ये कहानी तब की है जब मैं कुछ जानता भी नही था. पर मैं आप को मेरे बारे मे बता दू मेरा नाम पुलकित है. मैं जयपुर मे ही रहता हूँ और कुछ खास नही है मेरी फिज़ीक की आप को बताऊ.
तो मैं बता रहा था कि ये बात तब की है जब मैं ग्रो तो हो रहा था पर मेच्यूर नही मीन्स मुझे सेक्स, सेक्स स्टोरीस, अडल्ट मूवीस इन मे कोई इंटेरेस्ट नही था. मैं एक्लोता बेटा होने के कारण नाज़ो से पला था. हमारा घर भी बहुत बड़ा था. इसलिए घर का नीचे का पोर्षन हम रेंट पे देते थे. बात कोई 2 साल पुरानी है, दोपहर मे किसी ने बेल बजाई, मम्मी ने दरवाजा खोला तो कोई रेंट के लिए रूम पूछने आया था, मैं अंदर था. थोड़ी देर बाद मम्मी अंदर आई तो उन्होने बताया की कोई लड़की थी जो रेंट के लिए पूछ रही थी ओर कल से शिफ्ट हो रही है.
अगली सुबह करीबन कोई 9 बजे होंगे, एक 5फ्ट6इंच की लड़की ऑटो से उतरी. दिखने मे काफ़ी स्टाइलिश भी थी. मम्मी ने बताया यही है जो नीचे वाले पोर्षन मे रहेगी. मम्मी ने मुझे उसकी हेल्प करने को बोला ताकि वो अपना सामान सेट कर सके. मैने उसको रूम सेट करवा दिया ओर इसी बीच हमारा इंट्रो हुआ, उसका नाम सविता था, मेडिकल स्टूडेंट थी, कोटा से यहा मेडिकल स्टडीस के लिए आई थी. टाइम निकलता गया, मेरी ओर उसकी अच्छी पाटने लगी थी, वो भी मुझमे काफ़ी इंटेरेस्ट दिखाने लगी थी. एक दिन मैं ओर वो बैठे थे, वो पढ़ रही थी मैं भी ऐसे ही उसकी बुक्स देख रहा था, उसमे एक बुक सेक्स के बारे मे थी, नॉर्मली मैं कभी इन चीज़ो की तरफ अट्रॅक्ट नही हुआ, पर मैने उस बुक को थोड़ा पढ़ा, ऑर उस के बारे मे फ्रीक्वेंट्ली सविता से पूछने लगा, वो थोड़ी हिचकिचाई ऑर मुझे ज़्यादा कुछ नही बता के, मुझसे बुक ले ली.
फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझसे पूछा- तुम्हे सच मे इस के बारे मे नही पता या???
मैने कहा- सविता मेने तो नॉर्मली पूछा,मुझे पता होता तो क्यू पूछता.
देन उसने मुझे फिर बताना सुरू किया कि कैसे सेक्स होता है?? किस तरह से करना चाहिए?? एट्सेटरा.
इस दोरान मैं ओर वो दोनो एक दूसरे की तरफ अट्रॅक्ट हो रहे थे, ओर जैसे ही सविता चुप हुई मैने देखा कि मेरा लंड खड़ा हो गया है ओर सविता भी मुझे अजीब तरह से देख रही थी. फिर मैं उसके रूम से मेरे रूम मे आके सो गया. मुझे नींद नही आ रही थी थोड़ी देर बाद मैने सोचा जा के सविता से बात कर लेता हू तो मैं उस के रूम की तरफ चला गया.
वहाँ पहुँच के मैने देखा तो मेरी आँखे खुली रह गयी. सविता नंगी बेड पे सो रही थी ओर अपनी चूत मे ज़ोर ज़ोर ज़ोर से अंगुली डाल रही थी….मैं वहाँ खड़ा खड़ा सब देख रहा था…थोड़ी देर बाद वो रुक गयी. मैं अपने रूम मे वापस आ गया. उस रात पहली बार मैने मूठ मारी.
उस दिन के बाद मैं सविता को अलग तरह से देखने लगा,बस मैं उस के साथ सेक्स करने के बारे मे सोचता रहता था. मैने 4 5 अडल्ट मूवी देख के प्रॅक्टीस सुरू कर दी कि सविता को कैसे चोदना है. मैं अब बस मौके की तलाश मे था. एक दिन वो मौका मिल गया.
मैं घर अकेला था. सविता दोपहर मे कॉलेज से आई तो उसने पूछा सब कहाँ है मेने कहा सब शादी मे गये है, दो तीन दिन बाद आएँगे. मैने उसको बाहर चल के लंच करने का ऑफर दिया, उसने आक्सेप्ट कर लिया, वो ओर मैं तैयार हो गये ओर बाहर लंच के लिया बाइक पे निकल गये. लंच के बाद हम घूमने चले गये, दोनो को बहुत मज़ा आया. शाम को हम घर आ गये. सविता ने बोला वो खाना बना लेती है दोनो का. वो किचन मे खाना बनाने चली गयी.
फिर हमने खाना खाया ओर उसके बादे हम दोनो मेरे रूम मे बैठे थे. उसने मुझे अचानक हग किया ओर बोली थॅंक्स स्वीट हार्ट आज बहुत मज़ा आया. मुझे लगा आज मौका है, दिल की तमन्ना पूरी करने का. मैने उसके गाल पे किस कर दिया. वो शरमा के जाने लगी तो मैने उसे अपनी तरफ खींचा ऑर उसके होंठो पे अपने होठ रख दिए. वो भी मुझे रेस्पॉन्स दे रही थी.
किस करते करते मैं उसके बूब्स दबाने लगा ओर धीरे धीरे हम बेड पर आ गये. मैने उसके सारे कपड़े उतार दिए. उसने भी मेरा बेल्ट खोल के मेरी पेंट निकाल दी ओर मुझको अपने उपर खींच लिया. मैं उस के रस भरे स्तन चूस रहा था, वो आआअहहाअ आआआहहााअ की आवाज़े निकाल रही थी. उसने मेरा लोड्ा बाहर निकाल के अपनी चूत पे रगड़ना सुरू कर दिया, मुझसे भी रहा ना गया, मैने लोड्ा उसकी चूत पे टीकाया ओर उसे अंदर धकेला, उसकी चूत बहुत टाइट थी,मेरा आधा लंड अंदर चला गया. वो ज़ोर से चिल्लाई आआआअहहााआआहह पुलकित प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ इसे बाहर निकालूऊ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़. मैने उसके स्तन दबाते हुए कहा, सविता कुछ नही होगा सुरू सुरू मे दर्द होता है…..फिर मैने उसको कस के पकड़ा ओर पूरा लंड अंदर पेल दिया……ये उसकी बर्दाश्त से बाहर था…. आआआआआअहहााआअहह आआआआआआहह आआआआआअहह इसे निकालूऊओ मुझसे नहिी होगाआअ…..
मैं लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करता रहा…..थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैने स्पीड बढ़ा दी…..उस के मुँहे से आआहह आआअहह कम ऑन पुलकित आआअहह बहुत मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआहह आआअहह यही आवाज़ निकल रही थी. मैने अपनी स्पीड ऑर बढ़ाई, वो भी नीचे से धक्का लगाने लगी…..मैं साथ साथ उसके स्तन भी चूस रहा था…..क्या मस्त स्तन थे उस के…..उसने मेरा मुँह अपने स्तनो से हटने ही नही दिया…….मुझे तो हद से ज़्यादा मज़ा आ रहा था…. थोड़ी देर मे उसकी बॉडी अकड़ने लगी….जान्नूऊऊ मैंन्न झड़नी वाली हुउऊ….ओर ये कह के वो झाड़ गयी……मैने अपनी स्पीड ओर बढ़ा दी……थोड़ी देर बाद मैं भी उसकी चूत पे झाड़ गया…….हम दोनो काफ़ी देर तक वैसे ही एक दूसरे के उपर पड़े रहे…….फिर हम दोनो नहाने चले गये. तो दोस्तो इस तरह मेरी और सविता की दोस्ती जब तक वो हमारे यहाँ रही तब तक चलती रही
दोस्तों ये कहानी आपको कैसी लगी ज़रूर बताना
समाप्त