आंटी का दूध पी के चूत मारी उसकी

हाई दोस्तों ये सेक्स कहानी मेरे जीवन के एक सच्चे अनुभव का शाब्दिक वर्णन हे. ये घटना मेरी लाईफ में जब मैं 18 साल का था तब घटी थी. मेरा नाम हरीश हे और अभी मैं 25 साल का हूँ. मैं बंगलोर में एक एमएनसी में काम करता हूँ. मेरी बॉडी अथ्लेटिक हे. मैं मूलरूप से मराठी हूँ. ये बात तब बनी थी जब मैं कोलेज में पढ़ाई कर रहा था.

मैं बोर्डिंग में रह के पढाई करता था. और मैं अक्सर बोर्डिंग से अपने नाना के घर पर जाता था. वहां मेरी नानी, अंकल जो की पुलिस में हे वो और उनकी वाइफ रहते थे. मेरे अंकल की वाइफ ही मेरी कहानी की हिरोइन हे. ­अंकल और आंटी के दो बच्चे भी हे. बड़ा अभी दूसरी में और छोटा सिर्फ छ सात महीने का ही था.

आंटी का नाम रम्भा हे और वो दिखने में एकदम सेक्सी हे. जब ये बात हुई तब तो वो बीस पचीस साल की ही रही होंगी. मेरे अंकल मेरे से वैसे उम्र में काफी बड़े नहीं हे. और आंटी की शादी अपने से उम्र में बड़े आदमी से हुई थी ऐसा आप कह सकते हो. आंटी के बूब्स एकदम बड़े इ और गांड का साइज़ भी काफी फैला हुआ हे. उसको देख के किसी का भी मन खराब हो जाये वैसा उसका ओवरआल फिगर हे.

उन दिनों अंकल की नाईट शिफ्ट थी और वो शाम को 6 बजे घर से निकल जाते थे. उनके जाने के बाद घर में मैं नानी, आंटी और बच्चे ही रहते थे. मैं बच्चो के साथ खेलता था. आंटी मेरे साथ एकदम फ्री थी. वो मेरी अच्छी केयर भी करती थी. आंटी अक्सर अपने बच्चे को मेरे सामने ही दूध भी पिलाती थी. उसके निपल्स बच्चे को दूध पिलाने की वजह से एकदम बड़े बड़े थे.

रात को नानी अपने कमरे में ही होती थी. और वो दिनभर पूजापाठ करती थी और रात को भगवान का नाम ले के सो जाती थी. रात को मैं बच्चो को कहानियाँ सुनाता था और हम मस्ती भी करते थे. वैसे मुझे आंटी को ले के कोई गलत फिलिंग नहीं थी लेकिन उस जब जब गलती से हाथ उनके बूब्स को लग गया तो सब बदल गया. वो हॉट बूब्स एकदम सॉफ्ट थे और उनके हाथ से लगने पर मेरे पुरे बदन में करंट दौड़ गया था.

अंकल की नाईट शिफ्ट होने पर मैं आंटी और बच्चो के साथ उनक=के कमरे में ही सो जाता था. बच्चे हम दोनों के बिच में होते थे. एक रात को कुछ अजीब सी आवाजें आई मुझे. मैंने उठ के देखा तो वो आंटी ही थी जो रो रही थी. मैंने उससे पूछा की क्या हुआ आंटी? उसने कुछ नहीं बताया मुझे. लेकिन मैंने जिद्द की और उसे कहा की आप को क्या तकलीफ हे प्लीज मुझे बताओ आंटी.

आखिर में बहुत सब हेसिटेशन के बाद उसने मुझे अपने दुःख की वजह बता ही दी. उसने बताया की उसका बच्चा सही तरह से दूध नहीं पीता था कुछ दिनों से . और उस वजह से उसके बूब्स में काफी पेन हो रहा था. और वही दर्द की वजह से वो रो रही थी. पहले तो मैंने कुछ भी नहीं कहा. फिर मैंने आंटी को पूछा की क्या मैं आप की कुछ मदद कर सकता हूँ? उसने ना कहा मुझे. फिर वो बोली कैसे मदद करोगे? मैंने कहा आप के दूध को पी जाऊँगा मैं. वो बोली नहीं नहीं किसी को पता चल गया तो. मैंने उसे शांत किया और कन्विंस किया की किसी को पता नहीं चलेगा कुछ भी घबराओ मत आप. आखिरकार आंटी मेरी मदद लेने के लिए अग्री हो गई.

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आंटी ने धीरे से अपने गाउन की ज़िप को खोला और अपने एक बूब को बहार निकाला. मैंने सीधे ही उसकी गोदी में अपना सर रख दिया और निपल को मुहं में भर के चुसना चालू कर दिया. आंटी का मीठा दूध मेरे मुहं में निकलने लगा था. मैं 10 मिनिट तक आंटी के मस्त बूब को चूसता रहा फिर आंटी ने अपने दुसरे बूब को निकाल के मेरे मुहं में इ दिया. मैंने उसके अन्दर के भी सब दूध को सक कर के पी लिया.

आंटी के दूध को पिने के बाद मेरे मन  में उसको चोदने के खवाब आने लगे थे. मैंने अपने हाथ को बूब्स पर रख के दबाया तो उसने कहा प्लीज़ स्लो से दबाओ दर्द होता हे. फिर उसने अपने हाथ को मेरे लंड के ऊपर रखा और धीरे से मसलने लगी. आंटी ने पेंट की ज़िप को खोल दी और हाथ को चड्डी में डाल के लंड को हिलाया. फिर लंड को बहार निकाल के वो चूसने भी लगी. मेरा लंड उसके मुहं में था और मैं उसके बूब्स को मसल रहा था. मैं सच में जैसे सातवे आसमान के ऊपर था.

अब कुछ देर के बाद मैंने आंटी को उठाया और उसके कपडे खोलने लगा. आंटी की पेंटी हटा के मेरी निगाहें उसकी चूत के ऊपर जम सी गई थी. आंटी भी मेरी हालत को खूब समझ रही थी. और उसके होंठो के ऊपर एक कातिल स्माइल थी. उसके लव होल को देख के मेरी उत्तेजना और भी बढ़ चुकी थी.

आंटी के चूत के उपर हलके हलके से बाल थे और वो एकदम सेक्सी लग रहे थे. मैंने धीमें से अपने हाथ को आंटी की चूत पर रख के सहलाया. वो सिहर उठी और एक ठंडी आह ली उसने. मैं हाथ को चूत की फांक के ऊपर घिसा और वो कराह उठी. उसकी चूत में भी पानी निकल गया जिसका अहसास मेरे हाथ के उपर हो रहा था.

आंटी ने मेरे माथे को अपनी चूत के ऊपर दबा के कहा, चाट ले अपनी मामी के बुर क शहद को बेटा.

मैंने आंटी की बुर के ऊपर होंठो को लगा के थोडा चाटा, वाऊ क्या हल्का खारा सवाद था आंटी की बुर का! आंटी भी खुद के ऊपर अब कंट्रोल नहीं कर पा रही थी. मैंने जबान को पूरा अन्दर डाला तो वो पागल सी हो चुकी थी. कुछ देर तक मैं आंटी की चूत को ऐसे ही मस्ती से चूसता गया. अब आंटी ने मुझे कहा मेरे से अब रहा नहीं जा रहा हे जल्दी से अपने लंड को मेरी बुर में डाल दे. आज से पहले मैंने किसी को भी नहीं चोदा था. अपनी वर्जिनिटी लूज करने के ख़याल से मैं एकदम उत्साहित था.

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आंटी ने अपे लेग्स को स्प्रेड कर दिए और बोली, आजा जल्दी से डाल दे अंदर. मैंने आने लंड को आंटी की चूत में घुसाया और चुदाई की असली फिलिंग को महसूस की! आंटी ने मुझे अपने उपर खिंच के पुरे लंड को अंदर लेने की इच्छा दिखा दी. वो प्यार और हवस की वजह से उछल रही थी.

मैं आंटी के बूब्स को चूसते हुए उसको चोद रहा था. पांच मिनिट में ही मेरा वीर्य निकल गया उसकी चूत में. आंटी ने मुझे जोर से हग कर लिया और बोली अभी निकालना मत इसे. वो मेरे होंठो को चूसने लगी और जोरदार हग कर रखा था उसने. कुछ देर में उसने हाथ से मेरे लंड को बहार निकाला और उसको हिलाने लगी. फिर आंटी ने मेरे पुरे लंड को अपने मुहं में ले के चुसना चालू कर दिया. बाप रे क्या मस्त अंदाज था उसके लंड को चूसने का. फिर हम दोनों ने 69 पोजीशन बना ली. मैं उसकी चूत को चूस रहा था और वो मेरे लंड को चाट रही थी.

पांच मिनिट के बाद आंटी ने मुझे फिर से उसकी चूत को चोदने के लिए कहा. उसने टाँगे खोल के मुझे अपने ऊपर ले लिया. मैं फिर से उसकी चूत में अपने लंड का पम्पिंग करने लगा था. वो जोर जोर से कराह रही थी और मुझे कह रही थी की तुम मस्त चुदाई करते हो मेरी जान!

 

पांच मिनिट के बाद मैंने आंटी को कुतिया बना दिया और पीछे से उसकी चूत को चोदने लगा. दूसरी ही मिनिट एक बड़ी मोअन के साथ वो झड़ गई. मैं भी झड़ने को ही था. मैंने अपनी चुदाई को एकदम फास्ट कर दिया और उसको ठोकने लगा.

मैंने उसे टाईट हग किया और अपने लंड का सब पानी चूत में निकाला. वो थक गई थी. हमने खड़े हो के अपने कपडे पहन लिए जैसे कुछ हुआ ही नहीं था.

लेकिन दुसरे दिन से आंटी का स्वभाव और भी हॉट हो गया था. वो अब जानबूझ के अपनी गांड मेरे लंड पर घिसती थी. नानी और मामा का ध्यान ना हो तो वो अपने बूब्स हिला के दिखाती थी और मेरे लंड को भी पकड़ लेती थी. पुरे वेकेशन में मैं मम्मी पापा के पास गया ही नहीं. मामा की नाईट शिफ्ट में मुझे आंटी का दूध पिने को और उसकी चूत चोदने को जो मिलती थी!

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