा पकड़ा, और सहलाने लगी. फिर दीदी ने शर्मा साब के लोड पर अपनी ज़ुबान फेरी, और लोड को अपने मूह में ले लिया.
दीदी शर्मा साब का लोड्ा चूसने लगी. शर्मा साब के लोड का टोपा दीदी की थूक से चमक गया. फिर शर्मा साब ने अपने हाथो से दीदी के सर को पकड़ा, और अपना लोड्ा दीदी के मूह में अंदर तक ले गये. शर्मा साब का लोड्ा दीदी के मूह के काफ़ी अंदर तक चला गया था. दीदी को साँस लेने में भी मुश्किल हो रही थे.
फिर शर्मा साब ने दीदी के मूह से लोड्ा बाहर निकाला, तो शर्मा साब का पूरा लोड्ा दीदी की थूक से गीला हो चुका था. और दीदी को ज़ोर-ज़ोर से खाँसी आ रही थी. दीदी गुस्से से शर्मा साब से बोली-
दीदी: आपका मुझे मारने का इरादा है?
शर्मा साब: तुजको मैं सीखा रहा हू, की कैसे लोड्ा चूस्टे है.
दीदी चुप कर गयी, और दोबारा से शर्मा साब का लोड्ा चूसने लगी. अब दीदी शर्मा साब का पूरा लोड्ा चूस रही थी. 10 मिनिट्स तक लोड्ा चूसने के बाद शर्मा साब ने दीदी को बेड पर उल्टा लिटाया, और दीदी की गांद के नीचे एक तकिया लगा दिया. इससे दीदी की गांद और उपर आ गयी.
शर्मा साब ने तेल के बॉटल पकड़ी, और दीदी की टाँगो पर बैठ गये. दीदी मूड के देखने लगी, की शर्मा साब क्या कर रहे थे. फिर शर्मा साब ने हाथो से दीदी की गांद को ज़ोर से दबाया, और अपनी नाक दीदी की गांद पर रख कर बोले-
शरम साब: कितनी ज़बरदस्त गांद है तेरी अंजलि.
दीदी: प्लीज़ उधर नही, उधर मैने आज तक नही करवाया.
शरम साब: अंजलि तेरी टाइट गांद मारने का मज़ा ही बहुत आएगा.
अब शर्मा साब ने अपने लोड को पकड़ कर दीदी की गांद के सुराख पर रख कर एक धक्का मारा, लेकिन गांद काफ़ी टाइट थी, और लोड्ा अंदर नही गया, और फिसल गया.
शर्मा साब ने अपने लोड पर तेल लगाया, और फिर दीदी की गांद को फैलाया और फिर धक्का मारा. इस दफ़ा शर्मा साब के लोड का टोपा दीदी की गांद में चला गया. दीदी के मूह से एक हल्की से चीख निकली.
शर्मा साब बोले: कितनी टाइट गांद है तेरी.
फिर शर्मा साब ने एक और धक्का मारा. इस दफ़ा शर्मा साब का आधा लोड्ा दीदी की गांद में चला गया. दीदी अब तो पुर ज़ोर से चीखी-
दीदी: आअहह. प्लीज़ इसको बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है.
शर्मा साब 1 मिनिट तक वैसे ही रहे. फिर उन्होने अपना लोड्ा बाहर निकाला, और दोबारा से दीदी की गांद में डाल दिया. अब शर्मा साब आहिस्ता-आहिस्ता अपना लोड्ा दीदी की गांद में अंदर-बाहर कर रहे थे, और दीदी के मूह से सिर्फ़ दर्द भारी चीखें एयाया आआ आआ निकल रही थी.
2 मिनिट तक ऐसा ही करने के बाद जब शर्मा साब ने देखा की दीदी का दर्द कम हुआ था, तो उन्होने पीछे हो कर फुल ज़ोर से धक्का मारा. इससे शर्मा साब का पूरा लोड्ा दीदी की गांद में चला गया. दीदी मछली की तरह तदपि, और चीख पड़ी.
दीदी की आँखों में दर्द की वजह से आँसू आ गये थे. लेकिन शर्मा साब पर इसका कोई असर नही हुआ. शर्मा साब ने रुके बगैर दीदी की गांद को छोड़ना शुरू कर दिया. दीदी मछली की तरह तड़प रही थी, और ज़ोर-ज़ोर से चीख रही थी. बेड की चादर दीदी के आँसू से गीली हो चुकी थी.
लेकिन शर्मा साब अब एक जानवर की तरह से दीदी की गांद मार रहे थे. पूरा कमरा दीदी की दर्द भारी चीखों से गूँज रहा था.
20 मिनिट्स के बाद शर्मा साब ने एक ज़ोर का धक्का मारा, और अपने लोड का पानी दीदी की गांद में छ्चोढ़ कर साइड में लेट गये.
दीदी का दर्द के मारे बड़ा बुरा हाल था. उन्होने दोनो हाथो से बेड शीट पकड़ी हुई थी, और अपना मूह बेडशीट में छुपाया हुआ था.
तो बे कंटिन्यूड…..