कॉन्ट्रेक्टर ने की मजदूर लड़की की चुदाई

हाय दोस्तों, मैं आपका मूडचेंजरबॉय फिर से हाज़िर हु एक नयी सेक्स कहानी लेकर। ये कहानी मेरी एक रीडर की है, जो स्कूल में टीचर है। जब उसने मेरी स्टोरी पढ़ी, तो उसने मुझे कांटेक्ट किया, और उसने मुझसे रिक्वेस्ट की, कि मैं उसकी सेक्स कहानी को आप तक पहुंचाऊ। तो बिना टाइम बर्बाद करे मैं उसी की ज़ुबानी आपको कहानी सुना रहा हु।

मेरा नाम मुस्कान (नाम चेन्ज्ड) है। मेरी उमर 37 साल है, और मैं गुजरात के एक छोटे से टाउन से हु। मैं एक छोटी सी स्कूल में अस अ टीचर जॉब करती हु। हमारा स्कूल प्राइवेट है, और उसके जो ओनर है उन्होंने स्कूल की सारी ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर रखी हुई है। मुझे ही स्कूल का सब काम देखना होता है।

मैं अपनी फॅमिली के बारे में बता देती हु। हमारी शादी के बाद जब मेरा बड़ा बेटा हुआ, तब मेरे शौहर को गवर्नमेंट जॉब मिल गयी। अब सरकारी नौकरी को कौन ठुकरा सकता है? तो वो आ कर इस छोटे से टाउन में शिफ्ट हो गए। अब मैं अकेली बच्चा तो संभाल नहीं सकती थी, तो जब मेरा बेटा एक साल का हो गया तो मैं इस अनजान जगह में आ गयी।

मैं यहाँ बहुत बोर हो रही थी। जब मेरा बड़ा बेटा 3 साल का हो गया, तो मैने एक छोटे से सेंटर में एस अ टीचर जॉब करना शुरू कर दिया। जॉब के दौरान मेरा दूसरा बेटा हुआ, तब मेरी अम्मी जान ने 2-3 साल रुक कर मेरे दोनों बेटो को बड़ा करने में मेरी मदद की। हम अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा देना चाहते थे, इसलिए हमने और बच्चो के बारे में सोचा नहीं।

जैसे-जैसे साल बढ़ते गए, सेंटर स्कूल में बदल गया। हमारे स्कूल ओनर उनकी फॅमिली के साथ लंडन सेटल हो रहे थे। और मैं सबसे पुरानी टीचर थी, तो मुझे सारा हिसाब-किताब दे दिया, और साथ मैं स्कूल की सारी ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर रख दी गयी।

मेरे सामने ही स्कूल की तरक्की हुई थी, और बच्चे भी बड़े हो रहे थे। इसलिए मुझे स्कूल से और बच्चो से लगाव हो गया। और शायद इसीलिए मैं अपनी जॉब को जॉब की तरह नहीं पर एक इमोशन से काम कर रही हु।

अब मैं अपने बारे में बता देती हु। मैं 37 साल की हो गयी हु। मैं दिखने में खूबसूरत हु। मेरा रंग गोरा दूध जैसा है। मेरी हाइट 5’3” है, और मेरा शरीर भरा हुआ है। मेरी साइज 34D-30-38 है, और मैं अब रेगुलर एक्सरसाइज करने लगी हु। मैं अपने फिगर का ध्यान रख रही हु। अब मेरे में इतना बदलाव कैसे आया आपको धीरे-धीरे समझ आ जायेगा।

मैं स्कूल में सलवार-कमीज़, लेगिंग-कुर्ता, या कभी-कभार कोई फंक्शन होता है तो मैं साड़ी पहन कर जाती हु। मुझे टाइट कपडे पहनना पसंद है, तो उसमे मेरा ड्राफ्ट अच्छे से दिखता है। मैं सिम्पल रहती हु, फिर भी लोगों की नज़र मेरे ऊपर रहती है।

मैं हु 37 की। पर मुझे देख कर कोई बता नहीं सकता कि मैं 2 बच्चो की अम्मी हु। मैं अभी भी 25 की लगती हु। मैने कितनो को मेरा जिस्म को ताड़ते हुए देखा है। जवान लड़कों से लेकर बुड्ढो तक मुझे लालच भरी निगाहों से देखते है। मैं हमारे मोहल्ले से गुज़रती हु तो सब की नज़र मेरी उभरी हुई गांड पर रहती है।

और दोस्तों मुझे सेक्स करने का पहले से बहुत मन करता है। मेरे शौहर के साथ मेरे सेक्सुअल रिलेशन भी अच्छे है। हम हफ्ते में 2 बार चुदाई करते है। पर मेरे अंदर की आग बुझ नहीं पाती है। मुझे पोर्न देखना, और ऐसी अंतरवासना स्टोरी पढ़ना अच्छा लगता है। मेरा मोबाइल भी पोर्न के कलेक्शन से भरा पड़ा है।

मुझे जब सेक्स करने का मन करता है, तो मैं उंगली कर लेती हु। फिर चाहे घर पर हो या स्कूल में। स्कूल में मुझे एक प्राइवेट केबिन प्रोवाइड किया है, और मैंने अपने केबिन में कैमरा नहीं लगाया है।

अब आते है मैं कहानी पर। ये बात है 2 साल पहले की। मेरी स्कूल में नयी बिल्डिंग का काम चल रहा था। स्कूल का टाइमिंग है सुबह 7:45 से 12:45 का। पर मैं घर पर देर से जाती थी। मैं हमेशा स्कूल के काम खत्म करके ही जाती थी। क्योंकि मेरे शौहर का ड्यूटी जाने का टाइम फिक्स था, पर घर आने का कोई फिक्स नहीं था। वो कभी-कभी रात को लेट घर आते थे, और मेरे दोनो बेटे जो अभी 14 साल और छोटा वाला 10 साल के थे, वो स्कूल चले जाते थे।

घर पर बोर होने से अच्छा मैं स्कूल में अपना मन लगाती थी। और मुझे मेरी जॉब से बहुत प्यार है। क्योंकि मैं स्कूल के सारे बच्चो को अपना बच्चा समझती हु।

तो हुआ यू की एक दोपहर के 3 बजे मुझे ख्याल आया कि जो नया कंस्ट्रक्शन हो रहा था, वहाँ एक राउंड लगा कर आऊ। मैं स्कूल के टॉप फ्लोर पर थी, और मेरी नज़र बिल्डिंग के बाजू में बन रहे टॉयलेट की और गयी, जो अभी अंडर कंस्ट्रक्शन था।

मैं आपको बता देती हु हमने जिस कांट्रेक्टर को काम दिया था, उसका नाम अर्जुन सिंह था। उसकी एज तकरीबन 25-26 साल होगी। अर्जुन एक-दुम गोरा-चिट्टा, और शरीर से एक-दुम फिट है। वो काफ़ी हैंडसम दिखता है। वो रेगुलर जिम जाता है। उसकी बॉडी काफ़ी मस्त है। वो जिम में ट्रेनिंग भी देता है। मुझे उसकी मूछे बहुत पसंद थी। मैंने जब उसको पहली बार देखा, तब से उसके लिए कुछ फील करने लगी थी। और उसके साथ जो लड़की थी, उसकी एज 19-20 साल होगी।

मैंने देखा की अर्जुन और वो लड़की टॉयलेट के अंदर गए, और दोनों ऐसे गए जैसे उनको कोई देख तो नहीं रहा था। मुझे थोड़ा शक हुआ तो मैंने सोचा क्या चल रहा था ज़रा देख लेती हूँ। मैं दबे पाँव वहाँ गयी। मैंने चुपके से जो नज़ारा देखा, वो देख कर मेरी धड़कने बढ़ गयी।

मैंने देखा कि दोनों के बीच ज़बरदस्त चुदाई चल रही थी। अब सिविल के जो कॉन्ट्रैक्टर होते है, वो अपने मज़दूर की बीवी और बहनों को चोदते रहते है, ये बात तो नॉर्मल है। पर मैं तो हैरान हो गयी क्यूँकी दोनों की उम्र में इतना बड़ा गैप था। मुझे वो देख कर घबराहट सी होने लगी, तो मैं वहाँ से मेरे ऑफिस भाग आई। उस दिन मैं घर पर जल्दी निकल गयी। पर मेरे दिमाग में जो मैंने देखा था, वहीं सीन चलने लगा।

नेक्स्ट डे जब मैं स्कूल गयी, तब मेरी नज़र उस मज़दूर लड़की पर गयी। मैंने उसके बारे में थोड़ा पता किया, तब पता चला कि उस लड़की नाम रेशमा था। उसके निकाह को सिर्फ 6 महीने हुए थे, और वो अपने शौहर के साथ यहां कंस्ट्रक्शन में लेबर का काम करती थी। रेशमा की बात करूं, तो थोड़ी सांवली सी लेकिन खूबसूरत लड़की थी। उसके शौहर का नाम सलीम था। जो 23 साल का लड़का था। अर्जुन की उस हरकत से मैं उस पर नज़र रखने लगी।

जब स्कूल के बच्चे चले जाते, तब तक उन लोगों का दोपहर का खाने का हो जाता था। मैंने 2-3 दिन अर्जुन की हरकत को नोटिस किया। एक दिन उसने सलीम को बुलाया, और उसको कुछ सामान लेने मार्केट भेज दिया। मैंने अपने ऑफिस में जा कर जो मूविंग कैमरा था, उसका फोकस अर्जुन की और कर दिया। फिर मैं अर्जुन की सारी हरकतों को मॉनिटर कर रही थी।

थोड़ी देर बाद उसने कुछ इशारा किया और रेशमा उसके पीछे जाने लगी। वो दोनो उस टॉयलेट की और बढ़ रहे थे। यहां मेरी धड़कने तेज़ होने लगी। थी। पता नहीं क्यूँ, पर मुझे उनकी चुदाई देखने का मन करने लगा, और मैं अपने ऑफिस से निकल कर टॉयलेट की तरफ गयी।

मैंने पहले से इन्स्पेक्शन करके रखा था। टॉयलेट में प्लास्टरिंग का काम बाकी था, तो 2 टॉयलेट के बीच में ब्रिक्स को छोड़ा हुआ था। वहाँ से मुझे उनकी लाइव चुदाई दिख सकती थी। मैं दबे पाओं बाजू वाले टॉयलेट में चली गयी। फिर मैं जहाँ ब्रिक्स को छोड़ा हुआ था, वहाँ से झाँक कर देखने लगी। मुझे अर्जुन और रेशमा की बातें सुनाई दे रही थी।

अर्जुन: रेशमा आज तो तुम कमाल की लग रही हो। और तुम्हारे बदन से मस्त खुशबु आ रही है।

रेशमा: हा वो सेठ मैं आज इत्तर डाल कर आयी हु। उसी की खुशबु आ रही है।

अर्जुन: यार कब से मेरा लंड तेरी चुत में जाने के लिए तड़प रहा है।

रेशमा: मेरा भी बहुत मन कर रहा था। आप तो कितना इंतज़ार करवाते है।

मैं उसकी बात सुन कर बहुत हैरान हो गयी कि एक 19 साल की लड़की 25-26 साल के पराये मर्द से चुदने के लिए तैयार हो रही थी। मुझे लगा पैसों के लिए ये बेचारे किसी से भी चुदने को तैयार हो जाते होंगे। पर यहाँ मामला कुछ और था।

रेशमा: सेठ आप ही मुझे संतुष्ट करते हो। आप जैसा मज़ा तो सलीम भी नहीं देता।

मैं ये सब सुन कर हैरान हो रही थी। अब तो मैं भी इनकी चुदाई देखने के लिए एक्साइटेड थी।

अर्जुन: तेरी माँ भी मेरे से बहुत बार चुदी है। तेरी बहन से भी मेरे लंड के बिना रहा नहीं जाता था। अब साली तू भी मेरे लंड की दीवानी हो गयी है।

रेशमा: हा साब, आपकी और अम्मी की चुदाई देख कर तो मैं भी आपसे चुदवाने चली आयी थी। और आपसे चुदवाने के लिए तो ससुराल छोड़ कर सलीम को लेकर यहां आ गयी (मेरे तो ये सब सुन कर होश उड़ गए)।

अब मुझे हल्का दिख रहा था कि वो दोनो एक-दूसरे के जिस्म को चूम रहे थे। और अर्जुन से ज़्यादा एक्साइटेड तो मुझे रेशमा लग रही थी। वो दोनो मेरे से कुछ 2 फीट की दूरी पर थे। बस बीच में दीवार खड़ी थी।

अर्जुन ने उसकी पैंट खोल कर लुंड बाहर निकाला। उसका लुंड देख कर मेरे होश उड़ गए। पोर्न में जो विदेशी मर्दों का होता है, उनके जैसा उसका लौड़ा था। वो देख कर तो मेरा मुँह खुला रह गया। अगर बीच में दीवार ना होती, तो वो मेरे मुँह से 2 फुट की दूरी पर था।

उसका लुंड चिकना, क्लीन शेव और काफ़ी मोटा था। और उसका टोपा गुलाबी रंग का दिख रहा था। लुंड की साइज़ ऑलमोस्ट मेरे शौहर से डबल था। मैं तो वो देख कर ही बौखला गयी। फिर मैं चुपके से वहाँ से भाग आई, और मैं अपने ऑफिस में एसी ऑन करके बैठ गयी।

मेरी पूरी बॉडी पसीने से लथ-पथ हो गयी थी। फिर मैंने पानी पिया और राहत की सांस ली। अर्जुन का लंड देख कर मेरा माथा घूम गया था। मैं फिर घर चली गयी। मेरा कहीं मन ही नहीं लग रहा था। अर्जुन का लंड मेरे दिमाग से जा नहीं रहा था।

ऐसे ही एक दिन फिर से मुझे रेशमा और अर्जुन न्यू बिल्डिंग की छत पर जाते हुए दिखे। हमारी स्कूल की बिल्डिंग में जो मूविंग कैमरा है उसका ज़ूम बहुत अच्छा है। तो मैंने वो उनकी तरफ फोकस कर दिया। अब मुझे उन दोनो की होने वाली चुदाई अच्छे से दिख रही थी।

मुझे तो ये लग रहा था कि मैं तो पोर्न देख रही थी। अर्जुन और रेशमा की चुदाई देख कर मैं गरम हो गयी। मुझे चुदाई की इतनी उत्तेजना होने लगी कि मेरे से रहा भी नहीं जा रहा था। मैं अपनी लेगिंग्ज में हाथ डाल कर चूत में उंगली करने लगी, और मैं झड़ गयी।

मैं इतना सारा झड़ गयी की मेरी चूत के रस से मेरी पैंटी गीली हो गयी। मैंने अपने आप को संभाला, और मैंने अर्जुन और रेशमा की चुदाई की रिकॉर्डिंग मेरे मोबाइल में स्टोर कर दी। फिर मैंने डेटाबेस से वो डिलीट कर दी।

उसके बाद मैं ऑफिस को बंद करके निकल ही रही थी, कि मुझे अर्जुन मेरे ऑफिस में मिलने आया। मैं उसको देख कर थोड़ी बेचैन हो गयी। मेरे माथे पर पसीना आने लगा था। अर्जुन ने मुझे देखा और कहा-

अर्जुन: मैडम जी, आपकी तबियत तो सही है ना? आज आप बहुत परेशान लग रही है।

अब मैं उसको कैसे समझाती, कि उसकी ही चुदाई देख कर तो मेरा ये हाल हुआ था।

मैं: अरे ऐसा कुछ नहीं है। बस गर्मी बहुत है ना। आपको कुछ काम था मेरे से?

अर्जुन: हा मैडम जी। वो थोड़ा हिसाब देख लेते तो अच्छा होता। मजदूरों को पैसा देना है।

मैं सोच में पड़ गयी कि अब जो आदमी मेरे सामने इतना नॉर्मल रिएक्ट कर रहा था, वो थोड़ी देर पहले एक लड़की की चुदाई करके आया था। मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसको क्या बोलू। क्यूंकि मेरे दिमाग में अब भी उसका लंड और चुदाई चल रही थी। तो मैं बोली-

मैं: आप कल मुझे मिलिए। अभी मुझे घर जाना है। कल आपसे शांति से बात करुंगी।

सच कहूं तो मैं उस टाइम पर चुदाई के लिए तड़प रही थी। मेरे से अब कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैं घर आ गयी और अपने कपडे निकाल कर ब्रा पैंटी में बेड पर लेट गयी। मैं मोबाइल में कैमरा रिकॉर्डिंग क्लिप निकाल कर अर्जुन और रेशमा की चुदाई देखने लगी। वो देख कर मैं इतनी गरम हो गयी कि मैंने ब्रा पैंटी भी निकाल दी, और चुत में उंगली करने लगी।

मैंने तब तक उंगली की, जब तक मेरी चुत से पानी ना निकल जाए। मैं इतना सारा पानी झड़ गयी कि मेरी चादर भी खराब हो गयी। फिर मैं वैसे ही नंगी सो गयी। जब मेरी नींद खुली, तब मेरे बच्चों का घर आने का टाइम हो गया था। मैं बाथरूम में जा कर फ्रेश हो गयी, और शाम का सारा काम करने लगी। पर मेरा मन कहीं लग नहीं रहा था।

रात को मैं शौहर को स्माइल देकर नहाने चली गयी। उसके बाद क्या हुआ मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बताऊंगी।

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