मेरी उमर 26 साल है और मेरा फिगर 34-30-32 है. मेरी रंगत गंदूमी है जब के जिसम का रंग गोरा, मम्मो के निपल ब्राउन रंग के है.
अब मई अपने बारे मे और बताती हू. मेरी शादी फ़ैसलाबाद मे होई जब के मेरी हज़्बेंड लाहोर मे जॉब करती थे और महीनी मे 2 बार घर आती थे. लेकिन मोटी होनी की वजा से उनका लंड बहोट छोटा था और मे सॅटिस्फाइ नही हो पति थी. लेकिन ज़िंदगी अची गुज़र रही थी.
मेरी ससुराल मे सिर्फ़ मे मेरी सास और मेरी ससुर रहते थे. मेरी ससुर फुट बॉल प्लेयर थे इसलिए उनका जिस्म बहोट फिट था 50 साल के हो कर भी वो 40 के लगती थे. और देवर मेरी शोहार के पास लाहोर रहता था और ननद की शादी हो गयी थी. मेरा कमरा उपेर था लेकिन मे बहोट कम उपेर जाती थी.
ये नवेंबर 2019 की बात है. एक शाम बारिश हो रही थी, मेरी सास ने ंझ से कहा के अपनी कमरी मे जेया के अपनी कुछ गरम कपरी लाइ आओ. मुझी दर लगता था तो मेनी अपनी ससुर से कहा के आप भी मेरी साथ अजयन. सास की टॅंगो मे दर्द था जिसकी वजा से डॉक्टर ने सेरहिया चरहनी से माना किया था.
तो मेरी सास कमरी मे हीटर जला कर लेट गयी और मे छत पर आ गयी. मेनी कमरा भी सॉफ करना था तो मेनी अपनी सास से कहा के अब उपेर तो जेया रही हो कमरा भी सॉफ कर लूँगी.
मेरी सास सू गयी और हम उपेर आ गये मे अपनी कमरी से कपरी निकल कर सोफी पर रखी. तो मेरी रेड ब्रा नीची गिर गयी. मेरी ससुर के दिल मे पता नही किया आया उन्हो न वो ब्रा उठा के मुझी कहती ये क्ल्र मुझी बहोट पसन्द है. मे शर्मा गयी और पाकर के कपरो मे छुपा दी.
वो गरम हो गये थे और थोरी थोरी मई भी. मई बेड सेट कर रही तो मेरी ससुर मुझी कहती के तुम उदास नही हो जाती अली (मेरी शोहार) के बागेर? मई उनका मतलब साँझ गयी, मैने सोचा चलो मोका अछा है फ़ायदा उठा ले.
मैने कहा जी हो जाती हो लेकिन जब वो आ भी जाए तो कोई ख़ास फ़र्क नही परता. वो कहती ऐसा क्यू? मैनी कहा आप जानती है वो मोटी है अब आप मर्द हो साँझ गये होंगी.
तो वो अपनी होंटो पे ज़ुबान फेर के कहती, तुमने मुझी क्यू नही ब्टाया. मैने कहा अब बता तो रही हो. तो कहती तुम्हारी मसली का हाल है मेरी पास. मेनी पोछा क्या?
कहती रेड ब्रा. मई हेरनी से उनको देखनी लगी. कहती मुझी ये पहन के दिखाओ तो तुम्हारी मसली का हाल निकल दूँगा. मई साँझ गयी लेकिन ना साँझ बनती हुए कहा के आप किया कहना चाह रही हो?
तो ससुर मुस्कुराती हुए उठी और आ कर मेरी मम्मो पी हाथ फेरनी लगी. कहती तुम्हारी औंती भी अब मुझी खुश नही कर पाती. तो क्यू ना हम एक दोसरी का सहारा बन जाए?
मई शर्मा कर उनकी सीनी मे चुप गयी. फिर मैने कहा अब नीची चलती हो रात को सोचेंगे कुछ. वो कहती दूध मे अपनी सास्को गूलिया डाल देना, मई तुम्ही ला दनग. मई सुन कर खुश हो गयी और कपरी लाइ कर नीची आ गयी.
अब मई रत का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी. मेनी रात को अपनी सास को दूध दिया और वो सू गयी. उनकी सोनी के बाद मई अपनी चारपाई पे लेट गयी.
आधी घंटी बाद मेनी अपनी पौन पी हरकत महसूष की. जब देखा तो मेरी ससुर मेरी पावं चूम रही थे. मेनी कहा रज़ाई के अंदर आ जाए.
मेरी ससुर कहती नही यहा नही तुम्हारी बेड रूम मे चलती हो. हम उपेर चली गये तो मुझी कहती मेरी सांनी नंगी हो कर ये ब्रा पहनो.
मुझी ये सुन कर बहोट मज़ा आया, छूट गीली होनी शुरू हो गयी. मेनी अपनी होन्ट को छबया और कमीज़ उतर्नी लगी. फिर मेनी ब्रा फेणी और शलवार उतार दी.
अब मई स्र्फ ब्रा मे त.ई वो बेड पर बेती थे और मे उनकी संनी अपनी टांगी खोल खोल कर पोज़ कर रही थी. कभी अपनी मॅमी डबती तो कभी छूट मे उंगली करती आआहह…
मुझी ज़िंदगी मे पहली बार चुदाई का मज़ा आ रहा था. जब अची तारहा मेनी उन्ही नंगी हो कर दिखा दिया तो मई बेड पर जेया कर उनकी कपरी उतार दिए और उन्ही भी खरा कर दिया.
उनका लंड सोया हुआ भी लग भाग 5 इंच का था. मेनी उनकी लंड पे अपनी छूट रगरनी शुरू कर दी. और वो मेरी मम्मू को वहशीयो की तारहा चूसनी लगी.
मेरी मूह से सिसकिया निकल रही थी आआआआआहह ऊऊऊओह… मेरी जाअंन्न अर्रामम्म्म स्यययी चूस्सूओ..
लेकिन वो मेरी एक बात नही सुन रही थे. हम ने एक दोसरी को गली लगा लिया और मेरी मम्मो को वो अपनी सीएनी से रगरनी लगी. उनकी बालो वाली सीनी मे जेया कर मेरी मॅमी मचल रही थे.
मेरी छूट मे आग लगी थी मुझी साँझ नही आ रहा था मई किया करू उउउफफफफफफफफफफफफ्फ़… 10 मिंट हम इसी त्रहा एक दसरी को गरम करती रही.
फिर उन्होनी मुझी बेड पर ढाका दिया और मेरी टॅंग्जी खोल कर मेरी छूट उंगली से रगर्नी लगी. मैने फरमयश की के मुझी छूट चटवानी है. मेरी ये अनोखी फरमयश पर वो मुस्कुरा डियै और मेरी छूट को ज़ुबान से चाटनी लगी.
आअहह मुझी लग रहा था जेसी मई किसी दूसरी दुनिया मे हों आअहह… चुदाई का इतना मज़ा मेनी फ्लय कभी नही लिया था. मेरी छूट मचल रही थी मगर मेरा इरादा अभी उसको और तरसानी का था.
मेरी ससुर ज़ुबान से मेरी छूट को कभी चाटते और कभी चूसनी लगती. मई मधूष हो गयी थी और बहकी बहकी आवाज़ी निकलनी लगी. आख़िर जब मुझसे रहा नही गया तो मैने कहा जान अपना लंड अब मेरी फुददी मे डाल दो वरना मई मार जौंगी.
मेरी ये बात सन्नी की दायर थी वो मेरी फुददी को पागलो की तारहा चाटनी लगी. मई बहोट मुश्किल से अपनी चीखो को दबा रही थी. 10 मिंट बाद उन्हो ने मेरी फद्दी को छोरा और अपना लंड मेरी मु के पास कर दिया.
मई कभी लंड नही चूस्टी लेकिन उस टीम मई इतनी पागल हो गयी थी के फॉरन उनका लंड अपनी मु मे लाइ लिया और दीवानो की तारहा चूसनी लगी. वो मेरा सर पाकर कर अपना 7 इंच का लंड मेरी मु मे घुसनी की कोशिश कर रही थे. मुझी उल्टी आने को थी तो मेनी फॉरन उनका लंड बहिर निकाला और सारा पानी थूक दिया.
हम बुहात गरम हो चुकी थे लेकिन हम अपनी पहली चुदाई के मेज़ी लेना चाहती थे. लंड मु से निकलनी के बाद उन्हो ने अपनी लंड को मेरी मुम्मो मे दबा दिया और रगरनी लगी.
मई उनका हाथ पाकर के अपनी फुददी पे फेर रही रही थी आहह… मेरा पानी निकले जेया रहा था. मई किसी भी लमही डिसचार्ज हनी वाली थी के अचनाक मेरी जान ने मेरी फुददी मे 2 उंगलिया घुसा दी और मेरी छूट झार गयी. उस सारी पानी को उन्हु ने मेरी फुददी पी माल दिया.
मई हांपनी लगी और बेड पे चिट लेट गयी. मेरी ससुर ने गूलिया खाई हुई थी. उनका लंड फुल अकारा हुआ था और लूही की रोड की त्रहा गरम मेरी फुददी को चीर्नी की त्यारी मे था.
5 मिनिट्स बाद मई संभाली, मेरी फुददी सूज चुकी थी लेकिन अभी लंड लेना बाकी था. रात के 1 बाज गये थे. फिर मेरी ससुर ने जब देखा के मेरी मे अब और बर्दाश्त नही. तो उन्हु ने मेरी उपेर सॉवॅर होनी का फ़ैसला किया. और अपना घूर्ी जेसी लंड का टोपा मेरी फुददी पी टीकाया. मेरी मॅमी दोणू हतून से पाकारी और एक ज़ूर दर झटकी से पोरा लंड फुददी मे डाल दिया.
मेरी तो चीख निकःल गयी आआआआआआआआआहह प्पफहाआररर्ररर ददडिईइ मेरी फुदद्डिईईईई…
उन्हु ने मेरी एक ना सुनी और एक और झटका मारा. मेरी फुददी मे जलन होनी लग गयी थी. मई उन्ही पीछी कर रही थी मगर वो मेरी एक नही सुन रही थे.
3-4 क़स्सी लगानी के बाद उन्हो ने मुझी उठाया और घोरी बननी को कहा. मई फॉरन घोरी बन गयी और पीछी से मेरी जान ने एक उंगली मेरी गांद मे डाली आआआआहह… और फूरंण झटकाअ डाइ कर लंड मेरी फुददी मे घुसा दिया.
मई आआआआआअहह ऊऊऊऊऊऊहह आअहह ऊओह मेरि फुद्दिईइ… चिल्ला रही थी.
उन्हो ने मेरी बाल पाकारी और घोरी की बाग की तारहा खेंचनी लगी. साथ कहने लगे, तू मेरी रंडी है आज के बाद रोज़ रात को तेरी फुददी छोड़ा करूगा. तू मेरी रखैल बन के रहेगी. तेरी फुददी का रस अब सिर्फ़ मई पिया करूगा.
मई भी खूब ज़ोर से चिल्ला रही थी. हम पर एक जानूं सॉवॅर था इस टाइम ज़हन पर एक चीज़ सॉवॅर थी और वो थी चुदाई. असी जानूनी चुदाई मेनी अपनी पूरी ज़िंदगी मे कभी नही करवाई थी.
मेरी जान ज़ूर ज़ूर से मेरी फुददी को छोड़ रहे थी. फिर मई ज़मीन पे खरी हो कर बेड पर हाफ लेट गयी और वो पीछी से मेरी गांद को उठा कर फुददी चाटनी लगे.
मुझी बहोट मज़ा आ रहा था. लंड मुसलसल अंदर बहिर हो रहा था. मेरी फुदी बहोट ज़ूर से चीरी जेया रही थी. मगर मुझी ऐसा लग रा था जैसे मे दूसरी दुनिया मे हो. यही दुनिया है जो मई जी रही हो. मई अपनी मॅमी पाकर कर ज़ूर ज़ूर से दबा रही थी.
10 मिनिट्स बाद उनका लंड जब छूटनी वाला था तो उन्हु ने लंड बहिर निकल कर मेरी मम्मो पे छूट गये.
फिर हम सारी रात यू ही नंगी लेती रही और सुबा 4 भजे उठ कर इकाती नहाए और नीची आ गये. मेनी अपनी चुदाई को बहोट एंजाय किया.
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