ही दोस्तों, मैं आपका मूडछंगेरबोय एक और स्टोरी लेकर आया हू, जो मेरी बाकी स्टोरीस से बिल्कुल अलग है. ये कहानी है एक मा और बेटी की जिन्होने मस्ती में एक टास्क कंप्लीट करने में अपनी ज़िंदगी को किसी और मोड़ पर ला कर खड़ा कर दिया. ये सेक्स कहानी भी चुदाई और एग्ज़ाइट्मेंट से भरपूर होने वाली है. तो मैं आपका ज़्यादा टाइम ना लेकर सीधा कहानी पर लेकर जाता हू.
मेरा नाम अनिता है. मुझे सब अनु बुलाते है, और मैं 20 एअर की हू. फिलहाल मैं कॉलेज के 2न्ड एअर में स्टडी कर रही हू. मेरी फॅमिली में मैं, मों, दाद और एक छ्होटा भाई है, जो अभी हॉस्टिल में रहता है. मेरी फॅमिली काफ़ी ओपन माइंडेड है. अपनी बात करू तो मैं बेहद खूबसूरत और थोड़ी शाइ टाइप की लड़की हू.
मेरी हिगत 5’3” है, और मेरा फिगर 30ड्ड-26-34 है. मेरे कॉलेज में बहुत से दोस्त है. उनमे से कुछ लड़के भी है. मेरा एक बेस्ट फ्रेंड है सन्नी जिसके साथ मेरी अची बनती है. हम दोनो को देख कर कोई उसको मेरा ब्फ ही बोलेगा, पर वो मेरा बेस्ट फ्रेंड है.
मैने जैसे बताया ना की हमारी फॅमिली बहुत ओपन माइंडेड है, तो हम सब कभी-कभी ट्रिप पर भी जाते है. और मेरे पेरेंट्स ने उसके लिए कभी रिस्ट्रिक्षन्स नही लगाई. और इसी वजह से मैं भी उनका ट्रस्ट तोड़ कर कुछ ग़लत करना भी नही चाहती थी.
ये कहानी मेरी और मेरी मों की है, तो मैं उनके बारे मैं भी बता देती हू. मेरी मम्मी का नाम डिंपल है. वो भी मेरी तरह दूध जैसी गोरी और बेहद खूबसूरत है. मेरे और मेरी मों के फेस में कुछ ज़्यादा फराक नही है. मेरी मों की आगे 42 है, पर दिखने में अभी भी 28-29 की लगती है. मेरे दोस्त मेरी मम्मी को संतूर मम्मी बोलते है.
हम दोनो साथ में हो तो वो मेरी बड़ी बेहन लगती है. मेरी मम्मी का साइज़ 32सी-28-36 है. मेरी मों हमेशा सारी ही पहनती है, और नाइट में नाइटी पहन लेती है. मेरे मों दाद बहुत नॉटी है. वो मुझे बाद में पता चला.
मेरे दाद का नाम पुनीत है, और उनकी आगे 43 यियर्ज़ है. दाद भी मेरे काफ़ी गुड लुकिंग है. वो अपनी हेल्त को आचे से मेनटेन करते है, और उनकी भी आगे का पता नही चलता था. एक बार तो ऐसा हुआ की वो मुझे कॉलेज छ्चोढने आए थे, तो मेरी एक फ्रेंड को पता नही था की वो मेरे दाद है, तो उसने मुझे बोला की तेरा ब्फ तो मस्त है यार. मेच्यूर लड़का कहा से मिला?
मैने उसको बताया की वो मेरे ब्फ नही फ्रेंड है. मुझे उस टाइम बोल नही पाई की वो मेरे पापा है. उस दिन मुझे बहुत हस्सी आई थी. मैने घर आ कर ये बात मों-दाद को बताई तो उनको भी बहुत हस्सी आई.
दाद: डिंपल तुम कह रही थी मेरी उमर हो गयी है. लेकिन देखो अभी भी कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियाँ मुझ पर लाइन मार रही है.
मों: हा हा बेचारी को ठीक से दिखा नही होगा. आप इतना भी हवा में मत उछलो.
दाद: बेटा तेरी मम्मी को जेलासी हो रही है.
मों: मुझे क्यूँ जेलासी होगी? अनु के सारे दोस्त मुझे क्या बुलाते है पता है? संतूर मम्मी.
दाद ( हेस्ट हुए): लेकिन मम्मी तो बुलाते है.
मैं: स्टॉप इट गाइस. आप लोग भी क्या छ्होटी बात को लेकर इतना डीप्ली जेया रहे हो.
ऐसे ही कभी कभार हम सब बैठ कर मस्ती मज़ाक करते है. ये बात अभी के सम्मर वाकेशन की है. मेरी कॉलेज में 15 दिन की छुट्टी थी. एक बार रात को मेरे और मों के बीच बहस हो गयी.
मों: अनु तुम्हे कितनी बार बोला है. अभी तुम छ्होटी नही रही, बड़ी हो गयी हो. खुद का काम तोड़ा कर लिया करो.
मैं: मम्मी तुम्हे पता है ना मैं पूरा दिन कितनी तक जाती हू. आपको क्या है आपको तो बस घर में पूरा दिन बैठना है. मुझे सुबह से शाम तक कितना काम होता है.
मों: हा तुम लोगों को तो यही लगता है ना की हम औरतों को कुछ काम ही नही रहता. एक बार घर संभाल कर देखो, पता चल जाएगा कितना काम होता है. अभी वाकेशन है तो एक दिन करके देखो.
मैं: अर्रे मैं सब कुछ कर सकती हू जो आप कर लेते हो. उसमे कोई बड़ी बात नही है. घर का काम होता भी कितना है. घर में सब कुछ तो है. कंवली बाई आती है, वॉशिंग मशीन है. बस आपको खाना बनाना होता है. वो भी 3 लोगों का. उसमे आप कितना बवाल कर रही हो.
मों: पुनीत, अब आप अपनी लाडली को समझाइये की मुझसे ज़ुबान ना लदाए. घर का पूरा दिन काम करो, उपर से अब बच्चो के भी ताने सुनो.
दाद: बेटा मम्मी से ऐसे बात नही करते. हम तो पूरा दिन बाहर रहते है, पर मम्मी को पूरा घर संभालना होता है.
मैं: लेकिन दाद उसमे बड़ी क्या बात है? ये तो मैं भी कर सकती हू.
मों: ठीक है तो अभी वाकेशन है ना, तो तुम मेरा काम कर लो. मैं तेरा काम कर लूँगी. 2 दिन में पता चल जाएगा की घर संभलता कैसे है.
ऐसा कोई सीरीयस मॅटर नही था. हम सब रात को ऐसे ही मौज मस्ती करते रहते है. और पापा हमेशा मेरी साइड लेते थे. पर उस दिन पापा ने मम्मी की साइड लेली. मुझे वो बात अची नही लगी, और मैने गुस्से में कह दिया.
मैं: ठीक है, कल से मैं आपकी जगह पर आपकी तरह रहूंगी. और आप मेरी जगह पर रहना. कल से अगले 10 दिन तक मैं आपकी मों और आप मेरी बेटी.
दाद: क्या, तुम पागल हो गयी हो? बेटा मों को चॅलेंज कर रही हो?
मैं: हा दाद, मैं अगले 10 दिन में प्रूव कर दूँगी की मैं भी मों की तरह सब कुछ कर सकती हू.
मों (मुझे ताना मारते हुए): चलो ठीक है, कल मुझे सुबह 9 बजे तक सोने को मिलेगा. (मों हेस्ट हुए मुझे बोली) मम्मी जी कल सुबह 5 बजे का आलम लगा देना. पापा का तिफ्फ़िं रेडी करना है.
दाद: आप दोनो का तो पता नही, पर अगले 10 दिन मेरा क्या होगा. भगवान ये मा-बेटी से मेरी रक्षा करना (वो हासणे लगे).
मैं बहुत गुस्से मैं थी, और मुझे किसी भी हाल में वो चॅलेंज पूरा करके मों को बताना था की मैं वो सब कुछ कर सकती थी, जो वो करती आई थी. मैने 5 आम का आलम लगा कर सो गयी. नेक्स्ट दे मैं जब उठी, तब मुझे बहुत नींद आ रही थी.
क्यूंकी मैं डेली 7 बजे उठती हू, और वाकेशन में तो 9-10 बजे तक सोती रहती हू. मैं फ्रेश हो कर किचन में गयी. मम्मी मेरे से पहले वाहा पर आ गयी थी.
मों: बेटा तुम इतनी जल्दी किचन में?
मैं: मों कल तो अपनी बात हुई थी. मैं आपकी जगह पर पुर 10 दिन रहूंगी.
मों: बेटा तुम जेया कर सो जाओ. शादी के बाद ऐसी ज़िंदगी नही मिलेगी. तेरी उमर की थी तब मेरी मम्मी भी मुझे कभी-कभी गुस्सा करती थी. तब उसकी बात मुझे कड़वी लगती थी, पर अब मुझे सब रीयलाइज़ हो रहा है. जेया बेटा सो जा.
मुझे उस टाइम पर बहुत दुख हुआ की मैने मम्मी को क्या कुछ बोल दिया. मुझे बहुत गिल्टी फील हो रहा था. मैने मों को हग कर दिया.
मैं: सॉरी मम्मी, मैने कल रात को आपको कितना कुछ कह दिया, और आप मेरे बारे में इतना सब सोच रहे हो. ई आम सॉरी मुम्मा.
मों: इट’स ओक बेटा.
मैं: मम्मी पर मुझे अब 10 डेज़ का टास्क कंप्लीट करना है.
मों: पर बेटा तुमसे नही होगा.
मैं: देखा मम्मी, आप ही मुझे कुछ करने नही दे रहे. फिर मैं सब काम कैसे सीख पौँगी? और आप भी इतने सालों से इस घर में काम कर रही हो. चलो ना थोड़े दिन के लिए ही सही, पर आप मेरी तरह लाइफ एंजाय कर पाएँगे. प्लीज़ मान जाओ ना.
मों: ठीक है बेटा, जैसा तुम कहो. लेकिन अगर कुछ समझ ना आए तो मुझे पूच लेना.
मैं: ओक मुम्मा. और मुझे आपकी सारी देना.
मों: क्यूँ?
मैं: ये 10 दिन मैं सारी पहनुँगी. मुझे वो सब फील करना है, जो आप कर रहे हो. और आप भी 10 दिन तक मेरे कपड़े पहनोगे.
मों (शॉकिंग फेस): तुम पागल हो गयी हो क्या? मुझे आज तक तुमने ऐसे कपड़ों में देखा है क्या?
मैं: मैं कुछ नही जानती मों. हमारी कल क्या डील हुई थी? मैं आपकी तरह रहूंगी, और आप मेरी तरह.
मों (स्माइल के साथ): ठीक है. मैं सोने जेया रही हू. और हा, खाना अछा बनाना, नही तो तेरे पापा गुस्सा करेंगे.
मम्मी सोने चली गयी, और मैने पापा का तिफ्फ़िं रेडी किया. बाद में मैने गरमा-गरम ब्रेकफास्ट रेडी किया. मैने फिर मम्मी की ब्राउन कलर की सारी पहनी. मम्मी से मेरे बूब्स बड़े है, तो मुझे उनका ब्लाउस बहुत ही टाइट पद रहा था. मेरे बूब्स ब्लाउस के बाहर आ गये थे, जिससे मेरी क्लेवगे दिख रही थी.
मैने सारी को नेवेल के नीचे से पहना था. मेरी दूध जैसी गोरी और पतली कमर दिख रही थी. सारी मैने टाइट पहनी थी, तो मेरी गांद का शेप भी मस्त दिख रही थी.
सुबह जब 8 बजे, तब पापा अपने रूम से रेडी हो कर ब्रेकफास्ट करने डाइनिंग पर आए. जैसे ही मैं उनके लिए छाई लेकर गयी, तब तक उनको पता ही नही था की मैं छाई लेकर आई थी. क्यूंकी उन्होने मेरी और देखा ही नही था, और उपर से मैने सारी पहनी थी तो उनको लगा की मम्मी ही थी. उन्होने अपने मोबाइल में देखते हुए छाई पी ली, और नाश्ता करने लगे. मैने सोचा ये अछा मौका था उनको सर्प्राइज़ करने का, तो मैने कहा-
मैं: ज़रा देख भी लीजिए, आपके लिए छाई-नाश्ता लेकर कों आया है.
पापा ने जब मुझे देखा तो उनकी आँखें चार हो गयी. वो मुझे अपनी आँखें फाड़ कर देखने लगे. मैने भी उनको स्माइल दी और कहा-
मैं: पापा कैसा लगा मेरा सर्प्राइज़? और मम्मी के गेट-उप? मैं कैसी लग रही हू?
दाद: ये सब क्या है?
मैं: पापा आप इतना जल्दी भूल गये. कल मेरी मम्मी के साथ क्या डील हुई थी.
दाद: लेकिन मुझे लगा तुम मज़ाक कर रही होगी. चलो वो सब ठीक है, पर तुमने सारी क्यूँ पहनी है?
मैं: अर्रे मम्मी रोज़ क्या पहनती है, मुझे भी उनके जैसी वाइब्स तो आनी चाहिए ना.
दाद (हेस्ट हुए): तुम ना बिल्कुल पागल हो. देखना 2 दिन में तेरा आ भूत उतार जाएगा.
मैं (मूह बनाते हुए): पापा आप भी मुझे अनडरएस्टीमेट कर रहे हो. मुझे आप से ये उमीद नही थी. देखना मैं आप दोनो को रॉंग प्रूव करके ये 10 डेज़ चॅलेंज कंप्लीट करूँगी.
दाद (हेस्ट हुए): ठीक है, इसी बहाने मुझे भी 10 दीनो के लिए नयी बीवी के साथ रहना मिलेगा.
मुझे पापा की बात बहुत अजीब लगी, और मैने शॉकिंग रिक्षन दिया. सयद पापा को भी लगा की ये क्या बोल दिए थे. पर मैने ये बात को इग्नोर की, और किचन में जो काम था वो करने लगी. जब मैं काम कर रही थी, तब मेरे पापा मुझे देख रहे थे.
मैने नोटीस किया की पापा की नज़र मेरे फेस पर पर नही, पर मेरी बॉडी पर थी. और पहली बार मुझे लगा की पापा मुझे किसी और नज़र से देख रहे थे. उनकी नज़र मेरी पतली कमर और गांद पर थी. मुझे वो मोमेंट तोड़ा ऑक्वर्ड लगा. मैं जब पापा को तिफ्फ़िं देने गयी, तब वो मेरे बूब्स को देख रहे थे.
मैं उनको घर के गाते तक छ्चोढ़ कर आई, और उन्होने मेरी और देख कर स्माइल की, और उनकी ऑफीस चले गये. मुझे उस दिन दाद का बिहेवियर काफ़ी चेंज लगा. मैं ज़्यादा ना सोचते हुए अपने काम में लग गयी. उसके बाद क्या हुआ, वो मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी.