मेरा नाम सुरेश है, और मैं 19 साल का हू. मेरी मा की चुदाई कहानी मैं शुरू करने जेया रहा हू.
मेरी फॅमिली में मैं, मा, और पापा है. पापा की दुकान है, जहाँ वो सारा दिन निकालते है. मा मेरी हाउसवाइफ है. मेरी मा का नाम ज्योति है. वो 40 साल की है. उनका रंग आवरेज गोरा है, और शरीर गड्राया हुआ है. फिगर उनका तकरीबन 34-30-38 होगा. वो सारी पहनती है, और हमेशा धार्मिक कार्यों में भाग लेती है. लेकिन एक दिन मैने मा का वो रूप देखा, जो मैने कभी सोचा भी नही था.
2 महीने पहले की बात है. मा को सत्संग पर जाना था. सनडे का दिन था, और मैं भी घर पर था. फिर सुबा 9 बजे हमारे पड़ोस की आंटी आई, और मा को अपने साथ ले गयी. मा ने उस दिन नीले रंग की सारी पहनी थी, ब्लॅक ब्लाउस के साथ.
अभी मा को गये को थोड़ी ही देर हुई थी, मुझे अचानक से उनके फोन बजने की आवाज़ सुनाई दी. मैने उनके कमरे में जेया कर देखा, तो पापा का फोन था. मैने फोन उठाया, और पापा को बोला की मा फोन घर भूल गयी थी. पापा ने मुझे मा को फोन देके आने को बोला, क्यूंकी पापा को मा से कुछ बात करनी थी.
फिर मैने घर को टाला लगाया, और जिनके घर में सत्संग था, उधर चल पड़ा. मैं साइकल पर था, और मुझे 10 मिनिट लगे वहाँ पहुँचने में. वो घर एक नयी कॉलोनी में था, जहाँ अभी काफ़ी घर बन रहे थे.
जब मैं सत्संग वाले घर के पास पहुँचा, तो मैने डोर से मा को घर से बाहर निकलते देखा. मैने सोचा यहीं मा का फोन दे देता हू, और घर वापस चला जाता हू. मैने मा को वहीं से आवाज़ दी, लेकिन उनको सुनी नही.
तभी मैने मा को 2 आदमियों के पास जाते देखा, जो उस घर के सामने खड़े थे. वो आदमी बिके पर थे. उन्होने मा को बिके पर बिताया, और जाने लगे. मैने भी साइकल की स्पीड तेज़ की, और उनके पीछे जाने लगा. मैं समझ नही पा रहा था की वो कों थे, और मा उनके साथ क्यूँ जेया रही थी.
वो लोग उसी गली के आख़िर में जेया कर रुक गये, और एक घर के अंदर चले गये, जो अभी बन रहा था. मैने भी साइकल डोर खड़ी की, और उनके पीछे अंदर चला गया. उस घर में अभी दरवाज़े नही लगे थे, तो अंदर घुसना आसान था.
वो लोग पहले माले पे थे, तो मैं भी धीरे से वहाँ जाके उस कमरे के बाहर खड़ा हो गया जिसके अंदर थे वो तीनो. वो तीनो खड़े थे. मा दोनो आदमियों के बीच खड़ी थी. साइड में एक गद्दा बिछा हुआ था.
फिर पहले आदमी ने मा को बाहों में पकड़ा, और उसकी कमर भींच कर उसके होंठ चूसने लगा. दूसरा आदमी पीछे से मा की पीठ चूमने लगा. मा अया अया करने लगी, और उसने अपनी आँखें बंद कर ली. मैं ये सब देख कर हैरान हो गया, की मा ये क्यूँ कर रही थी.
फिर दूसरे आदमी ने पीछे से मा का ब्लाउस और ब्रा दोनो खोल दिए, और नंगी पीठ पर हर जगह चूमने लगा. पहले आदमी ने ब्लाउस और ब्रा आयेज से पकड़ कर निकाल दिए. अब मा उपर से नंगी थी. उसके काससे हुए चुचे वो आदमी दबा कर चूसने लग गया. मा आ आ करके उसके बाल सहला रही थी.
फिर पीछे वाला आदमी नीचे बैठा, और मा की कमर से सारी को पकड़ कर नीचे खींचने लगा. मा की सारी सरकते हुए गांद से नीचे आई, और फिर पैरों में गिर गयी. मा ने नीचे ब्राउन पनटी पहन रखी थी. उसका फिगर देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया.
फिर दूसरे आदमी ने मा की पनटी उतरी, और उसके छूतदों में मूह डाल कर चाटने लगा. पहला आदमी अभी भी मा के चुचे चूस रहा था. वो साथ में एक हाथ मा की छूट पर ले गया, और उसको सहलाने लगा. मा पूरी मदहोश हो चुकी थी.
कुछ देर में पहला आदमी भी नीचे बैठ गया, और मम्मी की छूट को मूह लगा कर चाटने लगा. अब पहला आदमी आयेज से मा की छूट, और दूसरा आदमी पीछे से मा की गांद में मूह डाले हुए था. मा भी थोड़ी टाँगें खोल कर उनको पूरी जगह दे रही थी.
कुछ देर में पहले आदमी ने मम्मी का हाथ पकड़ा, और उनको गद्दे पर फेंक दिया. फिर उसने अपने कपड़े उतारे, और वो मा के उपर आ गया. मा की टाँगों के बीच आ कर वो अपना मोटा लंड मा की छूट पर रगड़ने लगा. मा आ आ करने लगी, और गांद हिला रही थी.
फिर उसने ज़ोर से धक्का मार कर पूरा लंड मा की छूट में पेल दिया. मा चीख पड़ी, लेकिन उस आदमी ने धक्के मारने शुरू कर दिए. वो मा के चुचे चूस्टे हुए उनको छोड़ने लगा, और मा आ श उफ़फ्फ़ ह्म करने लगी. दूसरा आदमी खड़ा देख रहा था.
कुछ देर में पहला आदमी ना के उपर से उतार कर उसकी साइड में लेट गया. फिर मा उसके उपर आके लंड पर चढ़ गयी, और उछालने लगी. फिर पहले आदमी ने मा को अपनी बाहों में भर लिया, और नीचे से धक्के मारने लगा.
तभी दूसरा आदमी मा के पीछे आया, और चूतड़ खोल कर गांद के च्छेद पर थूका. फिर उसने लंड गांद के च्छेद पर टीकाया, और ज़ोर से धक्का मारा. आधा लंड मा की गांद के अंदर गया, और मा तड़प गयी. लेकिन पहले आदमी ने मा को जाकड़ रखा था, तो वो हिल नही पाई.
अब दूसरा आदमी मा के छूतदों पर थप्पड़ मारते हुए लंड पेलने लगा. कुछ ही सेकेंड्स में उसका पूरा लंड मा की गांद में अंदर-बाहर होने लगा. अब मा आ आ आ करते हुए दोनो लंड पर के साथ उछाल रही थी. मुझे लग रहा था की मैं कोई देसी पॉर्न वीडियो देख रहा था. मेरे लंड का ये सब देख कर ही पानी निकल गया था.
मा उछाल रही थी, और वो दोनो भी मा के अंदर लंड पेल रहे थे. कुछ देर में नीचे वाले आदमी का माल निकल गया, और उसका लंड सिकुड के बाहर आ गया. फिर वो नीचे से निकल गया, और दूसरा आदमी मा को घोड़ी बना कर उसकी गांद मारने लगा.
मा की छूट से पहले आदमी का माल बह रहा था, और दूसरा आदमी मा की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था. पुर कमरे में मा की आ आ की आवाज़ गूँज रही थी. 15 मिनिट में दूसरा आदमी भी झाड़ गया. फिर वो मा की साइड में लेट गया.
मा उल्टी ही लेट गयी. उनकी छूट और गांद में से दोनो आदमियों का माल निकल रहा था. तभी पहले आदमी को फोन आया, और उसने दूसरे आदमी से चलने को कहा. फिर उन दोनो ने कपड़े पहने, और वहाँ से जाने लगे. जाने से पहले पहले आदमी बे पर्स निकाला, और 3000 निकाल के मा के उपर फेंक दिए.
मा ने पैसे इकट्ठे किए और बोली: 4000 की बात हुई थी.
वो आदमी बोला: 4000 4 घंटे के थे. हमने 2 घंटे ही लगाए है. चुप-छाप रख ले.
फिर वो चले गये, और मा अपनी सारी पहनने लगी. मैं समझ गया की मा पैसे लेके देती थी. अब मुझे नही पता था की ऐसी कों सी ज़रूरत थी, जिसके लिए उनको ये सब करना पड़ता था, और मैने पूछा भी नही.