कहानी घर घर की

मां कविता बाहर दरवाज़े से सब कुछ देख रही थी और मन ही मन खुश हो रही थी उसके अपने बच्चे कितने प्यार से एक दूसरे के साथ रहते हैं और एन्जॉय करते हैं।

ये सब क्या चल रहा है तुम भाई बहन में?

अरे मां वो, वो, क्या है न के, बस कुछ नहीं ऐसे ही आशा से बात करने आ गया था, कुछ नहीं मां कोइ खास बात नहीं है।

मैं ने सब सुन लिया है पर तुम्हें परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं है, मैं बिल्कुल नाराज़ नहीं हूं उल्टा मैं बहुत खुश हूं तुम दोनों में इतना प्यार और अपनापन है। जो कुछ करना है जल्दी जल्दी करो, मैं हाल में बैठती हूं।

थैंक्स मां तुम कितनी अच्छी हो, वैसे तुम भी हमें ज्वाइन करो न, जब तक भैया मेरी गांड चूसता है, मैं भी तुम्हारी गांड को टेस्ट करती हूं और फिर हो सके तो कुछ मैं भी तुम्हारी गांड से खा लुंगी, आओ न मां।

नहीं बेटी , मेरी फ़्रेंड पार्वती बहुत दिनों बाद आयी है मुझसे मिलने मैं उस से हाल में बातें करती हूं तुम लोग जल्दी से ये सब खत्म करके अपने अपने काम पे लग जाओ।

और बताओ कविता सब कुछ कैसा चल रहा है?

सब ऊपरवाले की दया है, घर में खुशियां ही खुशियां हैं, पार्वती

और तुम्हारे बच्चे दिखाई नहीं दे रहे कहां है?

अरे वो दोनो तो किचन में खूब मस्ती कर रहे हैं, मेरा बेटी आशा बहुत बड़ी छिनाल है, अपने भाई समीर से गांड चुसवा रही है, अभी तक तो उसके मुंह में हग भी दिया होगा। और समीर भी अपनी बहन से बहुत प्यार करता है, वो भी अपनी बहन की चूत और गांड का पूरा पूरा ख्याल रखता है। रात को मेरी चूत और गांड भी एक करके चोदता है मादरचोद। मैं बहुत किस्मत वाली हूं पार्वती जो मुझे ऐसा परिवार मिला है।

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बहुत खुशी हुई ये जानकर तुमने अपने बच्चों को इतने अच्चे और सेक्सी संस्कार दिये हैं। मैने भी अपने परिवार को बिल्कुल चुदक्कड़ बना दिया है, कोई भी किसे भी जब चाहे जितना चाहे जिधर चाहे चोद सकता है। लेकिन एक बेटे की कमी महसूस होती है, मेरी सिर्फ़ एक बेटी है जो मुझसे भी बड़ी रांड है, लंड के बगैर एक घंटा भी नहीं रह सकती। मेरे ओम का भडवागिरी का धंधा है जो मस्त चल रहा है। बस ऊपरवाले की दया है।

तभी पार्वती को किसी का फोन आता है।

हैलो पार्वती भाभी मैं पल्लवी बोल रही हूं, आपके लिये एक बुरी खबर है, श्रुति को पुलिस ने बाज़ारू रांड समझ कर अर्रेस्ट कर लिया है।

क्या हुआ पार्वती, तुम इतनी घबरायी हुई सी क्युं हो, सब ठीक तो है न?

अब क्या बताउं कविता, न जाने इस श्रुति ने फिर क्या कर दिया है। पुलिस उसे रंडिगी के जुर्म में पकड़ के ले गयी है। मुझे अभी इसी वक्त पुलिस स्टेशन जाना होगा।

श्रुति बेटा ये सब क्या है, क्युं पुलिस तुम्हें यहां पकड़ के लायी है। क्या रंडीपन किया तुमने ??

ममा वो क्या है न के मैं रोड एक किनारे पे बैठ के मूत रही थी, तभी एक १४ साल का बच्चा आके मुझे और मेरी चूत को घूरने लगा, मैने उस से पूछा, क्युं बे साले क्या देख रहा है, कभी किसी लड़की को मूतते हुए नहीं देखा है क्या? तो वो कहने लगा देखा है तो मगर ऐसी मस्त चूत कभी नहीं देखी। मुझे उसकी बात अच्छी लगी और मैं उसकी पैंट खोल के उसका लौड़ा मुंह में लेके चूसने लगी। इतने में पल्लवी आंटी ने मुझे वहां देख लिया और शायद उन्होने ही पुलिस को कंप्लेंट कर दी।

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