गीता भाभी की चूत को लंड खिलाया

हैल्लो दोस्तों, आप सबको मेरा लंड उठाकर सलाम। दोस्तों में मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में रहता हूँ और में एक जवान और सुंदर लड़का हूँ। मेरा लंड किसी भी चूत को संतुष्ट करने के लिए तैयार है। ये कहानी आज से कुछ 6 महीने पहले की है, में छुट्टियों में धार मध्यप्रदेश अपनी बुआ के घर गया हुआ था। मेरी बुआ धार मध्यप्रदेश में रहती है, उसके घर में मेरी बुआ का लड़का, उसकी बीवी, उसके दो छोटे-छोटे बच्चे रहते है। उनका कारोबार बहुत बड़ा है और उनका घर भी बहुत बड़ा है। मेरे जाते ही मेरी बुआ और मेरी भाभी बहुत खुश हो जाते है। मेरी भाभी मेरा बड़ा ही ख्याल रखती है, वो मेरी छोटी सी छोटी बातों का ख्याल रखती है।

अब पहले में मेरी भाभी के बारे में आपको कुछ बता दूँ उसका नाम गीता है, वो इतनी सुंदर है कि उसको बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है, वो एकदम सफ़ेद है और उसके बूब्स एकदम कसे हुए और मस्त है, उन्हें देखते ही दबाने का मन करता है, वो जब चलती है तो उसकी गांड उछल- उछलकर निमंत्रण देती हो ऐसा लगता है। पहले मेरा नजरिया उसके प्रति ऐसा नहीं था, लेकिन एक दिन की घटना ने मेरा उसकी तरफ देखने का नजरिया ही बदल दिया। मेरा भाई कुछ साल पहले ड्रिंक की आदत का शिकार हो चुका है। वो हर वक़्त शराब पीकर पड़ा रहता है तो इस वजह से मेरी बुआ के घर में सब लोग परेशान रहते है। फिर जब में छुट्टियों में वहाँ गया तो मुझे रात को सोने के लिए ऊपर का कमरा दिया गया, जिसके बगल में ही मेरे भाई भाभी का कमरा भी था।

फिर एक रात जब में ऊपर वाले कमरे में सो रहा था तो मेरा भाई (बुआ का लड़का) आया और ऊपर आकर बाहर बालकनी में सो गया। फिर तभी भाभी उसके पास आई और बैठ गयी। जब रात के यही 2-3 बजे होंगे। अब भाभी मेरे भैया से चिपककर बैठ गयी थी, लेकिन फिर भी मेरा भाई सो गया। तो करीब 30 मिनट के बाद मेरी भाभी मेरे कमरे से गुजरकर उसके कमरे में जाकर सो गयी। अब में तो ये देखकर कुछ समझ ही नहीं पाया था और कब मेरी नींद लग गयी? मुझे पता ही नहीं चला। फिर सुबह मुझे भाभी उठाने आई तो उसने मुझे बड़े प्यार से उठाया। फिर में फ्रेश होकर नीचे गया और फिर मैंने और भाभी ने साथ में नाश्ता किया, मेरा भाई अभी भी सो रहा था। फिर जैसे तैसे दोपहर हो गयी और फिर हमने साथ में खाना खाया और फिर में टी.वी देखने लगा।

अब घर में सब सो रहे थे, अब में ड्रॉइग रूम में टी.वी देख रहा था। तो तभी मेरी भाभी आई और मेरे पास बैठकर टी.वी देखने लगी। अब वो कुछ उदास लग रही थी। फिर मैंने उनसे पूछा कि आप उदास क्यों है? तो उसने कहा कि कुछ नहीं ऐसे ही। तो फ़ौरन मेरे मुँह से निकल गया कि कल रात की बात के कारण आप उदास है? तो मेरी भाभी कुछ नहीं बोली और मेरी तरफ देखने लगी और फिर उसकी आँखों में से आँसू टपक पड़े तो मैंने उसके आँसू पोछे और उससे पूछा कि क्या हुआ भाभी? आप मुझे तो बता सकती है। फिर उसने कहा कि तुमने कल रात तो देखा ना कि तुम्हारे भाई 2 बजे रात को आए और वैसे ही सो गये और में उसके पास गयी तो वो फिर भी मेरी तरफ ना देखते हुए सो गये। अब तुम ही बताओं में क्या करूँ? अब में समझ गया था कि मेरी भाभी प्यार की भूखी है। फिर मैंने उनका एक हाथ मेरे हाथ में पकड़ा और बड़े प्यार से उसे दिलासा देते हुए पूछा कि भाभी, में आपकी कोई मदद कर सकूँ तो मुझसे जरूर कहना।

फिर तभी भाभी ने पूछा कि तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो? तो मैनें कहा कि कुछ भी, जो आप कहो अगर मेरी हेल्प से आपको कुछ राहत मिल सके तो मुझे बड़ी खुशी होगी। फिर वो हंसते हुए बोली कि ठीक है जब जरूरत पड़ेगी तो तुमसे कहूँगी, लेकिन फिर बदल ना जाना। फिर तभी मैंने कहा कि आप बोलकर तो देखिए। फिर वो किचन में चली गयी और सबके लिए चाय और नाश्ता बनाने लगी। फिर थोड़ी ही देर में सब उठ गये और चाय नाश्ता करने लगे। फिर जब रात हुई तो हम सब लोग छत पर सोने चले गये, क्योंकि गर्मी के दिन थे तो छत पर बड़ा मज़ा आता था। फिर रात में मेरी भाभी ने मेरा और उनका बिस्तर पास-पास में लगाया और हम सब सो गये। फिर देर रात में जब मेरी नींद खुली तो मेरी भाभी बिस्तर पर नहीं थी, तो में देखने के लिए उठा और उसे ढूंढते हुए उसके कमरे की तरफ चला गया।

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फिर जब मैंने उसके कमरे के दरवाज़े को धक्का दिया तो वो खुल गया और अंदर का नज़ारा देखकर में वही थम गया। अब मेरे पैर वही चिपक गये थे। अब मेरी प्यारी भाभी कमरे में बिल्कुल नंगी होकर अपनी चूत की आग को शांत करने की कोशिश कर रही थी। अब वो अपने बूब्स दबा रही थी और दूसरे हाथ की उंगली से अपनी चूत को चोद रही थी। अब उसकी पीठ दरवाज़े की तरफ थी इसलिए उसे पता नहीं था कि में उसे इस हालत में देख रहा हूँ। फिर में उसके करीब गया और हल्के से उससे पूछा कि में कुछ मदद कर दूँ? तो मेरी आवाज सुनकर वो घबरा गयी और खुद को छुपाने की नाकाम कोशिश करती रही। फिर मैंने उससे फिर से पूछा कि में कुछ मदद कर दूँ? तो उसने कहा कि नहीं, यह पाप है। तो मैंने कहा कि अरे भाभी जिस काम से किसी का भला हो उसे पाप नहीं कहते है। फिर उसने कहा कि अगर किसी को पता चल गया तो बड़ी बदनामी होगी।

फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा, आप बस मुझ पर विश्वास रखिए और मुझे आपकी मदद करने की इजाजत दीजिए, फिर आगे में सब संभाल लूँगा और यह कहते हुए में उसके बूब्स सहलाने लगा और उसको किस करने लगा। फिर उसने खुद को छुड़ाने की नाकाम कोशिश की, लेकिन मैंने उसे छूटने नहीं दिया और अब में उसके पूरे बदन को चूमने और चाटने लगा था। फिर थोड़ी देर के बाद वो भी गर्म हो गयी और मेरा साथ देने लगी। अब मैंने उसके लिप्स चूमने शुरू कर दिए थे। अब वो भी मेरे होंठ चूमने लगी थी। फिर हमारा चुंबन यही कोई 10-15 मिनट तक चला। अब तब तक हम दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे। अब मेरा लंड मेरी चड्डी फाड़कर बाहर आने को तड़प रहा था। फिर मैंने जल्दी से खुद को नंगा किया और मेरा खड़ा हुआ लंड जो कि करीब 6 इंच का है, उसे देखकर मेरी भाभी की आँखें फटी की फटी रह गयी और उसने जल्दी से मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे चूसने लगी।

फिर करीब 10 मिनट तक चूसने के बाद मेरा लंड लोहे की तरह कड़क हो गया। अब हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये थे और फिर मैंने भी उसकी चूत को चाटना शुरू किया। फिर जैसे ही मैंने मेरी जीभ उसकी क्लीन शेव चूत पर लगाई तो वो सिसक उठी और अपने मुँह से अजीब-अजीब आवाज़ें निकालने लगी। फिर में 15 मिनट तक उसकी चूत को मेरी जीभ से चोदता रहा और वो मुझसे चुदवाती रही। अब इस 25-30 मिनट के फॉरप्ले के दौरान वो 2 बार झड़ चुकी थी और उसकी चूत से पानी बह रहा था और उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। फिर उसने मेरे लंड को पकड़कर खुद की चूत पर रख दिया और धीरे से बोली कि मेरे प्यारे देवर आज अपनी भाभी को खूब प्यार करो, मुझे अपनी बीवी बना लो और पूरी रात मेरे साथ प्यार करो। अब उसके मुँह से यह सुनकर मुझे भी जोश आ गया था और फिर मैंने एक धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया। उसकी चूत बहुत टाईट थी और उसकी चूत को देखने से ऐसा नहीं लगता था कि वो दो बच्चों की माँ है। फिर मैंने एक धक्का और मारा तो मेरा लगभग पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया।

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अब उसके मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गयी थी। फिर मैंने उसके लिप्स पर मेरे लिप्स रखकर उसे लिप किस करके एक और जोरदार धक्का मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत की जड़ तक घुस गया और फिर में दनादन शॉट लगाने लगा। अब वो मेरी चुदाई से खुश होकर बड़बड़ा रही थी। फिर मैंने उससे पूछा कि भाभी मज़ा आ रहा है? तो उसने कहा कि मुझे भाभी मत कहो, मुझे गीता कहो, आज से में तुम्हारी भाभी सिर्फ़ दुनिया को दिखाने के लिए हूँ असल में तो अब में तुम्हारी बीवी बन चुकी हूँ, अब जब भी मर्ज़ी हो तुम मुझे चोद सकते हो, मेरी पूरी जवानी अब सिर्फ़ तुम्हारी है। अब ये सुनकर मेरे लंड को नया जोश आ गया था और अब में उसे बड़ी रफ़्तार के साथ चोदने लगा था। फिर करीब 30-35 की चुदाई के बाद मैंने मेरा लंड उसकी चूत में से बाहर निकाला और उसे घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी चूत में एक ही झटके में अपना पूरा लंड घुसा दिया।

अब वो मेरे इस हमले के लिए तैयार नहीं थी इसलिए चिल्ला उठी और बोली कि धीरे करो मेरे रोहन, में अब सिर्फ़ तुम्हारी ही हूँ और मुझ पर तुम्हारा पूरा अधिकार है, चोदो अपनी रानी को, ज़ोर से चोदो, आज इस चूत को फाड़ दो, इसने मुझे बहुत परेशान किया है। फिर में उसकी चूत 10 मिनट तक मारता रहा और फिर मैंने उसे उसके पलंग (बेड) के किनारे पर लेटा दिया। अब उसके पैर जमीन पर थे। फिर में उसके दोनों पैरो के बीच में आ गया और उसे चोदने लगा। अब वो नीचे से उछल-उछलकर मुझसे चुदवा रही थी और अज़ीब सी हमममममममम, ऊओह, जोर से, सीईई चोदो जैसी आवाज़ें निकाल रही थी। फिर जब 1 घंटे की चुदाई के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने पूछा कि गीता अब में झड़ने वाला हूँ, बोल मेरी रानी में मेरा वीर्य कहाँ निकालूं? तो उसने कहा कि ये भी कोई पूछने की बात है? एक पति अपना वीर्य अपनी बीवी की चूत में ही डालता है और तुम मेरे पति हो, अपना वीर्य मेरी चूत में ही गिरा दो और उसे अपने पानी से भर दो।

फिर कुछ ही धक्को के बाद मैंने मेरा सारा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया और अपना लंड उसकी चूत में ही डाले हुए पड़ा रहा। अब मेरी 1 घंटे की चुदाई में मेरी गीता की चूत 7-8 बार झड़ चुकी थी। फिर उसने कहा कि मेरे रोहन अब तुम मुझे जब भी मौका मिले जरूर चोदना, में तुमसे चुदवाने के लिए हर वक़्त तैयार हूँ। फिर मैंने कहा कि जरूर मेरी गीता रानी, तुमको चोदने के लिए में भी हर वक़्त तैयार हूँ और फिर हम एक दूसरे को सहलाने लगे और फिर मैंने उसे मेरी बाहों में उठा लिया और उसे लेकर बाथरूम में चला गया।

फिर हम दोनों ने वहाँ एक-दूसरे को साफ किया। अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था तो मैंने गीता को बाथरूम में लेटाकर फिर से 25-30 तक चोदा। फिर हम दोनों ऊपर आ गये और सो गये। फिर दूसरे दिन सुबह गीता मुझे उठाने आई और बोली कि रात को ज़्यादा मेहनत की इसलिए थक गये क्या? तो मैंने उसे स्माइल देते हुए कहा कि नहीं मेरी रानी, में थकने वाला नहीं हूँ। फिर हम दोनों नीचे आ गये और फ्रेश होकर चाय-नाश्ता किया। फिर में मेरी बुआ के घर पर करीब 15 दिन रुका और इस बीच हम दोनों हर रात 3-4 बार चुदाई करते थे। अब में जब भी इंदौर जाता हूँ तो में और मेरी गीता भाभी चुदाई जरूर करते है और खूब मजा करते है ।।
धन्यवाद



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