सेक्सी चाची पर फिसला भतीजे का लंड

हेलो दोस्तों, ये मेरी पहली कहानी है. तो चलिए शुरू करते है.

मेरा नाम जस्सी (नामे चेंज्ड) है. मैं 23 साल का हू, 5’10” लंबा, और जिम भी रोज़ जाता हू. मैं एक तगड़ा नौजवान हू. ये कहानी मेरी चाची नवनीत (नामे चेंज्ड) की है.

उनकी उमर 42 की है. वो 1 बच्चे की मा है. उनकी 1 लड़की है 19 साल की, जो दूसरे शहर में पढ़ती है. 2 महीने में एक बार घर आती है. मेरे चाचा की उमर 53 की है. वो बिज़्नेस करते है. मेरा 1 छ्होटा भाई है 22 की आगे का.

हम और चाचा नज़दीक रहते है. चल के 10 मिनिट लगते है उनके घर तक. ये बात तब की है, जब मेरे चाचा को बिज़्नेस के लिए दूसरे शहर जाना था. मुझे बोला गया चाची की साथ 1 महीना के लिए रहने को.

मुझे दिन में चाचा की दुकान संभालनी होती थी. मेरी चाची काफ़ी हॉट है, हाइट 5’5″ की, साइज़ 36-32-38 का लगभग. मेरा कोई बुरा इरादा नही था उनको छोड़ने का.

सनडे के दिन मैं चला गया वाहा. उस दिन छुट्टी थी. मैने खाना खाया, और बाहर घूमने गया. फिर शाम में वापस आया. हम लोग टीवी देख रहे थे और खाना खाया. फिर मैं दूसरे कमरे में सोने चला गया.

मुझे रात में सस्यू लगी तो चला गया. घर का बातरूम बाहर था. जब मैं बातरूम गया तो वाहा चाची की सफेद ब्रा और पनटी देखी. मुझे लगा वो सोने से पहले नहाने चली गयी थी, और कपड़े उधर ही छ्चोढे थे.

फिर मैने उनकी पनटी उठाई. उसमे एक खुश्बू आ रही थी, और तोड़ा चिपका-चिपका था. मेरा लिंग हार्ड हो गया ये देख के, और मैने मूठ मारनी शुरू की. मेरा लंड 6 इंच का है, लेकिन काफ़ी मोटा है. फिर मूठ मारने के बाद मैं सोने चला गया.

अगले दिन मैने नाश्ता किया, और दुकान चला गया. मैं पुर दिन मदहोश था ख़यालों में. रात को जब खाना खाया तो हम सोने चले गये. मैने सोचा आज देखता हू चाची फिर नहाने जाएगी क्या.

मैं खिड़की से देख रहा था, और मैने देखा की चाची बाहर निकली, और बातरूम में गयी. मैं आहिस्ता-आहिस्ता देखने चला गया. मैने चोरी-चोरी थोड़ी खिड़की खोली, और देखना शुरू किया. चाची मुझे देख नही सकती थी, क्यूंकी बाहर बहुत अंधेरा था.

मैं उसका बूब्स देख के पागल हो गया. इतने बड़े-बड़े, और दबाने का बहुत मॅन कर रहा था. तभी वो अपने गोरे बदन पे पानी डाल रही थी, और साबुन लगा रही थी. कुछ समय बाद जो मैने देखा मैं पागल हो गया. मेरा लंड पूरा सख़्त हुआ था. मैने देखा वो एक उंगली अपनी छूट में डालना शुरू की, और खुद को उंगली करना शुरू करी.

2-3 मिनिट बाद वो आहिस्ता-आहिस्ता सिसकिया लेने लगी. क्या नज़ारा था दोस्तों. मुझे समझ आया की वो सेक्स की प्यासी थी, और अब समय था उसकी हवस मिटाने की. थोड़ी देर बाद उसकी छूट से पानी निकला, और वो तोड़ा ज़ोर से चिल्लाई. फिर मैं वापस कमरे में चला गया और मूठ मारनी शुरू की. अब मैं सोचने लगा की कैसे चाची को बिस्तेर पे लाउ. वो तो ऑलरेडी बहुत गरम थी.

अगला दिन जब मैं नींद से उठा तो जिम जाके आया. मैने नहाना शुरू किया पुराना कपड़ा लेके. मैने चेंजिंग क्लोद्स नही लिए. इसलिए जब मैं बाहर निकला (मैने जान-बूझ के अपने कपड़े साथ नही लिए थे), मैं सिर्फ़ अंडरवेर में निकला.

मेरा लंड चिपका था ककचे से, और बाहर आना चाहता था. बल्ज दिख रहा था, और मैं अपने कमरे की और जाने लगा तो चाची की मुझ पर नज़र पड़ी, और 1 मिनिट के लिए वो मेरे सिस्टम को देख रही थी. मैं अपने कमरे में गया, और कपड़ा लगाया. फिर दुकान चला गया.

मेरी चाची के साथ थोड़ी दोस्ती हो गयी थी. रात में जब खाना खा रहे थे, तो वो बोली-

चाची: तेरी गफ़ है क्या?

मैं तोड़ा सा शरमाया और नही बोला.

चाची: आज तक तेरी कोई गफ़ नही बनी?

मैने कहा: मुझे मेच्यूर औरत पसंद है. समझदार होती है, और काफ़ी सेक्सी भी.

चाची: लगता है तेरी शादी करनी पड़ेगी. काफ़ी बड़ा हो गया है तू.

मैं समझा वो मेरे लंड को लेके बात कर रही थी.

मैने कहा: चाची आपको चाचा बहुत याद करता होगा. आप इतनी खूबसूरत है. बहुत मुश्किल होता होगा उनका रहना आपके बगैर.

वो हस्सी और बोली: अर्रे तेरा चाचा तो बुद्धा हो गया है. अब उसे मैं अची नही लगती.

ये सुन के मैं खुश हुआ अंदर से.

मैने कहा: मेरी आप जैसी बीवी होती तो मैं तो आपको हर जगह साथ लेता. इतनी प्यारी और खूबसूरत.

चाची मुस्कुराने लगी.

फिर मैने पूछा: आपका 1 ही बच्चा क्यूँ है?

तो वो तोड़ा लाल हुई और बोली: चाचा का कुछ ऑपरेशन था बहुत साल पहला, उसस्से प्राब्लम हुई, और फिर बच्चा नही हुआ. तब मैं समझा की वो खुद ही उंगली क्यूँ डाल रही थी.

फिर हम सोने चले गये. उस रात वो नहाने नही उठी. अगले दिन जब वो नींद से उठी, मैने अपने कमरे का दरवाज़ा आधा खुला रखा था, और मैं पूरा नंगा सोने की आक्टिंग कर रहा था. जब वो मेरे कमरे से निकली, तो वो दरवाज़ा बंद करने आई मेरे कमरा का, और मेरा लंड देख गयी.

फिर दरवाज़ा बंद किया, और चली गयी. जब मैं नींद से जागा नाश्ता करने, तो वो मेरी तरफ देख के मुस्कुराने लगी.

मैने कहा: क्यूँ मुस्कुरा रही हो?

चाची: कुछ नही.

और फिर मुस्कुराइ. मैं फिर नहाने चला. अब इस बार मैने देखा की मेरी चाची तड़प रही थी. जब मैं नहा रहा था, तो मुझे लगा कोई खिड़की से देख रहा था. तो मैने जान-बूझ कर मूठ मारना शुरू किया.

कुछ टाइम बाद मेरा पानी निकला, और मैं नहा के निकला. मैने अपनी चाची की तरफ देखा दुकान के लिए निकालने से पहले. वो शांत थी. मुझे समझ आया वो अपनी चरम सीमा पे थी.

जब मैं रात को दुकान से वापस आया, तो खाना खाते समय मैने कहा मैं आज रात उनके साथ सो जौंगा.

वो बोली: क्यूँ?

मैने कहा: अंदर बहुत गर्मी है.

वो मान गयी. मैं अंदर से खुश हुआ, और समझा आज से उसकी चुदाई शुरू होगी.

हम अब एक ही बेड पे थे. जब चाची सोने आई, तो लाइट चालू थी. वो अपनी निघट्य में थी.

मैने बोला: मैं बातरूम से होके आता हू.

मैने सोचा ये मौका था उसको अपना बनाने का. जब मैं कमरे में वापस आया तो वो बिस्तर में थी और दीं लाइट चालू थी. मैने अपने कपड़े निकालना शुरू किया, लेकिन वो कुछ नही बोली.

मैने बातरूम में ही अपना कक्चा निकाल दिया था, इसलिए पूरा नंगा बिस्तर में गया. उसकी एक बार मेरे लंड पे नज़र पड़ी, और फिर आँखें नीचे रखी. मैं बिस्तर में गया. वो दूसरी साइड पे थी.

कुछ टाइम बाद मैने अपना लिंग उसकी गांद से टच किया. वो कुछ नही बोली. फिर मैने अपना लंड गांद की लकीर पर फेरना शुरू किया. 1-2 मिनिट बाद वो सिसकियाँ लेने लगी, और मेरी तरफ मूडी.

अगले पार्ट में बताता हू वो पहली रात का आनंद.

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