दामाद की सास को चोदने की कोशिश की कहानी

हाय दोस्तों, मेरा नाम दिलीप है। मैं फिर से नई चुदाई की अपनी असली कहानी लेकर आया हूं।

वैसे मैं 40 साल का हूं, और मेरी बीवी 35 साल की है। हमारे बीच में अच्छा खासा सेक्स होता है। लेकिन मुझे ज्यादा उम्र की औरत चोदने का सर पर नशा हमेशा से ही रहा है। कहानी 1 साल पहले की है, जब मैं किसी काम से नासिक गया हुआ था, जो कि मेरा ससुराल भी है। और मेरे ससुराल में मेरी सास ममताबाई और साला जिसकी शादी नहीं हुई थी, वह लोग रहते थे।

वैसे मेरी‌ सास 58 साल की है। वह बहुत धार्मिक है, और मेरे ससुर का निधन हमारी शादी के 1 साल पहले हो गया था। वह मोटी और हाइट 5 फुट के करीब है। दिखने में एक-दम सीधी-सादी और सावला रंग होने के कारण ज्यादा अट्रैक्टिव नहीं दिखती। लेकिन वह काफी समझदार है, और मुझे ऐसा लगता है कि वह थोड़ी खुले विचारों वाली महिला है। लेकिन एक बात कहूं, उनके मम्मे काफी बड़े-बड़े है। अगर मेरी वाइफ के मम्मे संतरे है, तो उनके पपीते के बराबर है।

चलो मैं कहानी की ओर आता हूं। मेरा कुछ झगड़ा सा हो गया था मेरी सास के साथ कुछ महीने पहले। इसी वजह से मैं नासिक तो जाता था, लेकिन उनके घर नहीं रूकता था। कहीं होटल लेकर वहीं रहा जाता था। लेकिन जब इस बार मैं नासिक जा रहा था, तब मेरी वाइफ ने मेरी सास के साथ बात करते हुए मुझे अपने घर पर रहने के लिए मना लिया था।

मेरी सांस मुझसे माफी मांगना चाहती थी, कि जो हुआ उसे भूल जाए। तब मैं भी सब झगड़ा भुला कर उनके यहां रहने चला गया। जब मैं अपने ससुराल पहुंचा, उस समय रात के करीब 10:00 बज रहे थे। तब जाकर वहां पता चला कि मेरा साला किसी काम के लिए दूसरे शहर गया था चार दिनों के लिए।

जब मैं घर आया तब मुस्कुराते हुए मेरी सास ने मेरा स्वागत किया, और मुझसे कहने लगी-

सास: जो हुआ वह भूल जाओ, अब जब तक आप यहां हो, तब तक आप यही रहेंगे।

तो मैं भी हां कह दी, और हाथ-पैर धोने चला गया। बाथरूम में हाथ पैर धोते समय मैंने देखा मेरी सास का ब्लाउज वहां धोने के लिए रखा हुआ था। ना चाहते हुए भी मेरा हाथ उस ब्लाउज को छूने लगा, और अचानक मैं ब्लाउज की कटोरी को अपने मुंह से लगा कर सूंघने लगा। उसमें से आ रही पसीने के बास में मेरे लंड में सनसनी पैदा कर दी। अब तो हाल यह हो रहा था, या तो मुठ मार लो, या तो चूत मार लूं।

मैं दूसरे ऑप्शन की और बढ़ने के लिए कुछ सोचने लगा। वैसे भी मैं चोदूं भगत हूं। मेरे लिए मेरी वाइफ क्या और मेरी सास क्या। मुझे तो बस अभी एक चूत की जरूरत थी। यह सोचते हुए मैं बाहर आ गया और खाना खाने के बाद सोचने लगा की अब अपनी सास की चूत के मजे कैसे ले।

वैसे ही मेरे ससुराल में कोई ज्यादा बड़ा रूम नहीं है। एक किचन, एक हाल, और टॉयलेट बाथरूम। इसलिए हमें हाल में ही सोना था। हाल में एक लोहे की चारपाई थी, जिस पर मेरी सास सोया करती थी, और मेरे लिए जमीन पर नीचे बिस्तर लगा दिया। फिर सोने से पहले मेरी और सास की बातें होने लगी, जिसमें पुराने झगड़े की बातों से लेकर सब कुछ बातें हो रही थी।

तब मैंने उनसे कहा: आपकी लड़की वैसे तो बहुत अच्छी है, लेकिन कभी-कभी नाटक करती है। अब मैं मर्द हूं। उसे भी तो समझना चाहिए कि मर्द की जरूरत क्या है।

वैसे मेरी सास अनपढ़ है। लेकिन बातें अच्छे से समझ लेती है।

उन्होंने मुझसे कहा: मैं नेहा से बात करूंगी, और उसे समझाऊंगी।

लेकिन मैंने कहा: शादी के आज 15 साल हो गए हैं। लेकिन वह समझते नहीं है। अब मैं क्या करूं? मैं तो सोच रहा हूं कहीं बाहर दूसरी औरत रख लू, जो मेरी मनोकामनाएं पूरी करेगी।

मैंने अपनी सास से डायरेक्ट दूसरी औरत के बारे में इसलिए कहा था, क्योंकि मेरा झगड़ा मेरी सास के साथ इसी बात पर हुई थी कि आपकी लड़की मुझे ज्यादा खुश नहीं रखती, आप उसे समझाएं। लेकिन मेरी सास ने यह कहा था कि मर्द से होने की बात करता है, और मेरी बेटी आपको कितना सहन करेगी। तब मैंने उनसे कहा था यह मेरी वाइफ है और मैं रोज-रोज कहां कहता हूं। लेकिन जब भी मेरा मन हो तब तो तैयार रहे।

बस इसी बात पर झगड़ा हो गया था। इसलिए मैंने अपनी सास के सामने बिंदास होकर दूसरी औरत की बात कही, तांकि मेरी सास मेरी वाइफ को समझ सके, कि अगर मर्द को घर में सुख नहीं मिलेगा, तो वह बाहर जा सकता है, यानि एक तीर से दो शिकार मैं कर रहा था।

तब मेरी सास ने कहा: नहीं-नहीं दामाद जी, आप कहीं दूसरी औरत के पास मत जाईए। इससे मेरी बेटी का घर बर्बाद होगा।

तो मैं उनसे कहा: आप लाख समझा दे मेरी वाइफ को, वह नहीं सुनेंगी। उसे जैसा करना होगा वह तभी करेगी, लेकिन मैं ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकता। मुझे तो बाहर ही जाना होगा।

तब मेरी सास ने कहा: तो आप मुझे वचन दीजिए कि आप अगर कहीं किसी दूसरी औरत के पास चले गए, तो आप मेरी बेटी को कभी छोड़ेंगे नहीं।

तब मैंने उनसे कहा: सेक्स के अलावा मैं आपकी बेटी से बहुत प्यार करता हूं, और उसे कभी छोड़ नहीं सकता। तो आप इस बात से बेफिक्र रहे।

तब मेरी सास ने कहा: आपको कैसी लड़की चाहिए, जो आपके साथ आपका साथ दे?

तब मैंने उनसे कहा: मुझे लड़कियों में कोई इंटरेस्ट नहीं है, मुझे तो बड़ी उमर के औरत चाहिये।

तब सास ने पूछा: ऐसा क्यूं?

तब मैंने कहा: बड़ी उम्र की औरतों के फायदे ऐसे हैं कि अगर हम उनके साथ सोते भी है, तो वह भविष्य में कभी मेरे गले नहीं पड़ेगी, और दूसरी बात वह इतनी खेली खिलाई होगी कि उसे सब पता होगा कि मर्द को क्या चाहिए।

तब मैंने अपनी सास को कहा: आपकी नज़र में ऐसी कोई औरत है क्या जो भरोसेमंद हो? और मैं यह आपसे बिना डरे इसलिए पूछ रहा हूं कि हमारे बीच में कहने-सुनने के लिए अब कुछ बचा ही नहीं है।

तब मेरी सास ने कहा: मैं अपनी बेटी का घर अपने हाथों से कैसे बर्बाद करूं?

तब मैंने उनसे कहा: आपकी बेटी का घर बचाने के लिए मैं यह सब सोच रहा हूं।

तब बात करते-करते मेरी सास का पल्लू नीचे गिर गया, और उनके बड़े पपीते के दर्शन हो गए, जिसे देख कर मैं पागल हो गया था। मेरी सास का ध्यान जब मेरी ओर गया, तब उन्होंने देखा कि मैं उनके बॉल को घूर रहा था। मेरी आंखों में अलग ही चमक दिख रही थी‌।

तब अपने पल्लू को संभालते हुए उन्होंने कहा: आप सो जाइए, कल बात करेंगे।

तब मैंने उनसे सीधे कहा कि: अब इतनी बातें हो गई है, और मैं गर्म भी हो गया हूं। अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा।

वो बोली: एक कम कीजिए, आप बाथरूम में जाकर हिला लीजिए।

मैंने कहा: देखिए सासू मां अब तो हालत ऐसी है कि अपनी खुद की औरत होते हुए भी मुझे हिलाना पड़ता है। क्या करूं ऐसी जिंदगी का? अब तो मुझे हिलाना ही पड़ेगा, वरना नींद नहीं आएगी। आप मेरे लिए एक काम करोगे? आप अपना पल्लू हटा लीजिए, और मैं आपके बॉल देखते हुए हिला लूंगा, ताकि पानी जल्दी बाहर आए।

तब सास ने डांटते हुए मुझे: ये क्या बोल रहे है आप? मैं आपसे कितनी भी खुल कर बात कर लूं, लेकिन हमारा रिश्ता एक मां-बेटे के समान है‌। और यह सब पाप है।

तब मैंने उनसे कहा: जब मुझसे यह सब बातें कर रही थी, तब क्या वह पाप नहीं था?

तब उन्होंने कहा: वह पाप नहीं हो सकता, क्योंकि मैं किसी का घर बचा रही थी।

तब मैंने उनसे कहा: अगर आपको लगता है कि आपकी बेटी का घर बच सकता है, तो मुझे सिर्फ देखने दीजिए आपके बॉल कैसे है।

तब उन्होंने कहा: यह गलत है और यह हो नहीं सकता। आप बाथरुम में जा कर हिला लीजिए।

तब मैंने उनसे कहा: ठीक है मैं अपने कपड़े अपने सूटकेस में डाल देता हूं, और निकल जाता हूं यहां से, और कहीं जा कर होटल में रह लेता हूं। और आज वहीं किसी औरत का जुगाड़ करके उसके साथ रात गुजार लूंगा।

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा।

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