सौतेले बाप ने बेटी को अपनी रॅंड बनाया

सभी रीडर्स को मेरा नमस्कार. मेरा नाम दिव्या है. मैं 2न्ड एअर में पढ़ती हू. मेरी हाइट 5’6″ है, रंग गोरा है, और फिगर 32-28-36 का है. मेरे नैन नक्श देख कर लड़के मुझ पर फिदा हो जाते है. लेकिन मुझे किसी लड़के को भाव देने की ज़रूरत नही पड़ती, क्यूंकी मुझे अपने ही घर में मेरा सौतेला बाप बहुत छोड़ता है. चलिए बताती हू ये सब शुरू कहा से हुआ.

जब मैं 12त क्लास में थी, तो मेरे पापा का देहांत हो गया. मैं और मेरी मा शोक में डूब गये. मा को बहुत धक्का लगा था, इसलिए रिश्तेदारो की सलाह से मा की दूसरी शादी करने का फैंसला लिया गया.

पापा की डेत के 6 महीने बाद मा की शादी राकेश कुमार यानी मेरे सौतेले बाप से हो गयी. धीरे-धीरे मा का दुख कम हो गया, और मा खुश रहने लगी. मेरी पापा से शुरू-शुरू में ज़्यादा बात-चीत नही होती थी. लेकिन धीरे-धीरे हम दोनो भी एक-दूसरे के साथ कंफर्टबल हो गये.

वक़्त ऐसे ही बीतने लगा, और धीरे-धीरे सब नॉर्मल हो गया. अब हम तीनो एक फॅमिली की तरह रहते थे. मेरी 12त हो गयी थी, और अब मैं कॉलेज में अड्मिशन ले चुकी थी. फिर एक दिन मैने कुछ ऐसा देखा ही जिससे मेरी पापा के लिए सोच बदल गयी.

मैं कॉलेज से घर आई, और सीधे अपने रूम में चली गयी. मुझे बातरूम जाना था, लेकिन जब मैं बातरूम के पास पहुँची, तो मुझे अंदर से कुछ आवाज़ आ रही थी. फिर मैने हल्का सा दरवाज़ा खोला, तो देखा पापा अंदर बैठे थे. मैं दरवाज़ा बंद करने ही वाली थी, की तभी मेरी नज़र मेरे पापा के हाथो पर गयी.

मैने देखा की पापा के हाथो में मेरी पनटी थी. तभी पापा ने पनटी को अपने मूह पर लगाया, और उसको सूंघने लग गये. फिर वो अपनी जीभ से पनटी की छूट वाली जगह को चाटने लगे. उनकी इस हरकत को देख कर मैं हैरान रह गयी. मैं विश्वास नही कर पा रही थी की पापा मेरे बारे में ऐसा सोचते थे.

फिर मैं जल्दी से अपने रूम से बाहर आ गयी. कुछ देर बाद जब पापा मेरे रूम से बाहर आए, तो मुझे सामने देख कर हड़बड़ा गये. फिर वो बोले-

पापा: वो, वो मेरे बातरूम में पानी नही आ रहा था, तो सोचा तुम्हारे वाला उसे कर लू.

मैं: कोई बात नही पापा.

पहले मैने सोचा की मा को उनकी इस हरकत के बारे में बता डू. लेकिन फिर मैने सोचा की अगर मा को बताया तो वो बहुत टेन्षन ले जाएँगी. इससे उनकी तबीयत भी खराब हो सकती थी. इसलिए मैने चुप रहने का डिसिशन लिया. वैसे भी वो कों सा मुझे तंग कर रहे थे.

फिर कुछ वक़्त ऐसे ही निकल गया. एक दिन सुबा-सुबा मुझे मा के चीखने की आवाज़ आई. मैं हड़बड़ा कर उठी, और रूम से बाहर जाके देखने लगी. मा सीडीयों से गिर गयी थी, और उनके सर से खून बह रहा था. पापा भी भागते हुए आ गये.

फिर हम मम्मी को हॉस्पिटल लेके गये. डॉक्टर्स ने बहुत कोशिश की, लेकिन ज़्यादा खून बहने की वजह से मम्मी की डेत हो गयी. मेरी ज़िंदगी फिरसे शोक में डूब गयी. पहले पापा, और फिर मा, दोनो मुझे छ्चोढ़ कर चले गये. अब अगर कोई बचा था, तो वो था मेरा सौतेला बाप. लेकिन उसकी भी नीयत मेरे लिए ठीक नही थी.

मा की डेत को 2 महीने हो गये थे. सब नॉर्मल हो रहा था. मैं सुबा तैयार होके कॉलेज जेया रही थी. तभी मुझे पापा ने आवाज़ लगाई, और बोले की उनको कुछ बात करनी थी. फिर हम डिन्नर टेबल पर बैठ गये.

पापा बोले: देखो बेटी, तुम कॉलेज जाती हो, और रहना, खाना, कपड़े, ये सब फ्री में नही आता. तुम्हारी मम्मी की वजह से मैं तुम्हारा खर्चा कर रहा था. लेकिन अब वो नही रही. तो तुम अब अपना देख लो की क्या करना है.

मैं ये सुन कर हैरान हो गयी और बोली: लेकिन पापा, मैं कैसे करूँगी?

पापा: वो मुझे नही पता. लेकिन मुझसे अब और खर्चा नही होगा तुम्हारे लिए.

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था, तो मैं बोली: पापा मैं घर का सारा काम कर दूँगी जैसे मा करती थी. आप ऐसा ना कीजिए.

पापा: तुम्हारी मा तो मेरा बिस्तर गरम भी करती थी. क्या तुम वो भी करोगी?

मैं: पापा आप ये कैसी बात कर रहे हो? मैं आपकी बेटी हू.

पापा: बेटी नही सौतेली बेटी. देखो लड़की, ये तो मेरी बीवी बन कर इस घर में रहो. नही तो 2 दिन में अपना इंतेज़ां कर लो.

ये बोल कर वो चले गये. मैं सारा दिन बाहर गार्डेन में बैठी सोचती रही. मेरे पास कोई ज़रिया नही था, इसके अलावा की मैं उनकी बीवी बन कर राहु. मेरा मॅन तो नही था, लेकिन और कुछ हो नही सकता था. फिर मैने वापस जाके उनको बोला-

मैं: ठीक है पापा, आप जैसे बोलॉगे मैं करूँगी.

ये सुनते ही उन्होने मुझे अपनी बाहों में भर लिया. मैने जीन्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. वो मेरे होंठो पर किस करने लगे, और मेरी गांद दबाने लगे. मैं उनका साथ नही दे रही थी.

फिर उन्होने मुझे अपनी बाहों में उठाया, और बेडरूम में ले गये. वाहा जाके बेड पर लिटाया, और एक ही झटके में मेरी जीन्स और पनटी उतार दी. अब मैं अपने बाप के सामने आधी नंगी थी. उन्होने मेरी छूट पर अपना मूह लगाया, और कुत्ते की तरह चाटने लगे.

कुछ देर उनके चाटने से मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी. मैं आ आ की सिसकियाँ भरने लगी. मेरी छूट धड़ा-धड़ पानी छ्चोढ़ रही थी. फिर वो उपर आए, और मुझे उपर से भी नंगा कर दिया.

अब उन्होने मेरी छूट में लंड सेट किया, और ज़ोर का धक्का मार कर पूरा अंदर घुसा दिया. मेरी चीखों को उन्होने अपने होंठो से ब्लॉक कर दिया. अब वो धीरे-धीरे मुझे छोड़ने लगे, और साथ में मेरे बूब्स भी दबा रहे थे. धीरे-धीरे मेरा दर्द कम हुआ, और वो मेरे बूब्स चूस्टे हुए मुझे छोड़ने लगे.

अब मुझे मज़ा आने लगा, और मैं भी गांद हिला-हिला कर उनका साथ देने लगी. वो मेरे पुर बदन को नोच-नोच कर खा रहे थे. आधा घंटा छोड़ने के बाद उन्होने अपने माल की पिचकारी मेरे मूह पर निकाल दी.

उस दिन से लेके आज तक पापा ने मुझे बहुत छोड़ा. अब मैं उनकी बीवी बन कर घर में रहती हू. थे एंड.

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